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कथा-कहानी

कथा-कहानी. बुधवार, 17 जून 2015. मौत के बाद. आखिर मैंने अपने आप को खत्म कर ही लिया ।. संत्रस्त. जिस जीवन में कोई आशा न हो. उल्लास न हो. चाहत व विश्वास न हो. हो तो केवल उपेक्षा. प्रताड़ना. उस जीवन को जबरन अनचाहे ही खींचते जाने का अर्थ ही क्या था! कितनी बार सोचा. सोच कर खुद को सम्हाला कि जीवन में अब कुछ बदलाव आएगा. अब आएगा पर नही. मैं आपको बताती हूँ कि मेरा विवाह ही किस तरह बेमतलब था ।. रूप और नौकरी देखी और आनन. सिर्फ काम । खाना बनाना. बच्चे को दवा दिला लाना &...समझ गई । लो पडा है म&...बोध भी जग...पत्...

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कथा-कहानी. बुधवार, 17 जून 2015. मौत के बाद. आखिर मैंने अपने आप को खत्म कर ही लिया ।. संत्रस्त. जिस जीवन में कोई आशा न हो. उल्लास न हो. चाहत व विश्वास न हो. हो तो केवल उपेक्षा. प्रताड़ना. उस जीवन को जबरन अनचाहे ही खींचते जाने का अर्थ ही क्या था! कितनी बार सोचा. सोच कर खुद को सम्हाला कि जीवन में अब कुछ बदलाव आएगा. अब आएगा पर नही. मैं आपको बताती हूँ कि मेरा विवाह ही किस तरह बेमतलब था ।. रूप और नौकरी देखी और आनन. सिर्फ काम । खाना बनाना. बच्चे को दवा दिला लाना &...समझ गई । लो पडा है म&...बोध भी जग...पत्...
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KEYWORDS
1 विहीन
2 निराश
3 अपमान
4 धीरे
5 प्रेम
6 तडाक्
7 मम्मी
8 मजबूरी
9 बैठे
10 विकास
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विहीन,निराश,अपमान,धीरे,प्रेम,तडाक्,मम्मी,मजबूरी,बैठे,विकास,शायद,इसलिए जब,अमला,अरे भई,अपना,नहीं,भरोसा,अच्छा,विहान,yehmerajahaan,समर्थक,october
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कथा-कहानी. बुधवार, 17 जून 2015. मौत के बाद. आखिर मैंने अपने आप को खत्म कर ही लिया ।. संत्रस्त. जिस जीवन में कोई आशा न हो. उल्लास न हो. चाहत व विश्वास न हो. हो तो केवल उपेक्षा. प्रताड़ना. उस जीवन को जबरन अनचाहे ही खींचते जाने का अर्थ ही क्या था! कितनी बार सोचा. सोच कर खुद को सम्हाला कि जीवन में अब कुछ बदलाव आएगा. अब आएगा पर नही. मैं आपको बताती हूँ कि मेरा विवाह ही किस तरह बेमतलब था ।. रूप और नौकरी देखी और आनन. सिर्फ काम । खाना बनाना. बच्चे को दवा दिला लाना &...समझ गई । लो पडा है म&...बोध भी जग...पत्...

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कथा-कहानी: September 2013

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कथा-कहानी. शनिवार, 21 सितंबर 2013. वेदप्रकाश को जो दरवाजे पर देखा ,मंजू की छाती में धड-धड होने लगी । चेहरा धूप में मुरझाए पत्ते की तरह लटक गया ।. अभी पन्द्रह दिन भी नही हुए कि लिवाने भी आ गए? मंजू ने सोचा. जितनौ ए बहू कोठीनि नाज, उतनौ पीसि धरि जाइयो ,जितनौ ए बहू कुँअलनि नीर उतनौ भरि धरि जाइयो." .". कौन भारी-भारी चादरों को धोएगा? कौन इतनी सुबह ओम का टिफन लगाएगा? कौन मेरे पैरों में 'नारान ' की मालिश करेगा? क्या महीना और क्या पन्द्रह दिन! बावरी हुई है क्या? पहले वह भी इसे 'कदर' ही सम...माँ कहत&#...जि&...

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कथा-कहानी: December 2011

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कथा-कहानी. बुधवार, 14 दिसंबर 2011. पार्ट-फाइनल. बिना शपथ- पत्र के पैसा तो नही मिलेगा । किसोरीलाल यह तो आपको बनवाना ही पडेगा ।". यार किसोरी ,फण्ड का पैसा बाद में किस काम आएगा! किसोरीलाल को लगा कि ये शुभ-चिन्तक शायद घबरा रहे हैं कि कहीं वह उनसे उधार न माँग बैठे ।. अधिकारियों को आवेदन करना ही- चाहे आवेदन एक दिन के आकस्मिक अवकाश के लिये ही क्यों न हो,. जाने क्यों. आपने आवेदन तो कर दिया पर फण्ड निकाल किस आधार पर रहे हैं? आधार साफ तो लिखा है ,पुत्र की उच&#2...आप भी जानते हैं क&#23...यहाँ तो प...पर ठीक कर...

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कथा-कहानी: June 2013

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कथा-कहानी. बुधवार, 5 जून 2013. साहब के यहाँ तो. इमरती अभी तक नही आई! रसीदन कनेर की छाँव से समय का अन्दाज लगाते हुए बडबडाई ।. प्रेंसीपलसाब' के आने पर उनके टेबल की घंटी भी जब देखो 'टन्न टन्न' बजती ही रहती है । तब चपरासियों की कितनी टेर मचती है और यह इमरती है कि! यह टैम है आने का? आते ही वह सबसे पहले घडी देखती है और समय से दस मिनट पहले आकर चैन की गहरी साँस लेती है ।. लेकिन यह इमरती तो .।. तू बराबरी करेगी इमरती से? गोपी की बात पर रसीदन कुछ सहमकर तम्बाकू स...ऐसे लटके-झटके दिखा कर...अरे रसीदन! जरा द&#237...

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कथा-कहानी: March 2015

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कथा-कहानी. शुक्रवार, 20 मार्च 2015. उमस भरी सुबह और एक फोनकॉल. ट्रिनन्. ट्रिनन्. गुलमोहर कालोनी के एक एम आई जी फ़्लैट में तीसरी बार फोन की घंटी बजी ।. लोग आप अपने आप में ही इतने त्रस्त व उलझे होते हैं कि. फोन आना किसी ढीठ पडौसी की अनावश्यक घुसपैठ सी भी महसूस होता है . इस घर के चार प्राणी. पैंतालीस पार के गृहस्वामी सुधाकर राय. पत्नी अमला और दो बेटे. जो 'सुधाकर भैया’ के घर आए दिन आ धमकते थे. धीरे-धीरे आना भूल गए हैं ।. रो धोकर बी एस सी तो किसी तरह होगई पर एम. क्यों. तुम तो बस पत्र. 8220;ऐसी ऐरी-...जलत&#2368...

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कथा-कहानी: October 2013

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कथा-कहानी. सोमवार, 14 अक्तूबर 2013. कर्जा-वसूली. वर्तमान-साहित्य ( सितम्बर 2010) में प्रकाशित यह कहानी पिछले सप्ताह उज्जैन. में प्रेमचन्द सृजन-पीठ द्वारा आयोजित कथा गोष्ठी में भी पढी गई । आप सबके अवलोकनार्थ यहाँ भी प्रस्तुत है ।. यह तो हद ही होगई ।. कि दुकानवाले चाचा-ताऊ? जो इसे सेंतमेंत ही मेला करा देंगे । पाँच-सात सौ से क्या कम खर्च होंगे! नही ".क्यों? नही बस ऐसे ही । आज तडके ही रामनाथ को गाडी भर कर मेला जाते ह&#2...नही लौटाया? राम-राम बडी 'धरमारी' है.।". राम भजो ।. अब वो रामनाथ नह&#2...भगवान न&#...

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Yeh Mera Jahaan: June 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Tuesday, June 24, 2014. हर ज़ख्म को सहेजा,. उम्मीद में कि कुछ भी,. आहों से फूट निकले. शायद कि गीत हो ।. बाज़ार में सडक पर. जो भी मिला. हमने उसे पुकारा,. शायद कि मीत हो ।. अपनों के रूठने पर ,. कुछ पथ में छूटने पर. मानी है हार ,. शायद कि जीत हो ।. अन्तर खरोंच उमडी. जो आँसुओं की धारा. हमने कभी न रोकी. शायद कि प्रीति हो ।. अब टूटती है डोरी. बिखरी किताब कोरी. माना है ज़िन्दगी की. शायद ये रीति हो ।. प्रस्तुतकर्ता. Tuesday, June 17, 2014. महिल&#236...

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Yeh Mera Jahaan: May 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Monday, May 19, 2014. कै हंसा मोती चुगै. 19 मई 2014 ( पाँचवी पुण्य तिथि ). से जारी. या कि "आइन्दा उससे सामान लाऊँगा ही नही ।" और अन्त में यह कि "ठीक है फिर तुम ले आया करो ।". है न अजीब तर्क? कबिरा आप ठगाइये और न ठगिये कोय ।. आप ठगे सुख ऊपजे और ठगे दुख होय ।". वे अक्सर हमें यह दोहा भी सुनाते रहते थे -. लीक-लीक गाडी चलै लीकै चलै कपूत ।. लीक छोड तीनों चलें शायर सिंह सपूत ।". मुकन्दी को? हे भगवान्! मैं तो माडसाब आपक&#2375...श्राप मुझ...मैं...इस स&#237...

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Yeh Mera Jahaan: May 2015

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Friday, May 29, 2015. चबूतरे का सच '- - कहानी की सार्थकता व सौन्दर्य का एक सच. चबूतरे का सच में कुल नौ कहानियाँ हैं .जिनमें पहली तीन कहानियाँ तो अद्भुत हैं . प्रस्तुतकर्ता. गिरिजा कुलश्रेष्ठ. इस संदेश के लिए लिंक. Monday, May 18, 2015. चार राहें. छठवीं पुण्य-तिथि पर ). तू खुद को पहचान न पाया . भूमण्डल के कण-कण में , तेरी ही माया बिखरी है . उसकी दी चिनगारी ने ही भारत को आजाद कराय&#23...गया फिरंगी और तिरंगा ...2) राही. छोड़ निर&#23...होग&#2366...

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Yeh Mera Jahaan: September 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Saturday, September 27, 2014. विपक्ष-धर्म. झूठा हो या सच्चा मुद्दा,. हम तो सिर्फ विरोध करेंगे ।. जिम्मेदारी अब उनकी है,. हम तो सिर्फ विरोेध करेंगे ।. वामपक्ष हम. उल्टा चलना धर्म हमारा ।. चिनगारी को ज्वाल बनाना. कर्म हमारा ।. समतल राह न होने देंगे ।. राहों में गतिरोध बनेंगे।. हंगामा , हड़ताल,. और आरोपों की बौछारें. चक्का-जाम ,रैलियाँ ,. पुतला- दहन और फटकारें ।. सत्तासीनों को लुढ़काओ. कैसे भूल सकेंगे ,जब थी. केवल हमको भाए।. अब जो बदली अग...मीत...

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Yeh Mera Jahaan: October 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Thursday, October 23, 2014. ज्योतिर्मय यह पर्व है. ज्योतिर्मय यह पर्व है ,. जगर-मगर उजियार।. ऐसे ही शाश्वत रहे ,. अन्तर्मन उजियार ।. नेह और विश्वास का , हो प्रवाह अविराम ।. इन्तज़ार तब तक रहे , जब तक लौटें राम ।. घर लौटे विश्वास यों पूरा कर वनवास,. निर्वासित ना हो कभी वैदेही सी आस ।. घर-आँगन ही क्यों रहें , बाहर भी हो स्वच्छ ।. राम-राज्य साकेत-मन ,हर निर्णय निष्पक्ष ।. चित्र गूगल से साभार ). प्रस्तुतकर्ता. Wednesday, October 15, 2014. चा&#23...

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Yeh Mera Jahaan: March 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Sunday, March 30, 2014. ऐसा नव-नवसंवत्सर हो ।. नव-संवत्सर 2071 आप सबके लिये मंगलमय हो ।. जाग गया है मौसम अब. सर्दी की फेंक रजाई ।. टहनी-टहनी पल्ल्व पीके,. महकी है अमराई ।. जागे जल्दी भोर. सजा सतरंगी रंगोली ।. द्वार क्षितिज के सबसे पहले. बिखराए रोली ।. ऐसे ही जागें,विचार भी. ऐसे ही महकें व्यवहार भी. आँखों में एक अम्बर हो. पुलक पखेरू अन्तर हो ।. ऐसा नव संवत्सर हो. खुद को ही पहचानें. अपनी क्षमताओं को समझें. हर कोई तत्पर हो. Wednesday, March 19, 2014.

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Yeh Mera Jahaan: July 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Saturday, July 12, 2014. सूखा - तीन चित्र. यह कविता सन् 1984 में लिखी थी इसलिये इसमें नयापन तो नही है पर प्रासंगिक है । आज यहाँ ( ग्वालियर मुरैना क्षेत्र में ) यही हाल है ।. लगभग निर्वस्त्र सा. निरभ्र आसमान. उम्मीदों को चिढ़ाता. दिन में दर्पण दिखा दिखाकर. आँखें चुँधियाता. गर्म साँसों से. तम मन झुलसाता. रात में निर्लज्जता से. तारों के रोम दिखाता. सावन के खुले मैदान में. विवश त्रस्त धरती. पांचाली. पुकारती है. को ।. पड़ी है ।. Tuesday, July 8, 2014.

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Yeh Mera Jahaan: March 2015

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Tuesday, March 31, 2015. कुछ तो कहो. सन्नाटा बढ़ जाए ,. इससे पहले बात करो. सन्देहों को तोड़ो . मतभेदों की रात करो . तुम मेरी सुनो. मैं तुम्हारी सुनूँ. अवरोधों पर घात करो . आओ मन को पखारें. सोचें विचारें. कि क्या है ,. जो आजाता है हमारे बीच. जूते में फंसे कंकड की तरह. उसे निकाल फेकें तुरंत . मुश्किल हो जाता है सफर ,. दिल से दिल तक का . तुम यह न देखो कि. एक कुहासा कभी. कर देता है अदृश्य. देखो और समझो यह कि. बरसाती धूप की तरह ,. Monday, March 9, 2015.

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Yeh Mera Jahaan: December 2013

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Tuesday, December 24, 2013. रसानुभूति किसे होती है? यही कारण है कि अध्यापन में कुछ नया पढने व खोजने की बात तो दूर ,हमारा पढा हुआ भी विस्मृत होता जारहा है ।. अच्छा बताइये रस के कितने अंग होते हैं? मैडम इसी को रस- परिपाक भी कहते हैं? मैडम कौनसे भाव । अनुभाव या स्थायीभाव? अभी स्थायीभाव कहाँ से आगए? लेकिन मैडम स्थायीभाव कहाँ रहे? मुझसे न रहा गया ।. तो फिर रस की अनुभूति किसे होगी? आश्रय को और किसको! उन्होंने मेरे अल&...रस है क्या? हममें, आप...मान...

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Yeh Mera Jahaan: February 2014

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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Friday, February 21, 2014. मुझे तुम्हारी जरूरत है ।. कैसी व्यस्तता है कि ,. अब फुरसत नही मिलती. यह देखने की कि. बुलबुल कैसे चुगा रही है दाना. अपने बच्चों को ।. कि नीम की टहनियों में फूटते पल्लव. कबकी सूचना दे चुके हैं. वसन्त के आने की ।. रसखान और घनानन्द. हो चुके हैं निरानन्द. अब हुसैन बन्धुओं के भजन. और गजलें गुलाम अली की. भरी रखीं हैं बैग में जाने कबसे ।. मेरा ध्यान उलझा रहता है अक्सर. नही होता अहसास. नई साडी पहनकर. एक भी अक्षर. गमले क&#23...

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Hier ist alles drin, was sich um meine Schwester, ihren 2 monatigen Urlaub, ihre tollen Photos und den ganzan anderen Mist dreht, der ihr auf Sri Lanka passiert. Viel Spaß beim lesen/schreiben und lachen. Tuesday, August 29, 2006. Ich bin wieder da. Habe ich dann auch merken müssen, dass ich wohl seekrank bin. mir ging es so hundelend. Hab immer etwas geschlafen, und wenn ich dann aufgewacht bin, hätte ich echt kotzen. Stunden gewisser leute erst um elf uhr loskamen. jaja, gut aussehen ist alles! Und dan...

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Montag, 29. August 2011. Samstag besuchten esther, jackson, jonas und ich ein jungenkinderheim hier in singida. Es berührte mich sehr unter welchen umständen die jungs dort leben müssen. 3 große zimmer für 19 jungen im alter von 12 bis 18 jahren; jeder hatte für seine privatsachen nur eine metallkiste auf dem bett stehen die gleichzeitig auch als "kleiderschrank" dient; die "matratzen" kann man eigentlich nicht als matratzen bezeichnen - ausgediente schaumstoffreste trifft es eher! Montag, August 29, 2011.

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Katha in Valencia

Sonntag, 28. Oktober 2007. Sooo, jetzt schreib ich halt mal wieder was, nachdem Sabi meinte ich soll doch mal wieder .wobei ich eh befürchte dass das hier keine liest, eieiieei! Aaalso, ist so einiges passiert in der Zwischenzeit. Und zweitens kam's mir grad recht, weil ich eh nicht wollte, ich hab lieber die ganze Zeit die Rückbank als Bett in Anspruch genommen ;-P. Dabei Wir haben dann einfach mal wild drauf los bestellt, alles für jeden und von allem mal was :). Als erstes kam n großer Teller Patatas ...

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Katha ist dann mal weg...

Katha ist dann mal weg. Sonntag, 22. Juni 2008. So, dieses Wochenende waren wir nicht weg, weil ich Samstag Abend Babysitten musste (meine Gasteltern waren bei Dolly Parton :-) und Franziska (die arme) fast das ganze Wochenende melken musste. Waren also nur hier in Cork unterwegs, aber gestern hats auch so geschuettet, dass man echt nichts anderes machen konnte. Ich starte in meine letzte Woche, yeahh! Samstag Abend waren wir noch ein bisschen was trinken und wir haben dann auch (auf Anraten eines freund...

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Wechsel zu Naturkosmetik Haare. Scharfe Bio-Rind Burger mit Pinienkern-Frühlingszwiebel Topping. 300 g Bio Rinderhack. 1 eingeweichtes altes Brötchen. Senf, Salz, Pfeffer, Kreuzkümmel, etwas Wasser. Hack mit Kreuzkümmel, Salz und Pfeffer würzen, mit dem Ei, Knoblauchöl und dem Brötchen verkneten. Burger formen und braten. Das Burgerbrötchen auf einer Seite mit Creme Fraiche, auf der anderen mit Senf bestreichen. Salat und Fleisch auflegen, mit dem Topping garnieren, Burger schließen.

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कथा-कहानी. बुधवार, 17 जून 2015. मौत के बाद. आखिर मैंने अपने आप को खत्म कर ही लिया ।. संत्रस्त. जिस जीवन में कोई आशा न हो. उल्लास न हो. चाहत व विश्वास न हो. हो तो केवल उपेक्षा. प्रताड़ना. उस जीवन को जबरन अनचाहे ही खींचते जाने का अर्थ ही क्या था! कितनी बार सोचा. सोच कर खुद को सम्हाला कि जीवन में अब कुछ बदलाव आएगा. अब आएगा पर नही. मैं आपको बताती हूँ कि मेरा विवाह ही किस तरह बेमतलब था ।. रूप और नौकरी देखी और आनन. सिर्फ काम । खाना बनाना. बच्चे को दवा दिला लाना &...समझ गई । लो पडा है म&...बोध भी जग...पत्...

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कथा-कहानी | कहानियों का खजाना

Skip to main content. कह न य क खज न. करसन प ज भ ई ब मण य. और अध क पढ करसन प ज भ ई ब मण य. और अध क पढ क म र व सन त. जय त म खर ज. और अध क पढ जय त म खर ज. और अध क पढ स ध र क म र. और अध क पढ स जय स ठ. और अध क पढ क .स .व ल ल र न. और अध क पढ ज .स ध र ब ब. म स टर व क रम ज त स ह. 15 वर ष य बह द र ब लक म स टर व क रम ज त न अदभ त व रत क पर चय द त ह ए प न म बहत ह ए ग र मव स य क ज न बच ई. और अध क पढ म स टर व क रम ज त स ह. म स टर ल ल च द हलब. और अध क पढ म स टर ल ल च द हलब. और अध क पढ ज ञ न चन द. कह न क प रक र.

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கத கேளு! கத வுடறத படி.இல்ல நான் சொல்றத கேளு! Thursday, March 14, 2013. தலைப்புக்கு நன்றி : ‘வாத்தியார்’ சுஜாதா. தன் முன்னால் அமர்ந்திருந்தவனை, வங்கி அதிகாரி ஆண்ட்ரூ (எ) ஆண்ட்ரூ மில்லர் பார்த்தான். வலிய புன்னகையை வரவழைத்துக் கொண்டு பற்று அட்டையை வாங்கி, கணிணியை மேய்ந்தான். 8216;உங்கள் பிறந்த தேதி? சொன்னான். 8216;உங்கள் அடையாளத்தை (identification) நிரூபிக்க வேறு ஏதாவது இருக்கிறதா? வாங்கிப் பார்த்த ஆண்ட்ரூவிற்கு வந்தவன&#3021...ஒன்று சொல்லட்டுமா? 8216;இன்னுமா? 8216;என்னைப் பார்த...Posted by (Mis)Chief Editor.

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Katha-kocht! - Für alle, die Spaß am Kochen haben...

Für alle, die Spaß am Kochen haben. Gerichte mit Fisch und Meeresfrüchten. Dips, Crémes und Saucen. Brot & Co. Paprika Crêpes mit bunter Salatfüllung. Paprika Crêpes mit bunter Salatfüllung. Es wird gerollt was das Zeug hält – Wraps, Crêpes und alles was man sonst noch so rollen kann. Die liebe Janke von Janke’s Soulfood. Sucht zum 111. Blogevent auf Zorra’s Kochtopf. Das ist aber optional, die Crêpes schmecken auch alleine so super, dass man daraus prima ein vegetarisches Gericht machen kann. Die Paprik...