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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: चम-चम चम्म चमकि (नरेन्द्र सिंह नेगी जी को गीत )
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! बुधवार, 13 जुलाई 2011. चम-चम चम्म चमकि (नरेन्द्र सिंह नेगी जी को गीत ). चम चमा चम, चम-चम चम-चम चम्म चमकि, चमकि चम्म चमकि घाम कांठ्यूं मां. हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि, हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि. बणि गैनि… बणि गैनि…. हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि, हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि. शिव का कैलाशु ग्याइ पैलि-पैलि घाम,. शिव का कैलाशु ग्याइ पैलि -पैलि घाम. सेवा लगौणुं आइ बदरी का धाम. बे. बदरी का धाम बे बदरी का धाम. मायादार आख्यूं क...हिवांलि क...छुयुæ...भा&...
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: हिंवाला को ऊँचा डान
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! सोमवार, 29 अगस्त 2011. हिंवाला को ऊँचा डान. जय भारत जय भारती! मेरा देश महान! देवभूमि उत्तरांचल धरती शत शत तुझे प्रणाम! यह पूरा हिंदी में है ). कुमावनी के बोल :). हिंवाला को ऊंचा डाना प्यारो मेरो गों! हिमालय की ऊँची पर्वत शिखाएं में बसा मेरा प्यारा सा गाँव. छबीलों गढ़वाल मेरो रंगीलों कुमौ! छबीला गढ़वाल मेरा ,रंगीला कुमाऊ. हिंवाला को .हिंवाला को . हिमालय की .हिमालय की . यो भूमि जन्मा मेरा मधी सिंह मलेथा -2. जन्मे थे. गब्बर सिंह ,चंदर सिंह. जनामी औतारी नन...जन्म देन&...छबी...
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: April 2011
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! बुधवार, 13 अप्रैल 2011. कुमाऊँनी में विभिन्न ध्वनियों के लिए कुछ विशेष शब्द. क - कड़कड़ाट. आप बहुत बक- बक करते हो. तुम भौते कड़कड़ाट करछा. ख - खड़खड़ाट ( दरवाजा खटखटाने की आवाज). ग - गड़गड़ाट (बादल गरजने की आवाज को गड़गड़ाट, घड़घड़ाट, घौड़ाट इत्यादि बोलते हैं). घ - घड़घड़ाट/ घौड़ाट. बादल आवाज कर रहे हैं. बादव घड़घड़ाट/ घौड़ाट करनी. च - चड़चड़ाट ( गर्म तेल में पानी गिरने पर). ट - टड़टड़ाट ( टहनी टूटने की आवाज). थ - थरथराट. फ - फड़फड़ाट. स - सरसराट. सर : ख्वर. इसे ब्...
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: गढ़वाली में वर्तमान निरंतर काल
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! शनिवार, 19 नवंबर 2011. गढ़वाली में वर्तमान निरंतर काल. गढ़वाली सर्वनाम खाण(खाना) हिंदी रूप. मि खाणु छौ. मैं खा रहा हूँ ). तू खाणु छै (तू खा रहा है). तुम खाणा छौ (आप खा रहे हैं). उ खाणु/खाणी च (वो खा रहा /रही है). खाणा छौ. हम खाएँगे). तुम खाणा छौ (तुम सब खाओगे ). उ खाणा छन (वे सब खा रहे हैं). प्रस्तुतकर्ता. निखिल उत्तराखंडी. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. 1 टिप्पणी:. 18 अप्रैल 2015 को 8:05 am.
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: जौनसारी भाषा
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! गुरुवार, 7 जुलाई 2011. जौनसारी भाषा. जौनसार का प्रसिद्द महासू देवता का मंदिर. कम आकर्षण देखा गया है .पर हम सभी को यह ध्यान रखना चाहिये कि उत्तराखंडी भाषाओँ के पुष्प गुच्छ में जौनसारी नामक फूल की अपनी एक विशिष्ट महक रहेगी . प्रस्तुतकर्ता. निखिल उत्तराखंडी. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग आर्काइव. योगदानकर्ता. घौर बटी.
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: July 2011
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! बुधवार, 13 जुलाई 2011. चम-चम चम्म चमकि (नरेन्द्र सिंह नेगी जी को गीत ). चम चमा चम, चम-चम चम-चम चम्म चमकि, चमकि चम्म चमकि घाम कांठ्यूं मां. हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि, हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि. बणि गैनि… बणि गैनि…. हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि, हिवांलि कांठि चांदि की बणि गैनि. शिव का कैलाशु ग्याइ पैलि-पैलि घाम,. शिव का कैलाशु ग्याइ पैलि -पैलि घाम. सेवा लगौणुं आइ बदरी का धाम. बे. बदरी का धाम बे बदरी का धाम. मायादार आख्यूं क...हिवांलि क...छुयुæ...भा&...
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: May 2011
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! रविवार, 22 मई 2011. गढ़वाली में कारक चिह्न. कारक गढ़वाली हिंदी समरूप. कर्ता ल /न (ने) धीरूल (धीरू ने). कर्म ते /थे (को) मंगतू ते(मंगतू को). करण न /से (से) पुंगडून(खेत से). संप्रदान खें /खुणि/खुण (के लिये) जाण खें (जाने के लिए). अपादान बटी /बिटी /भटी (से) इस्कोल बटी (पाठशाला से). अधिकरण मा (में/पर) डालमा (पेड़ पर ). सम्भोधन रे /ह्वरे (हे/अरे) ह्वरे गोपी! अरे गोपी! प्रस्तुतकर्ता. निखिल उत्तराखंडी. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! शनिवार, 7 मई 2011. कुमा...
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: March 2011
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! सोमवार, 28 मार्च 2011. गढ़वाली में वर्तमान काल. कुमाऊँनी सर्वनाम (हिंदी सर्वनाम ) खाण(खाना ) जाण(जाना ) पढण(पढ़ना). मि (मैं ) खान्दु जान्दु. तु (तू ) खांन्द जान्द. तुम(आप/तुम) खन्दो जान्दो. उ(वह) खान्द जान्द. हम(हम सब ) खन्दो जन्दो. तुम(तुम सब ) खान्दो जान्दो. आप क्या पढ रहे हैं? गढ़वाली में कुछ ऐसा होगा : तुम क्य पढ़दो? प्रस्तुतकर्ता. निखिल उत्तराखंडी. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. मैं मि. वो/वह उ/वो. द्व...
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सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी !!: स्थानों के नामों का कुमाऊँनी संस्करण
http://uttrakhandibhasha.blogspot.com/2011/07/blog-post_8270.html
सीखो गढ़वाली, सीखो कुमाऊँनी! शनिवार, 9 जुलाई 2011. स्थानों के नामों का कुमाऊँनी संस्करण. कह कर ही बुलाएँगे और लखनऊ वाले दिल्ली को. गैर उत्तराखंडी नगर :. मुंबई/बम्बई :. बौम्बै. चेन्नई/मद्रास :. कोलकाता :. कुमाऊँनी (उत्तराखंडी) नगर :. अल्मोड़ा : अल्माड़. बागेश्वर : बागश्यर. हल्द्वानी : हल्द्वाणि. रानीखेत : राणिखेत. भवाली : भवालि. सेराघाट : स्यारघाट. मासी- चौखुटिया : मासि-चौखुटि. धारचूला : धारचुल. कौसानी : कौसाणि. प्रस्तुतकर्ता. पुष्कर मेहता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! नई पोस्ट. घौर बटी. निखि...