jyotidang.blogspot.com
bhavnayen: May 2013
http://jyotidang.blogspot.com/2013_05_01_archive.html
Thursday, May 23, 2013. 1अय गम मुझे तेरी आदत सी हो गयी अब. ज्योति" जब भी जी आये चले आओ तुम. 2अब हंसी को दुश्मनी है या दुश्मन हूँ हंसी की. हर राह गम से "ज्योति" पूछती फिरती हूँ मैं. jyoti dang. Monday, May 20, 2013. हिंदी अपनी है राष्ट्रभाषा. हिंदी ही अपनी जान है. यह प्रेममई रहिंदी भाषा. मेरे देश की शान है. अपने एकता की पहचान है. हिंदी है प्राण देश का. यह अपना अभिमान है. सीख रहा है विश्व इसी को. यह एक वैज्ञानिक ज्ञान है. संवाहक है संस्कृति की. यह नव देवों का गान है. Friday, May 17, 2013. मेरा ...सत गì...
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen: June 2013
http://jyotidang.blogspot.com/2013_06_01_archive.html
Monday, June 24, 2013. कैसे हुआ खंड खंड अपना सारा उत्तराखंड. कैसी गजब कुदरत ने विपदा ये बरसाई है. कहीं खोई माता किसी का खो गया भ्राता. कहीं पत्नी की पति से हुई असमय जुदाई है. वहां देखो रोते हैं लोग बड़ा ही दुःख रहे भोग. उत्तराखंड पर बहुत यह कठिन घडी आई है. त्राहि त्राहि करते जन सबका भारी हुआ मन. भारी वर्षा ने भगतों पर भारी विपदा ढाई है. सभी इकट्ठे होकर जन करे पक्का ये मन. बांटे मिलकर के दुःख हम सभी भाई भाई हैं. मानव ने ममता मदद से ही विजय पाई है. Friday, June 21, 2013. ऐसा कर पायें...1अजब इंस&...
josochanahi.blogspot.com
राहें जो अनजानी सी थी: रक्षाबंधन की शुभकामनाए
http://josochanahi.blogspot.com/2011/08/blog-post.html
राहें जो अनजानी सी थी. जय हिन्द वन्देमातरम. शनिवार, 13 अगस्त 2011. रक्षाबंधन की शुभकामनाए. जिस समय बहन भाई को राखी बांधती है घर का कोई बुजुर्ग यह मंत्र जरुर पढता है . येन बद्धो बलि: राजा दानवेन्द्रो महाबल:।. तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥. जिसका अर्थ है ". इतिहास में भी रक्षाबंधन के महत्व को उजागर करने वाली कहानिया मौजूद है . यह वीडियो देखिये और रक्षाबंधन का त्यौहार जरुर मनाइए. प्रतिक्रिया. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. ने कहा…. देखिये. रक्षì...
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen: November 2012
http://jyotidang.blogspot.com/2012_11_01_archive.html
Wednesday, November 21, 2012. ਦੇਖ ਮੇਰੀ ਵਫ਼ਾ ਨੂੰ. ਜਨਮ ਲੈਂਦੀ ਹਾਂ. ਤੈਨੂੰ ਪਾਣ ਲਈ. ਪਰ ਕਿਸਮਤ ਮੇਰੀ. ਹਰ ਵਾਰ ਦੂਰ ਸੁੱਟ. ਦੇਂਦੀ ਤੈਨੂੰ ਮੇਰੇ ਤੋਂ. ਮੈਂ ਵੀ ਰੱਬ ਨਾਲ. ਲਗਾਈ ਇਕ ਸ਼ਰਤ. ਏ ਰੱਬਾ ਤੂੰ ਜੀਨੇ ਮਰਜ਼ੀ. ਇਮਤਿਹਾਨ ਲੈ ਲੈ. ਮੈਂ ਵੀ ਜਿਦੀ ਹਾਂ ਤੇਰੇ. ਵਰਗੀ, ਓਹਨੂੰ ਏਕ ਦਿਨ. ਪਾ ਕੇ ਹੀ ਮੁਕਤ ਹੋਵਾਂਗੀ. ਇਸ ਜਨਮਾਂ ਦੇ ਗੇੜ ਤੋਂ. ਚਾਹੇ ਉਹਦੇ ਲਈ ਕਿਨੇਂ. ਹੋਰ ਜਨਮ ਲੈਣੇ ਪੈਣ ਮੈਨੂੰ. ਮੇਰੀ ਰੂਹ ਤਲਾਸ਼ਦੀ ਹੈ ਰੋਜ਼ ਤੇਨੂੰ. ਉਹਨਾ ਗਲੀਆਂ ਮੁਹੱਲਿਆਂ ਵਿੱਚ. ਜਿੱਥੇ ਅੱਜ ਵੀ ਵੱਸਦੀ ਏ ਯਾਦ ਤੇਰੀ. ਕਰਦੇ ਸੀ ਖੂਬ ਪਿਆਰ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨੂੰ. ਗਈ, ਤੂੰ ਬਚਾਊਂ ਲਈ ਨਾਂ ਆਇਆ. Monday, November 19, 2012. यí...
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen: August 2013
http://jyotidang.blogspot.com/2013_08_01_archive.html
Tuesday, August 20, 2013. तू मेरी कब्र को क्या करता है सजदा "ज्योति" जब जरुरत थी तब तो आवाज नहीं दी तुमने. लेकर हाथ में कटोरा तुम क्या मांगते हो मुहब्बत झूठे ये भी जानते , ये कोई कारोबार नहीं "ज्योति. तेरी मुस्कराहट के लिए कितने खाए जख्म "ज्योति" तेरी हंसी ने जख्मों पे ये कैसा मरहम लगा दिया. अब भर गया है दिल या खंजर की और प्यास है लो सामने रखा है दिल "ज्योति" हसरत निकाल लो. Subscribe to: Posts (Atom). मालीगांव. लो क सं घ र्ष! Blog parivaar-ब्लॉग परिवार. शाम का मंज़र. सृजन शिखर. विश्वास. Ek Shayar Ka Khwab.
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen: March 2013
http://jyotidang.blogspot.com/2013_03_01_archive.html
Saturday, March 23, 2013. अब यहाँ आशिक बहुत हैं जमाने में. अरसा लगता है भगत सिंह बनाने में. माँ तो सबको ही जन्म देती है. कोई विरला ही मरता है देश बनाने में. बहुत देश भक्त है यहाँ पर देखिये. हर कोई मशगूल बस माल ही बनाने में. जवानिया बहुत दिखती हैं हर ओर. पर नाकारा, हैं फूस बम्ब मालखाने में. बहुत बड़ी मूछे हैं सजी चेहरे पर. हों जैसे भाई सामा किसी जनानखाने मे. खुदा बनाता है बहुत चीजें दुनिया की. गुरुर होता है कोई हीरा भगत बनाने में. बहुत से लोग मर जाते हैं रोज. Wednesday, March 13, 2013. है रक्त...गू&...
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen: April 2013
http://jyotidang.blogspot.com/2013_04_01_archive.html
Thursday, April 25, 2013. 1सरकार से उम्मीद झूठी न कीजिये. हर बार वोट मांग कर सरकार बनी है . jyoti dang. ममता में ममता मर गई अहुदा बचा है एक. देते हैं बस दुहाईयाँ ना जाने काम कोई नेक . jyoti dang. रोटी जुटाने के लिए रोज़ जो घिसता है एडियाँ. उस शख्स से आप बस आते का भाव पूछिए! जिनको हज़म नहीं है खाना भी अब जनाब. है मिजाज़ क्या मौसम का उनसे ही पूछिए! सुबह ही बेधुले हुए मुहँ चलते हैं काम को. बोझ कितना है लाश का क्या आप पूछिए! हर और नशा है फ़ैल रहा. सब मिलकर दीप जलाएं. हम बदलें सब की सोच. अपनी रक्ष...२ स्...
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen
http://jyotidang.blogspot.com/2013/12/conversation-started-tuesday-123-757am.html
Wednesday, December 4, 2013. माँ तुम चुप क्यों रही? जबकि तुम जानती थी - मेरा बालात्कार हुआ है , हे! पिता कहाँ गया? पिता क्या तुम बता सकते हो? मेरे लिए जीवन ऐसा क्यों है? मैं कोई धरती नहीं हूँ जो धैर्य से सब सहन कर ले मुझे चंडी बनना ही होगा अब. चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’. December 6, 2013 at 10:21 PM. वाह क्या बात! बहुत ख़ूब! इसी मोड़ से गुज़रा है फिर कोई नौजवाँ और कुछ नहीं. Subscribe to: Post Comments (Atom). मालीगांव. लो क सं घ र्ष! Blog parivaar-ब्लॉग परिवार. शाम का मंज़र. सृजन शिखर. Ek Shayar Ka Khwab.
jyotidang.blogspot.com
bhavnayen
http://jyotidang.blogspot.com/2013/10/1.html
Monday, October 7, 2013. 1दूर तुम दूर मैं अब चाहत पनाह मांगती है दूर कैसे करूँ ख्याल तेरा रूह काँप जाती है. 2वो और होंगे जो डर गए होंगे रुशवाई से इश्क दीवाना तो कोई विरला ही होता है. 3मेरे हिस्से का प्यार भी तुम ले लो. बस अपनी दोस्ती हमें दे दो. 4किसी की आँख में क्या देखूं मैं कहो. आँख अपने ही आंसुओं से धुंधलाई है. Subscribe to: Post Comments (Atom). मालीगांव. सर्दी ने दी दस्तक पहला कोहरा देखने को मिला. लो क सं घ र्ष! Blog parivaar-ब्लॉग परिवार. शाम का मंज़र. सृजन शिखर. विश्वास. नुक्कड़. Ek Shayar Ka Khwab.
charchamanch.blogspot.com
चर्चामंच: सरदार के “बारह बज गए” मुहावरे के पीछे का सच: चर्चा मंच 1974
http://charchamanch.blogspot.com/2015/05/1974.html
Wednesday, May 13, 2015. सरदार के “बारह बज गए” मुहावरे के पीछे का सच: चर्चा मंच 1974. जिन्दगी है बस अधूरी ज़िन्दग़ी". डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'). हर किसी की ज़िन्दग़ी तो, है अधूरी. ज़िन्दग़ी. बाँध लो बिस्तर जहाँ से, हो चुकी अब बन्दगी।।. इक अधूरी प्यास को, सब साथ लेकर जायेंगे. प्यार के लम्हें दुबारा, लौट कर नहीं आयेंगे. काम अच्छे कर चलो. होगी नहीं शरमिन्दगी।. बाँध लो बिस्तर जहाँ से हो चुकी अब बन्दगी. कुछ कहना है". मथे मथानी मध्य, बनाये जीवन लस्सी. दोहे -. अरुण चन्द्र रॉय. प्रेम गीत -३. Subscribe to: Po...