saxenamadanmohan.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : ग़ज़ल(फुर्सत में सियासत)
http://saxenamadanmohan.blogspot.com/2015/08/blog-post_17.html
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. सोमवार, 17 अगस्त 2015. ग़ज़ल(फुर्सत में सियासत). किसको आज फुर्सत है किसी की बात सुनने की. अपने ख्बाबों और ख़यालों में सभी मशगूल दिखतें हैं. सबक क्या क्या सिखाता है. जीबन का सफ़र यारों. मुश्किल में बहुत मुश्किल से. अपने दोस्त. दिखतें हैं. क्यों सच्ची और दिल की बात ख़बरों में नहीं दिखती. नहीं लेना हक़ीक़त से क्यों मन से आज लिखतें हैं. धर्म देखो कर्म देखो अब असर दीखता है पैसों का. मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. नई पोस्ट. इस गैज...
mmsaxena.blogspot.com
कविता ,आलेख और मैं : February 2013
http://mmsaxena.blogspot.com/2013_02_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. बुधवार, 27 फ़रवरी 2013. झुनझुना. 2 से 5 लाख की आय पर इनकम टैक्स में 2000 रुपये की छूट. दाल ,रोटी, तेल,परिबहन ,शिक्षा (सभी आबश्यक बस्तु ) और रेल के दाम बढने के मंहगाई के इस दौर में आम जनता को सरकार का एक और झुनझुना . मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. 5 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नेताओं क...सुरकî...
madanmohansaxena.blogspot.com
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : 09/03/12
http://madanmohansaxena.blogspot.com/2012_09_03_archive.html
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी. Writer and Poet. Play with words to express feelings. Monday, September 3, 2012. अनोखा प्यार का बंधन इसे तुम तोड़ न देना. पराया जान कर हमको अकेला छोड़ न देना. रहकर दूर तुमसे हम जीयें तो बो सजा होगी. न पायें गर तुम्हें दिल में तो ये मेरी ख़ता होगी. मुक्तक प्रस्तुति :. मदन मोहन सक्सेना. तमन्ना (मुक्तक). दिल में जो तमन्ना है जुबां से हम न कह पाते. नजरो से हम कहतें हैं अपने दिल की सब बातें. मुक्तक प्रस्तुति:. मदन मोहन सक्सेना. Subscribe to: Posts (Atom). Me and My Family. प्र...
mmsaxena.blogspot.com
कविता ,आलेख और मैं : May 2015
http://mmsaxena.blogspot.com/2015_05_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. शुक्रवार, 22 मई 2015. उम्मीद के इंतज़ार में एक बर्ष (मोदी सरकार). उम्मीद के इंतज़ार में एक बर्ष (मोदी सरकार). साम्प्रदियक सदभाब के. नदियों की स्थिति के. क्या पिछले साल में सब कुछ हरा-हरा ही रहा है? सवाल कई हैं? मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सोमवार, 18 मई 2015. बाहर कì...
saxenamadanmohan.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : June 2015
http://saxenamadanmohan.blogspot.com/2015_06_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. सोमवार, 22 जून 2015. गज़ल (शून्यता). शून्यता). जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है. उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता क्यों हैं. सभी पाने को आतुर हैं , नहीं कोई चाहता देना. देने में ख़ुशी जो है, कोई बिरला सीखता क्यों है. कहने को तो , आँखों से नजर आता सभी को है. अक्सर प्यार में ,मन से मुझे फिर दीखता क्यों है. दिल भी यार पागल है ,ना जाने दीन दुनिया को. आबाजों की महफ़िल में दिल की कौन सुनता है. मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. ख्वावों. ग़ज़ल :. दिल के...
mmsaxena.blogspot.com
कविता ,आलेख और मैं : November 2013
http://mmsaxena.blogspot.com/2013_11_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. शुक्रवार, 22 नवंबर 2013. ख्बाबों का आसमान. ख्बाबों का आसमान. एक युबा. छूना चाहती हूँ. ख्बाबों का आसमान. किन्तु. मेरे सपनों के बीच. कभी शिक्षक. कभी न्यायधीश. तो कभी राजनेता. कभी तथाकथित संत. कभी पत्रकार. मेरे बजूद को. तार तार करने का. कोई मौका नहीं छोड़ते।. अब मैंने भी प्राण ले लिया है कि. उन सबकी इज्जत को. जो मेरे से. किसी भी तरह. नाइंसाफी करेगा।. प्रस्तुतकर्ता. दिल के पास. ना जान&...क्य...
madanmohansaxena.blogspot.com
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : 08/08/11
http://madanmohansaxena.blogspot.com/2011_08_08_archive.html
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी. Writer and Poet. Play with words to express feelings. Monday, August 8, 2011. भ्रष्टाचार. बीसबीं सदी के पुर्बाध में. भूतकाल के शुष्क धरातल पर. जब हमारें पुर्बजों ने. भबिष्य की आबश्यक्तायों की पूर्ति के लिए. अपने देश में आयत करके. भ्रष्टाचार का एक बीज रोपा था. इस बिश्बास के साथ कि. आगे आने बाले समय में. नयी पीढ़ियों का जीवन सुखद सरल एबम सफल होगा. किन्तु इस आशंका से. बे भयाक्रांत ब्याकुल एबम चिंतित थे. कि कहीं. किन्तु उनकी ये आशंका. सभी ने एक साथ मिलकर. आज कल हम सब ने. इसका य&...
saxenamadanmohan1969.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : September 2013
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2013_09_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Thursday, September 26, 2013. प्यार का बंधन. अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ. पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना. रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में ही खुदा बनकर. ना हमसे दूर जाना तुम और ना हमसे खफा होना. अपनी तो तमन्ना है सदा हर पल ही मुस्काओ. सदा तुम पास हो मेरे ,ना हमसे दूर हो पाओ. तुम्हारे साथ जीना है तुम्हारें साथ मरना है. तुम्हारा साथ काफी हैं बाकि फिर क्या करना है. मदन मोहन सक्सेना. Tuesday, September 24, 2013. परायी दुनिया. Monday, September 16, 2013. प...
saxenamadanmohan.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : November 2013
http://saxenamadanmohan.blogspot.com/2013_11_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. मंगलवार, 12 नवंबर 2013. ग़ज़ल ( जिंदगी का सफ़र). जिंदगी का सफ़र). बीती उम्र कुछ इस तरह कि खुद से हम न मिल सके. जिंदगी का ये सफ़र क्यों इस कदर अंजान है. प्यासा पथिक और पास में बहता समुन्द्र देखकर. जिंदगी क्या है मदन , कुछ कुछ हुयी पहचान है. कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ. इक शख्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है. इक दर्द का एहसास हमको हर समय मिलता रहा. ये बक्त की साजिश है या फिर बक्त का एहसान है. गैर बनकर पेश आते, बक्त पर अपने ही लोग. प्रस्तुति:. गज़ल (रचना ). गज़ल (रचना ).
saxenamadanmohan1969.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : मुक्तक (आदत)
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2013/10/blog-post_7.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Monday, October 7, 2013. मुक्तक (आदत). मुक्तक (आदत). मयखाने की चौखट को कभी मंदिर ना समझना तुम. मयखाने जाकर पीने की मेरी आदत नहीं थी. चाहत से जो देखा मेरी ओर उन्होंने. आँखों में कुछ छलकी मैंने थोड़ी पी थी. प्रस्तुति:. मदन मोहन सक्सेना. October 13, 2013 at 7:51 AM. बहुत खूब. Subscribe to: Post Comments (Atom). Get this Recent Comments Widget. Promote Your Page Too. Time in New Delhi. मुक्तक (आदत). मेरा साझा काब्य संकलन. मेरी रचनाएँ यहाँ भी. Do you like our website? दुनì...
SOCIAL ENGAGEMENT