apnadaur.blogspot.com
अपना दौर: August 2012
http://apnadaur.blogspot.com/2012_08_01_archive.html
अपना दौर. विभिन्न सामाजिक अनुभवों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास. बुधवार, 22 अगस्त 2012. श्रीकृष्ण : पूर्ण पटाक्षेप / बलराम अग्रवाल. श्रीमती कमला देवी. दस मिनट पहले की बात है। राजेन्द्र जैन जी मिल गये थे. श्रीकृष्ण. जी के दामाद हैं वे। पहले आँखों ही आँखों में अभिवादन किया, फिर स्कूटर रोककर बोले. 8212;“ वो भी गईं।. 8220; 15 अगस्त को…सुबह साढ़े दस बजे।. 8220; सूरज. अस्त हो गया…. हिन्दी के भद्र(? समझे जाने वाले एक लेखक के. 8221; दु:खित स्वर में मैंने. आगे कहा।. इसके बाद कुछ पल हम चुप खड़...8217; से उनक...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: September 2014
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2014_09_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 12 सितंबर 2014. क्या लघुकथा अपना सर्वोत्तम समय देख चुकी- उमेश महादोषी. चित्र:बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. नयी पीढ़ी के लघुकथाकार अलग-अलग कुछ अच्छी लघुकथाएं. देते रहे हैं। परन्तु अपने समग्र लघुकथा लेखन से उस तरह प्रभावित कर पाने. में सफल नहीं दिखते. जैसा उन्हें होना चाहिए या फिर जैसा आठवें दशक में. बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. जुड़े हैं. बलराम अग्रवाल. उमेश महादोषी:. होने चाहिए. बलराम अग्रवाल. बाद की...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: February 2014
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2014_02_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. सोमवार, 3 फ़रवरी 2014. रूप देवगुण से प्रश्न-बातचीत. प्रो॰ रूप देवगुण के सवालों के जवाब बलराम अग्रवाल द्वारा. चित्र:बलराम अग्रवाल. हिन्दी लघुकथा के वरिष्ठ हस्ताक्षर प्रो॰ रूप देवगुण का एक प्रश्न-पत्रक कल प्राप्त हुआ है. लेकिन बात क्योंकि. लघुकथा के पूर्ण रूप से मूल्यांकन. के मेरी ओर से उत्तर. निम्नवत हैं. 2416; आपकी प्रथम लघुकथा कब और किस समाचार-पत्र. मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ. 8217; (1997;. 8217;(2010), ‘. 2416; आपकी...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: July 2013
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2013_07_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. गुरुवार, 18 जुलाई 2013. समकालीन लघुकथा : वर्तमान परिदृश्य / बलराम अग्रवाल. चित्र:बलराम अग्रवाल. ऐतिहासिक. हिंदी में समकालीन रचना-विधा के रूप में. इ सका अस्तित्व. गत सदी के सातवें दशक के उत्तरार्द्ध अथवा आठवें दशक के प्रारम्भ से ही माना जाता है।. विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक दबावों. का है। यह दो मान्यताओं के टकराव का भी दौर था. इसलिए समकालीन लघुकथा का रवैया और. इ सके मुख्य सरोकार. दबावों. पात्रों. कथा-रचना व कथ&#...उनके...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: January 2013
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2013_01_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 25 जनवरी 2013. समकालीन लघुकथा और मनोविज्ञान-1/बलराम अग्रवाल. चित्र:बलराम अग्रवाल. हानी के उद्भव पर विचार व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध आलोचक डॉ॰. नामवर सिंह ने किसी कार्यक्रम में कहा था कि. 8211;‘ साहित्य के रूप केवल रूप नहीं हैं बल्कि जीवन को समझने के भिन्न. 8211; भिन्न माध्यम हैं। एक माध्यम जब चुकता दिखाई पड़ता है. तो दूसरे. 8211; यात्रा में सत्य. 8211; समय पर नए. 8211; सौंदर्य. 8211; मूल्य भी इस...8211; बक्...
apnadaur.blogspot.com
अपना दौर: August 2011
http://apnadaur.blogspot.com/2011_08_01_archive.html
अपना दौर. विभिन्न सामाजिक अनुभवों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास. शनिवार, 27 अगस्त 2011. कहाँ गये वो लोग? बलराम अग्रवाल. दोस्तो,. सबसे पहले तो भाई अनिल जनविजय का आभार कि उन्होंने मुझे फैज़ अहमद फैज़ की आंदोलनकारी नज्म. हम देखेंगे. वृद्धाएँ ही नहीं नवजातों को लेकर युवा माँएँ भी आंदोलन में कूद पड़ीं चित्र:बलराम अग्रवाल. इस जज्बे की अनदेखी करना किसी के लिए सम्भव नहीं चित्र:बलराम अग्रवाल. दोस्तो,. तथा यह कि. ज्यादा से ज्यादा एक करोड़! धृतराष्ट्रों. द्वारा आयोजित. मैंने कहा,. इस समय पाखी के कì...मैं...देश...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: September 2012
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2012_09_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शुक्रवार, 28 सितंबर 2012. समकालीन लघुकथा:सामान्य अनुशासन-1/बलराम अग्रवाल. दो अंकों में समाप्य लेख की पहली किस्त. चित्र :. बलराम अग्रवाल. 8216; लघुकथा. शब्द बोलते ही जो पहली प्रतिक्रिया लोगों से आम तौर पर सुनने को मिल जाती है, वह. लगभग यह होती है कि. 8216; लघुकथा-लेखक. 8216; हालात. 8217; में नरेन्द्र कोहली के लेख. 8216; विधा के जोखिम. 8216; बीसवीं सदी की लघुकथाएँ. 8216; हंस. 8216; लघुकथा. 8216; लघुकथा. 8216; हंस. 8217; ल&#...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: October 2011
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2011_10_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. कोई पोस्ट नहीं. सभी पोस्ट दिखाएं. कोई पोस्ट नहीं. सभी पोस्ट दिखाएं. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). शिशु-स्तर से किशोर-स्तर के बालकों हेतु नौ एकांकियों और दो नृत्य-नाटिकाओं का संग्रह. प्रकाशक:भावना प्रकाशन, 109 ए, पटपड़गंज गाँव, दिल्ली-91. समकालीन लघुकथा के शास्त्रीय और. व्यवहारिक स्वरूप को. समझने के लिए एक आवश्यक आलोचना-पुस्तक. व यवह र क स वर प क. प्र॰सं॰ 2012. प्रकाशक : ग्रंथ सदन,. दिल्ली-110032,. लघुकथा...
apnadaur.blogspot.com
अपना दौर: May 2015
http://apnadaur.blogspot.com/2015_05_01_archive.html
अपना दौर. विभिन्न सामाजिक अनुभवों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास. मंगलवार, 5 मई 2015. आदिम' परम्पराओं के निर्वाह का 'सिद्ध' क्षेत्र/बलराम अग्रवाल. बेटी अपेक्षा अपने छोटे बेटे नेहिल के साथ प्रसन्न मुद्रा में) चित्र:बलराम अग्रवाल. गंगा स्नान का आनन्द ।. चित्र:बलराम अग्रवाल. छोटे ट्रकों में भरकर आने का चलन।. चित्र:बलराम अग्रवाल. बच्चे का मुंडन. चित्र : बलराम अग्रवाल. बैठे रहना पड़ता है।. लोग पैदल भी तीर्थ तक पहुँचते हैं. चित्र:बलराम अग्रवाल. चित्र:बलराम अग्रवाल. सड़क (बुलन्दशहर-अनूपशहर मा...सड़क की च&...
wwwlaghukatha-varta.blogspot.com
लघुकथा-वार्ता: June 2014
http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com/2014_06_01_archive.html
लघुकथा-वार्ता. बलराम अग्रवाल के लघुकथा सम्बन्धी आलोचना व समीक्षापरक विचारों का मंच. शनिवार, 21 जून 2014. साहित्य को दलित व स्त्री विमर्श में संकुचित कर दिया गया है- बलराम अग्रवाल. चित्र:बलराम अग्रवाल. किसी विधा के आरम्भिक और विकास काल में नियोजित लेखन को. क्या आप ठीक मानते हैं. यदि हाँ. तो उस तरह के सन्दर्भ में नियोजित लेखन. के प्रमुख चरण क्या होने चाहिए. बलराम अग्रवाल. हिन्दी. उमेश महदोषी:. के बाद. वर्षों तक समकालीन लघुकथा को एक फोकस. मानना उचित होगा. बलराम अग्रवाल. दग़ाबाजी. कहीं नही&...बाद स...