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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की: May 2012
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की. Tuesday, 15 May 2012. किशोरों में बढ़ती अपराध प्रवृति. आगे पढने के लिये कृपया इस लिंक पर क्लिक करें. Kashish - My Poetry: किशोरों में बढ़ती अपराध प्रवृति. Subscribe to: Posts (Atom). श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद). ये ब्लॉग भी मेरे हैं. Kashish - My Poetry. समस्याएं अनेक, व्यक्ति केवल एक. आध्यात्मिक यात्रा. अष्टावक्र गीता - भाव पद्यानुवाद (छत्तीसवीं कड़ी). बच्चों का कोना. गर्मी मीठे फल है लाती. View my complete profile. दिनांक २२.०२.२०१२. Http:/ www.blogprahari.com/.
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आध्यात्मिक यात्रा: April 2015
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आध्यात्मिक यात्रा. Saturday, 25 April 2015. स्व-जागरूकता. थोड़ी सी ख़्वाहिशें. संतुष्टि उससे जो हाथ में ,. अनुभूति खुशियों की. सभी परिस्थितियों में ,. जब होने लगता अहसास. नहीं कुछ कमी स्व-उपलब्धि में ,. सब कुछ हो जाता अपना. सम्पूर्ण विश्व मुट्ठी में ,. हो जाता विस्तृत आयाम. चेतना का. स्वयं की जागरूकता में।. कैलाश शर्मा. Links to this post. Labels: आध्यात्मिक यात्रा. खुशियाँ. संतुष्टि. स्व-उपलब्धि. स्व-जागरूकता. Wednesday, 8 April 2015. मुक्ति बंधनों से. किसी विचार. होते अनवरत बदलाव,. Links to this post.
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की: “परछाइयों के उजाले” – आईना ज़िंदगी का
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की. Friday, 18 April 2014. 8220;परछाइयों के उजाले” – आईना ज़िंदगी का. कविता वर्मा जी के कहानी लेखन से पहले से ही परिचय है और उनकी लिखी कहानियां सदैव प्रभावित करती रही हैं. उनका पहला कहानी संग्रह “परछाइयों के उजाले”. 8217; यही आत्म-विश्वास और व्यावहारिकता ही दोनों कहानियों का सशक्त पक्ष है. आज के बदलते रिश्तों की सच्चाई को बहुत संवेदनशीलता से चित्रित करती है. 8216;पुकार’. 8216;एक खालीपन की नायिका’. कहानी में इसी संघर्ष को बहुत प...और ‘पहचान’. की नायिका क...18 April 2014 at 13:34.
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की: बुजुर्गों में बढ़ती असुरक्षा की भावना
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की. Saturday, 10 March 2012. बुजुर्गों में बढ़ती असुरक्षा की भावना. सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को जो नाम मात्र की पेंशन दी जाते है क्या उसमें किसी व्यक्ति का गुज़ारा संभव है? हम ये न भूलें कि सभी को एक दिन इस अवस्था से गुजरना होगा. कैलाश शर्मा. डॉ॰ मोनिका शर्मा. 10 March 2012 at 23:12. जी , स्थिति सच में विचारणीय है. सार्थक आलेख. 11 March 2012 at 13:58. 12 March 2012 at 10:14. सत्य लिखा है आपने सर! हम सबको मिलकर. 12 March 2012 at 12:59. 12 March 2012 at 16:01.
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की: October 2011
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बातें-कुछ दिल की, कुछ जग की. Friday, 7 October 2011. रावण अभी भी जीवित है. सम्पूर्ण. लड़कियां. अपने भाई के साथ लौट रहीं थीं तब एक गाड़ी में जा रहे कुछ. लड़कों. से छेड़छाड़ की और उसे गाड़ी में खीचने के कोशिश की. के शोर मचाने पर. के भाई और कुछ राहगीरों ने लड़कों को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया. विजयादशमी. के दिन. Subscribe to: Posts (Atom). श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद). ये ब्लॉग भी मेरे हैं. Kashish - My Poetry. समस्याएं अनेक, व्यक्ति केवल एक. आध्यात्मिक यात्रा. View my complete profile.
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आध्यात्मिक यात्रा: June 2015
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आध्यात्मिक यात्रा. Wednesday, 10 June 2015. खुशियों का आधार. जीवन की खुशियों का आधार. नहीं केवल उपलब्धियां. प्रयास अनुभव करने का. जीवन में खुशियाँ. कम से कम बाह्य वस्तुओं में।. धन नहीं है पर्याय. संग्रह सांसारिक वस्तुओं का. असली धन है. होना न्यूनतम इच्छाओं का।. कैलाश शर्मा. Links to this post. Labels: आघ्यात्मिक यात्रा. इच्छाएं. उपलब्धियां. खुशियाँ. बाह्य वस्तुएं. Subscribe to: Posts (Atom). खुशियों का आधार. View my complete profile. Http:/ www.blogprahari.com/. Http:/ www.blogprahari.com/.
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बच्चों का कोना: October 2014
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बच्चों का कोना. अगर चाहते हो तुम खुशियाँ, ढूँढो इसको बचपन में. बुधवार, 22 अक्तूबर 2014. चलो सभी एक दीप जलायें. Painting by Abhyudai Tiwari). दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें*. गहन अँधेरा आज छा रहा,. चलो सभी एक दीप जलायें।. कम न रोशनी घर की होगी,. ग़र प्रकाश कुटियों में लायें।. हर चहरे पर खुशी नहीं हो,. तो खुशियाँ हैं सदा अधूरी।. एक कोना भी जो अँधियारा,. दीपावली न हो पाये पूरी।. भूखे पेट, नग्न तन जो हैं,. कहीं उदासी रहे न बाक़ी,. नहीं अभाव किसी घर में हो।. कैलाश शर्मा. इसे ईमेल करें. कुटिया. Kashish - My Poetry.
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ब्लॉग प्रसारण : June 2013
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ब्लॉग प्रसारण पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है! सभी ब्लॉग प्रसारण कर्ता मित्रों से अनुरोध है कि वे अपने पसंद के सीमित लिंक्स अर्थात अधिकतम (10-15) ही लिंक्स लगायें ताकि सभी लिंक्स पर पहुंचा जा सके. मित्र - मंडली. मुखपृष्ठ. ब्लॉग प्रसारण परिवार में आप सभी का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन. Sunday, June 30, 2013. रविवार ,30 जून 2013. ब्लॉग प्रसारण , संख्या - 42. मौन सिसकियाँ. अपर्णा बोस. लव लैटर . पंखुरी गोयल. कड़वा सच. शिखा वार्ष्णेय. तो अपनाइए यह तरीका . हितेश राठी. इमरान अंसारी. नया सवेरा. शिव स...
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मैं और मेरी कविताएं : February 2015
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मुखपृष्ठ. मेरी कविताएं. रविवार, 22 फ़रवरी 2015. अपनो छोटो सो घरगूला. हिराने अंगना. बिसरे चूल्हा. कहाँ डरे अब. बरा पे झूला. भूले चकिया. सूपा, फुकनी. नहीं दिखे ढिग. छुई की चिकनी. गेरू के फूल. गाँव गलिन की. गुईयाँ संगे. सबने अपनों. छोटो सो घरगूला. प्रस्तुतकर्ता. संध्या शर्मा. 6 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सोमवार, 16 फ़रवरी 2015. हे उद्दात लहरों . क्या यही सभ्यता है. आंखर चाय. कोई कवितì...उबले...
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मैं और मेरी कविताएं : January 2014
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मुखपृष्ठ. मेरी कविताएं. मंगलवार, 21 जनवरी 2014. मंज़िल की ज़ानिब. लम्हा नहीं थी एक मैं जहान में सदा रही हूँ,. ख़यालों में रहे हमेशा मैं तुमसे जुदा नही हूँ. किस्से गढे इस जीस्त-ए-सफ़र ने हजारों बार ,. शेर-ए- हक़ीक़ी मैं कब से गुनगुना रही हूँ. ग़म-ए-दौरां में मिलती कैसे हैं ये खुशियाँ,. दिल-ए-नादां तुझे मैं कब से समझा रही हूँ. मुमकिन हैं पहचान लेगें इक दिन वे मुझे,. अफ़साना-ए-दिलबर मैं कब से सुना रही हूँ. ख़ुदा करे विसाल-ए-यार हो वह दिन भी आए,. प्रस्तुतकर्ता. संध्या शर्मा. इसे ईमेल करें. मरीचिका. अज्ञा...
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