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तूती की आवाज: January 2013
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तूती की आवाज. क्यूंकि दुनिया नक्कारखाने में तब्दील हो चुकी है . . . गुरुवार, जनवरी 10, 2013. यह सेना जो आप के शरहद की रक्षा करता है भाड़े का टटू नही है. Posted by संतोष कुमार सिंह. 3 आप भी कुछ कहें. मंगलवार, जनवरी 08, 2013. दिल्ली गैंग रेप के आर में मीडिया आम लोगो के साथ गैंग रेप कर रही है. Posted by संतोष कुमार सिंह. 1 आप भी कुछ कहें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरे बारे में. संतोष कुमार सिंह. पटना, बिहार, India. मेरी ब्लॉग सूची. अपनी बात. 1 माह पहले. यह सेनì...
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तूती की आवाज: July 2012
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तूती की आवाज. क्यूंकि दुनिया नक्कारखाने में तब्दील हो चुकी है . . . बुधवार, जुलाई 25, 2012. पत्रकार अक्सर लक्ष्मण रेखा पार करते रहते है. Posted by संतोष कुमार सिंह. 0 आप भी कुछ कहें. शनिवार, जुलाई 21, 2012. जीवन जीने के लिए मिला है खोने के लिए हमारे आपके पास बहुत कुछ है. Posted by संतोष कुमार सिंह. 1 आप भी कुछ कहें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरे बारे में. संतोष कुमार सिंह. पटना, बिहार, India. मेरी ब्लॉग सूची. अपनी बात. 3 सप्ताह पहले. 1 माह पहले. 2 माह पहले. जीवन...
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तिबारी-डिंडाळी: October 2014
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Wednesday, 8 October 2014. दगड मा क्या लिजायी? सरा जिन्दगी नौकरी कायी. खुब कमाई . बच्चोँ तै पढैयी लिखयी क. पहुँच पर पहुँचायी . एक एक पैसा जोडी क. घर कुडी बणायी. बच्चोँ क सुख क खातिर. अपणु सुख बिसरायी. पर बुढेदुँ दौँ. अब पछतायी! जुँक बान खैरी खायी. उन ही बैरी बणायी . कमायीँ – धमायीँ. सभी यखी रै ग्यायी . जाँदी दौँ पैसा ना पायी. जुँ बिचारो न पुन्य कमायी. दगड मा वी लिजायी. जिन्दगी भर लोभी बण्यु रैय. मुरदी दौ अब पछतायी ! 8220;मेरा अपणो सुणा तै सैयी. कुछ ईन भी करँया कमैयी. Subscribe to: Posts (Atom). पंच...
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तिबारी-डिंडाळी: December 2011
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Saturday, 31 December 2011. Ghaur Ki Khud Garhwali Audio Song. घौर की खुद" ये गान सुणणु तै ये लिंक पर क्लिक करियान:-. Http:/ hillytube.com/audio/Ghaur ki khud घौर की खुद MP3. एलबम - ललीता छो छम्म, स्वर - अर्जून रावत, गीत - विनोद जेठुडी. Labels: MP3 गढवाली लोकगीत. Lalita Cho Cham Garhwali Audio Song. ललीता छो छम्म" ये गीत सन सुण तै ये लिंक पर क्लिक करियान:-. Http:/ hillytube.com/audio/Lalita Cho Cham ललिता छो छम्म. Labels: MP3 गढवाली लोकगीत. Happy New Year Garhwali Audio Song. Subscribe to: Posts (Atom).
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तिबारी-डिंडाळी: June 2011
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Thursday, 9 June 2011. Subscribe to: Posts (Atom). मेरे अन्य ब्लॉग. दयालुता. तिबारी-डिंडाळी. गढवाली कवितायें. फोटोग्राफी. गढवाली लोकगीत. विडियो. MP3 गढवाली लोकगीत. शायरी - गढवाली. पर्यावरण सरक्षण. कुछ और लेख. पत्र-पत्रिकाए एवं पुस्तके. ब्यँग्य. पुण्य - पाप. सामान्य ज्ञान (उत्तराखंड). रचनाओ को ईमेल पर पाये. Enter your email address:. फेसबुक प्रोफ़ाइल. फोटोग्राफी मेरे द्वारा. इस महिने के सर्वाधिक लोकप्रिय पोस्ट. रुम-झूम बरखा (गढवाली शायरी). ईकुल्वास. क्या होली करणी? गढवाली शायरी). मन मयाळु म...पाल...
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दयालुता: July 2011
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दयालुता. Thursday, 28 July 2011. जिन्दगी का क्या भरोशा? परिवार मे खुशी मना रहे थे. तीन साल बाद ओ आ रहे थे. बहन की शादी के कपडे भी. यही से लेके जा रहे थे! उपर से खुबसुरत नजारे. उन्होने जब देखे होन्गे! क्या सोचा होगा मन मे. हम अपने देश जो पहुन्चें. आते आते मुड गयी राहें. कहां जाना था कहां जा पहुचें? लेने आये थे उनको कोई! उनकी राहें देखते रह गये. धुं-धुं कर जल रहे थे. जोर जोर से चिख-चिल्लाते. पर कौन उन्हे बचाने आते. कैसां मंजर रहा होगा ओ? जब जल रहे थे उसमे सारे. Labels: सुख-दुख. यादें. कास येस&#...मुड...
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दयालुता: January 2012
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दयालुता. Tuesday, 24 January 2012. गर्व से कहो भारतीय हूँ भारत मेरा देश है. हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई. जाति धर्म अनेक है,. भाईचारा, दया प्रेम का. भाउकता समावेश है ।. गर्व से कहो भारतीय हूँ. भारत मेरा देश है" ॥. बोली-भाषा वेश-भूषा. रंग-रुप अनेक है,. के रहते हम सब. भेद-भाव न कोई द्वेष है ।. गर्व से कहो भारतीय हूँ. भारत मेरा देश है" ॥. सर्दी-गर्मी सावन पतझड. मौसम यंहा अनेक है,. पर्वत झरने सागर नदिय़ां. कहते हम सब एक हैं ।. गर्व से कहो भारतीय हूँ. भारत मेरा देश है" ॥. Labels: देशभक्ति. Monday, 23 January 2012.
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दयालुता: January 2014
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दयालुता. Saturday, 25 January 2014. चार दिन की चाँदनी. जीवन के हर पल को जी भर के जियो. चार दिन की चाँदनी में रोशन रहो ……।. जिंदगी का क्या पता, कब कैसा गम दे जाय? कि जीवन में फिर खुशी, नसीब ही न हो ॥. सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी. 25 जनवरी, 2014 @ 7:45 A.M. Labels: सुख-दुख. Thursday, 23 January 2014. संघर्ष - जीवन और मृत्यु के बीच. नहाने गया था नदी किनारे. यों फिसला कि बह गया.।. संघर्ष काफी किया था उसने. पर तेज भॅवर में फंस गया ॥. कभी डुबता कभी ऊपर आता ।. 23 जनवरी, 2014 @ 6:55 A.M. जिस लि...
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दयालुता: सुखी जीवन का जीना
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दयालुता. Sunday, 26 April 2015. सुखी जीवन का जीना. चाहे फूलोँ के महल मे हो आशियाना. हो चाहे झुग्गी- झोपडी मे रहना. नीन्द जँहा सकून की आ जाए मेरे दोस्तोँ. वही है सुखी जीवन का असली मे जीना. सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी. Labels: सुख-दुख. Subscribe to: Post Comments (Atom). मेरे अन्य ब्लॉग. दयालुता. तिबारी-डिंडाळी. कविता कोष. गावँ और शहर. देशभक्ति. पक्ष - विपक्ष. प्रकृति. प्रम प्रसँग. भ्रष्टाचार. राजनिती. श्रधाँजली. सँस्क्रति. सुभकामनाए. हास्य कवितायेँ. दयालुता. अनुभूति /anubhuti. सृजन से". मेर&#...