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Apna To Mile Koi : January 2011
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Tuesday, January 25, 2011. दोना पावला की प्रेम कथा. गोवा के. मांडवी के तट पर चलते चलते. मांडवी के तट पर चलते-चलते. नज़रों के आगे आए हैं कुछ चौंकाने वाले चित्र. और साक्षी बना हूँ मैं भी इन विचित्र हालातों का. और साक्षी बना हूँ मैं भी इन विचित्र हालातों का. थम गया दिमाग़ और दिन से ये आवाज़ आई-. जिस युगांत में तुम जन्मे हो, युग है बहुत महान. ऐ भाग्यवान इंसान! अपने कर्तव्यों को जान. अपनी सीमित सोच हटाकर. दुर्दशा. अपनी कमì...
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Apna To Mile Koi : February 2010
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Monday, February 22, 2010. कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. अभिताभ बच्चन के नाम एक प. लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती. कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. ये कविता किसकी है? से यह माँग क्यों नहीं करते कि इसके साथ डॉ.हरिवंशराय बच्चन का नाम जोड़ दिया जाए।. चाटे क्लासेस. मैंने गाँधी को नहीं मारा. प्रिय दोस्तो! ख़ुशी की बात है कि मेरी 4 दिसम्बर 2015 की. FB POST के सिलसिले में. स्वयं अमिताभ बच्चनजì...4 December at 01:59. चढ...
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Apna To Mile Koi : May 2011
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Tuesday, May 31, 2011. दुपट्टे में लिपटी हो अँगड़ाई जैसे. डलहौज़ी में एक सुबह. हर कली ओस में भीगकर. कैसे चुपचाप सोई हुई है. सब्ज़ पत्तों पे मुस्काए मोती. शाख़ सपनों में खोई हुई है. चाँदनी की फुहारों में जैसे. रूह धरती की धोई हुई है. आसमानों से बरसी है शबनम. या कोई आँख रोई हुई है. मनाली में एक शाम. यहाँ हसरतों से भी ऊँचे हैं पर्वत. उमंगो की रंगीन गहराइयाँ हैं. झरने से जैसे रुई झर रही. देवमणि पांडेय. चाँदनी. सूफी स...अपना...
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Apna To Mile Koi : April 2011
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Tuesday, April 19, 2011. ख़्वाब सुहाने दिल को घायल कर जाते हैं कभी कभी. देवमणि पाण्डेय की गज़ल. ख़्वाब सुहाने दिल को घायल कर जाते हैं कभी कभी. अश्कों से आँखों के प्याले भर जाते हैं कभी कभी. पल पल इनके साथ रहो तुम इन्हें अकेला मत छोड़ो. अपने साए से भी बच्चे डर जाते हैं कभी कभी. खेतों को चिड़ियां चुग जातीं बीते कल की बात हुई. देवमणि पांडेय. प्रस्तुतकर्ता. देवमणि पांडेय. प्रतिक्रियाएँ:. लेबल: Devmani Pandey ki Gazal. किस-क&#...
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Apna To Mile Koi : December 2010
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Saturday, December 11, 2010. संगीत सम्मान अवार्डस-2010. सम्मानित हुईं कला व संगीत की महान विभूतियां. ने पद्म विभूषण बांसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया. और पद्म भूषण कथक नृत्यांगना उमा शर्मा. भी मंच पर मौजूद थे।. इस संगीतमयी शाम का शुभारंभ पांच वर्षीय ऊर्जा अक्षरा. को संगीतश्री सम्मान और प्रसिद्ध पखावज वादक प. डालचंद शर्मा. प्रस्तुतकर्ता. देवमणि पांडेय. प्रतिक्रियाएँ:. लेबल: उमा शर्मा. प डालचंद शर्मा. Subscribe to: Posts (Atom).
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Apna To Mile Koi : May 2010
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Friday, May 21, 2010. मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूँगा सदा. कवि देवमणि पाण्डेय ,समाजसेवी रामनारायण सराफ, शायर निदा फ़ाज़ली और शायर नक़्श लायलपुरी (मुम्बई 2005). नक़्श से मिलके तुमको चलेगा पता. मेरी पहचान है शेरो-सुख़न से. मैं अपनी क़द्रो क़ीमत जानता हूं. 183; रस्मे-उल्फ़त को निभाएं तो निभाएं कैसे-. 183; मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूँगा सदा-. 183; यह मुलाक़ात इक बहाना है-. सिने जगत ने उन्हें बेशक़ द&...फ़िल्म राइटर्स ए...सम्पर्क :. नक़&...
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Apna To Mile Koi : January 2010
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Monday, January 25, 2010. इस जनतंत्र में आम आदमी. गणतंत्र दिवस के बारे में सोचते हुए कवि सुदामा पाण्डेय ‘धूमिल’ की पंक्तियाँ याद आती हैं। उन्होंने लिखा था-. 8216;क्या आज़ादी तीन थके हुए रंगों का नाम है. जिन्हें एक पहिया ढोता है. या इसका कोई ख़ास मतलब होता है’. स्व.दुष्यंत कुमार भी कह गए हैं-. कहाँ तो तय था चरागाँ हर एक घर के लिए. कहाँ चराग मयस्सर नहीं शहर के लिए. जनतंत्र में आम आदमी (1). हर आँगन में दीप ...देश की ख़&...मगर ह...
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Apna To Mile Koi : February 2011
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Tuesday, February 22, 2011. दिलों को जोड़ती है अवधी. मुम्बई में अखिल भारतीय अवधी सम्मेलन संपन्न. प्रस्तुतकर्ता. देवमणि पांडेय. प्रतिक्रियाएँ:. Tuesday, February 1, 2011. आँगन-आँगन बरसे गीत. आज भी नक्श लायलपुरी पर बीस रूपये कर्ज है. निभाते रहे और हर मोड़ पर सदा. प्रस्तुतकर्ता. देवमणि पांडेय. प्रतिक्रियाएँ:. Subscribe to: Posts (Atom). देवमणि पांडेय. मुंबई, महाराष्ट्र, India. View my complete profile. हर कोई मुड़ क...वरि...
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Apna To Mile Koi : July 2011
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Monday, July 25, 2011. चिड़िया ने बच्चे के आगे चोंच से दाना फेंका. ज़फ़र गोरखपुरी के गीत. बाज़ीगर), ‘ये आईने जो तुम्हें कम पसंद करते हैं / इन्हें पता है तुम्हें हम पसंद करते हैं’. तमन्ना), ‘और आहिस्ता कीजिए बातें, धड़कनें कोई सुन रहा होगा’. देवमणि पांडेय. 1) लाल लाल मिट्टी. हरे भरे. गाँव की . लाल लाल मिट्टी. बच गए रेवड़ सलामत हैं द्दप्पर. सरहद से घूम गई. बाढ़ सखी आकर. लाल लाल मिट्टी. साजन तू छू ले. सोचकर जी डरे. फ़ो...3) खì...
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Apna To Mile Koi : November 2010
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इक फूल मुहब्बत का सहरा में खिले कोई। इस शहर की गलियों में अपना तो मिले कोई।।. Tuesday, November 23, 2010. सूफी संत, विश्व शांति एवं वसुधैव कुटुम्बकम. सूफी संत, विश्व शांति एवं वसुधैव कुटुम्बकम. अव्वल अल्ला नूर उपाया, क़ुदरत दे सब वंदे।. एक नूर ते सब जग उपज्यां , कौन भले कौन मंदे।. हिंदुस्तान में निज़ामुद्दीन औलिया के शागिर्द अमीर ख़ुसरो. ख़ुसरो रैन सुहाग की जागी पिय के संग।. तन मेरा मन मेरा पीव का दोनों भए एक संग।. दिल और कहीं ले चल ये दैरो-हरम छूटे. सूफियों के अनुसा...रामानंद के...मुहबî...
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