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जिंदगी की राहें

जिंदगी की राहें! कभी लगती है, बहुत लम्बी! तो कभी दिखती है बहुत छोटी!! निर्भर करता है पथिक पर, वो कैसे इसको पार करना चाहता है.........

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जिंदगी की राहें | jindagikeerahen.blogspot.com Reviews

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जिंदगी की राहें! कभी लगती है, बहुत लम्बी! तो कभी दिखती है बहुत छोटी!! निर्भर करता है पथिक पर, वो कैसे इसको पार करना चाहता है.........

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जिंदगी की राहें: 03/11/15

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Wednesday, March 11, 2015. बीडी बनाते बच्चे. मेरे गाँव और उसके आसपास. बीडी बनाते दिख जाते हैं. ढेरों छोटे-छोटे बच्चे. उनकी छोटी-छोटी उँगलियाँ. बड़ी तेजी से. भर रही होती है. तेदु के सूखे पत्ते में. तम्बाकू! इतनी तेज तो. वो खा भी नहीं पाते रोटी. झट मोड़ कर सूखा पत्ता. भर कर सूखी तम्बाकू. बांधते हुए धागे से. सहेजते हैं, सजाते हैं. लम्बी लम्बी बीड़ियाँ! चमकती आँखों से. बताते हैं साथी को. आज बनाई कुल. कितनी सारी बीड़ियाँ! उन्हें कहाँ पता होता. इससे जलता है फेफड़ा. इस फेफड़े को जलाने. की तरकीब को. ३० नवम्बर&#1...

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जिंदगी की राहें: 07/08/15

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Wednesday, July 8, 2015. माय चॉइस. स्त्री हूँ. हाँ स्त्री ही हूँ. कोई अजूबा नहीं हूँ, समझे न! क्या हुआ, मेरी मर्जी. जब चाहूँ गिराऊं बिजलियाँ. या फिर हो जाऊं मौन. मेरी जिंदगी. मेरी अपनी, स्वयं की. जैसे मेरा खुद का तराशा हुआ. पांच भुजिय प्रिज्म. कौन सा रंग, कौन सा प्रकाश. किस प्रवर्तन और किस अपवर्तन के साथ. किस किस वेव लेंग्थ पर. कहाँ कहाँ तक छितरे. सब कुछ मेरी मर्जी! मेरा चेहरा, मेरे लहराते बाल. या लगाऊं वही सफ़ेद पाउडर. या ओढ़ लूं बुरका. मेरा जिस्म खुद का. मेरी मर्जी. मेरी मर्जी! माय चॉइस! चौथे...उज्...

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जिंदगी की राहें: 08/03/15

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Monday, August 3, 2015. मेरा और नदी का सफ़र. सफ़र के आगाज में मैं था. जैसे उद्गम से निकलती. तेज बहाव वाली नदी की कल कल जलधारा. बड़े-बड़े पत्थरों को तोडती. कंकडो में बदलती, रेत में परिवर्तित करती. बनाती खुद के के लिए रास्ता. थे जवानी के दिन. तभी तो कुछ कर दिखाने का दंभ भरते. जोश में रहते, साहस से लबरेज! सफ़र के मध्यान में हूँ. कभी चपल, कभी शांत, कभी खिलखिलता. नदी का मैदानी सफ़र हो जैसे. तेज पर संतुलित सा जलधारा. उम्मीद व ख्वाहिशों का बोलबाला. जैसे कभी बाढ़ लाती तो. जब शिथिल होगा शरीर. हे ईश्वर! Vriksharopan agar...

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जिंदगी की राहें: 03/30/15

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Monday, March 30, 2015. पुरुष मन और बच्चियां. छोटी छोटी. नन्ही, खुबसूरत व प्यारी सी बच्चियां! पार्क में, घर के सामने. खिलखिलाती दौड़ती है. साथ ले जाती मन को. दुनियावी विसंगतियों से दूर. भुला देती है हर स्याह सफ़ेद! कुछ पलों के लिए. परियों के देश सा. अहसास देता है ये पार्क. जब चंचल, खुशियों भरी हंसी. ठुनकन व गुस्सा. सब गड्डमड्ड करके. एक साथ खिलती है कलियाँ. और, बच्चियां! चाहता है मन. भूलूं उम्र के रंग. भागूं खेलूं उनके संग. जी लूं सतरंगी बचपन! उफ़, पर ये हर दिन की न्यूज. फिर उनसे उपजते. हाँ सच . कवित&#...

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जिंदगी की राहें: 07/23/15

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Thursday, July 23, 2015. एक बूँद जिंदगी के. कह कर डाल देते हैं. बच्चे के मुंह में, पोलियो ड्राप. बेचारा नन्हा कसैले से स्वाद के साथ. जी उठता है ताजिंदगी के लिए! कुछ ऐसा ही. एक कश लिया था. रेड एंड वाइट' के. बिना फ़िल्टर वाले सिगरेट का. बहुत अन्दर तक का. यह सोच कर कि. एक कश उसके नाम का! और, फिर. जैसे ही उड़ाया, होंठ गोल कर के. धुएं का छल्ला. धूमकेतु सी "तुम". बहती नजर आयी, दूर तक. एक बार तो सोचा. ये विक्रम वाली बेताल कैसे. भूतनी कही की! कुछ भी, कहीं भी, कैसे भी. चिढ़ती रहो . जिंदगी. धूमकेतु. जाड़&...Bina soch...

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सृजन _शिखर: December 2012

http://srijanshikhar.blogspot.com/2012_12_01_archive.html

सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Monday, December 24, 2012. कुछ क्षणिकायें. हम तो थे परिंदा. हमारी हर उड़ान के साथ. अपने लोग भी हमें. अपने दिलों से. उड़ाते गये. आलम अब ये है की. हम याद भी करें तो. उनको याद नहीं आते है।।. हमें आदत थी. उनके हर चीज को. सम्हालकर रखने की. उनके दिए हर दर्द को भी. हम दिल में. सम्हालकर रखते गए. उनके हर इल्जाम. यह होगा. Links to this post.

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सृजन _शिखर: July 2011

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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Thursday, July 21, 2011. जो लौट के घर ना आयें.(कारगिल युद्द - मई से जुलाई 1999 ). जो लौट के घर ना आयें. दुश्मनों को इस सरजमीं से खदेड़ हमने अपना वादा निभाया. लो सम्हालो ये देश प्यारों अब अलविदा कहने का वक्त आया .।।. नापाक इरादे. कर आये थे वे पलभर. में हमने खाक कर दिया. उपेन्द्र नाथ. Links to this post. Labels: कविता. नये&#160...

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सृजन _शिखर: August 2011

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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Sunday, August 7, 2011. हिना रब्बानी की मुस्कराहट और उनके चेलों का कारनामा. Courtesy:- Himalini Hindi Mgzn). पाकिस्तानी. आतंकवादियों ने दो. जवानों. धड़ से अलग कर दिए. में सिर ले गए।इस नृशंस घटना से भारतीय सेना. खबरों के मुताबिक इस बात की पुष्टि की. एक अपील मिडिया और मानव अधिकारो&#230...उपेन्द्र नाथ. Links to this post. नये द...

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सृजन _शिखर: October 2012

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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Tuesday, October 23, 2012. कुछ क्षणिकायें. लोकतंत्र. लोकतंत्र. मुस्कराता. लोकतंत्र. बेचारा. चढ़ाया. कसाईखाने. गाय की गुहार थी. हे भगवन मुझे बचा ले .।।. नेताजी. उंगुलियों. क्यों नहीं नाची. पीढ़ी. पीढ़ी. तुम्हारे. जिन्दगी. कटोरियों. जिन्दगी. पेप्सी. बोतलों. तुम्हाता. ढूंढ़. जिन्दगी. बोतलों. जिन्दगी. 6 चुनाव. साड़ी. Links to this post.

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!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: May 2009

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9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! शुक्रवार, 29 मई 2009. कुछ त्रिवेणियाँ. हर रात वो मोती जैसा चमकता है. जब-जब चांदनी उसके चहरे पर पड़ती है. बस अमावस की रात ही पता नही चलता की वो आज रोया है या नही ।. इन हवाओं के साथ तेरी खुशबू अब क्यूँ आती है. तेरा जिस्म मुझको अब क्यूँ महसूस होता है. शायद शमशान में तेरी राख अब भी बाकी है,हवाओं का रुख बदलना पड़ेगा ।. हमें आसमां में बादलों के घर दिखाई देते हैं. मैं हर दिन घर के नक्शे बदलते हुए देखता हूं. शुक्रवार, मई 29, 2009. आपका क्या कहना है? मंगलवार, 26 मई 2009. आज फिर करत&#...

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!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: August 2008

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9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! बुधवार, 13 अगस्त 2008. आत्मा को त्याग शरीर किस तृष्णा मे लीन है. मोक्ष ना मिल पाया इसको ये कितना मलिन है! रोम-रोम जब रम जाता. रूपान्तर हो दूसरा रंग जब चढ़ जाता. एक जन्म मे दो बार तू जन्मा है. पहले नाम था तेरा काल्पनिक जीवन. अब परिमार्जित आत्मा है! लौकिक द्रष्टि से देखूं तो. पता चले कितने पाप किए. हर सवाल का उत्तर आता मौन. अन्तिम पल पश्चाताप की आग मे जले! हरण किया उस आबरू का तुने. जो तुझमे मे ही बसती थी. हुआ ना जाने तुझको किया. बुधवार, अगस्त 13, 2008. ना बना हित...संगत&#236...

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!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: July 2009

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9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! बुधवार, 1 जुलाई 2009. ये वक़्त. कितने लोगों में अकेला नज़र आता है ये वक़्त. तनहा कितनी. जिंदगियाँ जी जाता है ये वक़्त. जब हों पैरों में पत्थर,तो हाथ नही बढते. ठोकर लगे तो उठना सिखाता है ये वक़्त. प्यार-मोहब्बत में मजहब,उम्र और जात की बातें. दुआ मिलकर करोगे तुम,तो हाथ उठाता है ये वक़्त. किसी ने मेरा बचपन तो किसी ने जवानी न सुनी. सुन सको तो सुनलों हर लम्हा सुनाता है ये वक्त. अक्षय" तेरे होंसलों को देख छुप-छुपकर. बुधवार, जुलाई 01, 2009. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कविताएं. मैं...मै&...

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!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: June 2009

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9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! रविवार, 28 जून 2009. बूंदों की सौगात. मौसम को देखते कुछ उसका रूप शब्दों से निखारा है. हमने देखें हैं कई रंग तुम्हारे मगर ये रंग हमारा है. प्यासी. नील-गगन में,नील-गगन में. क्यूँ छाई गहरी उदासी है ।. झोंका पवन का आने से. पत्ता कोई शर्माता है. प्यार बरसा कर इस धरा पर. देख गगन मुस्काता है ।. भीगा फिरसे आज वो बचपन. यादों की इस बारिश में. बरसों बाद ख़ुद से मिला हूं. सावन भी है इस साजिश में ।. नयन मेरे नम पड़े हैं. पहली इस बरसात में. हमसे दूर गए ,वो. बुधवार, 24 जून 2009. किस&#2368...

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!!♥๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥!!: November 2009

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9829;๑۩۞۩๑मन-दर्पण๑۩۞۩๑♥! शुक्रवार, 13 नवंबर 2009. कोरा इतिहास. कितनी तन्हाई,कितने थे आंसू कितना उदास था मैं. तुझसे बिछड़ के तू ही बता दे कितना पास था मैं. चाँद भी,आसमा भी और हैं सितारे सब वहां. तेरी धरती पर फलक की अनबुझी प्यास. वो आँगन,वो दीवारें,वो तख्त-ओ-ताज-ओ-महल. वो दरवाजे वो खिड़कियाँ और इंतज़ार की आस था मैं. रिश्तों के दायरों ने कुछ ऐसे जकड़ लिया था मुझे. समझ नही आता कितना अजनबी कितना ख़ास था मैं. शुक्रवार, नवंबर 13, 2009. आपका क्या कहना है? रविवार, 8 नवंबर 2009. जो ढूंढ़त&#...26 पाठको&...विज...

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My Evolution Through Time. A reflection of a few original outrageous opinions , experiences and a journey called life . Sunday, May 3, 2009. Cynical of Democracy - Whom to blame? Recent reports and discussions on our Main Stream Media post phase 3 of polling has been at most hilarious and Hypocritical, the appalling 44% odd polling in Mumbai has sent the Media on a fact finding mission or to be more precise, another fault finding mission? Where were the issues which actually people could relate to, where...

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ज़िन्दग़ी के आकाश में

ज़िन्दग़ी के आकाश में. उमेश महादोषी की क्षणिकाओं की प्रस्तुति. Wednesday, September 3, 2014. विगत एक वर्ष में लिखी गई क्षणिकाओं में कुछ ये भी हैं-. नागफनी के जंगल में. उगा है. क्या इतना काफी नहीं है. इसे समझने के लिए? नागफनी के जंगल में. जरूर उगा है. पर इसने अपने हाथों से. उगाये हैं. कुछ गुलाब. कुछ सूरजमुखी! पहचान का क्या. और अर्थ का भी. क्या करुंगा! शब्द होना ही. मेरे लिए. समुन्दर होना है! जीवन पुस्तक. समर्पित की मैंने. एक प्रश्न को-. 8216;क्या तुम मुझे. सचमुच प्रेम करते हो! Tuesday, December 31, 2013.

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जिंदगी की राहें

Monday, March 12, 2018. गोल गोल घूमते. लगातार छल्लों पर छल्ला. अजीब सी कशमकश का धुंआ. बाहर आकर दूर तक जाता हुआ. जब पहली बार खींचा था अन्दर तक कश. होंठ से लगा था, गोल्ड फ्लेक वाली. फ़िल्टर वाला सिगरेट! हुई थी आँखे लाल. डबडबाई थी पलकें. था अन्दर से एक अनजाना सा डर भी. फिर, कुछ पलों तक. जलती अंतड़ियों के साथ. स्टाइल से खांसा था उसने. क्योंकि नहीं बताना था. पहली बार पी गयी थी सिगरेट! आखिर कॉलेज के. नए रंगरूटों के बीच. था जतानी खुद की अहमियत. कहते थे लड़के, तुम लगोगे बॉस! बॉस यानी डर! देना यार,. कर्क-मकर र...

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जिंदगीनामा. The life style राजकुमार साहू. Sunday, October 5, 2014. गोविंदराम के मन में समा गए ‘शास्त्री जी’. Links to this post. Friday, July 11, 2014. दूधमुंहे बच्चों की अनोखी ‘पाठषाला’. Links to this post. Thursday, July 3, 2014. जीवन भर ‘विद्यादान’ का महासंकल्प. Links to this post. Sunday, June 15, 2014. तीसरी पास ‘कोमल’ ने रच दिया इतिहास. Links to this post. Saturday, June 14, 2014. अंधत्व के बाद भी जीवन की दौड़ में वह आगे. Links to this post. Friday, June 6, 2014. Links to this post.

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Jindagi Patel – Life is precious! Learn more about my school progress! This is what i love listening! Here are pictures of my visit to different places around the WORLD! My likes My tools! Here is the list of my likes and tools i use in everyday life! My awards - Making my parents proud, one award at a time! I am the TOP DOG! Being top dog is awesome! I am the TOP DOG! I am the champ! For passing all multiplication facts! I am the champ! Passed more than 40 books this year. I 3 Reading! At school our tea...