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धूप लिफाफे में...: May 2008
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Friday, May 30, 2008. शून्य सृष्टि के माथे पर. हम इन्द्रजाल से डरते हैं,. हम इन्द्रलोक पे मरते हैं।. मरना डरना, डर ना मर ना-. डर-डर, मर-मर कर जीते हैं।. हम पत्थर के सामान नहीं,. हम महलों के दीवान नहीं,. माया की छाया ढो-ढोकर. इन्द्रासन पर पग धरते हैं।. हम इन्द्रदेव की वरुणा हैं,. बादल जल वाली करुणा हैं,. इन्द्रिय-सुख को हम लुटा लूट. तरुणाई लिए विचरते हैं।. सागर-तल के हम दावानल,. बन चन्दन-गंध पसरते हैं।. वरना थोथी ज...सोनचì...
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धूप लिफाफे में...: June 2008
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Saturday, June 28, 2008. डीडी न्यूज पर विमोचन की रिपोर्ट. Posted by विवेक सत्य मित्रम्. Tuesday, June 24, 2008. धूप लिफाफे में' का विमोचन संपन्न. मित्रम्. कुमार शैलेन्द्र. Friday, June 20, 2008. स्मृति शेषः स्वर्गीय कुबेरनाथ राय. कहां है वीथिका जमदग्नि की. शत अश्वमेधों की यही धरती. जहां से चक्रमण करती हुई. गंगा पुनः उत्तर को चलती है. मगर थोड़ी-सी सांस लेती है. जहां 'धनुर्वेद का मर्मज्ञ'. फरसा हाथ लेकर. इतना भर रहा है. पी रहा...
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धूप लिफाफे में...: 'कमसारनामा' का लोकार्पण
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Thursday, January 8, 2009. कमसारनामा' का लोकार्पण. की भूमिका अहम सिद्ध होगी, जिसके लिए लेखक सुहैल खां. बेशक बधाई के पात्र हैं।. कुमार शैलेन्द्र. Labels: कमसारनामा. लोकार्पण. January 8, 2009 at 4:23 PM. Subscribe to: Post Comments (Atom). कुछ अपनी भी. धूप लिफाफे में' का विमोचन. नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश को जमानियां की खुली. मजाक नहीं है, आतंकवाद का खात्मा! कमसारनामा का लोकार्पण. ऑफ द रिकॉर्ड. View in your script:.
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धूप लिफाफे में...: March 2009
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Sunday, March 29, 2009. आडवाणी की चुनौती. कुमार शैलेन्द्र. Subscribe to: Posts (Atom). कुछ अपनी भी. धूप लिफाफे में' का विमोचन. आडवाणी की चुनौती. जमाने से आगे जमानियां. ऑफ द रिकॉर्ड. View in your script:. ગુજરાતી. ਗੁਰਮੁਖੀ. हिन्दी. తెలుగు. FEEDJIT Live Traffic Feed. Read in your own language.
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धूप लिफाफे में...: January 2009
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Thursday, January 8, 2009. कमसारनामा' का लोकार्पण. की भूमिका अहम सिद्ध होगी, जिसके लिए लेखक सुहैल खां. बेशक बधाई के पात्र हैं।. कुमार शैलेन्द्र. Labels: कमसारनामा. लोकार्पण. Wednesday, January 7, 2009. क्योंकि सज्जाद मीर दीपक चौरसिया नहीं हैं.उर्फ बेनकाब पाक मीडिया! कुमार शैलेन्द्र. Monday, January 5, 2009. मजाक नहीं है, आतंकवाद का खात्मा! 8220;आइने से मुकर गए साहब,. बात क्या थी कि डर गए साहब।. जी कत्तई नहीं! Saturday, January 3, 2009.
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धूप लिफाफे में...: नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश को जमानियां की खुली चिठ्ठी
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Saturday, January 3, 2009. नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश को जमानियां की खुली चिठ्ठी. सेवा में,. नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश. विषय - तिलक पुस्तकालय पर नगरपालिका का कब्जा. कुमार शैलेन्द्र. भगवान परशुराम जयंती महोत्सव परिषद, ज़मानियां. कुमार शैलेन्द्र. Subscribe to: Post Comments (Atom). कुछ अपनी भी. धूप लिफाफे में' का विमोचन. मजाक नहीं है, आतंकवाद का खात्मा! कमसारनामा का लोकार्पण. ऑफ द रिकॉर्ड. View in your script:.
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धूप लिफाफे में...: आडवाणी की चुनौती
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Sunday, March 29, 2009. आडवाणी की चुनौती. कुमार शैलेन्द्र. Subscribe to: Post Comments (Atom). कुछ अपनी भी. धूप लिफाफे में' का विमोचन. आडवाणी की चुनौती. जमाने से आगे जमानियां. ऑफ द रिकॉर्ड. View in your script:. ગુજરાતી. ਗੁਰਮੁਖੀ. हिन्दी. తెలుగు. FEEDJIT Live Traffic Feed. Read in your own language.
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धूप लिफाफे में...: गंगा माई के किरिया
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Tuesday, November 5, 2013. गंगा माई के किरिया. गंगा मइया के चुनरी पियरी चढ़वाइला. हम गंगा माई के किरिया रोजे खाइला. पुन्य भरल माटी के गगरी जब छलकाइला।. हिम के अंचरा दूध भरल, जलधार हऊ गंगा. धरती के माटी खातिर आधार हऊ गंगा,. अमिरित के सागर लहरेला तोहरा गोदी में-. तोहरे कूल कछारन में बिख बरसाइला ।. हरीद्वार में तोहके झंकली लगली भलमानुष,. जात-जात हुगली तक भइली निपटे बनमानुष,. कुमार शैलेंद्र. बहुत खूब . November 17, 2013 at 12:57 PM. जम...
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धूप लिफाफे में...: मजाक नहीं है, आतंकवाद का खात्मा !
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Monday, January 5, 2009. मजाक नहीं है, आतंकवाद का खात्मा! 8220;आइने से मुकर गए साहब,. बात क्या थी कि डर गए साहब।. आप अब भी हमारे सर पर हैं,. सिर्फ नजरों से उतर गए साहब।। ”. जी कत्तई नहीं! कुमार शैलेन्द्र. सही कहा आपने-मजाक नहीं है, आतंकवाद का खात्मा. January 6, 2009 at 6:11 AM. ये पंक्तियाँ सही में लाजवाब हैं. आपका लेख भी काफ़ी अच्छा है. January 6, 2009 at 9:38 AM. Subscribe to: Post Comments (Atom). कुछ अपनी भी. View in your script:.
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धूप लिफाफे में...: क्योंकि सज्जाद मीर दीपक चौरसिया नहीं हैं...उर्फ बेनकाब पाक मीडिया !
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धूप लिफाफे में. लिखने को क्या नहीं लिखा है.स्वर व्यंजन की भाषाओं में. Wednesday, January 7, 2009. क्योंकि सज्जाद मीर दीपक चौरसिया नहीं हैं.उर्फ बेनकाब पाक मीडिया! कुमार शैलेन्द्र. Ummed Singh Baid "Saadhak ". किससे क्या चाहते शैलेन्द्रजी, आप बङे ही वो हैं. मक्कारी-दुष्टता-झूठ, ये पाकिस्तानी वो हैं. पाकिस्तानी वो हैं, जिनका पन्थ सिखाता हिंसा. पिटता हिन्दुस्थान,पकङ के बैठा वही अहिंसा. कह साधक कविराय, बात अब होगी किससे? January 8, 2009 at 11:23 AM. January 8, 2009 at 7:46 PM. कुछ अपनी भी.