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नारदमुनि जी: 1/8/13 - 1/9/13
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नारदमुनि जी. आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास. Wednesday 28 August 2013. सुदामा होने का वर दे. कृष्णा. इतना काम कर दे. सुदामा होने का वर दे।. से बहुत ही दीन. ही भक्ति में लीन।. सुदामा. तेरे पास आए. फिर गले लगाए।. सुदामा परम सुख पाए. द्वारिकाधीश. कलयुग में मित्र धर्म निभाए।. तू इतना सा करना. खुद से दूर ना करना. प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Wednesday, August 28, 2013. इस संदेश के लिए लिंक. Tuesday 13 August 2013. आपके प्रश्न समाप्त हो जाएंगे. यहा बताना. सरसों के साग का।. सूरज के छिपने ...अब तो घर घर म&#...
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नारदमुनि जी: 1/7/13 - 1/8/13
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नारदमुनि जी. आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास. Wednesday 31 July 2013. हादसे के बाद भीड़ नहीं चिकित्सा जरूरी है. ना और ना इस बात की. था। सड़क से लेकर अस्पतालों तक खून बिखरा था। घरों में रुदन था। दीवारों को भेद देने वाला. था। शोक. पीड़ा. आने की. उम्मीद होती है। कुछ होते हैं तमाशबीन। इनमें सबसे जरूरी है मेडिकल स्टाफ। इनके अलावा. जो भी होते हैं. वे किसी ना किसी रूप में. ताकि मीडिया के कैमरों में आ सकें।. यह सब सामान्य बात हैं। लेकिन उस समय बड़...व्यवस्था ऐसी हो कि ह&...इमरजेंसी. पीड़ा...अधिकì...
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नारदमुनि जी: 1/9/13 - 1/10/13
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नारदमुनि जी. आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास. Friday 27 September 2013. कुछ भी दिलाओ, परंतु सलीका तो सिखाओ. श्रीगंगानगर. प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Friday, September 27, 2013. इस संदेश के लिए लिंक. Sunday 22 September 2013. सच छोड़ ,झूठ को अपना,आगे बढ़,ज़िंदगी बना. श्रीगंगानगर-सबका प्रिय बन। सच मत बोल। झूठ को अपना। उसी का हाथ पकड़। उसी के. साथ चल। आगे बढ़। जिसके पास साम. भेद हैं उससे डरना सीख। उनकी चरण. पता नहीं कब होगी. हे बंधु! पैसा है. के दर्शन. कर सके। लाला. लाठियों. हुए जिस कारण. इस संदे...पर्...
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नारदमुनि जी: 1/10/13 - 1/11/13
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नारदमुनि जी. आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास. Saturday 19 October 2013. कई बातें भी विदा हो रहीं है बुजुर्गों के साथ. श्रीगंगानगर-भाभी जी को पूजा की डलिया लेकर सीधी गली से आते देखा. रुक गया. पास आए तो पूछ लिया. आज इधर किधर से. आज कार्तिक शुरू हो गया ना. जाते हुए यह बोलना. मैं जा रहीं हूं. एक कार्तिक ही क्यों मां के रहते हर छोटा बड़ा त्यौहार. बुजुर्गों के साथ ही ये सब विदा हो रहा है. अच्छे. बुरे वार. बड़ी से बड़ी जेठानी. ये कैसे होगा. युवा दादा. प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Saturday, October 19, 2013. म...
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नारदमुनि जी: 1/7/14 - 1/8/14
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नारदमुनि जी. आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास. Sunday 27 July 2014. एसपी/डीएम जी! कभी आदमी बन के शहर में घूमो. प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Sunday, July 27, 2014. इस संदेश के लिए लिंक. Monday 21 July 2014. विधायक गंगानगर की,वकालत हनुमानगढ़ की,बाऊ खुश. प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Monday, July 21, 2014. इस संदेश के लिए लिंक. Saturday 19 July 2014. कैलाश पर्वत को देख श्रद्धा का झरना फूट पड़ा आंखों से. क्या देखा? क्या दिखाई दिया? प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Saturday, July 19, 2014. Subscribe to: Posts (Atom). श्र...
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नारदमुनि जी: 1/1/14 - 1/2/14
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नारदमुनि जी. आम हो या ख़ास, आपकी बात, आपके पास. Sunday 19 January 2014. रिश्ते इतने मतलबी क्यों होने लगे. कमाल का बंदा है। इतना प्रेम! इतना अपनापन! काम तो कोई भी हो सकता है,छोटा,बड़ा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष। बाकी के लिए तो हर कोई ये ही कहता है,अरे! क्या लेना है रिश्ता बना के! ये रिश्ते इस दौर में इतने मतलबी क्यों होने लगे हैं, इसका जवाब किसके पास है? कौन बताएगा कि ऐसा कैसे हो गया! उसको जरूरत क्या है इसकी! प्रस्तुतकर्ता. नारदमुनि. Sunday, January 19, 2014. Subscribe to: Posts (Atom). एक नजर इधर भी. श...
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Athari, Sitamarhi, Bihar: December 2009
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Athari, Sitamarhi, Bihar. Athari is a village. 21 दिसंबर 2009. मोनिका सीतामढ़ी. Ish side ko dekhen. Http:/ shayarichawla.blogspot.com/. Http:/ ab8oct.blogspot.com/. Http:/ krishanlal.blogspot.com/. Http:/ jasvir-ekla.blogspot.com/. Http:/ rajey.blogspot.com/. Http:/ aryamon.blogspot.com/. Http:/ kaduvasach.blogspot.com/. Http:/ dil-e-alfaaz.blogspot.com/. Http:/ aamnesamne.blogspot.com/. Http:/ preranasandesh.blogspot.com/. Http:/ ggkatanabana.blogspot.com/. Http:/ sanshyatma.blogspot.com/.
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जाते-जाते...
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जाते-जाते. कुछ लिखने को दिल करता है. Friday, August 22, 2014. तसलीमा का निर्वासन. निर्वासन तसलीमा नसरीन की आत्मकथा का सातवां हिस्सा है. लेकिन यह तीसरे हिस्से द्विखंडितो से जुड़ा हुआ है। निर्वासन शुरू ही ‘. द्विखंडित पथ’. से होता है. जिस पर लेखक का. मत निषिद्ध. न तसलीमा खंड. खंड होतीं और न ही उन्हें अपने ही देश में. तसलीमा बांग्लादेश के बाद भारत को ही अपना देश कहती. मानती आई हैं. और फिर विदेशों में भटकते हुए पल. जो लिखा उसे हटाने को मजबूर करना पल. द्विखंडितो जहां ...वहीं निर्वì...घंटे प...तो ...
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