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दस्तख़त / dastakhat: दोषी को फांसी मत दो,उसे नपुंसक बनाओ और मानव अधिकारों से वंचित करो !
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दस्तख़त / dastakhat. Wednesday, 19 December 2012. दोषी को फांसी मत दो,उसे नपुंसक बनाओ और मानव अधिकारों से वंचित करो! दोषी को फांसी मत दो,उसे नपुंसक बनाओ और मानव अधिकारों से वंचित करो! रमेश यादव/dryindia@gmail.com/19. दिसंबर,2012. PETITION: delhi bus gangrape case.Demanding death penalty' / Hang The Rapists जैसे सन्देश भेजने वाले मित्रों से निम्नलिखित अनुरोध है—. जिस घटना पर दिल्ली का सिंहासन और संसद हिल रहा है.गाæ...सामाजिक/ आर्थिक/ राजनैतिक/ सा&#...आगे बताये नक्सलवाद...रमेश यादव. पर लिæ...
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दस्तख़त / dastakhat: January 2013
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दस्तख़त / dastakhat. Thursday, 31 January 2013. आज़ाद नैहर या गुलाम ससुराल? एक लड़की. स्त्री. नैहर में आज़ाद रहती है. ससुराल जाते ही गुलाम बन जाती है. नैहर से गुलाम आती है और. ससुराल पहुंचते ही. आज़ाद हो जाती है. या दोनों जगहों पर. गुलामी और आज़ादी का. पलड़ा बराबर रहता है. क्या यह मामला गाय नुमा. लड़की/स्त्री पर ही लागू होता है. या समाज के सभी तरह की स्त्रियों पर. यह एक मनोवैज्ञानिक शोध है य धारणा. या सम्पूर्ण समाज का आईना. यूरोप का या अमेरिका का. एक मुल्क का या सभी का. रमेश यादव. Links to this post.
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दस्तख़त / dastakhat
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दस्तख़त / dastakhat. Tuesday, 12 March 2013. 8216;लाश’ हैं तभी तो खास हैं. बेचारे. का मल्टी नेशनल ब्रांड बने बैठे हैं. इतना कि. बने बैठे हैं. झुके रहते हैं सदा. घुटनों के बल. इसी खूबी से तो. में जमे बैठ हैं. 8230;……………….अधूरी………. देह को बांधने का परम्परागत षड़यंत्र. में एक हाथ का. मंगल सूत्र लटकाना. एक किलो सिंदूर से भरना. में रंग-बिरंगा रस्सी नुमा धागा बांधना. छेद कर उसमें बहुरंगी तार लटकाना. में कमर बंद. पैरों. में पायल. अंगुलियों. में बिछिया. अंगूठी पहनना. स्त्री. ठेका लेता. मंगल गाता. भोजन बन&#...
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दस्तख़त / dastakhat: August 2012
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दस्तख़त / dastakhat. Thursday, 30 August 2012. टीवी चैनल का झांसा,आसाराम ने फेंका नया पासा. जीवनरक्षक मंत्र प्रभावी है तो इसका राष्ट्रीयकरण करो,. झूठ है तो आसाराम बापू को गिरफ्तार करो! रमेश यादव. 30 अगस्त,2012.नई दिल्ली।. आज शाम 8.26 बजे को न्यूज 24 पर एक खबर चल रही थी-'मंत्र ने बचाई हवा में जिंदगी','मंत्र जापकर हवा में बच गए'. इस अमूल्य ज्ञान को अपने तक सीमित क्यों रखे रहे? गौरतलब है कि गुजरात. अब सवाल उठता है कि आसाराम बापू ने जीवन रक्षक...जबकि वे खुद को अध्यात्...सरकार को आसार&#...और यदि उक...
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दस्तख़त / dastakhat: जहाँ-जहाँ ठहरे थे
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दस्तख़त / dastakhat. Sunday, 10 March 2013. जहाँ-जहाँ ठहरे थे. साहित्य में. निरंतर पाते ही जाना. पाते ही जाना. अंत में. सब कुछ हासिल कर लेना. जिंदगी की साँझ बेला में बैठकर. और सोचना. पाने के पड़ाव पर. जहाँ-जहाँ ठहरे थे. उस वक्त पर हाथ फेरना. याद करना. ऊंचाई की चढ़ाई में. पढ़ाई की अपेक्षा. शरीर का कितना निर्णायक योगदान था …. रमेश यादव. Subscribe to: Post Comments (Atom). मुख्य पृष्ठ. डैश बोर्ड. फेसबुक पर. ट्विटर पर. मेरा परिचय. रमेश यादव. View my complete profile. रमेश यादव २८ अप&...मैं मई ...मेर...
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दस्तख़त / dastakhat: इतराइए मत,मूल्यांकन कीजिए
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दस्तख़त / dastakhat. Wednesday, 6 March 2013. इतराइए मत,मूल्यांकन कीजिए. 16 दिसंबर, 2012 की पीड़िता को अमेरिकी पुरस्कार मिलने की खबर को भारतीय मीडिया छाती फुलाकर-फुलाकर प्रकाशित-प्रसारित कर रहा है. लेकिन किसी मीडिया ने अमेरिका पर ये सवाल नहीं उठाया कि -. 1 दुनिया में मानवाधिकार हनन का सर्वाधिक गुनहगार कौन है? 3 अमेरिकी-नाटो सेनाओं के अत्य. भारतीय न्यायप्रणाली में पीड़िता के दोषियों को सजì...रमेश यादव. Subscribe to: Post Comments (Atom). मुख्य पृष्ठ. डैश बोर्ड. फेसबुक पर. ट्विटर पर. मेरे फ...रमे...
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दस्तख़त / dastakhat: सील,लोढ़ा और चटनी
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दस्तख़त / dastakhat. Monday, 4 March 2013. सील,लोढ़ा और चटनी. एक साथ दस कवितायेँ. राजनीत एक ऐसा. पौधा है. साम्प्रदायिकता का लहू. भाई-भतीजावाद का. जातिवाद का धूप. क्षेत्रवाद का खाद-गोबर सींचता है. ब्रितानी हुकूमत से. मुक्ति से लगायत. यह राजनीतिक पौधा. इसी जमीं पर फल-फूल रहा है. इसकी चालक शक्ति. परिवारवाद है. लोकतंत्र. हाथी का दांत. दौर में वो. तंदूरी मुर्गी बनकर. अल्कोहल से गटकने के लिए. लोगों को आमंत्रित कर रही थी. उसी दौर में. मणिपुर की. इरोम शर्मीला. 12 सालों से अनशनरत. सोनी सोरी. सील है. ही कट गए.
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दस्तख़त / dastakhat: October 2012
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दस्तख़त / dastakhat. Saturday, 27 October 2012. बाबा की बबाई,समय से सगाई. व्यवहार में उदारवादी हैं/विचार से सामंतवादी हैं. लगता है समाजवादी हैं/मगर पक्का जातिवादी हैं. समय चाहे जैसा हो/घोषणा करते साम्यवादी हैं. नज़र से शिकारवादी हैं /ज़िगर पूंजीवादी है. मन साम्राज्यवादी है/कहते जनवादी हैं. जीवन सुखवादी है/कहते संघर्षवादी हैं. सोच भोगवादी है/कहते लोकवादी हैं. सक्रिय अवसरवादी हैं/कहते सर्वहारावादी हैं. चाल सरकारवादी है/ढाल मनुवादी है. रमेश /28/10/2012/09.53./AM. मगर असली जीवन में. रमेश यादव. चिर कर ब...
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दस्तख़त / dastakhat: September 2012
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दस्तख़त / dastakhat. Thursday, 20 September 2012. किसको दोखा दे रहो हो भाई! छोटे/मझोले किसानों को खाद तक नहीं मिल पा रहा है/धान-गेहूं को बिचौलियों के माध्यम से बेचना पड़ता है/समर्थन मूल्य तक नहीं मिल पाता. फिर कांग्रेस किस मुंह से कह रही है वाल-मार्ट/एफडीआई के आने से किसानों का उद्धार हो जायेगा/. उनका सदियों का दलिद्दर दूर हो जायेगा. मीडिया के मंच पर फेल रहा भारत बंद का कवरेज :. ममता बनर्जी के प्रेसवार्ता का लाइव प्रसारण. गणपति विसर्जन का लाइव कवरेज . भारत बंद:. एफडीआई का अंधा व&#...कोटेद...प्र...
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दस्तख़त / dastakhat: ठूंठ बनकर खड़ा हूँ
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दस्तख़त / dastakhat. Tuesday, 19 March 2013. ठूंठ बनकर खड़ा हूँ. हममें तलाशा रहे थे. प्यार का समंदर. खुद मरुस्थल बन भटकते थे. भोगवादी. भोगतंत्र के खिलाफ़. लोकवादी. लोकतंत्र के पक्ष में खड़े हों …! लोहा लाल है. अभी लड़ो. लड़ने से ही मिलेगी मुक्ति. माला जपने से नहीं…. ख़्वाब. में करवट बदले. सपने टूट गये. तुम्हारा. वहीँ एक. दिल के लिए संजीवनी है. बार-बार सुनने को. मन रहता है आतुर. करता है प्रतीक्षा. अगली बार का. 8230;भाग एक…. एक पुरुष गड़ता है. स्त्री उसके परिधि से. दूसरा खूंटा. दोनों. कर रहा है. 8216;ल...
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