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Yeh Mera Jahaan: June 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Tuesday, June 24, 2014. हर ज़ख्म को सहेजा,. उम्मीद में कि कुछ भी,. आहों से फूट निकले. शायद कि गीत हो ।. बाज़ार में सडक पर. जो भी मिला. हमने उसे पुकारा,. शायद कि मीत हो ।. अपनों के रूठने पर ,. कुछ पथ में छूटने पर. मानी है हार ,. शायद कि जीत हो ।. अन्तर खरोंच उमडी. जो आँसुओं की धारा. हमने कभी न रोकी. शायद कि प्रीति हो ।. अब टूटती है डोरी. बिखरी किताब कोरी. माना है ज़िन्दगी की. शायद ये रीति हो ।. प्रस्तुतकर्ता. Tuesday, June 17, 2014. महिलì...
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Yeh Mera Jahaan: May 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Monday, May 19, 2014. कै हंसा मोती चुगै. 19 मई 2014 ( पाँचवी पुण्य तिथि ). से जारी. या कि "आइन्दा उससे सामान लाऊँगा ही नही ।" और अन्त में यह कि "ठीक है फिर तुम ले आया करो ।". है न अजीब तर्क? कबिरा आप ठगाइये और न ठगिये कोय ।. आप ठगे सुख ऊपजे और ठगे दुख होय ।". वे अक्सर हमें यह दोहा भी सुनाते रहते थे -. लीक-लीक गाडी चलै लीकै चलै कपूत ।. लीक छोड तीनों चलें शायर सिंह सपूत ।". मुकन्दी को? हे भगवान्! मैं तो माडसाब आपके...श्राप मुझ...मैं...इस सí...
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Yeh Mera Jahaan: May 2015
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Friday, May 29, 2015. चबूतरे का सच '- - कहानी की सार्थकता व सौन्दर्य का एक सच. चबूतरे का सच में कुल नौ कहानियाँ हैं .जिनमें पहली तीन कहानियाँ तो अद्भुत हैं . प्रस्तुतकर्ता. गिरिजा कुलश्रेष्ठ. इस संदेश के लिए लिंक. Monday, May 18, 2015. चार राहें. छठवीं पुण्य-तिथि पर ). तू खुद को पहचान न पाया . भूमण्डल के कण-कण में , तेरी ही माया बिखरी है . उसकी दी चिनगारी ने ही भारत को आजाद कराय...गया फिरंगी और तिरंगा ...2) राही. छोड़ निर...होगा...
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Yeh Mera Jahaan: September 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Saturday, September 27, 2014. विपक्ष-धर्म. झूठा हो या सच्चा मुद्दा,. हम तो सिर्फ विरोध करेंगे ।. जिम्मेदारी अब उनकी है,. हम तो सिर्फ विरोेध करेंगे ।. वामपक्ष हम. उल्टा चलना धर्म हमारा ।. चिनगारी को ज्वाल बनाना. कर्म हमारा ।. समतल राह न होने देंगे ।. राहों में गतिरोध बनेंगे।. हंगामा , हड़ताल,. और आरोपों की बौछारें. चक्का-जाम ,रैलियाँ ,. पुतला- दहन और फटकारें ।. सत्तासीनों को लुढ़काओ. कैसे भूल सकेंगे ,जब थी. केवल हमको भाए।. अब जो बदली अग...मीत...
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Yeh Mera Jahaan: October 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Thursday, October 23, 2014. ज्योतिर्मय यह पर्व है. ज्योतिर्मय यह पर्व है ,. जगर-मगर उजियार।. ऐसे ही शाश्वत रहे ,. अन्तर्मन उजियार ।. नेह और विश्वास का , हो प्रवाह अविराम ।. इन्तज़ार तब तक रहे , जब तक लौटें राम ।. घर लौटे विश्वास यों पूरा कर वनवास,. निर्वासित ना हो कभी वैदेही सी आस ।. घर-आँगन ही क्यों रहें , बाहर भी हो स्वच्छ ।. राम-राज्य साकेत-मन ,हर निर्णय निष्पक्ष ।. चित्र गूगल से साभार ). प्रस्तुतकर्ता. Wednesday, October 15, 2014. चा...
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Yeh Mera Jahaan: March 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Sunday, March 30, 2014. ऐसा नव-नवसंवत्सर हो ।. नव-संवत्सर 2071 आप सबके लिये मंगलमय हो ।. जाग गया है मौसम अब. सर्दी की फेंक रजाई ।. टहनी-टहनी पल्ल्व पीके,. महकी है अमराई ।. जागे जल्दी भोर. सजा सतरंगी रंगोली ।. द्वार क्षितिज के सबसे पहले. बिखराए रोली ।. ऐसे ही जागें,विचार भी. ऐसे ही महकें व्यवहार भी. आँखों में एक अम्बर हो. पुलक पखेरू अन्तर हो ।. ऐसा नव संवत्सर हो. खुद को ही पहचानें. अपनी क्षमताओं को समझें. हर कोई तत्पर हो. Wednesday, March 19, 2014.
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Yeh Mera Jahaan: July 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Saturday, July 12, 2014. सूखा - तीन चित्र. यह कविता सन् 1984 में लिखी थी इसलिये इसमें नयापन तो नही है पर प्रासंगिक है । आज यहाँ ( ग्वालियर मुरैना क्षेत्र में ) यही हाल है ।. लगभग निर्वस्त्र सा. निरभ्र आसमान. उम्मीदों को चिढ़ाता. दिन में दर्पण दिखा दिखाकर. आँखें चुँधियाता. गर्म साँसों से. तम मन झुलसाता. रात में निर्लज्जता से. तारों के रोम दिखाता. सावन के खुले मैदान में. विवश त्रस्त धरती. पांचाली. पुकारती है. को ।. पड़ी है ।. Tuesday, July 8, 2014.
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Yeh Mera Jahaan: March 2015
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Tuesday, March 31, 2015. कुछ तो कहो. सन्नाटा बढ़ जाए ,. इससे पहले बात करो. सन्देहों को तोड़ो . मतभेदों की रात करो . तुम मेरी सुनो. मैं तुम्हारी सुनूँ. अवरोधों पर घात करो . आओ मन को पखारें. सोचें विचारें. कि क्या है ,. जो आजाता है हमारे बीच. जूते में फंसे कंकड की तरह. उसे निकाल फेकें तुरंत . मुश्किल हो जाता है सफर ,. दिल से दिल तक का . तुम यह न देखो कि. एक कुहासा कभी. कर देता है अदृश्य. देखो और समझो यह कि. बरसाती धूप की तरह ,. Monday, March 9, 2015.
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Yeh Mera Jahaan: December 2013
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Tuesday, December 24, 2013. रसानुभूति किसे होती है? यही कारण है कि अध्यापन में कुछ नया पढने व खोजने की बात तो दूर ,हमारा पढा हुआ भी विस्मृत होता जारहा है ।. अच्छा बताइये रस के कितने अंग होते हैं? मैडम इसी को रस- परिपाक भी कहते हैं? मैडम कौनसे भाव । अनुभाव या स्थायीभाव? अभी स्थायीभाव कहाँ से आगए? लेकिन मैडम स्थायीभाव कहाँ रहे? मुझसे न रहा गया ।. तो फिर रस की अनुभूति किसे होगी? आश्रय को और किसको! उन्होंने मेरे अल&...रस है क्या? हममें, आप...मान...
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Yeh Mera Jahaan: February 2014
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मेरे ब्लाग. कथा-कहानी. Http:/ katha-kahaani.blogspot.com. Friday, February 21, 2014. मुझे तुम्हारी जरूरत है ।. कैसी व्यस्तता है कि ,. अब फुरसत नही मिलती. यह देखने की कि. बुलबुल कैसे चुगा रही है दाना. अपने बच्चों को ।. कि नीम की टहनियों में फूटते पल्लव. कबकी सूचना दे चुके हैं. वसन्त के आने की ।. रसखान और घनानन्द. हो चुके हैं निरानन्द. अब हुसैन बन्धुओं के भजन. और गजलें गुलाम अली की. भरी रखीं हैं बैग में जाने कबसे ।. मेरा ध्यान उलझा रहता है अक्सर. नही होता अहसास. नई साडी पहनकर. एक भी अक्षर. गमले क...