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                                        मेरी लेखनी: March 2009
                                        http://lekhanipragyarathore.blogspot.com/2009_03_01_archive.html
                                        मेरी लेखनी. शनिवार, 14 मार्च 2009. अपनी पहचान. सुबह सुबह फ़ोन की घंटी बजी। ( हमारी सुबह ११ बजे के बाद ही होती है।. ना कोई रंग, न उमंग. कितना बोर जाती है ज़िन्दगी? खैर, सरिता ने जो हमें बताया उसे सुनकर हमारे पैरों तले ज़मीन ही खिसक गयी भाई। हालांकि हमें किसी मसाले की तलाश थी, पर यह? हमारी एक और ख़ास सहेली रेनू अपने पति से तलाक लेने जा रही थी। बस फिर क्या था? आज के बाद सरिता की बात का विश्वास ही नही करेंगे! सुना है चूहों को करंट पसंद है! क्यों? खाली खाली मतलब? सब कुछ बेमानी सा". ऐसे ही? सरिता न...रेन...
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        देवलधाम: 06/01/2010 - 07/01/2010
                                        http://devaldham.blogspot.com/2010_06_01_archive.html
                                        है मदिरा अब नई, केवल बची बोतल पुरानी है. मेरी अनुमति के बिना इस ब्लाग की किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करना मना है । . देव कान्त पाण्डेय. बुधवार, 16 जून 2010. बैंक ऑफ इंडिया द्वारा राजभाषा समीक्षा बैठक का आयोजन : रिपोर्ट. देवकान्त पाण्डेय :. 1 टिप्पणी:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरे बारे में. बिहारी बाबू. As यमराज With Wife. धरती ...
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        देवलधाम: 08/01/2013 - 09/01/2013
                                        http://devaldham.blogspot.com/2013_08_01_archive.html
                                        है मदिरा अब नई, केवल बची बोतल पुरानी है. मेरी अनुमति के बिना इस ब्लाग की किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करना मना है । . देव कान्त पाण्डेय. शनिवार, 17 अगस्त 2013. देवकान्त पाण्डेय :. 1 टिप्पणी:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरे बारे में. देवकान्त पाण्डेय :. मेरी कविताएं, मेरी आवाज. बिहारी बाबू. सारनाथ में. As यमराज With Wife. वह सागर स...
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        देवलधाम: 05/01/2012 - 06/01/2012
                                        http://devaldham.blogspot.com/2012_05_01_archive.html
                                        है मदिरा अब नई, केवल बची बोतल पुरानी है. मेरी अनुमति के बिना इस ब्लाग की किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करना मना है । . देव कान्त पाण्डेय. बुधवार, 2 मई 2012. देवकान्त पाण्डेय :. 1 टिप्पणी:. Links to this post. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मेरे बारे में. देवकान्त पाण्डेय :. मेरी कविताएं, मेरी आवाज. बिहारी बाबू. सारनाथ में. As यमराज With Wife. वह सागर स...
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        कुछ अपनी कुछ जग की: August 2008
                                        http://sameeryadavsp.blogspot.com/2008_08_01_archive.html
                                        कुछ अपनी कुछ जग की. सार्थकता के अपने मायने होते हैं , यह भी एक है. शनिवार, 30 अगस्त 2008. प्रिंट व आनलाईन मासिक पत्रिका. समीर भाई,. जोहार,. आदरणीय बुधराम यादव जी के प्रयास के समाचार को. पढ कर अति प्रसन्नता हुई,हमें उनका आर्शिवाद व संपादन. सहयोग मिलता रहे तो गुरतुर गोठ को आप-हम नईउंचाईयों में ले जायेंगें ।. मेरे विचार से 'गुरतुर गोठ' को chhattisgarhi का "प्रतिनिधि ब्लॉग". आपने इस हेतु क्या योजना सोच रखा है यह जरुर बताएं।. Http:/ aarambha.blogspot.com. Www।gurturgoth.कॉम. उसके लिए साध...मेरे...
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        आँख की किरकिरी: August 2014
                                        http://vadsamvad.blogspot.com/2014_08_01_archive.html
                                        आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Tuesday, August 26, 2014. उन उंचाइयों की गिरावट. तब खत्म हो जाना या नहीं रहना क्या है शायद ही पता था पर जिंदा होना क्या है यह अवश्य अच्छे से पता चल चुका होगा! लगता जिसे हिसाब नहीं आता उसके लिए दुनिया का कौन सा दरवाजा खुल पाएगा. बाद में समझ आने लगा कि ये दोनों ही तो सपने एक ही सा डर बयान करते हैं! इस अवसरवादी समीकरणजीवी युग में लाभ-हानि. दरअसल व्यक्ति की यह विडम्बनापूर...इस प्रगति व उंचाई क&#...साधन व सा...उस पर...
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        आँख की किरकिरी: April 2015
                                        http://vadsamvad.blogspot.com/2015_04_01_archive.html
                                        आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Wednesday, April 08, 2015. लाखों प्रकाशवर्ष दूर टिमटिमाते तारे. इन काले चमकदार कैमरों में. दर्ज हो रहा है परत दर परत. हमारी बेशर्म नस्लों की कारगुजारियों का गंदला इतिहास. ये सफेद काली आंखें. कोई सवाल नहीं पूछ्ती. कोई शिकायत भी नहीं करती. किसी को तलाश भी नहीं करतीं. ये सिर्फ देखती हैं चुपचाप. इन आंखों से असर से कैसे बचूंगी मैं. या फिर. मुझे इन आंखों से डर लगता है. देखो हमारे सिर पर मर च...Subscribe to: Posts (Atom). 
                                     
                                    
                                        
                                            
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                                        आँख की किरकिरी: June 2015
                                        http://vadsamvad.blogspot.com/2015_06_01_archive.html
                                        आँख की किरकिरी. कहता है वो, बुरा हो इन आँधियों का कि पैर की धूल आँख की किरकिरी बन गयी. Saturday, June 06, 2015. मातृदिवस के बहाने बेटियों को पतनशील सीख. स्त्री को इस प्रपंचपूर्ण परम्परा की गुलामी से मुक्त महसूस करना शुरू करना चाहिए ।. Subscribe to: Posts (Atom). Raviratlami Ka Hindi Blog. आ गया - स्मार्टफ़ोनों का बाप आ गया! घुघूतीबासूती. मसिजीवी. शब्दों का सफर. अथ “डिकरा-डिकरी” कथा. चोखेर बाली. मूंछे, ब्रा और फेमिनिज्म. कबाड़खाना. सेनेका की सीखें - 4. आइए हाथ उठाएं हम भी. कुछ एहसास. 
                                     
                         
                            
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