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My Dream -Abolee-
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. शुक्रवार, 30 जुलाई 2010. न रो रे दिल. बहुत बेबस हूँ. मैं समझा तो कर. न रो रे. ढूंढता. ख़ाक में. निसानो को. है करता याद बीते. फसानो को. क्यूँ लेता है. मज़ा तू ज़ख्म. बहुत बेबस हूँ. मैं समझा तो कर. न रो रे दिल. बहुत बेबस हूँ मैं. समझा तो कर. न यूं फरियाद कर. भूल जा यार तू. सता के न ले यूं. तडपता हूँ मैं - पर. बहुत बेबस हूँ मैं. समझा तो कर. न रो रे दिल. बहुत बेबस हूँ मैं. समझा तो कर. हिचकी और सिसक. वो सिहरन और फिर कसक. नहीं और अब नहीं. न अब तू और.
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My Dream -Abolee-: अबोली -२
http://yesjee79.blogspot.com/2008/07/blog-post_25.html
Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. शुक्रवार, 25 जुलाई 2008. अबोली -२. गोद में तुम हो गगन में चाँदनी है. काल को भी यह निशा तो मापनी है! है रुपहली रात ; हैं सपने सुनहले-. और तुम हो साथ पर हम हैं अकेले. ठहर जा ऐ निशा - फ़िर. पल ये आए न आए! प्रियशी यूँ रूठ कर फ़िर. न आज भी चली जाए! मैं अकेला आज भी तुमको निहारूं. और तारों से कहकर मैं ये पुकारूँ. दिल के अंगारों को और आग कर दो. मुझको सुलगा कर तुम राख कर दो. न है प्यार न प्रियतमा अब. न तम्मन्ना न ही कोई आरजू अब. प्रिया. है अब खाली. नई पोस्ट. सच हमí...
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My Dream -Abolee-: असंतुष्टि
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. रविवार, 26 दिसंबर 2010. असंतुष्टि. निहारता. शाखाओं. जियूं. वसुंधरा. वसुंधरा. खुशियों. खुशियों. निश्चित. Mera samay bhi निश्चित. शाखाएँ. खुशियों. पत्तियां. ईर्ष्या. जिंदगी. 2381;रार्थना. जिज्ञासा. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. ने कहा…. Please Visit My Blog. 30 दिसंबर 2010 को 11:17 pm. एक टिप्पणी भेजें. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). मेरी ब्लॉग सूची. 6 वर्ष पहले. कुछ पल जिन्दगी जैसे. 3 माह पहले. क्षणिकाएं. Patna, Bihar, India.
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My Dream -Abolee-: वही तट
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. रविवार, 14 दिसंबर 2008. चाँदनी. पल ये आए न आए. प्रियाशी यूँ रूठ कर फ़िर. न आज भी चली जाए. मैं अकेला आज भी तुमको निहारूं. और तारों से कहकर ये पुकारूँ. अंगारों. न है - प्यार न प्रियतमा अब. न तमन्ना न ही कोई आरजू अब. जब नही प्रिया है मेरी फ़िर क्यूँ मैं हूँ -? क्या देखने, शायद प्रिया को आखरी तक? अब तो मेरा रूबरू भी आखरी है. मैंने. अब न हैं वो न उनकी आँखों में पानी. न गोद है न गगन में वो चाँदनी. उस तट की हर दिशा भी है अब. प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट.
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My Dream -Abolee-: August 2008
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. शुक्रवार, 1 अगस्त 2008. अबोली - ३. दिनों. क्यूँ. तुमहें! क्यूँ. जब मुझे याद रखना नहीं , तो. मुझे क्यूँ सोचते हो - और. कहते हो -. भुला दूँ तुम्हें. क्यूँ भुला दूँ तुम्हें? दिनों. आँखें. तुमहें. तुम्हें. आँखें. पहुँचने. राहें. क्यूँ. क्यूँ. दिनों. तुम्हें. तुम्हें. जिंदगी. जायेगी. तुम्हारी. यादों. ऑंखें. तुम्हारी. बातों. दिनों. तुम्हें. तुम्हारे. ढेरों. खुशियाँ. तुम्हारी. यादों. जिन्दा. तुम्हारी. यादों. हंसाया. पायेगी. दिनों. पायेगी. नई पोस्ट.
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My Dream -Abolee-: July 2008
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. शुक्रवार, 25 जुलाई 2008. अबोली -२. गोद में तुम हो गगन में चाँदनी है. काल को भी यह निशा तो मापनी है! है रुपहली रात ; हैं सपने सुनहले-. और तुम हो साथ पर हम हैं अकेले. ठहर जा ऐ निशा - फ़िर. पल ये आए न आए! प्रियशी यूँ रूठ कर फ़िर. न आज भी चली जाए! मैं अकेला आज भी तुमको निहारूं. और तारों से कहकर मैं ये पुकारूँ. दिल के अंगारों को और आग कर दो. मुझको सुलगा कर तुम राख कर दो. न है प्यार न प्रियतमा अब. न तम्मन्ना न ही कोई आरजू अब. प्रिया. है अब खाली. आएगी ;. सच हमे...
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My Dream -Abolee-: December 2008
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. रविवार, 14 दिसंबर 2008. चाँदनी. पल ये आए न आए. प्रियाशी यूँ रूठ कर फ़िर. न आज भी चली जाए. मैं अकेला आज भी तुमको निहारूं. और तारों से कहकर ये पुकारूँ. अंगारों. न है - प्यार न प्रियतमा अब. न तमन्ना न ही कोई आरजू अब. जब नही प्रिया है मेरी फ़िर क्यूँ मैं हूँ -? क्या देखने, शायद प्रिया को आखरी तक? अब तो मेरा रूबरू भी आखरी है. मैंने. अब न हैं वो न उनकी आँखों में पानी. न गोद है न गगन में वो चाँदनी. उस तट की हर दिशा भी है अब. प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट.
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My Dream -Abolee-: December 2010
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. रविवार, 26 दिसंबर 2010. असंतुष्टि. निहारता. शाखाओं. जियूं. वसुंधरा. वसुंधरा. खुशियों. खुशियों. निश्चित. Mera samay bhi निश्चित. शाखाएँ. खुशियों. पत्तियां. ईर्ष्या. जिंदगी. 2381;रार्थना. जिज्ञासा. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरी ब्लॉग सूची. सामाजिक सरोकार " * मेरे विचार. *. 6 वर्ष पहले. कुछ पल जिन्दगी जैसे. 3 माह पहले. क्षणिकाएं. असंतुष्टि. Patna, Bihar, India.
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My Dream -Abolee-: July 2010
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Fursat ke kshano me likhi gayee kush chhanden. शुक्रवार, 30 जुलाई 2010. न रो रे दिल. बहुत बेबस हूँ. मैं समझा तो कर. न रो रे. ढूंढता. ख़ाक में. निसानो को. है करता याद बीते. फसानो को. क्यूँ लेता है. मज़ा तू ज़ख्म. बहुत बेबस हूँ. मैं समझा तो कर. न रो रे दिल. बहुत बेबस हूँ मैं. समझा तो कर. न यूं फरियाद कर. भूल जा यार तू. सता के न ले यूं. तडपता हूँ मैं - पर. बहुत बेबस हूँ मैं. समझा तो कर. न रो रे दिल. बहुत बेबस हूँ मैं. समझा तो कर. हिचकी और सिसक. वो सिहरन और फिर कसक. नहीं और अब नहीं. न अब तू और.
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