mastram-zee.blogspot.com
मस्तराम का दर्शन और साहित्य: जिन्दगी का सच कोई नहीं जानता-हिंदी शायरी
http://mastram-zee.blogspot.com/2008/04/blog-post_05.html
मस्तराम का दर्शन और साहित्य. मस्तराम "आवारा" कभी कभी कविता और कहानी लिखने की भी मूर्खता करता है,. Saturday 5 April 2008. जिन्दगी का सच कोई नहीं जानता-हिंदी शायरी. कुछ सवालों के जवाब नहीं होते. कुछ सवाल ही अपने आप में जवाब होते. लाजवाब हैं वह लोग जो. सवालों के जाल से दूर होते. किसी के सवाल को दो जवाब. कुछ का कुछ समझ जाये. तो फिर बवाल मच जाये. न दो जवाब तो भी मुसीबत. ऐसे में बेहतर हैं न किसी की सुने. न किसी को कुछ बताएं. जिन्दगी के कई सवाल ऐसे हैं. वह कभी नहीं होते. व्यंग्य. साहित्य. उसे जल्द&#...हमने...
zeedipak.wordpress.com
#दर्द के #व्यापारी-#हिन्दीकवितायें | *** दीपक भारतदीप की हिंदी सरिता-पत्रिका*** mastram Deepak Bharatdeep ki hindi patrika***
https://zeedipak.wordpress.com/2015/08/15/dard-ke-vyapari-hindipoem
द पक भ रतद प क ह द सर त -पत र क * * mastram Deepak Bharatdeep ki hindi patrika* *. ल खक स प दक- द पक भ रतद प, ग व ल यर. दर द क #व य प र -#ह न द कव त य. अनज न म भटक. स झ सकत ह. ज नकर चल तब ह क र स त. उस समझ त ह ए अपन अक ल क. च र ग ब झ सकत ह. कह द पक ब प शहर बड़ ह. ह दस क डर स सहम ज त. एक वहम स बचत. अ ग र ज म भटक इस तरह. उनक ख श करन क ल य. च ह जब ब झ सकत ह. 8212;—————. कभ अपन च हर पर भ. जख म कर ल त ह. तब भर ब ज़ र रक त. बह न क रस म भ कर ल त ह. कह द पक ब प ख श स. ज न नह स ख ज़म न. झगड़ क ढ ढत बह न. वह अमन क घर भ.
mastram-zee.blogspot.com
मस्तराम का दर्शन और साहित्य: देखने का होता है अपना-अपना नजरिया-हिंदी शायरी
http://mastram-zee.blogspot.com/2008/04/blog-post_13.html
मस्तराम का दर्शन और साहित्य. मस्तराम "आवारा" कभी कभी कविता और कहानी लिखने की भी मूर्खता करता है,. Sunday 13 April 2008. देखने का होता है अपना-अपना नजरिया-हिंदी शायरी. देखने का होता है. नजरिया अपना-अपना. किसी के लिये कोई चीज हकीकत है. किसी के लिये होती है सपना. कोई कार पर कार बदलता है. कोई पैदल ही चलता. उसके लिए अपनी कार होती है सपना. कोई रहता है ऊंची इमारतों और. चमकदार महलों में. तो कोई ईंट और पत्थर ढोकर. उनका निर्माण कर मजदूर. और अपनी देह पर भी होता बस. अपने दिल का सच बताकर वह. व्यंग्य. अपनी ध...
aajtalak.wordpress.com
दीपक भारतदीप | दीपक भारतदीप की धर्म सन्देश-पत्रिका
https://aajtalak.wordpress.com/author/rajdpk1
द पक भ रतद प क धर म सन द श-पत र क. ल खक स प दक द पक भ रतद प,ग व ल यर (मध य प रद श). Author Archives: द पक भ रतद प. स च स र ह ई जर र ह -ह द श यर. May 8, 2016. क य क प रज स वय क. स ह क र स वय क धन. क य क गर ब स वय क. कह द पकब प स च स. आदत ह ज य. तभ क ई ज दग समझ. 8212;——-. ल खक एव कव -द पक र ज क कर ज ‘ भ रतद प,. ग व ल यर मध यप रद श. Writer and poem-Deepak Raj Kukreja “”Bharatdeep””. कव , ल खक एव स प दक-द पक ‘भ रतद प’,ग व ल यर. Poet, Editor and writer-Deepak ‘Bharatdeep’,Gwalior. पर ल ख गय ह अन य ब ल ग.
aajtalak.wordpress.com
मनस्वी पुरुष ही जीवन का आनंद उठाते हैं-गुरू पूर्णिमा पर विशेष हिन्दी लेख | दीपक भारतदीप की धर्म सन्देश-पत्रिका
https://aajtalak.wordpress.com/2014/07/12/manaswi-purush-hi-jiwan-ka-aannd-uthate-hian-special-hindi-aticle-on-guru-purnima-guru-poornima
द पक भ रतद प क धर म सन द श-पत र क. ल खक स प दक द पक भ रतद प,ग व ल यर (मध य प रद श). मनस व प र ष ह ज वन क आन द उठ त ह -ग र प र ण म पर व श ष ह न द ल ख. July 12, 2014. भर त हर न त शतक म कह गय ह क. 8212;——————–. क वच त प थ व शय य क वच दप च पर वङ कशयन क वच छ क ह र क वच दप च श ल य दनर च. क वच त कन ध ध र क वच दप च द व य भवरधर मनस व क र य र थ न गपयत द ख न च स खम. द पक र ज क कर ज ‘ भ रतद प’. ग व ल यर मध यप रद श. Deepak Raj Kukreja “Bharatdeep”. कलक, ल खक और स प दक-द पक र ज क कर ज ‘भ रतद प’,ग व ल यर. 2शब दल ख स रथ.
mastram-zee.blogspot.com
मस्तराम का दर्शन और साहित्य: July 2008
http://mastram-zee.blogspot.com/2008_07_01_archive.html
मस्तराम का दर्शन और साहित्य. मस्तराम "आवारा" कभी कभी कविता और कहानी लिखने की भी मूर्खता करता है,. Saturday 5 July 2008. ऐसे में कहां जायेंगे यार-हिंदी शायरी. कहीं जाति तो कहीं धर्म के झगड़े. कहीं भाषा तो कहीं क्षेत्र पर होते लफड़े. अपने हृदय में इच्छाओं और कल्पनाओं का. बोझ उठाये ढोता आदमी ने. उड़ने से पहले ही अपने पर खुद ही कतरे. शहर हो गये हैं जैसे युद्ध के मैदान. किले बन गये हैं रहने के मकान. पत्थर फिर बने लगे हैं हथियार. कौन करेगा किससे प्यार. गूंजता स्वर है. पर फिर भी जमीन पर. Links to this post.
tullujee.blogspot.com
Athari, Sitamarhi, Bihar: December 2009
http://tullujee.blogspot.com/2009_12_01_archive.html
Athari, Sitamarhi, Bihar. Athari is a village. 21 दिसंबर 2009. मोनिका सीतामढ़ी. Ish side ko dekhen. Http:/ shayarichawla.blogspot.com/. Http:/ ab8oct.blogspot.com/. Http:/ krishanlal.blogspot.com/. Http:/ jasvir-ekla.blogspot.com/. Http:/ rajey.blogspot.com/. Http:/ aryamon.blogspot.com/. Http:/ kaduvasach.blogspot.com/. Http:/ dil-e-alfaaz.blogspot.com/. Http:/ aamnesamne.blogspot.com/. Http:/ preranasandesh.blogspot.com/. Http:/ ggkatanabana.blogspot.com/. Http:/ sanshyatma.blogspot.com/.
rajdpk1.wordpress.com
दीपक भारतदीप | ** दीपक भारतदीप की अमृत संदेश-पत्रिका** Mastram Deepak Bharatdeep's Hindi amrit sandesh patrika
https://rajdpk1.wordpress.com/author/rajdpk1
द पक भ रतद प क अम त स द श-पत र क * Mastram Deepak Bharatdeep's Hindi amrit sandesh patrika. क षण क ए और श यर. छ ड आए वह गल य. म र पर चय. Author: द पक भ रतद प. व ज ञ पन क मज -ह द श यर. र पहल पर द पर. इधर न यक उधर खलन यक. खड़ कर द य. च द पल क न टक. शब द क ज ल ब नकर. बड़ कर द य. कह द पकब प प रच र पर. चल रह स स र. व ज ञ पन क मज न. बढ़ द मन क भ ख. र ट क कड़ कर द य. 8212;———. ल खक एव कव -द पक र ज क कर ज ‘ भ रतद प,. ग व ल यर मध यप रद श. Writer and poem-Deepak Raj Kukreja “”Bharatdeep””. पर ल ख गय ह अन य ब ल ग.
SOCIAL ENGAGEMENT