samkalinghazal.blogspot.com
समकालीन ग़ज़ल: समकालीन ग़ज़ल
http://samkalinghazal.blogspot.com/2009/05/blog-post.html
समकालीन ग़ज़ल. ग़ज़ल पर आधारित पत्रिका. Thursday, May 21, 2009. समकालीन ग़ज़ल. समकालीन ग़ज़ल. केन्द्रित. प्रतिनिधि. पत्रिका. जिसमें. सरोकारों. जुडी़. रचनायें. प्रकाशित. होंगी।. रचनाकारों. रचनायें. छन्दानुशासन. रखें।. सभी ग़ज़लकार मित्रों से यह आग्रह है कि वे अपनी उम्दा रचनायें ई मेल द्वारा -. पर भेज सकते हैं. रचनायें. प्रकाशित. होंगी।. संक्षिप्त. जीवन परिचय. प्रेषित. करें।. फ़ुलवारी. चुनिन्दा. विभिन्न शायरों के कुछ चुनिन्दा शेर-. १- विज्ञान. यानी एक सफ़र ज़िन्दा है।. ३- ज्ञान. ४- जयकृष्ण. लोगों. फुलवा...
samkalinghazal.blogspot.com
समकालीन ग़ज़ल: May 2009
http://samkalinghazal.blogspot.com/2009_05_01_archive.html
समकालीन ग़ज़ल. ग़ज़ल पर आधारित पत्रिका. Thursday, May 21, 2009. फुलवारी/पाँच रचनाकारों की रचनायें. फुलवारी के इस अंक में प्रस्तुत है इन ग़ज़लकारों की रचनायें-. कुरेशी की ग़ज़ल-. तिमिर की पालकी निकली अचानक।. घरों से गुल हुई बिजली अचानक।. तपस्या भंग-सी लगने लगी है,. कहाँ से आ गयी ’तितली’ अचानक।. अभी सामान तक खोला नहीं था,. यहाँ से भी हुई बदली अचानक।. समझ में आ रहा है स्वर पिता का,. विमाता कर गई चुगली अचानक।. तुम्हारी साम्प्रदायिक-सोच सुनकर,. नचनिया, बन गई तकली अचानक।. ग्वालियर. रामकुमार. की ग़ज़ल-. धन की ...