shrutinrajeev.blogspot.com shrutinrajeev.blogspot.com

shrutinrajeev.blogspot.com

अहसास

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. सोमवार, 5 जनवरी 2009. लेकिन बुद्ध बनना . कुछ लम्हें सीप में बंद मोतियाँ,. याद करके आँखों में छलकती मोतियाँ. गूथ कर इन्हें मुक्ता की माला बना लूँ,. गले में डालकर ह्दय के पास सहेज लूँ।. मन करता है मुक्ताओं को नभ के सितारें बना दूँ,. कभी सोचती हूँ मुट्ठी में बंद कर लूँ. कभी लगता है रेत पर फैला दूँ,. मुक्त कर दूँ मुक्ताओँ को और बुद्ध बन जाऊँ।. लेकिन बुद्ध बनना . रह-रह कर याद आते लम्हों को फिर सीप . प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. कुछ अहसास. इन अहसासो...जिद...

http://shrutinrajeev.blogspot.com/

WEBSITE DETAILS
SEO
PAGES
SIMILAR SITES

TRAFFIC RANK FOR SHRUTINRAJEEV.BLOGSPOT.COM

TODAY'S RATING

>1,000,000

TRAFFIC RANK - AVERAGE PER MONTH

BEST MONTH

July

AVERAGE PER DAY Of THE WEEK

HIGHEST TRAFFIC ON

Saturday

TRAFFIC BY CITY

CUSTOMER REVIEWS

Average Rating: 4.3 out of 5 with 15 reviews
5 star
8
4 star
6
3 star
0
2 star
0
1 star
1

Hey there! Start your review of shrutinrajeev.blogspot.com

AVERAGE USER RATING

Write a Review

WEBSITE PREVIEW

Desktop Preview Tablet Preview Mobile Preview

LOAD TIME

0.2 seconds

FAVICON PREVIEW

  • shrutinrajeev.blogspot.com

    16x16

  • shrutinrajeev.blogspot.com

    32x32

  • shrutinrajeev.blogspot.com

    64x64

  • shrutinrajeev.blogspot.com

    128x128

CONTACTS AT SHRUTINRAJEEV.BLOGSPOT.COM

Login

TO VIEW CONTACTS

Remove Contacts

FOR PRIVACY ISSUES

CONTENT

SCORE

6.2

PAGE TITLE
अहसास | shrutinrajeev.blogspot.com Reviews
<META>
DESCRIPTION
कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. सोमवार, 5 जनवरी 2009. लेकिन बुद्ध बनना . कुछ लम्हें सीप में बंद मोतियाँ,. याद करके आँखों में छलकती मोतियाँ. गूथ कर इन्हें मुक्ता की माला बना लूँ,. गले में डालकर ह्दय के पास सहेज लूँ।. मन करता है मुक्ताओं को नभ के सितारें बना दूँ,. कभी सोचती हूँ मुट्ठी में बंद कर लूँ. कभी लगता है रेत पर फैला दूँ,. मुक्त कर दूँ मुक्ताओँ को और बुद्ध बन जाऊँ।. लेकिन बुद्ध बनना . रह-रह कर याद आते लम्हों को फिर सीप . प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. कुछ अहसास. इन अहसासो...जिद...
<META>
KEYWORDS
1 skip to main
2 skip to sidebar
3 अहसास
4 design by finalsense
5 coupons
6 reviews
7 scam
8 fraud
9 hoax
10 genuine
CONTENT
Page content here
KEYWORDS ON
PAGE
skip to main,skip to sidebar,अहसास,design by finalsense
SERVER
GSE
CONTENT-TYPE
utf-8
GOOGLE PREVIEW

अहसास | shrutinrajeev.blogspot.com Reviews

https://shrutinrajeev.blogspot.com

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. सोमवार, 5 जनवरी 2009. लेकिन बुद्ध बनना . कुछ लम्हें सीप में बंद मोतियाँ,. याद करके आँखों में छलकती मोतियाँ. गूथ कर इन्हें मुक्ता की माला बना लूँ,. गले में डालकर ह्दय के पास सहेज लूँ।. मन करता है मुक्ताओं को नभ के सितारें बना दूँ,. कभी सोचती हूँ मुट्ठी में बंद कर लूँ. कभी लगता है रेत पर फैला दूँ,. मुक्त कर दूँ मुक्ताओँ को और बुद्ध बन जाऊँ।. लेकिन बुद्ध बनना . रह-रह कर याद आते लम्हों को फिर सीप . प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. कुछ अहसास. इन अहसासो...जिद...

INTERNAL PAGES

shrutinrajeev.blogspot.com shrutinrajeev.blogspot.com
1

अहसास: पवित्र प्रेम...

http://www.shrutinrajeev.blogspot.com/2008/12/blog-post_19.html

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008. पवित्र प्रेम. बादल का एक शफ्फाक तुकड़ा बन. वे मेरी जिंदगी में आएँ. चंद बूंदे प्यार की बरसाकर. उन्होंने कहाँ लो ये तुम्हारे लिए हैं. फिर जैसे आएँ थे. वैसे ही चले गए. उन्हें क्या पता ये बूंदे मेरी आँखों में रहती हैं. चाहे जब बिन बदली बरसती हैं।।. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. 6 टिप्‍पणियां:. 20 दिसंबर 2008 को 12:37 am. Kitna sundar likha hai. चाहे जब बिन बदली बरसती हैं।।". Pls read my blog for new poems . उत्तर दें.

2

अहसास: December 2008

http://www.shrutinrajeev.blogspot.com/2008_12_01_archive.html

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008. पवित्र प्रेम. बादल का एक शफ्फाक तुकड़ा बन. वे मेरी जिंदगी में आएँ. चंद बूंदे प्यार की बरसाकर. उन्होंने कहाँ लो ये तुम्हारे लिए हैं. फिर जैसे आएँ थे. वैसे ही चले गए. उन्हें क्या पता ये बूंदे मेरी आँखों में रहती हैं. चाहे जब बिन बदली बरसती हैं।।. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. 6 टिप्‍पणियां:. मंगलवार, 16 दिसंबर 2008. कुछ अहसास. कुछ अहसास ओस की बूंदो के जैसे. करते है रुह को ताजा . प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट. कुछ अनकही.

3

अहसास: कुछ अहसास...

http://www.shrutinrajeev.blogspot.com/2008/12/blog-post.html

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. मंगलवार, 16 दिसंबर 2008. कुछ अहसास. कुछ अहसास ओस की बूंदो के जैसे. करते है रुह को ताजा . कुछ अहसास ठंडी हवा की तरह. देते हैं मन की अगन को सुकून. कुछ अहसास भीगे होठों की तरह. भरते हैं बंजर जमी में नमी. कुछ अहसास प्रेम की बूँदों के जैसे. आंखों से बहने से पहले संभल जाते हैं. गिर के जमी पर होगी उनकी रुसवाई. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. 5 टिप्‍पणियां:. दिगम्बर नासवा. 24 दिसंबर 2008 को 4:02 am. एहसास की खुशबू से. महकता है मन. दहकता है मन. नई पोस्ट. जिद&#2...

4

अहसास: January 2009

http://www.shrutinrajeev.blogspot.com/2009_01_01_archive.html

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. सोमवार, 5 जनवरी 2009. लेकिन बुद्ध बनना . कुछ लम्हें सीप में बंद मोतियाँ,. याद करके आँखों में छलकती मोतियाँ. गूथ कर इन्हें मुक्ता की माला बना लूँ,. गले में डालकर ह्दय के पास सहेज लूँ।. मन करता है मुक्ताओं को नभ के सितारें बना दूँ,. कभी सोचती हूँ मुट्ठी में बंद कर लूँ. कभी लगता है रेत पर फैला दूँ,. मुक्त कर दूँ मुक्ताओँ को और बुद्ध बन जाऊँ।. लेकिन बुद्ध बनना . रह-रह कर याद आते लम्हों को फिर सीप . प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. नई पोस्ट. कुछ अनकही.

5

अहसास: लेकिन बुद्ध बनना .....

http://www.shrutinrajeev.blogspot.com/2009/01/blog-post.html

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. सोमवार, 5 जनवरी 2009. लेकिन बुद्ध बनना . कुछ लम्हें सीप में बंद मोतियाँ,. याद करके आँखों में छलकती मोतियाँ. गूथ कर इन्हें मुक्ता की माला बना लूँ,. गले में डालकर ह्दय के पास सहेज लूँ।. मन करता है मुक्ताओं को नभ के सितारें बना दूँ,. कभी सोचती हूँ मुट्ठी में बंद कर लूँ. कभी लगता है रेत पर फैला दूँ,. मुक्त कर दूँ मुक्ताओँ को और बुद्ध बन जाऊँ।. लेकिन बुद्ध बनना . रह-रह कर याद आते लम्हों को फिर सीप . प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. उत्तर दें. बहुत सु&#...बुद...

UPGRADE TO PREMIUM TO VIEW 0 MORE

TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE

5

LINKS TO THIS WEBSITE

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Nov 29, 2008

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2008_11_29_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Saturday, November 29, 2008. एक पाती भईया राज के नाम. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब. दूर कहीं जब दिन ढ़ल जाएँ. पकड़ो-पकड़ो-पकड़ो. छई छप्पा छई. अभिव्यक्ति का कुटुम्ब. एक पाती भईया राज के नाम. कुछ मेरे बारे में. श्रुति अग्रवाल. View my complete profile. लेकिन बुद्ध बनना . Http:/ kuchankahi-shruti.blogspot.com/.

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Jan 9, 2009

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2009_01_09_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Friday, January 9, 2009. वैशाली की नगर वधू से लेकर फैशन फिल्म तक. क्या मिलेगी नारी को अपनी ही देह से मुक्ति. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब. दूर कहीं जब दिन ढ़ल जाएँ. पकड़ो-पकड़ो-पकड़ो. छई छप्पा छई. अभिव्यक्ति का कुटुम्ब. वैशाली की नगर वधू से लेकर फैशन फिल्म तक. कुछ मेरे बारे में. श्रुति अग्रवाल. View my complete profile. लेकिन बुद्ध बनना .

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Oct 15, 2008

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2008_10_15_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Wednesday, October 15, 2008. घर कब आओगे. सुनो मेरी दास्तां , समझो सियासी चालें. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. लेबल: दंगे की कहानी एक घर की जुबानी. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब. दूर कहीं जब दिन ढ़ल जाएँ. पकड़ो-पकड़ो-पकड़ो. छई छप्पा छई. अभिव्यक्ति का कुटुम्ब. घर कब आओगे. कुछ मेरे बारे में. श्रुति अग्रवाल. View my complete profile. लेकिन बुद्ध बनना . Http:/ kuchankahi-shruti.blogspot.com/.

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Jan 11, 2009

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2009_01_11_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Sunday, January 11, 2009. कभी-कभी खुद को पत्रकार मानने में शर्म आती है! जरा बच्चों का विजुवलाइजेशन जानिए-. मैंने ध्रुव से पूछा कि आप यह खेल क्यों खेल रहे हो? किसने सिखाया? ध्रुव- आँटी, टीवी पर देखा था.मम्मी के साथ।. आप पुलिस ही क्यों बनना चाहते हो? मैंने तीनों को समझाया देखों ऐसे खेल नहीं खेलते. मैं ज्यादा समझाती उससे पहले ही उनका ऑटो आ गया. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. छई छप्पा छई. View my complete profile.

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Nov 30, 2008

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2008_11_30_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Sunday, November 30, 2008. रात अभी बाकी है. गहन अंधेरा है. उजास नजर आता नहीं. हर तरफ कुहासा है. क्योंकि रात अभी बाकी है. ताज पर फिर फहरा गया तिरंगा. लेकिन जमीं पर बिखरा खून अभी बाकी है. शर्मिंदा है जमीर, माँ की नहीं कर पाया रक्षा. हर सिर है झुका क्योंकि रात अभी बाकी है. उजाले के लग रहे हैं कयास. पर भूलों मत रात अभी बाकी है. गुस्से से भिच रही हैं मुट्ठियाँ. चढ़ रही हैं त्योरियाँ. बच्चों की मासूम मुस्कुराहट के बीच. रुदन और क्रंदन के बीच कहो. प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom).

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: कभी-कभी खुद को पत्रकार मानने में शर्म आती है !

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2009/01/blog-post_11.html

रमता जोगी बहता पानी. Sunday, January 11, 2009. कभी-कभी खुद को पत्रकार मानने में शर्म आती है! जरा बच्चों का विजुवलाइजेशन जानिए-. मैंने ध्रुव से पूछा कि आप यह खेल क्यों खेल रहे हो? किसने सिखाया? ध्रुव- आँटी, टीवी पर देखा था.मम्मी के साथ।. आप पुलिस ही क्यों बनना चाहते हो? मैंने तीनों को समझाया देखों ऐसे खेल नहीं खेलते. मैं ज्यादा समझाती उससे पहले ही उनका ऑटो आ गया. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. January 11, 2009 at 10:37 PM. संगीता पुरी. January 11, 2009 at 11:26 PM. डॉ .अनुराग. January 12, 2009 at 12:17 AM.

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Aug 6, 2009

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2009_08_06_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Thursday, August 6, 2009. बिन रोली हल्दी के साथ परदेस में बंधी राखी. इस तरह एनजेड में हमारा पहला त्योहार नेह के बंधन का त्योहार बिना बहन और बिना रोली के बाप-बेटे के प्यार में बीत गया. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. लेबल: परदेस में बसा नया बसेरा. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब. दूर कहीं जब दिन ढ़ल जाएँ. पकड़ो-पकड़ो-पकड़ो. छई छप्पा छई. अभिव्यक्ति का कुटुम्ब. कुछ मेरे बारे में. View my complete profile.

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Nov 27, 2008

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2008_11_27_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Thursday, November 27, 2008. आतंक के दानव का सिर कुचल दो. और हर बार की तरह मैं जॉन को भारत की खासियत गिना नहीं पाईं। उसे भारतदर्शन का न्यौता दे नहीं पाईं।. जॉन की वाइफ कैथी को इंडिया अपील करता है लेकिन कल वो भी आशंकित नजर आई । ताज के गुंबद को जलता देख स्तब्ध कैथी " कम बैक डियर". बस यही कह पाई।. सुरक्षित है! प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. दूर कहीं जब दिन ढ़ल जाएँ. छई छप्पा छई. View my complete profile.

kuchankahi-shruti.blogspot.com kuchankahi-shruti.blogspot.com

रमता जोगी बहता पानी....: Dec 15, 2008

http://kuchankahi-shruti.blogspot.com/2008_12_15_archive.html

रमता जोगी बहता पानी. Monday, December 15, 2008. महाशक्ति को जूता! बुश साहब बेज्जती के जो सपने हम बगदादियों को चैन की नींद सोने नहीं देते जूते के रूप में ऐसे ही सपने तुम्हें भी मुबारक हो ". किसी की आत्मा पर निशाना साधना हो तो उसे गोली नहीं जूते मारो। ". प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. नारी सिर्फ देह नहीं. प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. Subscribe to: Posts (Atom). मेरी दुनिया. खूबसूरत पल. एक बंगला बने न्यारा. पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब. दूर कहीं जब दिन ढ़ल जाएँ. छई छप्पा छई. View my complete profile.

UPGRADE TO PREMIUM TO VIEW 25 MORE

TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE

34

OTHER SITES

shrutinandan.org shrutinandan.org

Welcome To Shrutinandan

By BrandMantra Solution Pvt Ltd.

shrutinarayan.com shrutinarayan.com

Shruti Narayan - Artist

Bio - Info Page.

shrutinargundkar.blogspot.com shrutinargundkar.blogspot.com

Shruti's Blog

Thoughts about food and food for thought. Sunday, 7 June 2015. Sabudana Khichadi with Cucumbers. Sixty-two years ago, when she first discovered the chemistry of cucumber in khichadi, she was a 16-year-old girl with dreams beyond her years and times. Her parents had given her the wings, but didn’t dare let her fly - tangled in a twister of their own progressive beliefs, awareness of her creative compulsion and peer pressure and material concerns of providing for their brood. As he returned to their host&#...

shrutinarula.blogspot.com shrutinarula.blogspot.com

SHRUTI NARULA

Monday, March 28, 2016. एक राज़ हूँ मैं. नीले गगन सा. बहती पवन सा. अविस्मरणीय अनकहा सा. एक ख्वाब हूँ मैं. कुछ उलझा सा हूँ मैं. कुछ सुलझा हुआ सा. अपरिचित अन्जाना. समझ के पर बेहिसाब हूँ मैं. होठों पर मुस्कान लिए. समक्ष हूँ दुनिया के. दिल में ग़मों से भरपूर. बस आईने में बेनकाब हूँ मैं. बड़बोला कभी हूँ. गुमसुम कभी. खिलखिलाता या बिलखता. भावनाओं का इक सैलाब हूँ मैं. निरुत्तर सवालों सा. इक मुश्किल पहेली सा. खुद को समझने को. बेताब हूँ मैं! Thursday, January 28, 2016. These waves of emotions surprise me. Your regret...

shrutinrajeev.blogspot.com shrutinrajeev.blogspot.com

अहसास

कुछ अनछुए भीगे पल जिनसे जिंदा है जिंदगी की महक. सोमवार, 5 जनवरी 2009. लेकिन बुद्ध बनना . कुछ लम्हें सीप में बंद मोतियाँ,. याद करके आँखों में छलकती मोतियाँ. गूथ कर इन्हें मुक्ता की माला बना लूँ,. गले में डालकर ह्दय के पास सहेज लूँ।. मन करता है मुक्ताओं को नभ के सितारें बना दूँ,. कभी सोचती हूँ मुट्ठी में बंद कर लूँ. कभी लगता है रेत पर फैला दूँ,. मुक्त कर दूँ मुक्ताओँ को और बुद्ध बन जाऊँ।. लेकिन बुद्ध बनना . रह-रह कर याद आते लम्हों को फिर सीप . प्रस्तुतकर्ता. श्रुति अग्रवाल. कुछ अहसास. इन अहसासो...जिद...

shrutinshetty.com shrutinshetty.com

CrystalPlanet | Lose some…Win 'em all.!

Lose some…Win 'em all! July 2, 2015. Is there a bubble forming in the Indian startup scene? The Hubble Space Telescope. Is the Indian startup space fast becoming a bubble? Let’s take a closer look and find out. At the Goldman Sachs technology conference. Earlier this year, leading venture capitalist of Benchmark. Bill Gurley expressed concerns to attendees. Of a possible bubble, caused by some over-valued. The Wall Street Journal’s Billion Dollar Startup Club saw at least 73 young private companies value...

shrutinyasa.org shrutinyasa.org

Shrutinyasa

shrutioc.com shrutioc.com

Shruti Organics & Chemicals

Shruti Organics and Chemicals is a well known service provider company in the field of water and waste water treatments. Shruti Organics and Chemicals providing its service to the industries since 2005. We are working under AMC and O&M of follows plants. WATER and WASTE WATER TREATMENT. COOLING WATER TREATMENT PLANT. Design and Developed by Vikasumit.com.

shrutionline.com shrutionline.com

Site Under Construction

This site is under construction. Please visit again to check the status. To go back to the previous page. Powered by Rediff WEBPro. And get best deals on Domain registration.

shrutioverseas.com shrutioverseas.com

WELCOME TO SHRUTI OVERSEAS (INDIA)