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SABKI VASTAVIKTA: ॐ - वेद-आर्य और आर्य समाज
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ॐ - वेद-आर्य और आर्य समाज. मुझ को किसी की झूठी चाटुकारिता आती नहीं और सच बोलना अहंकार ही निन्दा करना है तो है! कहा क्या जाय? किया क्या जाय? एक बार मिलकर (मुझसे भी ) सच्चाई की जानकारी क्यों नहीं कर ली जाती है? क्या लिखूँ? शरीर - - - - - - - - जीव - - - - - - - आत्मा - - - - - - - - - - परमात्मा. शरीर - - - - - - - - जीव - - - - - - - ईश्वर - - - - - - - - - - परमेश्वर. शरीर - - - - - - - - जीव - - - - - - - ब्रम्ह - - - - - - - - - - - परमब्रम्ह. स्थूल दृष्टि - - - - - सí...वास्तव मे...सन्त ज...
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SABKI VASTAVIKTA: THE DEITY MANTRA IS DESCRIBED IN GAYATRI METER (GAYATRI CHHANDA)
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THE DEITY MANTRA IS DESCRIBED IN GAYATRI METER (GAYATRI CHHANDA). The Deity Mantra is described in Gayatri Meter (Gayatri Chhanda). Gayatri is neither a Mantra, nor any goddess (a female deity). Oan Bhurbhuvah Swah Tatsaviturvarenyam Bhargodevasya Dheemahi Dhiyo Yonah Prachodayaat.'. Oan = is the symbol of the combined form of the three deities- Bramha, Vishnu and Mahesh. Bhurbhuvah Swah = symbol of Residences of the three deities respectively (Bramha, Vishnu and Mahesh);. Dhimahi = meditate;. Doubtlessl...
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SABKI VASTAVIKTA: निरंकार और निरंकारी
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निरंकार और निरंकारी. बाबा हरदेव सिंह. निरंकारियों के निरंकार को ही लीजिये कि निरंकार माने क्या? खाली है- आकाश है- बस और क्या? कुछ नहीं! अर्थात् कुछ भी नहीं! फिर ऐसों में चिपकना नादानी नहीं तो सत्यज्ञानी होना होगा क्या? कैसे हैं? कहां रहते हैं? 1 शिक्षा (Education). 2 स्वाध्याय (Self Realization). 3 योग-साधना अथवा अध्यात्म (Yoga or Spiritualization ) और. 4 तत्त्वज्ञान रूप भगवद्ज्ञान रूप सत्यज्ञान (True, Supreme and Perfect KNOWLEDGE). क्रमश: नीचे से ऊपर को इन चार शî...Subscribe to: Posts (Atom). श...
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SABKI VASTAVIKTA: ओशो और रजनीश
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ओशो और रजनीश. ओशो और रजनीश. रजनीश और उनका प्रेम योग पर. सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस. मत' देखें. 1 जड़ जगत् सहित शरीर और शिक्षा की उत्पत्ति-स्थिति-लय और कारण सहित(. 2 जीव-रूह-सेल्फ-स्व-अहं और स्वाध्याय की उत्पत्ति-स्थिति-लय और कारण सहित( पुन:. कुछ मिले-जुले ही तो क्या कुकृत्य ही किया जायेगा? कदापि नहीं! कदापि नहीं! ऐसा मुझसे सम्भव ही नहीं! 1) संसार,. 2) शरीर-जिस्म-बॉडी,. 3) जीव-रूह-सेल्फ-स्व-अहं,. 4) आत्मा-ईश्वर-ब्रम्ह- नूर-सोल-स्पिरि...कदापि नहीं! विशेष नोट :-. Subscribe to: Posts (Atom).
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SABKI VASTAVIKTA
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सत्यं बद्. धर्मं चर. भगवत् कृपा हि केवलम्. Only the Mercy of GOD). ऋते ज्ञानान्न मुक्ति. ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं. No Salvation without KNOWLEDGE). सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस. द्वारा. नकली भगवानों का पर्दाफाश. सबकी वास्तविकता. समाज में. आशुतोष जी महाराज. निरंकार और निरंकारी. ॐ - वेद-आर्य और आर्य समाज. ओशो और रजनीश. सतपाल और उनका सोऽहँ - ( सोऽहँ और सोऽहँ वाले). प्रजापति ब्रहमकुमारी. गायत्री परिवार. जय गुरुदेव. आशाराम बापू. November 16, 2011 at 9:17 PM. अच्छी पोस्ट! ओशो और रजनीश.
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SABKI VASTAVIKTA: आशाराम बापू
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आशाराम बापू. आशाराम बापू. आशाराम 'अज्ञानी'और मूढ़ भी. गीता बुध्दियोग मात्र नहीं अपितु एक सम्पूर्ण सद्ग्रन्थ है! क्या गीता मात्र बुध्दि से ही जोड़ने वाली है? अर्थात् नहीं किया-दिया जा सकता है । कदापि नहीं किया-दिया जा सकता है ।. सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस. सन्त कहलाने वाले आशाराम जी महात्मा भी नहीं, तो परमात्मा कैसे? सद्भावी जिज्ञासु बन्धुओं! फिर तो वे मुक्ति-अमरता कैसे दे सकते हैं? नहीं दे सकता! कदापि नहीं दे सकता! बन्धुओं! कई झूठे गुरु में फँ सकर ऐ...गुरु करें दस प&...पुरुष...पुर...
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SABKI VASTAVIKTA: शिव व लेखराज और प्रजापिता ब्रम्हा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय वाले
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शिव व लेखराज और प्रजापिता ब्रम्हा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय वाले. लेखराज बाबा. ऐसे धर्मोपदेशकों के धर्मोपदेश से कैसा दिशा निर्देश और मार्गदर्शन होगा? इतना ही नहीं, आश्चर्य की बात तो यह है कि इन्हें यह भी नहीं मालूम कि हवा का रूप होता है कि नहीं । 'रूप' शब्द क्या है? कहाँ पर इसका प्रयोग होता है? क्या कहा जाय ऐसे जनमानस को! जितना ही घोर अज्ञानी उतना ही मिथ्याज्ञानाभिमानी. 1 हवा में रूप होता है कि नहीं? होता है तो कैसा है? नहीं, तो क्यों? 2 मन क्या चीज है? 4 जीव क्या चीज है? इन्द्रिय...महत: परमव्...
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SABKI VASTAVIKTA: सतपाल और उनका सोऽहँ - ( सोऽहँ और सोऽहँ वाले)
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सतपाल और उनका सोऽहँ - ( सोऽहँ और सोऽहँ वाले). सतपाल जी महाराज. जब सब ही भगवान के अवतार हैं तो सद्गुरु कैसा? सोऽहँ वाले बन्धुजनों से एक बात पूछनी है कि क्या ऐसा कोई भी जीवित शरीर है, जो सोऽहँ की न हो? एक भगवान् अज्ञानी और दूसरा भगवान् ज्ञानी? यह कितनी मूढ़ता और मिथ्याहंकारिता है घोर! घोर मूढ़ता है ।. जब पूर्व में एक ही एक तो अब सब ही. कितनी हास्यास्पद बात है! अरे मूढ़ थोड़ा चेत! जीव और आत्मा (ईश्वर) का अवतार नहीं होता. आप सोऽहँ वाले बन्धुओं से एक बात प...आप स्वयं देखें कì...यदि वे दो...धारतì...
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SABKI VASTAVIKTA: जय गुरुदेव और पंचनाम
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जय गुरुदेव और पंचनाम. जयगुरु देव. अब आप बन्धुजन थोड़ा भी तो सोचने-विचारने का कष्ट करें कि उपर्युक्त पैरा की बातें क्या बिल्कुल ही सत्य पर आधारित नहीं हैं? क्या वर्तमान में भी एक ही समय में ही हजारों-हजार तथाकथित गुरुजन-सद्गुरुजन रूप तथाकथित भगवान् जी लोग प्रकट नहीं हो गये हैं? कदापि नहीं! सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस. Subscribe to: Posts (Atom). पुरुषोत्तम धाम आश्रम. फोन न. - 9415584228, 9634482845. Email - bhagwadavatari@gmail.com. सबकी वास्तविकता. ओशो और रजनीश.
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SABKI VASTAVIKTA: श्रीराम शर्मा और उनका तथाकथित गायत्री परिवार
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श्रीराम शर्मा और उनका तथाकथित गायत्री परिवार. श्रीराम शर्मा. श्रीराम शर्मा और उनका तथाकथित गायत्री परिवार. अवश्य ही रोकना चाहिये । रोकना ही चाहिये।. यह देखिए तथाकथित गायत्री परिवार का पाखण्ड. श्रीराम शर्मा द्वारा दिया गया मंत्र का अर्थ:. 1 ॐ = भारतीय धर्म;. 2 भूः = आत्म विश्वास;. 3 भुवः = कर्मयोग;. 4 स्वः = स्थिरता. 5 तत् = जीवन विज्ञान; सवितु=शक्ति संचय; वरेण्यं=श्रेष्ठता. 6 भर्गो=निर्मलता देवस्य=दिव्य दृष्टि. 7 धीमहि = सदगुण;. 8 धियो=विवेक; योनः=संयम;. उपर्युक्त को देखकर आ...जरा सोचिए...आखिर ग...