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मेरी यात्रा की कहानियाँ: January 2011
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Tuesday, January 25, 2011. दिल पर दस्तक दे रहा है. तेरा कोई,. पूछता हूँ तो कहती है. मैं तेरा ही साया हूँ,. एक बार फिर तुझसे. मिलने आयी हूँ,. क्यों छुपता है मिलने से. तुझे हाल बताने आयी हूँ,. जिस्म पर न सही. दिल पर तेरा आज भी कब्ज़ा है,. बस दूर हूँ तुझसे. ये खता हमारी है,. ऑंखें बंद करू तो. चेहरा आज भी तेरा देखती हूँ,. पुरानी यादों का किस्सा. आज भी चलता है,. वो मेरी बात पर. हौले से मुस्कुराना,. ना चाहते हुए. मेरी बात मानना,. तेरा गुनगुनाना,. तुझे छोड़ कर. Posted by Vipul Chaudhari.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: December 2012
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Thursday, December 13, 2012. Book Review BANKSTER by Ravi Subramaniam. The Bankster Book Book Review for blogadda. The story revolves around different places across the globe .g. Iving the description of various places so apt and true to life. This book takes us from Angola to. Cochin to Vienna to Mumbai. Each location introduces different stories with different characters weaving different plots altogether. The story keeps moving back and forth between the events – how the...
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: February 2011
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Friday, February 18, 2011. मासूम बचपन. मासूम बचपन. चंचल आँखों के नए सपने, हर रोज खिलौनों से खेले ।. अपनी हर बात. को मनवाती, तेरी ये मासूम ऑंखें ।. हर सवाल जवाब बन जाता, तेरा हर सवाल और बड़ा हो जाता ।. मन मार कर या दिल को समझाकर, होता वही जो तेरा मन चाहता ।. जब तेरी नटखट चाल को देखता, बस मुस्कुरा कर गले लगाता ।. ३ के बाद ५ सुनाता, ऑंखें दिखाने पर ४ दोहराता ।. ऑटो को जब ओटो कहता, पलट-पलट कर मम्मी को देखता ।. Posted by Vipul Chaudhari. Friday, February 18, 2011. Links to this post.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: May 2012
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Wednesday, May 2, 2012. रुको नहीं, थको नहीं, किसी से तुम झुको नहीं. रुको नहीं, थको नहीं,. किसी से तुम झुको नहीं. दिक्कतें हज़ार हो,. मुश्किलों का पहाड़ हो. बन कर रोशनी तुम,. मोड़ दो अँधेरे का मुँह. रुको नहीं, थको नहीं,. किसी से तुम झुको नहीं. लोग कहेंगे, कहते रहेंगे,. कुछ ना करने वाले सिर्फ बात करेंगे. धार लगा अपनी हिम्मत को,. मान से. आग सबके अभिमान को. रुको नहीं, थको नहीं,. किसी से तुम झुको नहीं. जब इरादे फौलाद हो. रुको नहीं, थको नहीं,. Posted by Vipul Chaudhari. A lust for words.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: October 2012
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Thursday, October 4, 2012. मेट्रो में लद्दाख का अनुभव. मेट्रो में लद्दाख का अनुभव. लद्दाख के बारे में मुझे सबसे पहले जो याद आता है वो है बेहतरीन नज़ारा. 8220; दिल्ली अभी दूर है. मैं कभी ना जा सका उनके साथ. मेरी इन सारी तमाम परेशानी को शायद कोई सुन रहा था. शायद कोई अपना! अब फिर भागो बाहर और फिर भाग कर अंदर आओ. की कमी है. Photo साभार : http:/ unpredictableblog.wordpress.com/2011/07/24/thesis-delhi-metro-might-be-a-pn-junction-diode/. Posted by Vipul Chaudhari. Links to this post.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: March 2011
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Tuesday, March 29, 2011. क्या है जिंदगी? उलझी हुई डोर सी लगती है कभी,. हर सुलझती गाँठ से उलझती है जिंदगी. क्या कहू तुझे ऐ जिंदगी,. हर पल समझता हूँ तुझे फ़ना जिंदगी. बहुत कुछ सीखा है तुझसे,. गिर कर उठना, फिर चलना है जिंदगी. जब सोचा बहुत हुआ अब और नहीं,. हिम्मत करके लड़ना है जिंदगी. मुक्कदर में लिखा है मिलेगा,. ना मिले गर तो लड़, वो भी पायेगा जिंदगी. साहस को तपा कर और बन साहसी,. फिर बोल कहाँ है जिंदगी. कर सामना हर मुश्किल,. हर बार नए कदम बढाता,. Posted by Vipul Chaudhari.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: June 2011
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Wednesday, June 15, 2011. मेट्रो में मैराथन. ये दिल्ली है मेरी जान! जानते हो क्यूँ? लोगों ने खेलों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और दिखा दिया की दिल्ली वालों का दिल प्यार के लिए ही नहीं. ही नहीं मैच के लिए भी बड़ा है । खैर खेल खत्म हुआ और शुरू हुआ उसके बाद खेल के बाद का खेल ।. Posted by Vipul Chaudhari. Wednesday, June 15, 2011. Links to this post. कॉमनवेल्थ. क्यूँ. खेलनुमा. भारतीय खिलाड़ियों. मेट्रो. Subscribe to: Posts (Atom). कितने लोग आये थे. View my complete profile.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: January 2013
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Monday, January 28, 2013. इत्तेफाक. इत्तेफाक. दोपहर के. 5 ही फ्रेंड थे. वो दिल्ली में एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करती थी. क्या करती थी ये कभी नहीं पूछा नहीं, ना ही उसकी कंपनी का नाम! कभी-कभी खुद पर गुस्सा भी आता, पर सोचता था पूछने पर कहीं उसको बुरा न लग गया और वो बात करना न छोड़ दे? 7 मित्रों में. 2 लड़कियां थी एक. मैं हक्का बक्का रह गया! मैंने कहा तू.तू.तू.तुम! Posted by Vipul Chaudhari. Monday, January 28, 2013. Links to this post. Labels: इत्तेफाक. खिचड़ी. TOI - Bandra Fest.
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मेरी यात्रा की कहानियाँ: April 2011
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मेरी यात्रा की कहानियाँ. Tuesday, April 12, 2011. कोई सोया नहीं रात भर. जागती ऑंखें बताती हैं.कोई सोया नहीं रात. याद करता रहा तारे गिन, वो रात. बिस्तर की सिलवटें कहती हैं.कोई सोया नहीं रात. गिनते रहे करवटों का बदलना, वो रात. किताबों में रखे गुलाब बताते है.कोई सोया नहीं रात भर,. मुरझाये फूलों से पाते रहे खुश्बू का अहसास, वो रात भर ।. खतों कि सूखी स्याही बताती है. कोई सोया नहीं रात भर. कमरे का स्याह रंग बताता है. कोई सोया नहीं रात भर. Posted by Vipul Chaudhari. Tuesday, April 12, 2011. Links to this post.
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