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khamoshbol ख़ामोश बोल: शुभकामना
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. सोमवार, 27 अक्तूबर 2008. शुभकामना. सभी मित्रों और देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! प्रस्तुतकर्ता. ज़ाकिर हुसैन. 6 टिप्पणियां:. दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi. ने कहा…. आप को भी. दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ. दीवाली आप और आप के परिवार के लिए सर्वांग समृद्धि लाए।. 27 अक्तूबर 2008 को 4:53 am. ने कहा…. 27 अक्तूबर 2008 को 5:40 am. संगीता पुरी. ने कहा…. 27 अक्तूबर 2008 को 5:45 am. ने कहा…. दीपावली की मंगलमय शुभकामना. 27 अक्तूबर 2008 को 10:58 am. ने कहा…. सैयद शहर&#...
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khamoshbol ख़ामोश बोल: आओ हमदम खेलें होली!
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. सोमवार, 9 मार्च 2009. आओ हमदम खेलें होली! ग्रामीण मुस्लिम परिवार में पैदा होने के कारण कभी होली खेल तो नहीं पाया लेकिन होली के हुड दंग खूब देखे। बचपन में मन में ये सवाल ज़रूर उठता कि. हम ये त्यौहार क्यों नहीं मनाते।. अलग-अलग रंगों से लिपे-पुते चेहरे बहुत अच्छे लगते थे।. होली से लगभगएक महीने पहले से ही गावं में शाम ढले होली गायन शुरू हो जाता।. पता ही नहीं चलता था।. पुरुषों पर भारी होती। अजब नज़ारा होता।. खूब पिटते और हँसते।. फ़िर आता रंग यानी धुल...मोहल्ले. इस मेले क...लेक...
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khamoshbol ख़ामोश बोल: June 2008
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. शुक्रवार, 27 जून 2008. चार लाइन. हिंदू भी यहाँ है, मुसलमान यहाँ है. सिख, बोध, जैन और किरिस्तान यहाँ है. लेकिन जिसे खोजता हूँ, वो नहीं है. इंसान कहाँ है? यहाँ इंसान कहाँ है? प्रस्तुतकर्ता. ज़ाकिर हुसैन. 3 टिप्पणियां:. सपनों पर प्रतिबन्ध नहीं. अच्छा -बुरा. छोटा -बड़ा. कलर या ब्लैक एंड व्हाइट. जैसी मर्ज़ी देखो. आँखें तुम्हारी हैं. और नींद भी. सपने भी तो तुम्हारे ही हैं. साकार हों. ये जिद क्यों. जिंदगी को नींद में नहीं. जगी हालत में देखो. सपनों से उलट. और जिंदगी. नई पोस्ट. बुढ़ì...
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Soona Soona Lamha Lamha!: दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है: नैनी झील
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Soona Soona Lamha Lamha! रोयेंगे हम हजार बार कोई हमे रुलाये क्यों! Tuesday, February 3, 2009. दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है: नैनी झील. दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है: नैनी झील. Subscribe to: Post Comments (Atom). View my complete profile. वर्ना सुखा दूंगा. ˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍˍ एक लघुकथा* रामचन्दर कई दिन से कमान पर तीर चढ़ा कर समन्दर को ललकार रहा था। -देख! सीधाई से रस्ता दे दे वर्ना सुखा दूंगा। समन्दर. कबाड़खाना. ज़ुल्फ़ बिखरा के निकले वो घर से. यही है वह जगह. 8211; नारायण देसाई. तपती रेत.
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Soona Soona Lamha Lamha!: दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है: वहाँ एक कुत्ता था
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Soona Soona Lamha Lamha! रोयेंगे हम हजार बार कोई हमे रुलाये क्यों! Wednesday, February 11, 2009. दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है: वहाँ एक कुत्ता था. दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है: . वहाँ एक कुत्ता था. बहुत सुंदर रचना . धन्याद . एक नजर इस ब्लॉग पर "दादी माँ की कहानिया". Http:/ dadimaakikahaniya.blogspot.com/. February 15, 2009 at 11:30 AM. Subscribe to: Post Comments (Atom). View my complete profile. वर्ना सुखा दूंगा. कबाड़खाना. यही है वह जगह. लिखने की मजदूरी! 8211; नारायण देसाई. मोहल्ला. तपती रेत. डेढ...
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khamoshbol ख़ामोश बोल: July 2008
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. सोमवार, 28 जुलाई 2008. बम-धमाकों के बाद. जब भी कहीं बम-धमाके होते हैं तो हर आम 'इंसान' की तरह मैं भी उनसे प्रभावित होता हूँ. और सोचता हूँ कि धरम के नाम पर ये अधर्म क्यों. इसलाम के नाम पर किये गए. हर बम-धमाके के बाद. मैं सहम जाता हूँ. हिन्दू मित्रों या सहकर्मियों से. नज़र नहीं मिला पाता. अपने नाम को नहीं पहनना चाहता कुछ दिन. डरता हूँ. कि उस पर. धमाकों में मरने वाले. उन निर्दोष बुजुर्गों, जवानों. औरतों और बच्चों के. खून के छीटें न लगे हों. और इससे पहले कि. भाई और बेटे. दादी...रिश...
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khamoshbol ख़ामोश बोल: December 2008
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. बुधवार, 31 दिसंबर 2008. नया साल मुबारक हो! हर गुजरता. पल अपने पीछे. अनेक कड़वी-. मीठी अनुभूतियाँ छोड़ जाता,. जो हमारी स्मृतियों में संचित हो जाती हैं।. हर गुजरते पल से मोह. भी होता है और उसके जाने से राहत. भविष्य हमेशा उम्मीदों और आशाओं से भरा होता है।. इस लिए हम हमेशा आने वाले के स्वागत दिल खोल कर करते हैं।. तो आइये वर्ष २००९ का स्वागत हम इन आशाओं के साथ करें कि ये. वर्ष हम सबके जीवन में सुख- समृधि. शान्ति ले कर आए। दुनिया. भर में अमन- ओ-. प्रस्तुतकर्ता. लेबल: २१.१२.९९. जि...
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khamoshbol ख़ामोश बोल: October 2008
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. सोमवार, 27 अक्तूबर 2008. शुभकामना. सभी मित्रों और देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! प्रस्तुतकर्ता. ज़ाकिर हुसैन. 6 टिप्पणियां:. बुधवार, 8 अक्तूबर 2008. हे राम. विजय दशमी की सभी मित्रों और देशवासियों को बधाई. हे राम! एक बार फिर अवतार लो. इस बार तुम्हे एक नहीं,. अनेक रावणों का संहार करना होगा. रावण, जो दिल्ली से कंधमाल. उडीसा से असम तक फैले हैं. अयोध्या और गुजरात. में भी इन्होने तांडव मचाया है. कभी ईश्वर और कभी अल्लाह के नाम पर. हे राम. एक बार फिर धरती पर आ. NCERT Books Dow...
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khamoshbol ख़ामोश बोल: September 2008
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Khamoshbol ख़ामोश बोल. मंगलवार, 30 सितंबर 2008. ईद और नवरात्र की बधाई. ईद १ या २ तारीख को है. मैं घर जा रहा हूँ जो एक गाँव में है. सभी दोस्तों से ईद के बाद ही वार्तालाप होगा. इसलिए सभी को. ईद और नवरात्र की मुबारकबाद. प्रस्तुतकर्ता. ज़ाकिर हुसैन. 10 टिप्पणियां:. बुधवार, 24 सितंबर 2008. बयार बन कर. बयार बन कर. मैं बहना चाहूं. गाँव की महकती मिटटी में. रहना चाहूं. फूलों के संग खेलूँ. कलियों से बतियाऊं. लहराते खेतों सा लहराऊं. बादलों में मैं उड़ जाऊँ. सरसों से रंग ले लूं. ज़ाकिर हुसैन. पहली बार. फूलो...का&...