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सारी दुनिया रंगा | गिरिराज किराड़ू की पहली किताबगिरिराज किराड़ू की पहली किताब
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गिरिराज किराड़ू की पहली किताब
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सारी दुनिया रंगा | गिरिराज किराड़ू की पहली किताब | girirajk.wordpress.com Reviews
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गिरिराज किराड़ू की पहली किताब
आवाज़ का ठिकाना | सारी दुनिया रंगा
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ग र र ज क र ड क पहल क त ब. स मग र पर ज ए. न ब ध/आल चन. म हम न/Guest Posts. द सम बर 12, 2012. ह द ल खक क आव ज उसक ल ख म ज स जगह स स न ई द त ह , वह जगह क नस ह? उसक आव ज क कह ल क ट क य ज ए? प म क आय जक क भ मज ल रह थ — म न स च जयप र म म झ भ रत य भ ष ओ क ल खक म ल ग यह त व स ह प र ण नज र आ रह ह ज द न य भर म कह भ ऐस आय जन म ऐस ह ब लत ऐ ठत म लत ह. व स भ आप क स भ रत य ल खक, इत ह सक र, सम ज व ज ञ न ब द ध ज व क ज नत ह ज स य र प और अम र क म अम र क एक सपर ट य य र प एक सपर ट म न ज त ह? कव त ज य द रहत ह. न ब ध/आल चन.
सारी दुनिया रंगा | गिरिराज किराड़ू की पहली किताब | पृष्ठ 2
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ग र र ज क र ड क पहल क त ब. स मग र पर ज ए. न ब ध/आल चन. म हम न/Guest Posts. ल टन क द ग त: प रभ त र जन क नय कव त ए. म हम न/Guest Posts. म अप र ल 26, 2011. नए प स टस →. आख र एक जगह, जह अपन सब च ज , एक स थ, रखन क ख य ल आय इस जगह क आप म र ‘क त ब’ समझ सकत ह . य भ अपन स वप न म क त ब ज स ह न च हत ह उसक सबस नजद क अगर क छ ह सकत ह त ऐस क ई जगह ह ह सकत ह . प रत ल प ब क स / Pratilipi Books. Pratilipi Books now available at flipkart.com! Do check the books out and buy. Click here. प रभ त क कव त ओ पर म र ल ख. वर डप र स...
कविताएँ | सारी दुनिया रंगा
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ग र र ज क र ड क पहल क त ब. स मग र पर ज ए. न ब ध/आल चन. म हम न/Guest Posts. 1 प एट र इ टरन शनल व ब पर कव त ए. 2 उसक शर र क एक य अन क अत त ह. 3 मनद प और अमरज त. 4 एक स न क क द र लभ न ज पत र. 5 म नव न द र बगरहट ट 1 क कल और उसक ज वन. 6 म र प रस क त कव त. 7 (प र म) कव त य. 8 अभ नय दस कथ ए. 10 श र षक. 11 प च बत त च र ह और र जम द र स न म. 14 ट ट ह ई ब खर ह ई पढ़ त ह ए. 15 उसक म हल ल म. 16 म त भ ष -म तभ ष. 17 ल ड ल न ल थग ह ल. 18 स नन क ध रज. 20 झ म बर बर झ म. 21 इस ब च) ) ) ) ( ( ( (आह स ग त. ईम ल (आवश यक).
जाँघिया देश-काल तथा अन्य देश-काल | सारी दुनिया रंगा
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ग र र ज क र ड क पहल क त ब. स मग र पर ज ए. न ब ध/आल चन. म हम न/Guest Posts. ज घ य द श-क ल तथ अन य द श-क ल. अप र ल 2, 2012. प स तक म प रक श त ह आ ह , ऐस स चन म ल ह . अजब बस यह क प र. म कव क एक ब र भ न म ल ए ब न , उसक कव त पर ल ख ह . दर शन य व यक त त व-प ज और प रदर शन य आत म-व म हन क द न म इस अजब क स त ष भ अजब नह ह , भ त? द प द र बघ ल क ल ए). इतन प स अपन. ज घ य एक द सर द श-क ल क गल प ह? ध र द र ज घ य ल ल/भगव. और ध र द र बनय न ल ल/भगव पहन. क य वह ‘रहस य’ स भ अपसरण कर रह ह? और ध र द र बनय न पहन. झ क -झ क गर दन.
मिथक, अभिभूत-दशा-मार्ग, और ‘शांता’ | सारी दुनिया रंगा
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ग र र ज क र ड क पहल क त ब. स मग र पर ज ए. न ब ध/आल चन. म हम न/Guest Posts. म थक, अभ भ त-दश -म र ग, और ‘श त ’. अक ट बर 1, 2011. न र म यण और म थक क स दर भ म चर च करत ह ए ब ध सत व क एक कव त क ब हतर न व य ख य क और म झ इस अपर धब ध स ग ज र क उनक स थ क छ अल न फल न करत रहन क ब वज द म र ध य न इस कव त क ओर पहल नह गय थ. दशरथ क एक ब ट थ श न त. जब वह प द ह ई. अय ध य म अक ल पड. ब रह वर ष तक…. धरत ध ल ह गय …! च न त त र ज क सल ह द गय क. उनक प त र श न त ह अक ल क क रण ह! र ज दशरथ न अक ल द र करन क ल ए. उसक ब द श न त. ब हतर...
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यरूशलम से समुद्र तक और वापसी – येहूदा आमीखाई | शिरीष कुमार मौर्य
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अन न द क अन ष ग. यर शलम स सम द र तक और व पस – य ह द आम ख ई. यर शलम स सम द र तक और व पस. 1 ब द यर शलम स. ब द यर शलम स ख ल सम द र क तरफ़. म न क स वस यत क ख लन क तरफ़. म गय प र न सड़क पर. र मल ल स क छ पहल. सड़क क क न र अभ तक खड़ ह. ऊ च -ऊ च अज ब-स व म नघर. व श वय द ध म आध तब ह. वह व व म न क इ जन क ज च क य करत थ. ज नक श र च प कर द त थ स र द न य क. महज उड़न भर क उड़न क ई छ प ख ज न ह गय थ तब. म र प र ज वन क ल ए! म य त र करत ह. व बच रहत ह हम श. यह बह त आस न ह –. बढ़त ह ए प ड़ और घ स स भर ण क पह ड़ ढल न. और द सर तरफ़.
कुछ सोचा कुछ बाकी है: March 2012
http://p-anilpandey.blogspot.com/2012_03_01_archive.html
कुछ सोचा कुछ बाकी है. शुक्रवार, 23 मार्च 2012. राजेन्द्र यादव की ' जहां लक्ष्मी कैद है ' पढ़ते हुए . सामने कोई बैठा हो समोसे खा रहा हो . दूसरी तरफ दूसरा कई दिनों से भूखा हो . दो कवर रोटी भी न नशीब हो पाया हो .तब आखिर वह क्या करेगा? क्या यह भाग्यवाद की कोरी कल्पना नहीं है? क्या यह वाकिया दूसरों के अधिकार का , जीवन के अधिकार हरण नहीं है? विधवा है? अजी उसने शादी ही कहाँ की है? नाम क्या है? गोविन्द से रहा न गया . लक्ष्मी? लक्ष्मी! उसके मुंह से निकल गया और जैसे . न समय और बर्बाद करो . . कोई टिप...मेर...
कुछ सोचा कुछ बाकी है: October 2008
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. शनिवार, 11 अक्तूबर 2008. अभी अभी छूटा था माँ का आँचल. दोस्तों का साथ तो मानो भूला भी ना था. चलता था मेड़ पर तो पैर डगमगाते थे. सच , चड्ढी का नाड़ा बांधना भी तो नहीं सीखा था. उठा हाथ पिता का तो मानों मैं बड़ा हो गया ॥. दिन दिन महीने महीने रेघता एक कपड़े के लिए. जूते तो स्वप्न ही हो गए थे. थे चप्पल हवाई, चमड़े के नशीब होते कभी. स्यूटर एक , सना रेह और धूल से. जरूरत पड़ी कोट की तो मानों मै बड़ा हो गया ।।. गलत रहा हो या सही , एक नीतिवादी बनकर. अच्छा तो हमें नश&#...अयोग्यता ...ना आएग...
Ah, that doppelganger… | गल्पातल
https://galpaatal.wordpress.com/2010/06/16/ah-that-doppelganger…
Stay updated via RSS. The curious case of A and D: The nature of Authorship in Vaid’s fiction. उपव स कल क र. A script waiting to explode: A hero retrieved from No Man’s Land. The cosmos of colour. Ah, that doppelganger. A short note on Killing: A few notes on A Short Film About Killing. Ah, that doppelganger. Posted: June 16, 2010 in Uncategorized. No One must avoid using this nomenclature here, as Giriraj Kiradoo requests in the beginning that we treat him as a fictional character. Who created the blog.
कुछ सोचा कुछ बाकी है: July 2010
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. रविवार, 4 जुलाई 2010. हुआ क्यों नहीं ऐसा सोचा निराला नागार्जुन ने जैसा. हरे भरे दूब, घास. हरियाली लिए तरुण वृक्ष. नीले आकाश के तले. पले बढे ये पेड़ मनचले. कैसे हो गए सुन्दर इतने. पड़ी नहीं थी. माघ, पूस की कडकडाती ठंडी ,शायद. बरसा नहीं था बादल उमड़ घुमड़. नहीं लगी जून की कडकडाती धुप क्या इनको. कि झुलस गये होते पत्ते इनके. फट गयी होती दंठालियाँ सारी. रो रही होती इनकी क्यारी. सूख कर जर्जर हो गयी होती भूमी यह. कंगाली पण में जाती ढह. कम से कम आते न वह. ये आज के. पेलते डंड. एक आश बड़&#...
कुछ सोचा कुछ बाकी है: October 2012
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. बुधवार, 10 अक्तूबर 2012. एक बार तुम फिर आओ. एक बार तुम फिर आओ. है रो रहा मानव जहां पर. है सो रहा मानव जहा पर. जो खो रहा विश्वाश अपना. उकेरकर संवेदनाये उनकी. विश्वाश नई तुम दे जाओ. एक बार तुम फिर आओ. है चमक धमक चारो दिशाए. है पस्त मनुष्य मदमस्त हवाए. है भ्रष्ट तंत्र सब भ्रष्ट सभाए. लख वेदना विपदा कृषक की. विचार प्रवाह के श्रेणियों में. इक मंच नई तुम फिर दे जाओ. एक बार तुम फिर आओ. सुबह वही है दोपहर वही. समय वही है पहर वही. यह देश वही है रूप वही. बस एक बार. नई पोस्ट. Ye mere pasand ke.
कुछ सोचा कुछ बाकी है: February 2011
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. बुधवार, 23 फ़रवरी 2011. दीप की बेबसी. आत्मा दुखी मन हंस रहा है. जीवन का कुछ अनुभव पाकर. घर घर देखा हमने जाकर. रोशनी मिलती जिससे , वह दीपक. पतंगे की फडफदाहत पर तरस रहा है. कितना सुन्दर,! उदार कितना. ह्रदय पतंगे का , मृदुल व्यवहार कितना. रहा तड़पता मुझपर , नहीं मैं दिया. हक़ इसका, जितना बनता नहं लिया. इसने , हाल मेरा जस का तस रहा. किया बखान पतंगे का सबनें , देखा नहीं. वह प्यार हमने , रूप रंग पर मेरे वह. उसको रोशनी देकर , मारा वह , उलटे. 1 टिप्पणी:. लिए अर्थ अनेक. देते ह...प्य...
कुछ सोचा कुछ बाकी है: July 2008
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. शुक्रवार, 18 जुलाई 2008. भ्रूण - हत्या मीडिया से लेकर जाति, धर्म तक को होना होगा जागरूक. अभी हाल ही के दिनों में नवांशहर. प्रस्तुतकर्ता anilpandey. 2 टिप्पणियां:. दुःख की दूतिनी. रे दुःख की दूतिनी. फ़िर तूं लौट कर. आई यहाँ. अभी अभी. बस थोड़े समय पहले. छोड़ आया था तुझको. अपनी बगल वाली गली में. पर ये क्या. फ़िर घूम कर चली आयी. तूं कितनी निर्दयी है. कितनी बेसरम है. लेस मात्र भी दया और सरम नहीं. उनके पास क्यों नहीं जाती. जिनके घर है मेवा मलाई. शायेद इसीलिए न. हम गरीब हैं. भाजपा...
कुछ सोचा कुछ बाकी है: August 2008
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. रविवार, 31 अगस्त 2008. यदि पत्ते ना होते तो ऐसा कुछ भी ना होता.ये जड़ भी काट दिए गए होते .(पत्र ). पूज्यनीय ,. माता जी सादर. चरण छू प्रणाम । कैसी हो? मैं तो खुश हूँ इसी से आपके लिए भी आशा करता हूँ की खुश ही होंगी । पर क्या आपको पता है कि. माता जी! ये नही पता ।. कर एक दूसरे के विरुद्ध द्वंद्व का संदेश दे रहे हैं , एक दूसरे के विरोध में फड फड़ा. रही है । फ़िर इन पत्तों को देखो! जो खड़ा होकर इनको एक आधार दिया है. का अपना कोई स्तित्व. आख़िर जीवन क्या है? 1 टिप्पणी:. बीत जाय...यदि...
कुछ सोचा कुछ बाकी है: November 2009
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कुछ सोचा कुछ बाकी है. शुक्रवार, 27 नवंबर 2009. कितने जगह मनाओगे शहीदी दिवस को? चौको न बस सोचो ज़रा ये क्या हो गया. संचित सदा की एकता का साख खो गया. कैसी घड़ी , समय दुखद , मानव संघार का. थी स्वाग. ताकांक्षी धरा दानव चिग्घाड़ का ॥ १॥. घटना न कभी ऐसी स्वतंत्र हिंद में हुई. रो पड़े जिसने भी उस हालत को सुनी. आँखे खुली थी जिनकी वो भी सूर हो गए. कितने लड़े, शहीद, हिंद-ऐ-नूर हो गए ॥ २॥. पर वो रहे डकारते खा खा के पूरियां. जब तक कि बात उठती गोलियां बरस गयी. प्रस्तुतकर्ता anilpandey. क्या इसे कì...तो कî...
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movie mood
Monday, October 20, 2014. Dr Prakash Baba Amte - The Real Hero (Marathi Movie). If you are looking for a seriously good movie, top class acting and value for time. If you are with your family! If you are idle, emotionally down, stressed out, frustrated or engulfed with all the negative thoughts in the world. THIS IS THE MOVIE FOR YOU . It holds you from the very first minute and "DROPS" you after approximately 2 hours. From you might also increase which might be difficult to meet in future :). If you are...
GiriRaj Jewellers
We are working on our website design. 2015 Launcher Plugin by MyThemeShop.
ほとんどの人が知らない援助交際について~援交は大きな危険性を伴う~
このように、援助交際以上に稼げる仕事はたくさんあるのですが、それ相応の知識 スキル 努力 才能を求められるのです。
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About Me...
Thursday, September 14, 2006. गिरिराज जोशी "कविराज". लेखक का जन्म राजस्थान के. 2405;शत् शत् नमन॥. पर अगस्त २००६ से प्रकाशित करना शुरू कर दिया। फिर एक दिन टहलते-टहलते. परिचर्चा. पहूँचे। वहाँ जीतु भाई के फोरम. हाइकु कविताओं का मुकाबला". हाइकु - अनुभूति के चरम क्षण की कविता". नामक एक नए चिट्ठे का आगाज़ किया। आप अब तक ५० से ज्यादा हाइकु लिख चुके हैं। आपने. कवि-अकेला". नामक एक गुगल समुह का भी निर्माण किया।. वर्तमान में लेखक एक. बहूराष्टीय कम्पनी. Posted by गिरिराज जोशी. Subscribe to: Posts (Atom).
सारी दुनिया रंगा | गिरिराज किराड़ू की पहली किताब
ग र र ज क र ड क पहल क त ब. स मग र पर ज ए. न ब ध/आल चन. म हम न/Guest Posts. ह द ल खक क आव ज उसक ल ख म ज स जगह स स न ई द त ह , वह जगह क नस ह? उसक आव ज क कह ल क ट क य ज ए? प र मच द क आव ज कई जगह स स न ई द त ह ई अ तत ग व स आत ह ई य द रहत ह र ण क म न क ई आव ज नह ; उनक कल , ज स उदयन व जप य न हम द ख य ह , अभ ल खन…. पढ न ज र रख →. न ब ध/आल चन. ज घ य द श-क ल तथ अन य द श-क ल. म हम न/Guest Posts. म थक, अभ भ त-दश -म र ग, और ‘श त ’. म हम न/Guest Posts. म ब रक उनक स ल त न अदब क. म हम न/Guest Posts. ह द कव त क छत त सगढ.
फिलहाल
Friday 1 October 2010. Akhilesh ji ko patr. प्रिय अखिलेश जी,. श्री अखिलेश जैन, प्रबंध न्यासी. ज्ञानपीठ, नई दिल्ली।. गिरिराज किशोर. गिरिराज किशोर. Sunday 12 September 2010. 13 सितंबर 10. प्रिय अखिलेश जी,. 3 यदि अभी यह तय होना शेष है तो क्या विचाराधीन अधिकारी द्वारा ऐसा पत्र लेखकों को लिखना न्याय संगत है? 4 यह निर्णय न्यासी मंडल का है या स्वयं निदेशक का अपना? 5 ये सवाल स्थिति को प्रश्नाकुल बनाती है।. गिरिराज किशोर. गिरिराज किशोर. Tuesday 7 September 2010. 5,6 सितंबर 10. Wednesday 18 August 2010. 8216;This ...
:-:-:Giriraj Maharaj Govardhan:-:-:
Wednesday, January 22, 2014. Location: Southern Asia, null. Saturday, November 2, 2013. CCTV Security Surveillance , Epbx system,. Computer Hardware and Networking. Email us: abhishek.shm09@gmail.com. Web Link: www.rayosystems.com. Sunday, October 27, 2013. Subscribe to: Posts (Atom). Speak Asia Online India. View my complete profile. Watermark template. Powered by Blogger.
Centro cultural Vrinda Giriraj Mandir
Srimati Radharani, es conocida como la mejor devota del Señor Krishna; porque Ella es quien más lo ama. Es la compañera constante del Señor Krishna en sus pasatiempos más excelsos y néctareos. Suscribirse a: Entradas (Atom). Web oficial - Misión Vrinda. Fundador Acarya de VRINDA. Aniversario de Giriraj Mandir 2011. Caminata por la vida. Dia internacional de La Tierra. Guru Maharaj en La serena. Invitación Sri Balaram Festival. La revolución en Vicuña. Partida de la Madre Sazsi Mucki dd.
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