
saxenamadanmohan1969.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँमदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.com/
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.com/
TODAY'S RATING
>1,000,000
Date Range
HIGHEST TRAFFIC ON
Monday
LOAD TIME
1.2 seconds
16x16
32x32
64x64
128x128
PAGES IN
THIS WEBSITE
17
SSL
EXTERNAL LINKS
223
SITE IP
173.194.121.44
LOAD TIME
1.189 sec
SCORE
6.2
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ | saxenamadanmohan1969.blogspot.com Reviews
https://saxenamadanmohan1969.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : सपनो में सूरत
http://www.saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2015/05/blog-post_13.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Wednesday, May 13, 2015. सपनो में सूरत. सपनो में सूरत. आँखों में जो सपने थे सपनों में जो सूरत थी. नजरें जब मिली उनसे बिलकुल बैसी मूरत थी. जब भी गम मिला मुझको या अंदेशे कुछ पाए हैं. बिठा के पास अपने उन्होंने अंदेशे मिटाए हैं. उनका साथ पाकर के तो दिल ने ये ही पाया है. अमाबस की अँधेरी में ज्यों चाँद निकल पाया है. जब से मैं मिला उनसे दिल को यूँ खिलाया है. अरमां जो भी मेरे थे हकीकत में मिलाया है. काब्य प्रस्तुति :. मदन मोहन सक्सेना. May 24, 2015 at 5:21 AM. Promote Your Page Too.
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : September 2013
http://www.saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2013_09_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Thursday, September 26, 2013. प्यार का बंधन. अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ. पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना. रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में ही खुदा बनकर. ना हमसे दूर जाना तुम और ना हमसे खफा होना. अपनी तो तमन्ना है सदा हर पल ही मुस्काओ. सदा तुम पास हो मेरे ,ना हमसे दूर हो पाओ. तुम्हारे साथ जीना है तुम्हारें साथ मरना है. तुम्हारा साथ काफी हैं बाकि फिर क्या करना है. मदन मोहन सक्सेना. Tuesday, September 24, 2013. परायी दुनिया. Monday, September 16, 2013. प...
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : June 2015
http://www.saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2015_06_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Monday, June 22, 2015. हर बार की तरह ( मुंबई पानी पानी ). हर बार की तरह ( मुंबई पानी पानी ). हर बार की तरह. इस बार भी इंद्र देव. मुंबई पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गए. जीब जंतु पशु पक्षी की प्यास. लम्बे अंतराल के बाद शांत हो गयी. तालाब पोखर झील फूल कर. अपने भाग्य पर इतराने लगे. मुंबई बालों को पाने पीने के लिए. अब कटौती नहीं सहन करनी पड़ेगी. हर बार की तरह. इस बार भी लोगो को परेशानी झेलनी पड़ी. कुछ लोग ट्रेन और रस्ते में फँस गए. हर बार की तरह में उस दिन. बी एम सी पर. अंतर द&#...
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : May 2015
http://www.saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2015_05_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Thursday, May 28, 2015. मेरी कुछ क्षणिकाएँ. मेरी कुछ क्षणिकाएँ. संबिधान है. न्यायालय है. मानब अधिकार आयोग है. लोकतांत्रिक सरकार है. साथ ही. आधी से अधिक जनता. अशिक्षित ,निर्धन और लाचार है . कृषि प्रधान देश है. भारत भी नाम है. भूमि है ,कृषि है, कृषक हैं. अनाज के गोदाम हैं. साथ ही. भुखमरी, कुपोषण में भी बदनाम है . खेल है. खेल संगठन हैं. खेल मंत्री है. खेल पुरस्कार हैं. साथ ही. खेलों के महाकुम्भ में. मदन मोहन सक्सेना. Wednesday, May 13, 2015. सपनो में सूरत. Promote Your Page Too.
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ : October 2013
http://www.saxenamadanmohan1969.blogspot.com/2013_10_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Monday, October 7, 2013. मुक्तक (आदत). मुक्तक (आदत). मयखाने की चौखट को कभी मंदिर ना समझना तुम. मयखाने जाकर पीने की मेरी आदत नहीं थी. चाहत से जो देखा मेरी ओर उन्होंने. आँखों में कुछ छलकी मैंने थोड़ी पी थी. प्रस्तुति:. मदन मोहन सक्सेना. Subscribe to: Posts (Atom). Get this Recent Comments Widget. Promote Your Page Too. Time in New Delhi. मुक्तक (आदत). मेरा साझा काब्य संकलन. मेरी रचनाएँ यहाँ भी. Do you like our website? गज़लकार, लेखक और कबि. View my complete profile. दुनì...
TOTAL PAGES IN THIS WEBSITE
17
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : ग़ज़ल(फुर्सत में सियासत)
http://saxenamadanmohan.blogspot.com/2015/08/blog-post_17.html
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. सोमवार, 17 अगस्त 2015. ग़ज़ल(फुर्सत में सियासत). किसको आज फुर्सत है किसी की बात सुनने की. अपने ख्बाबों और ख़यालों में सभी मशगूल दिखतें हैं. सबक क्या क्या सिखाता है. जीबन का सफ़र यारों. मुश्किल में बहुत मुश्किल से. अपने दोस्त. दिखतें हैं. क्यों सच्ची और दिल की बात ख़बरों में नहीं दिखती. नहीं लेना हक़ीक़त से क्यों मन से आज लिखतें हैं. धर्म देखो कर्म देखो अब असर दीखता है पैसों का. मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. नई पोस्ट. इस गैज...
कविता ,आलेख और मैं : February 2013
http://mmsaxena.blogspot.com/2013_02_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. बुधवार, 27 फ़रवरी 2013. झुनझुना. 2 से 5 लाख की आय पर इनकम टैक्स में 2000 रुपये की छूट. दाल ,रोटी, तेल,परिबहन ,शिक्षा (सभी आबश्यक बस्तु ) और रेल के दाम बढने के मंहगाई के इस दौर में आम जनता को सरकार का एक और झुनझुना . मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. 5 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. नेताओं क...सुरकî...
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : 09/03/12
http://madanmohansaxena.blogspot.com/2012_09_03_archive.html
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी. Writer and Poet. Play with words to express feelings. Monday, September 3, 2012. अनोखा प्यार का बंधन इसे तुम तोड़ न देना. पराया जान कर हमको अकेला छोड़ न देना. रहकर दूर तुमसे हम जीयें तो बो सजा होगी. न पायें गर तुम्हें दिल में तो ये मेरी ख़ता होगी. मुक्तक प्रस्तुति :. मदन मोहन सक्सेना. तमन्ना (मुक्तक). दिल में जो तमन्ना है जुबां से हम न कह पाते. नजरो से हम कहतें हैं अपने दिल की सब बातें. मुक्तक प्रस्तुति:. मदन मोहन सक्सेना. Subscribe to: Posts (Atom). Me and My Family. प्र...
कविता ,आलेख और मैं : May 2015
http://mmsaxena.blogspot.com/2015_05_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. शुक्रवार, 22 मई 2015. उम्मीद के इंतज़ार में एक बर्ष (मोदी सरकार). उम्मीद के इंतज़ार में एक बर्ष (मोदी सरकार). साम्प्रदियक सदभाब के. नदियों की स्थिति के. क्या पिछले साल में सब कुछ हरा-हरा ही रहा है? सवाल कई हैं? मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. सोमवार, 18 मई 2015. बाहर कì...
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : June 2015
http://saxenamadanmohan.blogspot.com/2015_06_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. सोमवार, 22 जून 2015. गज़ल (शून्यता). शून्यता). जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है. उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता क्यों हैं. सभी पाने को आतुर हैं , नहीं कोई चाहता देना. देने में ख़ुशी जो है, कोई बिरला सीखता क्यों है. कहने को तो , आँखों से नजर आता सभी को है. अक्सर प्यार में ,मन से मुझे फिर दीखता क्यों है. दिल भी यार पागल है ,ना जाने दीन दुनिया को. आबाजों की महफ़िल में दिल की कौन सुनता है. मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. ख्वावों. ग़ज़ल :. दिल के...
कविता ,आलेख और मैं : November 2013
http://mmsaxena.blogspot.com/2013_11_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. शुक्रवार, 22 नवंबर 2013. ख्बाबों का आसमान. ख्बाबों का आसमान. एक युबा. छूना चाहती हूँ. ख्बाबों का आसमान. किन्तु. मेरे सपनों के बीच. कभी शिक्षक. कभी न्यायधीश. तो कभी राजनेता. कभी तथाकथित संत. कभी पत्रकार. मेरे बजूद को. तार तार करने का. कोई मौका नहीं छोड़ते।. अब मैंने भी प्राण ले लिया है कि. उन सबकी इज्जत को. जो मेरे से. किसी भी तरह. नाइंसाफी करेगा।. प्रस्तुतकर्ता. दिल के पास. ना जान&...क्य...
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : 08/08/11
http://madanmohansaxena.blogspot.com/2011_08_08_archive.html
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी. Writer and Poet. Play with words to express feelings. Monday, August 8, 2011. भ्रष्टाचार. बीसबीं सदी के पुर्बाध में. भूतकाल के शुष्क धरातल पर. जब हमारें पुर्बजों ने. भबिष्य की आबश्यक्तायों की पूर्ति के लिए. अपने देश में आयत करके. भ्रष्टाचार का एक बीज रोपा था. इस बिश्बास के साथ कि. आगे आने बाले समय में. नयी पीढ़ियों का जीवन सुखद सरल एबम सफल होगा. किन्तु इस आशंका से. बे भयाक्रांत ब्याकुल एबम चिंतित थे. कि कहीं. किन्तु उनकी ये आशंका. सभी ने एक साथ मिलकर. आज कल हम सब ने. इसका य&...
मेरी प्रकाशित गज़लें और रचनाएँ : August 2014
http://mmsaena1969.blogspot.com/2014_08_01_archive.html
मेरी प्रकाशित गज़लें और रचनाएँ. Friday, August 22, 2014. मेरी पोस्ट ग़ज़ल (फुर्सत में सियासत) आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में. मेरी पोस्ट. फुर्सत में सियासत. आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में. प्रिय मित्रों मुझे बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि मेरी पोस्ट. फुर्सत में सियासत. आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में शामिल की गयी है। आप भी अपनी प्रतिक्रिया से अबगत कराएं।. किसको आज फुर्सत है किसी की बात सुनने की. जीबन का सफ़र क्या क्या सबक सिखाता है यारों. ग़ज़ल: फुर्सत में सियासत. मदन मोहन सक्सेना. Wednesday, August 20, 2014. प...
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें : November 2013
http://saxenamadanmohan.blogspot.com/2013_11_01_archive.html
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. मंगलवार, 12 नवंबर 2013. ग़ज़ल ( जिंदगी का सफ़र). जिंदगी का सफ़र). बीती उम्र कुछ इस तरह कि खुद से हम न मिल सके. जिंदगी का ये सफ़र क्यों इस कदर अंजान है. प्यासा पथिक और पास में बहता समुन्द्र देखकर. जिंदगी क्या है मदन , कुछ कुछ हुयी पहचान है. कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ. इक शख्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है. इक दर्द का एहसास हमको हर समय मिलता रहा. ये बक्त की साजिश है या फिर बक्त का एहसान है. गैर बनकर पेश आते, बक्त पर अपने ही लोग. प्रस्तुति:. गज़ल (रचना ). गज़ल (रचना ).
कविता ,आलेख और मैं : May 2013
http://mmsaxena.blogspot.com/2013_05_01_archive.html
कविता ,आलेख और मैं. Play with words to express Feelings and experiences of Life. Get this Recent Comments Widget. मंगलवार, 28 मई 2013. चुप्पी. मदन मोहन सक्सेना . प्रस्तुतकर्ता. 3 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. शुक्रवार, 24 मई 2013. दोस्ती. कभी गर्दिशों से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ. चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ. इस आस में बीती उम्र कोई हमे अपना कहे . प्रस्तुति:. मदन मोहन सक्सेना. बुधवार, 15 मई 2013. तमन्न...
TOTAL LINKS TO THIS WEBSITE
223
Saxena Lab - Home
Welcome to the Saxena Lab! Molecular, Cell, and Developmental Biology Group. Dept of Biological Sciences. At the University of Illinois at Chicago. 65279; How do neurons form in vertebrate embryos and why are so few created in adu. The Saxena lab investigates these important questions in their natural,. Context by combining high-resolution live imaging with genetic, molecular, and/or physical perturbation. Biological Laboratory at Woods Hole! She was one of 20 students. The Saxena Lab, along with the Pr...
saxenalawyers.com - Crazy Domains
For Domains and Hosting. Search and register domain names. Move your domains to us FREE. Everything you need for your domains. Express cheap domain renewal. Control your CNAME, MX and A records. 700 New global domains. Get the domain name you want. Find who owns a particular domain. Register your domain and Get Started Online. Join The Domain Club. Fast, reliable space for your website. Web Hosting - Transfer. Move your website and email to us. Cloud premium DNS network. Get your own me@mydomain.com.
Saxena Lodge No 815 I.C
Saxena Lodge No 815 I.C. SAXENA LODGE N0. 815 of Ancient, Free and Accepted Masons of Ireland. (Warranted on 2nd June, 1960). Sunday, December 13, 2009. 12th December 2009, Installation Night. The evening was wonderful, with about 34 of our regulars and about 8 visitors. The WM , W.Bro.Gokulan, rocked the evening.He certainly did his homework, and well,. not that Bro.Ramakrishnan did badly, he was as good. It was difficult to judge who did better, they both were wonderful. WBro K Chandra Mohan. Senior Wa...
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें
मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें. सोमवार, 17 अगस्त 2015. ग़ज़ल(फुर्सत में सियासत). किसको आज फुर्सत है किसी की बात सुनने की. अपने ख्बाबों और ख़यालों में सभी मशगूल दिखतें हैं. सबक क्या क्या सिखाता है. जीबन का सफ़र यारों. मुश्किल में बहुत मुश्किल से. अपने दोस्त. दिखतें हैं. क्यों सच्ची और दिल की बात ख़बरों में नहीं दिखती. नहीं लेना हक़ीक़त से क्यों मन से आज लिखतें हैं. धर्म देखो कर्म देखो अब असर दीखता है पैसों का. मदन मोहन सक्सेना. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. बुधवार, 12 अगस्त 2015. गुरुव&...ग़ज़ल ( सपन...
saxenamadanmohan1969.blogspot.com
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ
मदन मोहन सक्सेना की रचनाएँ. Monday, August 17, 2015. आशियाना. आशियाना. बिन आस के दुनियाँ में जीने में क्या रक्खा है. दिल में दिलबर के लिए आशियाना बना रक्खा है. उसके प्यार और चाहत ने मुझे दीवाना बना रक्खा है. कहीं अकेला न रह जाहूं मैं जनाजा सजा रक्खा है. प्रस्तुति:. मदन मोहन सक्सेना. Friday, August 14, 2015. आजादी का पर्ब. कल आजादी का पर्ब है. सरकारी अमला जोर शोर से तैयारी कर रहा है. आजादी का पर्ब मनाने के लिए. कुछ लोग छुट्टी जाकर. छोटी मुनिया , छोटू. सोसाइटी ऑफिस के लोग. और बे भी. आजाद भारत. गंग...
Site Under Construction
This site is under construction. Please visit again to check the status. To go back to the previous page. Powered by Rediff WEBPro. And get best deals on Domain registration.
Mobile Advertising
This blog site is dedicated to the advancement and innovation in the field of mobile advertising. Friday, February 25, 2011. Evolution of Mobile Technology and development platform over last decade. In the beginning of the last decade mobile development was entirely controlled by mainly Telcos . Mobile devices were running on slow analog wireless services and user engagement was limited to only making calls. While the Symbian wave was on the rise, parallel a Canadian company, Research-In-Motion (RIM), la...
saxenamusicclasses.blogspot.com
music a great way to relax
Music a great way to relax. Sunday, October 18, 2009. Students relieve stress through music. Now a days we all are facing various types of stress. Certainly there are many ways to relax like yoga , prayers, watching movies etc but one which i found most effective is through music, it may be any form of music you are singing, listning or playing some instrument you will surely forgot about your tension. Subscribe to: Posts (Atom). Students relieve stress through music. View my complete profile.
Saxena Neel
Política Medio Ambiental. Diseño y Desarrollo Por Harold Ovalle (jhonatanharold@gmail.com).
My life, My experiences, My friends
My life, My experiences, My friends. Thursday, December 22, 2005. I am in DC right now.just saw a movie called "the notebook".watch the movie if u get a chance.it was released in 2004.never seen a more beautiful love story.not to be missed.i havenot been regular on the blogs was just lazing around.dont go away a lot is yet to come. Posted by neelabh at 12:41 PM. Monday, December 12, 2005. Posted by neelabh at 8:52 PM. Sunday, December 11, 2005. Not drunk any more. Posted by neelabh at 10:16 AM. Dont beli...
SOCIAL ENGAGEMENT