mankapakhi.blogspot.com
मन का पाखी: August 2010
http://mankapakhi.blogspot.com/2010_08_01_archive.html
मन का पाखी. Tuesday, August 31, 2010. आँखों का अनकहा सच. दिया है ). यह सवाल खुद से भी कई बार पूछ चुकी पर जबाब कोई नही मिलता. वो चुप रही. हू इज शालिनी? फिर से अंग्रेजी पर आ गए ). इस बार मानस ने हँसते हुए कहा.'सर वो जो बेंच पर खड़ी रो रही है,ना.वही है शालिनी". सिट डाउन. सिट डाउन.ले जाओ अपनी कॉपी.गुड़, यू हैभ डन बेल ". बोले."ले जाओ अपनी कॉपी". वो भी हठी की तरह खड़ी रही. इस बार मानस उठ कर बोला."सर मैं दे आऊं? और हंस पड़ा. क्यूँ.". तुम्हार क्या नाम है? उसे बस आश्चर्य इस बात का ह&...फ़ेयरवेल ...अब वह उसकी...
mankapakhi.blogspot.com
मन का पाखी: December 2010
http://mankapakhi.blogspot.com/2010_12_01_archive.html
मन का पाखी. Monday, December 27, 2010. कच्चे बखिए से रिश्ते (समापन किस्त ). गतांक से आगे. अब रोज भला कैसी होउंगी मैं.अच्छी मुसीबत, गले डाल दी है तुमने ". कृष्णा के यहाँ से? वो कुछ समझी नहीं. अच्छा.हाँ,मामाजी की बात तो आपने बतायी थी.कृष्णा के यहाँ की नही.". बस पांच-दस मिनट तो बैठता हूँ.क्या बताना इसमें.". वो तुम्हारे घर भी जाते हैं? अरे.कभी कभार.वो भी दस- पंद्रह मिनट के लिए.". पर तुमने कभी बताया नहीं.". इसमें बताने जैसा क्या.था.". मन खिन्न हो आया. आजकल वीरेंद&...क्यूंकि वीर&#...नहीं तो&#...हम्म....अब इसम&...
belovedlife-santosh.blogspot.com
Beloved Life: July 2015
http://belovedlife-santosh.blogspot.com/2015_07_01_archive.html
प्रियतमा जिंदगी! Thursday, July 30, 2015. कुछ बातें! मैं सोंचता हूँ. क्यों ना. लिख लूं. और बाँच भी लूं. खुद ही. कुछ चिट्ठियाँ. मेरे - तुम्हारे नाम की! क्या होगा. थोडा मन हल्का होगा. थोडा भारी होगा. याद आएँगी. कुछ बातें. बरसों पुराने शाम की! ऐसे में ही, कहीं दूर. कोई बादल. भिगो जायेगा. तुम्हारे झरोखे के परदे. शायद .तब कहीं ,. तुम्हे भी बोध होगा. और लिखोगी सच में. एक खत मेरे नाम की! Labels: अभिव्यक्ति. मैं और तुम. Subscribe to: Posts (Atom). Like Beloved Life on Facebook. अनुवाद करें. Mobil Bekas and Baru ...
kavialbelakhatri.blogspot.com
अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी: वनस्पतियों का सौन्दर्यशास्त्र __मल्लिका शेरावत के
http://kavialbelakhatri.blogspot.com/2009/11/blog-post_24.html
अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी. AN NEW CREATION BY LAUGHTER CHAMPION ALBELA KHATRI. Tuesday, November 24, 2009. वनस्पतियों का सौन्दर्यशास्त्र मल्लिका शेरावत के सौन्दर्य शास्त्र से भिन्न है. चुटकियाँ. लीजिये. Posted by rastogi।v@gmail.com (Vivek Rastogi) at. ब्लॉगिंग के कीड़े के कारण अपने सारे कमिटमेंन्ट्स की वाट लग गई…. Posted by khbro ka khulasa at. भड़ास blog. बन्दूक धारी पत्रकार. विज्ञापन. Posted by अजय कुमार झा at. कुछ भी.कभी भी. Posted by रचना at. नोंचता. क्यों. मिलीं. Posted by Vibha Rani at.
kavialbelakhatri.blogspot.com
अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी: November 2009
http://kavialbelakhatri.blogspot.com/2009_11_01_archive.html
अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी. AN NEW CREATION BY LAUGHTER CHAMPION ALBELA KHATRI. Tuesday, November 24, 2009. वनस्पतियों का सौन्दर्यशास्त्र मल्लिका शेरावत के सौन्दर्य शास्त्र से भिन्न है. चुटकियाँ. लीजिये. Posted by rastogi।v@gmail.com (Vivek Rastogi) at. ब्लॉगिंग के कीड़े के कारण अपने सारे कमिटमेंन्ट्स की वाट लग गई…. Posted by khbro ka khulasa at. भड़ास blog. बन्दूक धारी पत्रकार. विज्ञापन. Posted by अजय कुमार झा at. कुछ भी.कभी भी. Posted by रचना at. नोंचता. क्यों. मिलीं. Posted by Vibha Rani at.
belovedlife-santosh.blogspot.com
Beloved Life: January 2013
http://belovedlife-santosh.blogspot.com/2013_01_01_archive.html
प्रियतमा जिंदगी! Tuesday, January 29, 2013. मैं और तुम! जब से है. ये भान हुआ ,. थोडा ज्ञान हुआ. कि तुम . बसे हो. मुझमें भी . न जाने कब से? अब न मैं हूँ. न अहम है. न कोई वहम है. तुम ही तो हो. मेरे अंतर में ,. बाहर में . यत्र - तत्र .सर्वत्र! Labels: अभिव्यक्ति. आध्यात्म. मैं और तुम. Saturday, January 12, 2013. कहीं दूर चलें. बहुत दूर चलें. वहाँ चलें. जहाँ. चेहरे हों. घर हो,. प्रकृति हो,. जीवन हो. पर न कोई मेरा हो. न ही कोई तुम्हारा हो. बस बज रहा हो संगीत. उस जहाँ में. मैं और तुम. Subscribe to: Posts (Atom).
armaanokidoli.blogspot.com
मेरे अरमान.. मेरे सपने..: June 2014
http://armaanokidoli.blogspot.com/2014_06_01_archive.html
मेरे अरमान. मेरे सपने. Click here for Myspace Layouts. सोमवार, 16 जून 2014. माथेरान * Matheran *. माथेरान *. एक हिल -स्टेशन. काफी दिनों से माथेरान. का प्रोग्राम केंसिल हुआ तो लगा इस बार तो किसी पहाड़ पर जाना ही है चाहे माथेरान. ही क्यों न हो - -. शनिवार का दिन था और बेटी का जन्मदिन भी सो, हम सब सुबह 7. 30 बजे वसई. यहाँ पहुंचकर पता चला की यहाँ से माथेरान तक एक और मिनी ट्रेन चलती है वाह! शाम को हम यहाँ के पॉइंट देखने निकले. यहाँ 38 पॉइंट है. पिसरनाथ मंदिर. शैरलॉट लेक. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. मेरì...
armaanokidoli.blogspot.com
मेरे अरमान.. मेरे सपने..: December 2013
http://armaanokidoli.blogspot.com/2013_12_01_archive.html
मेरे अरमान. मेरे सपने. Click here for Myspace Layouts. शनिवार, 28 दिसंबर 2013. जीवन की चाह . जीवन की चाह. की इस रेल -पेल में .इस भाग दौड़ में. जिन्दगी जैसे ठहर -सी गई थी . कोई पल आता तो कुछ क्षण हलचल होती . फिर वही अँधेरी गुमनाम राहें ,तंग गलियां . रगड़कर . धसीटकर चलती जिन्दगी . वैसे तो कभी भी मेरा जीवन सपाट नहीं रहा . हमेशा कुछ अडचने सीना ठोंके खड़ी ही रही . उन अडचनों को दूर करती एक सज़क प्रहरी की तरह. खुद ही मरहम लगाती रही ? निर्मल जल. पर मेरा ज्वालामुखी. सिर्फ दहक. में . बाकी थी -. पर वो कठí...
armaanokidoli.blogspot.com
मेरे अरमान.. मेरे सपने..: December 2012
http://armaanokidoli.blogspot.com/2012_12_01_archive.html
मेरे अरमान. मेरे सपने. Click here for Myspace Layouts. शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012. चिता की आग #. तुझको अग्नि के हवाले कर के . मैं जड़- सी हो गई हूँ . कभी अपनी छाती का लहू पिलाया था मैने . तेरी वो नटखट आँखें . वो चेहरे का भोलापन . वो प्यारी -सी मुस्कान? वो तोतली जुबान - -. अब खामोश है . ठंडा- पन लिए .सर्द . मेरा सफ़ेद पडता मुंह. आँखों से बहती अश्रु धारा. बिदा की अंतिम घडी. तेरे नाम की अंतिम अरदास ! मैं स्तब्ध! तुझे जाते हुए देखती रही . दिमांग शून्य ? राम नाम सत्य हैं ". इसे ईमेल करें. ऐसी जिन...खुद...
indranil-sail.blogspot.com
जज़्बात, ज़िन्दगी और मैं: August 2011
http://indranil-sail.blogspot.com/2011_08_01_archive.html
जज़्बात, ज़िन्दगी और मैं. अपनी कुछ कवितायेँ, कुछ ग़ज़ल, कुछ बात रख रहा हूँ . मेरी ज़िन्दगी के कुछ एहसासात रख रहा हूँ. मेरा परिचय. Indranil Bhattacharjee "सैल". दुनियादारी से ज्यादा राबता. जज्बात के सहारे. ज़िन्दगी कर. अपनी टिप्पणियां और सुझाव देना न भूलिएगा, एक रचनाकार के लिए ये बहुमूल्य हैं . Aug 30, 2011. कुछ तस्वीर . आप सबके लिए! ओ फूलों की रानी, बहारों की . ये नीली नीली आँखें . म्हारे हिवड़ा में नाचे मोर . फूलों. के रंग से. एक था गुल और . इस फूल को पहचानिये तो . Brahminy Myna (Sturnus pagodarum). पì...