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मेरी कलम मेरे जज़्बात: तल्खियाँ ( gazal)
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मुख्य पृष्ठ. मेरा ब्लॉग परिचय. मेरी रचनाएँ. मेरी नज्में. ब्लोगर पर. गूगल प्लस पर. फेसबुक पेज. Wednesday, 3 June 2015. तल्खियाँ ( gazal). हालात अक्सर ज़ुबानों पर, तल्खियाँ रख देते हैं,. रेशमी से अहसास पर ये, चिंगारियां रख देते हैं . मुश्किल नहीं इस कदर यूँ तो, ये बयाँ जज़्बात का. ये लफ्ज़ आ बीच में क्यों, दुश्वारियाँ रख देते हैं. मासूमियत छीन कर ज़ालिम, दाँव ये ज़माने के. इक बार फिर जी लें जी भर, बचपन का वो भोलापना. सुशील कुमार जोशी. 3 June 2015 at 17:57. खुद्दारियाँ. बहुत सुंदर! 4 June 2015 at 00:41. दि...
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मेरी कहानियां: October 2013
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मेरी कहानियां. गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013. शालीनता-लघु कथा. शिखा कौशिक 'नूतन '. प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. मंगलवार, 22 अक्तूबर 2013. दिल ऐसे ही तोडा जाता है -लघु कथा. शिखा कौशिक 'नूतन. प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. शनिवार, 19 अक्तूबर 2013. उस पर ये मासूम बच्ची दोनो...पहले ही हमार...गुरु...
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मेरी कहानियां: November 2014
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मेरी कहानियां. रविवार, 30 नवंबर 2014. तो नैना हमारे बीच होती.' -कहानी. क्या है उसके पास? क्या सोचती हो तुम .अभि के लिए ये सब इतना आसान है? वो उस नए व्यक्ति को पिता मान पायेगा? इतनी बड़ी कम्पनी की सी.ई.ओ . हो कर भी तुम्हारी सोच इतनी बैकवर्ड कैसे हो सकती है पुनीता? मेरा अभि उसमे ही खुश है जिसमे मैं खुश हूँ .नाउ लीव मी एलोन फॉरेवर! शिखा कौशिक 'नूतन'. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. 1 टिप्पणी:. PUBLISHED IN JANVANI...
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मेरी कलम मेरे जज़्बात: July 2014
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मुख्य पृष्ठ. मेरा ब्लॉग परिचय. मेरी रचनाएँ. मेरी नज्में. ब्लोगर पर. गूगल प्लस पर. फेसबुक पेज. Sunday, 20 July 2014. चाहे न दो प्रत्युत्तर तुम,. चाहे न दो प्रत्युत्तर तुम,. मन में मेरे संतोष यही,. विनती अपने आकुल हिय की,. तुम तक मैंने पहुँचाई सही. कुछ पीड़ा कुछ संताप लिखे,. कुछ प्रीत भरे उदगार लिखे. हर अक्षर में जिसके मैं थी,. पाती तुम तक पहुँचाई वही. संदेश नहीं, न संकेत कोई ,. न आस मिलन की लेश कोई ,. सुन एक पुकार आओगे तुम,. मन में प्रतिपल विशवास यही. न, विरहन न कहना मुझको ,. मानव प्रभु स...सजा स...
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! कौशल !: December 2014
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मन चाहे खुश हो या दुखी कुछ कहता ज़रूर है.दुःख बाँटने से कम होता है और सुख बाँटने से बढ़ता है तो क्यों ना मन की बात आपसे बांटू . मुखपृष्ठ. समाचार पत्रों में ' कौशल '. मंगलवार, 30 दिसंबर 2014. यही कामना हों प्रफुल्लित आओ मनाएं हर क्षण को HAPPY NEW YEAR -2015. अमरावती सी अर्णवनेमी पुलकित करती है मन मन को ,. अरुणाभ रवि उदित हुए हैं खड़े सभी हैं हम वंदन को . अलबेली ये शीत लहर है संग तुहिन को लेकर आये ,. मिलजुल कर जब किया अलाव गर्मी आई अर्दली बन ,. शालिनी कौशिक. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. कायरता ह&#...झुल...
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! कौशल !: July 2015
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मन चाहे खुश हो या दुखी कुछ कहता ज़रूर है.दुःख बाँटने से कम होता है और सुख बाँटने से बढ़ता है तो क्यों ना मन की बात आपसे बांटू . मुखपृष्ठ. समाचार पत्रों में ' कौशल '. बुधवार, 29 जुलाई 2015. जितनी देखी दुनिया सबकी दुल्हन देखी ताले में'. कविवर गोपाल दास ' नीरज. ने कहा है -. जितनी देखी दुनिया सबकी दुल्हन देखी ताले में. कोई कैद पड़ा मस्जिद में ,कोई बंद शिवाले में ,. किसको अपना हाथ थमा दूं किसको अपना मन दे दूँ ,. ताते ये चाकी भली ,पीस खाए संसार .'. कहीं भजन बजता है -. शालिनी कौशिक. यह तभी संभव ह...कोई...
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मेरी कहानियां: May 2015
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मेरी कहानियां. शनिवार, 2 मई 2015. जीवन-यात्रा. जीवन-यात्रा. शिखा कौशिक 'नूतन'. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: hindi short-story. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). नेशनल दुनिया में प्रकाशित. कॉपी न करें .पूछकर लें DO NOT COPY. PUBLISHED IN RAVIVANI [JANVANI] 27APRIL2014. हम हिंदी चिट्ठाकार हैं. Promote Your Page Too. WORLD's WOMAN BLOGGERS ASSOCIATION. Neta ji kya kahte hain?
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! कौशल !: February 2015
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मन चाहे खुश हो या दुखी कुछ कहता ज़रूर है.दुःख बाँटने से कम होता है और सुख बाँटने से बढ़ता है तो क्यों ना मन की बात आपसे बांटू . मुखपृष्ठ. समाचार पत्रों में ' कौशल '. शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015. अकेलापन पुरुष का :ज्यादा घातक. शालिनी कौशिक. प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: अकेलापन पुरुष का :ज्यादा घातक. प्रतिक्रियाएँ:. गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015. शालिनी कौशिक. लेबल: my poem. आखिर कब...
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मेरी कहानियां: December 2013
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मेरी कहानियां. बुधवार, 25 दिसंबर 2013. व्यास-गद्दी -लघु कथा. शिखा कौशिक 'नूतन'. प्रस्तुतकर्ता. 4 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सोमवार, 23 दिसंबर 2013. पुरुषीय -नैतिकता :कहानी. हत्यारे को फांसी दो .फांसी दो .फांसी दो ! पर विलास ने धीरे से उत्तर देना शुरू किया -' सर! का नारा बुलंद कर रही थी .सभी आंदोलनकारी पुरुष अब नदारद थे . शिखा कौशिक 'नूतन'. प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. मित्तल बाबू...पूरे...
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मेरी कहानियां: January 2015
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मेरी कहानियां. शनिवार, 31 जनवरी 2015. तो नैना हमारे साथ होती ! Published in ravivani [janwani sunday magazine] on 1 feb 2015]. क्या है उसके पास? क्या सोचती हो तुम .अभि के लिए ये सब इतना आसान है? वो उस नए व्यक्ति को पिता मान पायेगा? इतनी बड़ी कम्पनी की सी.ई.ओ . हो कर भी तुम्हारी सोच इतनी बैकवर्ड कैसे हो सकती है पुनीता? मेरा अभि उसमे ही खुश है जिसमे मैं खुश हूँ .नाउ लीव मी एलोन फॉरेवर! शिखा कौशिक 'नूतन'. प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! सोमवार, 19 जनवरी 2015. तभी उसमí...
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