jai-ho-bharat.blogspot.com
ये भारत है मेरे दोस्त ................: भारतीय सच:.....ek ankaha sandarbh
http://jai-ho-bharat.blogspot.com/2013/09/ek-ankaha-sandarbh.html
ये भारत है मेरे दोस्त . Sunday, September 1, 2013. भारतीय सच:.ek ankaha sandarbh. सच का भारतीय सच. भारतीय मानसिकता दोहरेपन की शिकार है क्योंकि यहाँ जिन बातों का व्यवहारिक. उपयोग नहीं करना होता उन्ही बातों को उपदेश या नीति वाक्यों में ढाल दिया. जाता है. पूरी सामाजिक व्यवस्था यह जानती है की झूठ बोलना पाप है. किन्तु. वह सामाजिक अनिवार्यता बन गया है. ऐसे वातावरण में सत्य के लिए स्थान शेष. नहीं रहता. भारत जिन उच्चा. पर तस्वीर इसके. ठीक विपरीत है. इन सब बातों को. भी अपनाने को. रहा है. Posted by Veena Sethi.
jai-ho-bharat.blogspot.com
ये भारत है मेरे दोस्त ................: August 2015
http://jai-ho-bharat.blogspot.com/2015_08_01_archive.html
ये भारत है मेरे दोस्त . Thursday, August 13, 2015. भारतीय चिंतन. भारतीय चिंतन. वीणा सेठी. Posted by Veena Sethi. Subscribe to: Posts (Atom). बात एक अनकही सी. Down to earth person, nature lover. Respect values of life .Proud to be An Indian. View my complete profile. कुर्सी की महिमा. हाय रे! भारतीय राजनीति. नापाकी पाक की. दो धंधे बड़े ही चंगे.भाग 1. हमारी सार्वजानिक मान्यताएँ. एक परछाई से डर गया शासन. एक परछाई से डर गया शासन. दामिनी का जिस तरह स...आम अठन्नी की ये दशा. सच का भारतीय सच ...नारी...
jai-ho-bharat.blogspot.com
ये भारत है मेरे दोस्त ................: August 2012
http://jai-ho-bharat.blogspot.com/2012_08_01_archive.html
ये भारत है मेरे दोस्त . Tuesday, August 14, 2012. आजादी के जश्न में कैसा हो भारत . कैसा चाहिए भारत. विभिन्नताओं का देश है. अनेकता में एकता. का नारा आज इसकी पहचान बन. चुका है. दुनिया की तीसरी बड़ी उभरती हुई शक्ति के रूप में अपना एक मुकाम. हासिल करता जा रहा है. ये तस्वीर का एक पहलू है पर दूसरा पहलू भी वाकई ऐसा. ही है . आज हर भारतीय के जेहन में ये सवाल है कि कैसा भारत वे चाहते हैं………? नौकरशाही से युक्त नहीं मुक्त हो भारत…. Posted by Veena Sethi. घोटालों. जातिवाद. नौकरशाही. भ्रष्टाचार. हाय रे! जालì...
jai-ho-bharat.blogspot.com
ये भारत है मेरे दोस्त ................: September 2012
http://jai-ho-bharat.blogspot.com/2012_09_01_archive.html
ये भारत है मेरे दोस्त . Wednesday, September 12, 2012. देशद्रोह की परिभाषा . कौन है देशद्रोही ? पर सबसे बड़ा सवाल अभी भी मुँह बाएँ खड़ा है . देशद्रोही कौन ? इसे थोड़ा और भी स्पष्ट करते हैं:. सबसे बड़ा देशद्रोही कौन ? असीम त्रिवेदी जैसे रचनाकार,कलाकार या फिर उनकी बरादरी के लेखक ? या फिर. हमारे देश के सम्मानीय और पूज्यनीय नेता ? जो देश का पैसा खा रहे हैं।. जो देश में मिलावटी सामान बेच रचे हैं . देश की नौकरशाही जिससे आम जनता त्रस्त है . वीणा सेठी. Posted by Veena Sethi. कांग्रेस. कार्टून. हाय रे! 160; नì...
jai-ho-bharat.blogspot.com
ये भारत है मेरे दोस्त ................: September 2013
http://jai-ho-bharat.blogspot.com/2013_09_01_archive.html
ये भारत है मेरे दोस्त . Sunday, September 1, 2013. भारतीय सच:.ek ankaha sandarbh. सच का भारतीय सच. भारतीय मानसिकता दोहरेपन की शिकार है क्योंकि यहाँ जिन बातों का व्यवहारिक. उपयोग नहीं करना होता उन्ही बातों को उपदेश या नीति वाक्यों में ढाल दिया. जाता है. पूरी सामाजिक व्यवस्था यह जानती है की झूठ बोलना पाप है. किन्तु. वह सामाजिक अनिवार्यता बन गया है. ऐसे वातावरण में सत्य के लिए स्थान शेष. नहीं रहता. भारत जिन उच्चा. पर तस्वीर इसके. ठीक विपरीत है. इन सब बातों को. भी अपनाने को. रहा है. Posted by Veena Sethi.
amodkumarsrivastava.blogspot.com
अभिव्यक्ति: April 2015
http://amodkumarsrivastava.blogspot.com/2015_04_01_archive.html
अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). गुरुवार, 9 अप्रैल 2015. याद मे. हम छोटे छोटे थे. जब माँ. कोयले की राख़ से. गोले बनाती थी. हम भी बैठे बैठे. गोले बनाते थे. ये वाला मेरा. ये वाला तेरा. मेरा गोला ज्यादा मोटा. तेरा वाला पतला गोला. धूप मे गोले. फैला दिये जाते. सूरज अपनी तपन से. हवा अपने वेग से. गोले को सूखा देते. शाम को अम्मा. उन्हे उठाती. तब भी हम लड़ते. ये तेरा वाला. ये मेरा वाला. अंगीठी मे एक एक करके. गोले जलाये जाते. ये तेरा वाला गया. ये मेरा वाला गया. आज जब माँ नहीं है. लेबल: dil se. टू -ईन -वन.
amodkumarsrivastava.blogspot.com
अभिव्यक्ति: September 2016
http://amodkumarsrivastava.blogspot.com/2016_09_01_archive.html
अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). शुक्रवार, 2 सितंबर 2016. रात की चादर ओढ़े. चुपचाप सोयी है. वो पगडण्डी जो शहर से. गाँव की ओर आती है. पगडण्डी पर उगी घासें. नाम हैं, भीगी हैं. जैसे सुबक कर. कोई चुप हो गया हो. बहुत रोई होगी उस. राहगीर के लिए जो लौट के न आया. उसका घर छुटा. वो भीतर से टुटा. सन्नाटा है पसरा. पगडण्डी अभी भी. चुप है सुबक रही है . इंतज़ार में . प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. लेबल: दिल से. नई पोस्ट. टू -ईन -वन.
amodkumarsrivastava.blogspot.com
अभिव्यक्ति: November 2015
http://amodkumarsrivastava.blogspot.com/2015_11_01_archive.html
अभिव्यक्ति. कविता, कहानियां एवं लेख ). सोमवार, 9 नवंबर 2015. कितने बार. जाने कितने बार मुझे तुमने इस धरती पर जन्म दिया. जाने कितने बार मुझे तुमने ये स्वरुप दिया. जाने कितने बार मुझे इस नाव पर चढ़ा दिया. जाने कितने बार मुझे इस भवसागर से पार किया. जाने कितने बार मुझे इस मृत्यु ने आलंगन किया. जाने कितने बार मैंने इस मृत्यु का वरन किया. अब थक गया हूँ मैं प्रभु इस भवसागर की धार में. अब बस करो हे प्रभु इस भवसागर की जंजाल से . प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. लेबल: dil se. यादें. लेबल: dil se. आज म&...
kavitarawat.in
August 2015 - KAVITA RAWAT
http://www.kavitarawat.in/2015_08_01_archive.html
यात्रा वृतांत. View my complete profile. Archive for August 2015. कच्चे धागों में बहनों का प्यार है. कच्चे धागों में बहनों का प्यार है ।. देखो राखी का आया त्यौहार है ।. सभी को राष्ट्रव्यापी पारिवारिक पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक मंगलकामनाएं! हिन्द देश का प्यारा झंडा. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस. ध्वज गीत. हिन्द देश का प्यारा झंडा ऊँचा सदा रहेगा. तूफान और बादलों से भी नहीं झुकेगा. हिन्द देश का प्यारा . केसरिया बल भरने वाला सदा है सच्चाई. हिहिन्द देश का प्यारा . उद्यान महोत्सव. Subscribe to: Posts (Atom). हर द&#...
kavitarawat.in
September 2016 - KAVITA RAWAT
http://www.kavitarawat.in/2016_09_01_archive.html
यात्रा वृतांत. View my complete profile. Archive for September 2016. गया में श्राद्ध व पिंडदान करना सर्वोपरि क्यों माना जाता है? पिण्डदान. श्राद्ध. श्राद्धकर्म. अति से सब जगह बचना चाहिए. अति नम्रता. अति परिचय. अति सर्वत्र वर्जयेत्. लोक उक्ति में कविता. प्रत्येक अति बुराई का रूप धारण कर लेती है।. उचित की अति अनुचित हो जाती है।।. अति मीठे को कीड़ा खा जाता है।. अति स्नेह मति बिगाड़ देता है।।. अति परिचय से अवज्ञा होने लगती है।. बहुत तेज हवा से आग भड़क उठती है।।. कविता रावत. शिक्षक दिवस. लेकिन . कुछ लí...