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हे मार्केट के अराजकतावादियों की सौवीं बरसी की याद में | विकल्प
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स म ज क स स क त क च तन और स व द क म च. ह म र क ट क अर जकत व द य क स व बरस क य द म. ल स ल व श म न, अक ट बर 1987. य प रश न उस पर लग य अभ य ग पर स द ह करन क ल ए पर य प त ह. क न व च र न स म ज क त न ब न क इतन भ र च न त द? ल ग द व र अद लत म द य गय अन त म ज श ल भ षण उस व यक त क झलक प रस त त करत ह. और इस आश म म त मस कहत ह म त म ह त च छ समझत ह म त म ह र क न न व यवस थ और स न क बल पर चलन व ल श सन क त रस क र करत ह इसक ल ए म झ फ स द! यह ल ख ह म र क ट क अर जकत व द य क स व बरस क य द म. पत र क म प रक श त ह आ थ ज स ब द म.
हिन्दू राष्ट्रवाद के कुतर्क– मेघनाद देसाई | विकल्प
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स म ज क स स क त क च तन और स व द क म च. ह न द र ष ट रव द क क तर क– म घन द द स ई. न म नल ख त प रस थ पन ए ह न द र ष ट रव द स द ध त क क द र म ह -. भ रत प र ग त ह स क क ल स ह भ रतवर ष य आर य वर त क र प म एक एकल र ष ट र रह ह . ह ल क क ग र स धर मन रप क ष, म सल म न क व श ष ध क र द त रह , ज नक द शभक त पर हम श स द ह क य ज न च ह ए, क य क उनक द श प क स त न ह . फर ज इत ह स क बकव स. क य आर य भ मध य य र प य उत तर ध र व क कर ब स नह आय थ , ज स क ब ल ग ग धर त लक न तर क द व र स थ प त क य ह? By व कल प. Under इत ह स. Enter y...
मैं क्यों लिखता हूँ | विकल्प
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स म ज क स स क त क च तन और स व द क म च. ख द क क छ सनक और तकल फद ह अहस स स बच न क ल ए. ज ख़य ल त और इलह म म र द म ग म उमड़त -घ मड़त ह उनक तरत ब द न क क श श म त क उनक ब हतर ढ ग स समझ ज य. क ई ऐस ब त कहन क ल ए ज कहन ल यक ह . लफ़ ज़ क स व क स भ द सर च ज क सह र ल य बग र क ई ऐस च ज बन न क ल ए ज ख बस रत और ट क ऊ ह . क य क इसम मज आत ह . क य क स र फ यह क म ह ज स म कम ब श ब हतर तर क स करन ज नत ह . क य क य म झ क स न क ब ल -बय न ग न ह स आज द कर द त ह . By व कल प. मई 8, 2016 at 10:11 प र व ह न. Under प रगत श ल स ह त य.
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): October 2012
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Sunday, October 28, 2012. नींद में डूबी हुई कमजोरियाँ. नींद में. डूबी हुई कमज़ोरियाँ. अचानक सातवें स्वर में. जब फूटती हैं. और घर की रोशनी का आँचल पकड़ कर. ज़र्द चेहरे. भूख की दुर्गध लेकर डोलते हैं-. हम समझते हैं-. यही है भोर की बेला! बन-पाखियों के स्वर,. प्रभाती लोरियाँ. सारंग की भीनी पखावज,. गुलाबों सी महकती सुबह. फिर किस दिशा से झांकती है? खीज का सूरज. जब तमतमाता है,. गीले कोलतार की सड़क पर. लेखनी को. हम समझते हैं-. धूप को. बहु...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): September 2012
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Tuesday, September 25, 2012. दबेगी कब तलक आवाज़ -ए -आदम. दबेगी कब तलक आवाज़ -ए -आदम , हम भी देखेंगे. रुकेंगे कब तलक जज़्बात -ए -बरहम , हम भी देखेंगे. चलो यूं ही सही ये जौर -ए -पैहम , हम भी देखेंगे. दर -ए -ज़िन्दान से देखें या उरूज -ए -दार से देखें. तुम्हें रुसवा सर -ए -बाज़ार -ए -आलम हम भी देखेंगे. ज़रा दम लो माल -ए -शौकत -ए -जम हम भी देखेंगे. करोगे कब तलक नावक फ़राहम हम भी देखेंगे. विक्रम प्रताप. Labels: जनता के गीत. कमला भसीन. प्रगत&...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): February 2013
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Monday, February 18, 2013. संतोष करो, संतोष करो ।'. खाने की टेबल पर जिनके. पकवानों की रेलमपेल. वे पाठ पढ़ाते हैं हमको. संतोष करो, संतोष करो ।'. उनके धंधों की ख़ातिर. हम पेट काट कर टैक्स भरें. और नसीहत सुनते जाएँ. त्याग करो, भई, त्याग करो ।'. मोटी-मोटी तोन्दों को जो. ठूँस-ठूँस कर भरे हुए. हम भूखों को सीख सिखाते. सपने देखो, धीर धरो ।'. बेड़ा ग़र्क देश का करके. हमको शिक्षा देते हैं. तेरे बस की बात नहीं. उस आदमी की आवाज. मेरे ग...वे ...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): विषय सूची (Content)
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). विषय सूची (Content). एशिया जाग उठा" से. 1857 : सामान की तलाश. अकाल और उसके बाद. अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ. अपने लिए जिए तो क्या जिए. अब किसी को भी नज़र आती नहीं कोई दरार. अभी वही है निज़ामें-कोहना. अरे अब ऐसी कविता लिखो. आ कि वाबस्ता हैं. आ गए यहां जवां कदम. आ रे नौजवान. आओ कि कोई ख़्वाब बुनें. आओ रानी, हम ढोयेंगे पालकी. आज़ादी कैसी? आदमी का गीत. आने वाले दिन अपने है. आप की हँसी. आये दिन बहार के. उदास न हो. गुलामी. घर मे...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): May 2013
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Wednesday, May 15, 2013. काश ऐसा हो सहमी आंखों में. काश ये बेटियां बिगड़ जाएं. इतना बिगड़ें के ये बिफर जाएं. उन पे बिफरें जो तीर-ओ-तेशा लिए. राह में बुन रहे हैं दार ओ रसन. और हर आजमाइश – ए -दार -ओ – रसन. इनको रस्ते की धूल लगने लगे. काश ऐसा हो अपने चेहरे से. अंचलों को झटक के सबसे कहें. ज़ुल्म की हद जो तुमने खेंची थी. उसको पीछे कभी का छोड़ चुके. काश चेहरे से खौफ का ये हिजाब. यक-ब-यक इस तरह पिघल जाएं. गौहर रज़ा. Subscribe to: Posts (Atom).
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): October 2013
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Thursday, October 24, 2013. ॐ शब्द ही ब्रह्म है. ॐ शब्द्, और शब्द, और शब्द, और शब्द. ॐ प्रणव, ॐ नाद, ॐ मुद्रायें. ॐ वक्तव्य, ॐ उदगार्, ॐ घोषणाएं. ॐ भाषण. ॐ प्रवचन. ॐ हुंकार, ॐ फटकार्, ॐ शीत्कार. ॐ फुसफुस, ॐ फुत्कार, ॐ चीत्कार. ॐ आस्फालन, ॐ इंगित, ॐ इशारे. ॐ नारे, और नारे, और नारे, और नारे. ॐ सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ. ॐ नमक-तेल-हल्दी-जीरा-हींग. ॐ मारण मोहन उच्चाटन. विक्रम प्रताप. Subscribe to: Posts (Atom).
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): April 2013
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Sunday, April 7, 2013. कचोटती स्वतन्त्रता. तुम बेचते हो अपनी आँखों का शऊर, अपने हांथों की दृष्टि. तुम बनाते हो लोइयाँ दुनियाभर की चीजों की. बिना एक कौर चखे. अपनी महान आजादी के साथ तुम खटते हो गैरों के साथ. जो तुम्हारी अम्मा को कलपाते हैं, उन्हें. धन्ना सेठ बनाने की आजादी के साथ. तुम स्वतन्त्र हो।. अंत:करन की स्वतंत्रता के साथ. तुम स्वतन्त्र हो।. लटकती हैं बाहें आजू-बाजू. तुम स्वतन्त्र हो।. टाट तक की ओट नहीं. चोचों. कांपत...मुख...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): August 2013
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Saturday, August 10, 2013. विदाई -देम्याँ बेदनी (रूसी कवि). यह एक रूसी कविता का भावानुवाद है जो "Soviet Russian Literature" पुस्तक से लिया गया है. अंग्रजी में इस कविता का नाम है -The Seeing-off). जब मेरी माँ ने तड़पकर. विदा किया मुझे स्टेशन पर,. मेरे सगे रोक न पाए. मेघ से घुमड़ते दिल के जज्बात को. आँसुओं की धार को. ओह, मेरे लाल, तू दिल से दूर न जा,. किस ओर जा रहा तू? रुक जा, रुक जा, रुक जा! घृणित आशावादी! पागल हो रही,. उनके स...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): April 2014
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Sunday, April 6, 2014. लेनिन की एकमात्र कविता- वह एक तूफानी साल. लेनिन की कविता के बारे में. अरुण मित्र. शारदीय स्वाधीनता, 1947. वह एक तूफानी साल. वह एक तूफानी साल।. आँधी ने सारे देश को अपनी चपेट में ले लिया। बादल बिखर गए. तूफान टूट पड़ा हम लोगों पर, उसके बाद ओले और वज्रपात. जख्म मुँह बाए रहा खेत और गाँव में. चोट दर चोट पर।. बिजली झलकने लगी, खूँखार हो उठी वह झलकन।. और आग की छटा ने रोशन कर दिया. गुस्सा और र्दद लग&...एकदम सड़ते ह...
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry): December 2016
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प्रगतिशील काव्य (Progressive Poetry). देश विदेश. विषय सूची (Content). Monday, December 5, 2016. दिन एक सितम, एक सितम रात करे हो. दिन एक सितम, एक सितम रात करे हो. वो दोस्त हो, दुश्मन को भी मात करो हो. हम खाक-नशीं, तुम सुखन-आरा-ए-सर-ए-बाम. पास आ के मिलो, दूर से क्या बात करो हो. हमको जो मिला है, वो तुम्ही से तो मिला है. हम, और, भुला दें तुम्हें, क्या बात करो हो! दामन पे कोई छींट, न खंजर पे कोई दाग. तुम कत्ल करे हो, के करामात करो हो. विक्रम प्रताप. Labels: कलीम आजिज़. Subscribe to: Posts (Atom). शमशेर ...
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VIKALP INTERNATIONAL(Choose best among Good) - About Vikalp International
VIKALP INTERNATIONAL: URBANIA TRINITY NX, THE GRID ONE AND NIRALA SPLENDORA IN NOIDA. Choose best among Good). Urbainia The Grid One. Today, the consistency in delivering high quality services has helped it to successfully provide customers with homes, commercial and residential plots. Further the genuine efforts towards providing both buyers and sellers profitable deals has also helped mus to emerge as one of the most preferred real estate companies to deal with. Create a free website.
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Communication Strategy on Adolescent Fertility. Design and development of a communication strategy for Maharashtra state to address issues related to adolescent fertility. December 19 to 22, 2016. Life Skills Facilitation Resources. Design and development of. A facilitation resource on life skills for women in the agricultural / animal husbandry sector and facilitating a training of trainers (TOT). December 12 to 15, 2016. Life Skills Facilitation Resources. Design and development of. Dec 5 to 9, 2016.
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सामाजिक सांस्कृतिक चेतना और संवाद का मंच. Sunday, November 24, 2013. मैं जनता हूँ, मैं प्रजा- कार्ल सैंडबर्ग. मैं जनता हूँ, मैं प्रजा- मैं भीड़- मैं जनसमूह. क्या आप जानते हैं कि. दुनिया की हर महान रचना. की गयी है मेरे द्वारा? मैं मजदूर हूँ, मैं इजाद करने वाला,. मैं पूरी दुनिया के लिए भोजन और वस्त्र बनाने वाला।. मैं वो दर्शक, जो इतिहास का गवाह है।. नेपोलियन हमारे बीच से आया, और लिंकन भी।. घास का एक विस्तीर्ण मैदान. और मैं भूल जाता हूँ।. और फिर भूल जाता हूँ।. 1916 में प्रकाशित ...Links to this post. अगर त&#...
विकल्प | सामाजिक सांस्कृतिक चेतना और संवाद का मंच
स म ज क स स क त क च तन और स व द क म च. ख द क क छ सनक और तकल फद ह अहस स स बच न क ल ए. ज ख़य ल त और इलह म म र द म ग म उमड़त -घ मड़त ह उनक तरत ब द न क क श श म त क उनक ब हतर ढ ग स समझ ज य. क ई ऐस ब त कहन क ल ए ज कहन ल यक ह . लफ़ ज़ क स व क स भ द सर च ज क सह र ल य बग र क ई ऐस च ज बन न क ल ए ज ख बस रत और ट क ऊ ह . क य क इसम मज आत ह . क य क स र फ यह क म ह ज स म कम ब श ब हतर तर क स करन ज नत ह . क य क य म झ क स न क ब ल -बय न ग न ह स आज द कर द त ह . मई 8, 2016 – 10:11 प र व ह न. श र ण य : प रगत श ल स ह त य. मरन स पहल व...
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एक अवसर बेहतरी का. Wednesday, April 1, 2009. वर्ष २००८ की प्रवेश परीक्षा का प्रशन पत्र. Labels: प्रश्न पत्र. Friday, March 20, 2009. मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म (M.J) एवं पी जी डिप्लोमा इन साइंस जर्नलिस्म पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रारम्भ. मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म (M.J) एवं पी जी डिप्लोमा इन साइंस जर्नलिस्म पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रारम्भ. आवेदन आमंत्रित हैं - अन्तिम तिथि ३० अप्रैल. और http:/ www.departmentofjournalism.blogspot.com/. पर भी विजिट कर सकते है।. आवेदन का प्रारूप. ३ आवेदक का नाम :. १० डिमांड. ११ a ई मेल.
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Non government organization (madhya pradesh) india. Call us : 07422 - 255021. We do a Lot to Make. All the Children of the World Happy. Vikalp Samajik Sanstha-VSS is a social charitable nongovernmental organization which dynamically involved in developmental sector through programme implementation and various filed interventions activitiesin selected region of Madhya Pradesh. It is registered organization formed under Society Registration Act.The Registration Number is (03/31/01/08419/05). The or...
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Thursday, November 15, 2007. We Can' is a South Asia Regional Campaign that aims to end all violence against women and is supported by Oxfam (India) Trust. Six countries in South Asia and thirteen states in India are active partners of this campaign. Books are mirror to the world outside and education ensures sum total development of an individual’s personality. The literacy level in Rajasthan is dismal as schools are scarce and children have to commute long distances to attend school, which wi...Vikalp ...
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