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Coming Soon | chauraha.in Reviews
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चौराहा: April 2011
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चौराहा. मुसाफ़िर. Thursday, April 14, 2011. दूसरों की बात छोड़िए, अपनी आत्मा से तो न्याय कीजिए. विचार : समाचार4मीडिया से साभार. चण्डीदत्त शुक्ल. लेखक चौराहा.इन पोर्टल के संस्थापक संपादक और स्वाभिमान टाइम्स हिंदी दैनिक के वरिष्ठ समाचार संपादक हैं. चण्डीदत्त शुक्ल-8824696345. Thursday, April 14, 2011. प्रतिक्रियाएं. Links to this post. Labels: चण्डीदत्त शुक्ल. Monday, April 11, 2011. फिर उगते सूरज को सलाम. चण्डीदत्त शुक्ल. चीनी भाषा. आंसू पोंछते, सिसकते. पिता का दिल है. यह महज जज्बा था. Links to this post.
चौराहा: July 2013
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चौराहा. मुसाफ़िर. Saturday, July 27, 2013. करोड़पति बेस्टसेलर लेखक - अमीश त्रिपाठी से चण्डीदत्त शुक्ल की बातचीत. यह साक्षात्कार अहा! ज़िंदगी. के साहित्य महाविशेषांक. में छपा है, तब मैं अहा! का फीचर संपादक हुआ करता था :) पिछले दिनों इंटरनेट के पन्ने पलटते हुए मैंने देखा कि रचनाकार. पर यह साक्षात्कार अपलोड किया गया है। वहीं से चौराहा. ज़िंदगी का साहित्य महाविशेषांक खरीदकर पढ़ सकते हैं. चण्डीदत्त शुक्ल. रचनाकार की टिप्पणी. पर प्रसिद्ध तो हो गए हैं आप! असल प्रसिद्धि पुस्तक...खैर, बड़ी कंपन&#...बाबा...
चौराहा: March 2012
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चौराहा. मुसाफ़िर. Saturday, March 17, 2012. कुछ कविताएं आज की. चण्डीदत्त शुक्ल @ 8824696345. जागती है मेरे जन्म की हर रात. हां,. बाकी है बहुत कुछ. तुम्हारा मुझ पर. शेष हो तुम भी कहीं मुझमें,. एक जरूरी बोझ की तरह।. ज्यूं,. पनघट से घर लौटते हुए. पानी से भरी मटकी सिर दुखाती बहुत है. पर उसी तेजी के साथ. हल्का कर देती है प्यास से भरी देह।. तुम्हारी कृतज्ञताओं के कंबल में,. ठिठुरता है मेरा वर्तमान. और दहकता हुआ देखो गुलाबी अतीत।. किस कदर जगा गया है. मेरे जन्म की हर रात।. कह रहा हूं. या फिर. Links to this post.
चौराहा: April 2012
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चौराहा. मुसाफ़िर. Saturday, April 28, 2012. शुक्रिया वसंत. चण्डीदत्त शुक्ल. शुक्रिया वसंत. तुम्हारा मिलना इस बार. नहीं लाया कोई बहार।. कहीं, नहीं फूटी, कोई कुहुक. एक भी फूल नहीं खिला. कहां हंसी कोई चिड़िया. तुम, अपने न होने के बावज़ूद. साथ हुईं,. पल भर को सही।. बोलो, मृत्यु भी क्या छीन सकेगी यह सुख? जानती हो. जी गया मैं।. यूं भी,. बेहद तकलीफ देता है,. छीजते हुए, सांस समेत तिल-तिल मरना।. इससे कितना अच्छा है न,. तुम मिलीं. बहुत ज़रूरी है. मुझ पर न सही,. वह भी न हो. आखिरकार,. उपस्थित रहना. एक शाम,. मच्...
चौराहा: April 2013
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चौराहा. मुसाफ़िर. Wednesday, April 17, 2013. हर साल बस इंतज़ार. चण्डीदत्त शुक्ल. धुंधली होती गई धीरे-धीरे गुलाबी जनवरी. कोहरे की चुन्नी में बंधी रही,. जाती हुई फरवरी के चांद की हंसी. मार्च की अलगनी पर टंगी रह गई,. तुम्हारी किलकन की चिंदी-चिंदी रुमाल।. अप्रैल, मई और जून पकते हैं मेरे दिमाग में,. सड़े आम की तरह,. बस अतीत की दुर्गंध के माफिक,. पूरी जुलाई बरसती है आंख. और कब बीत जाते हैं,. अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर. कांपते हुए,. जान भी नहीं पाता।. जब तुमने हौले-से. कान में,. Wednesday, April 17, 2013. हमलí...
चौराहा: August 2011
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चौराहा. मुसाफ़िर. Wednesday, August 10, 2011. चंडीदत्त शुक्ल की कविताएँ. काश…हम होते…उंगलियां एक हाथ की! तुम होते. गर्म चाय से लबालब कप. हर लम्हा निकलती तुम्हारे अरमानों की भाप…. दिल होता मिठास से भरा. मैं होती. तुम्हारी आंख पर चढ़ा चश्मा. सोचो, वो भाप बार-बार धुंधला देती तुम्हारी नज़र. मैं होती रुमाल…. और तुम पोंछते उससे आंख…. हौले-से ठहर जाती पलक के पास कहीं. झुंझलाते तुम…. काश, होती जीभ मैं तुम्हारी. गोल होकर फूंक देती…आंख में…।. उंगलियां बनकर साथ-साथ. रहते हरदम संग,. तभी तो. गुजरे प्...नही...
चौराहा: December 2011
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चौराहा. मुसाफ़िर. Saturday, December 31, 2011. कभी तनहाइयों में ‘मुबारक’ याद आएंगी? दैनिक भास्कर. के संपादकीय पृष्ठ. पर भास्कर ब्लॉग. में प्रकाशित एक लेख. चण्डीदत्त शुक्ल. महबूब के लबों ने चूमीं अंगुलियां।. क्या आप मिलना चाहेंगे मुबारक बेगम से? एक-एक गीत की शूटिंग,. मुबारक ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं।. मुबारक ने फिल्म `फूलों के हार’,. कहते हैं, बॉलीवुड की एक बड़ी गायिका मुबारक. अधेड़ उम्र की, पर्किंसन जैसी. चण्डीदत्त शुक्ल-8824696345. Saturday, December 31, 2011. Links to this post. यादें. जिसे...पेश...
चौराहा: July 2012
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चौराहा. मुसाफ़िर. Tuesday, July 24, 2012. एक उदास कविता. एक उदास कविता. सबसे बुरा है. उस हंसी का मर जाना. जो जाग गई थी. तुम्हारी एक मुस्कान से. जमा हुआ दुख. पिघला,. आंख से आंसू बनकर,. तुमने समेट ली थी. पीड़ा की बूंद. अंगुली की पोर पर. वह सब मन का तरल गरल. व्यर्थ है अब,. जैसे लैबोरेट्री की किसी शीशी में रखा हो. थोड़ा-सा निस्तेज वीर्य, ठंडा गाढ़ा काला खून. या देह का कोई और निष्कार्य अवयव।. खिड़कियों के बाहर. कुछ दरके हुए यकीन लटके हैं. चमगादड़ों की तरह बेआवाज़. शोर करते हैं. जैसे कि. कहते हुए,. समंदर...
चौराहा: August 2012
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चौराहा. मुसाफ़िर. Thursday, August 16, 2012. मन की मौज में न भूलें आजादी के मायने. दैनिक भास्कर के संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित आलेख. चण्डीदत्त शुक्ल. Aug 15, 2012, 00:10AM IST. गांव के एक काका की याद आ रही है।. काका निर्द्वद्व, नियंत्रण के बिना,. अब मनमौजी काका तो रहे नहीं।. बचपन में जश्न-ए-आजादी. एक अदद छुट्टी, स्कूलों में लड्डू और सभागारों में कुछ और नारे. बस! तीन रोज पहले की बात है।. यह तो सिर्फ एक उदाहरण है।. चण्डीदत्त शुक्ल-8824696345. Thursday, August 16, 2012. Links to this post. डेली न...सिय...
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chaurad's blog - Chad forever ! ♥ - Skyrock.com
9644;▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬. JUST HIM, JUST ME,. 9644;▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬. Chaurad ouvre sa nouvelle version le 13 Mai 2011. Je pensais vraiment arrêter ce blog mais je n'y arrive pas! 9644;▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬. RETROUVE-MOI LA PLUPART DU TEMPS SUR CMMURRAYFRANCE.SKYROCK.COM. 9644;▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬. 24/06/2007 at 2:12 AM. 30/10/2015 at 12:41 PM. Soundtrack of My Life. Alicia Keys - Un-Thinkable (The Element Of Freedom). 9829; TOUS MES COUPS DE COEUR ♥. Subscribe to my blog! Posted on Sunday, 24 June 2007 at 3:20 AM.
Music Blog of chauradenmusique - ChauradEnMusique - Skyrock.com
Toutes mes chansons coup de coeur. Dans One Tree Hill, dans des films avec Chad Michael Murray ou d'autres chansons qui n'ont rien à voir avec tout ça! Juste ce que j'aime! O oO oO oO O. NO MUSIC, NO LIFE. 9835; Ya celle sur laquelle tu peux pas t'empecher de mêler ta voix à celle du chanteur. Parce que c'est trop beau, parce que t'es à fond dedans, parce que I'M STiLOViNioOoUuUu ,et parce que des fois tu fais abstraction des gens autour de toi et tu passes pour une conne. 9835; Ya celles qui s'empa...
ChauraDunois (Chaura) - DeviantArt
Window.devicePixelRatio*screen.width 'x' window.devicePixelRatio*screen.height) :(screen.width 'x' screen.height) ; this.removeAttribute('onclick')" class="mi". Window.devicePixelRatio*screen.width 'x' window.devicePixelRatio*screen.height) :(screen.width 'x' screen.height) ; this.removeAttribute('onclick')". Deviant for 2 Years. This deviant's full pageview. Last Visit: 1 day ago. This is the place where you can personalize your profile! By moving, adding and personalizing widgets. Why," you ask? Window...
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चोराहा
चोराहा. बात करने की बेहतर जगह. Wednesday, May 20, 2009. चलो दरवाजों को दस्तक दें . विवेक सिंह. Tuesday, May 19, 2009. चलो अच्छा ही हुआ . जब जातिवाद की राजनीती गलत नहीं है,अल्पसंख्यकों के नाम पर राजनीती गलत नहीं है तो फिर हिंदुत्व की राजनीत गलत केसे? विवेक सिंह. Monday, May 18, 2009. मोदी को गाली देने का मौका तो मिला . विवेक सिंह. Monday, May 5, 2008. ओछी राजनीती और गन्दी जुबान " " ". विवेक सिंह. Friday, May 2, 2008. विवेक सिंह. Sunday, April 13, 2008. कल की ही बात है! हम मैं सी का...हॉस्टल क&...कल भì...
Chauraha - The Crossroads of Life...
चौराहा | वो चौराहा था जहां लोग कम रिश्ते ज्यादा हुआ करते थे…
ज न 7, 2012 · 0thUTC. एक नद क मर स य. इस तरह यम न नगर म आब द यम न क र ज ड क ड कर ल न क ब द आग बढ न जर र थ . इतन भ षणब ज क ब द क ई प छ ग क इसक उप य क य ह? त क य क ई र स त नह ह? ट प पण कर. नवम बर 22, 2010 · 0ndUTC. क ग र स क एड शनल प रवक त आल क म हत और व न द अग न ह त र. अगर नह त क य द न स प दक तब यह म न ग क प रध नम त र रबर स ट प ह जब उनक बज य दस जनपथ स ह क गज पर दस तखत ह ग . य न एक प र ल कत त र क प रक र य ह जब खत म ह ज एग . ज ल ई 12, 2010 · 0thUTC. आध -अध र , अल कत त र क चर च. ट प पण कर. अत ल च रस य. क य क...
चौराहा
चौराहा. मुसाफ़िर. Saturday, July 27, 2013. करोड़पति बेस्टसेलर लेखक - अमीश त्रिपाठी से चण्डीदत्त शुक्ल की बातचीत. यह साक्षात्कार अहा! ज़िंदगी. के साहित्य महाविशेषांक. में छपा है, तब मैं अहा! का फीचर संपादक हुआ करता था :) पिछले दिनों इंटरनेट के पन्ने पलटते हुए मैंने देखा कि रचनाकार. पर यह साक्षात्कार अपलोड किया गया है। वहीं से चौराहा. ज़िंदगी का साहित्य महाविशेषांक खरीदकर पढ़ सकते हैं. चण्डीदत्त शुक्ल. रचनाकार की टिप्पणी. पर प्रसिद्ध तो हो गए हैं आप! असल प्रसिद्धि पुस्तक...खैर, बड़ी कंपन&#...बाबा...
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पहल पन न . म स न , म समझ गई, ल क न इग न र कर द य ’. 16 Oct 2017 Comments Off on `म स न , म समझ गई, ल क न इग न र कर द य ’. द न क भ स कर म प रक श त, क प र इट प र ट क ट ड. ह म म ल न क जन मद न (16 अक ट बर) पर व श ष. धर म द र प ज ब म कम ट प स करत ह ए न कल , ह म म ल न न बत य. म स न , म समझ गई, ल क न इग न र कर द य ’. ह म म ल न आज 69व जन मद न मन रह ह आज ह भ रत य स न म म उनक 50 वर ष प र ह रह ह इस म क पर एक क त ब `ब य न ड द ड र मगर ल’ ल न च क ज रह ह इसक ल खक र म कमल स चण ड दत त श क ल न ब तच त क :. आसम और भ ह .
हल्का-फुल्का...
हल्का-फुल्का. जीवन एक चुनौती है, क्यों न इसे हंस कर स्वीकार कर लें। बड़ी लंबी डगर है, क्यों न साथ तय कर लें). Thursday, 13 June 2013. याद एक ऐसी चीज हैं. याद एक ऐसी चीज हैं, जो खुद आया करती हैं! जब याद उनकी आती हैं . मुझे जब याद उनकी आती हैं. आँखों में आँसू दे जाती हैं! पर जिनकी यादो में ये आँखे रोती हैं. क्या उनको भी मेरी याद आती हैं. याद एक ऐसी चीज हैं, जो खुद आया करती हैं! रात के बाद दिन . सदैव रात के बाद दिन. और दिन के बाद रात आती हैं. उन पर आती मुझे खीज हैं! जब हम साथ थे! कुछ मेरे . याद एक ऐस&...