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संत कबीर

संत कबीर. Tuesday, April 27, 2010. रसखान के पद. गोकुल गांव के ग्वारन. मानुष हौं तो वहीं रसखानि, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।. जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥. पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धरयौ कर छत्र पुरन्दर-धारन।. जो खग हौं तो बसेरो करौं, मिलि कालिंदी-कूल-कदम्ब की डारन॥. राजतिहूं पुरकौ तजि डारौं. या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुरकौ तजि डारौं।. सिर सुन्दर चोटी. रसखान का यह पद उनके भजन संग्रह से उद्धृत है।. जु वही मन भायौ. ताहि अहीरकी छोहर...परम पंकज अति मन...सनक स...

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संत कबीर. Tuesday, April 27, 2010. रसखान के पद. गोकुल गांव के ग्वारन. मानुष हौं तो वहीं रसखानि, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।. जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥. पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धरयौ कर छत्र पुरन्दर-धारन।. जो खग हौं तो बसेरो करौं, मिलि कालिंदी-कूल-कदम्ब की डारन॥. राजतिहूं पुरकौ तजि डारौं. या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुरकौ तजि डारौं।. सिर सुन्दर चोटी. रसखान का यह पद उनके भजन संग्रह से उद्धृत है।. जु वही मन भायौ. ताहि अहीरकी छोहर&#23...परम पंकज अति मन...सनक स&#23...
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संत कबीर. Tuesday, April 27, 2010. रसखान के पद. गोकुल गांव के ग्वारन. मानुष हौं तो वहीं रसखानि, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।. जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥. पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धरयौ कर छत्र पुरन्दर-धारन।. जो खग हौं तो बसेरो करौं, मिलि कालिंदी-कूल-कदम्ब की डारन॥. राजतिहूं पुरकौ तजि डारौं. या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुरकौ तजि डारौं।. सिर सुन्दर चोटी. रसखान का यह पद उनके भजन संग्रह से उद्धृत है।. जु वही मन भायौ. ताहि अहीरकी छोहर&#23...परम पंकज अति मन...सनक स&#23...

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संत कबीर: कबीर दोहावली/ पृष्ठ १

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संत कबीर. Wednesday, December 30, 2009. कबीर दोहावली/ पृष्ठ १. दुख में सुमरिन सब करे, सुख मे करे न कोय ।. जो सुख मे सुमरिन करे, दुख काहे को होय ॥ 1 ॥. तिनका कबहुँ ना निंदिये, जो पाँव तले होय ।. कबहुँ उड़ आँखो पड़े, पीर घानेरी होय ॥ 2 ॥. माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।. कर का मन का डार दें, मन का मनका फेर ॥ 3 ॥. गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।. बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय ॥ 4 ॥. कबीरा माला मनहि की, और संसारी भीख ।. जम जब घर ले जायेंगे, पड़&#2368...तीन लोक की सम&#...आशा त&#23...

2

संत कबीर: कबीर दोहावली / पृष्ठ ९

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संत कबीर. Wednesday, December 30, 2009. कबीर दोहावली / पृष्ठ ९. कुल खोये कुल ऊबरै, कुल राखे कुल जाय ।. राम निकुल कुल भेटिया, सब कुल गया बिलाय ॥ 801 ॥. दुनिया के धोखे मुआ, चला कुटुम की कानि ।. तब कुल की क्या लाज है, जब ले धरा मसानि ॥ 802 ॥. दुनिया सेती दोसती, मुआ, होत भजन में भंग ।. एका एकी राम सों, कै साधुन के संग ॥ 803 ॥. यह तन काँचा कुंभ है, यहीं लिया रहिवास ।. कबीरा नैन निहारिया, नाहिं जीवन की आस ॥ 804 ॥. जंगल ढेरी राख की, उपरि उपरि हरियाय ।. मेरा संगी कोई नही&#2306...मन परतीत न ऊपजै, ज&#2...मै&...

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संत कबीर: कबीर दोहावली / पृष्ठ ६

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संत कबीर. Wednesday, December 30, 2009. कबीर दोहावली / पृष्ठ ६. जाका गुरु है गीरही, गिरही चेला होय ।. कीच-कीच के धोवते, दाग न छूटे कोय ॥ 501 ॥. गुरु मिला तब जानिये, मिटै मोह तन ताप ।. हरष शोष व्यापे नहीं, तब गुरु आपे आप ॥ 502 ॥. यह तन विषय की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।. सीस दिये जो गुरु मिलै, तो भी सस्ता जान ॥ 503 ॥. बँधे को बँधा मिला, छूटै कौन उपाय ।. कर सेवा निरबन्ध की पल में लेय छुड़ाय ॥ 504 ॥. गुरु बिचारा क्या करे, ह्रदय भया कठोर ।. देश-देशान्तर मैं फिरू...जा देखै सुख उपज&#2376...कबीर गुर&...माट...

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संत कबीर: कबीर दोहावली / पृष्ठ ३

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संत कबीर. Wednesday, December 30, 2009. कबीर दोहावली / पृष्ठ ३. ते दिन गये अकारथी, संगत भई न संत ।. प्रेम बिना पशु जीवना, भक्ति बिना भगवंत ॥ 201 ॥. तीर तुपक से जो लड़े, सो तो शूर न होय ।. माया तजि भक्ति करे, सूर कहावै सोय ॥ 202 ॥. तन को जोगी सब करे, मन को बिरला कोय ।. सहजै सब विधि पाइये, जो मन जोगी होय ॥ 203 ॥. तब लग तारा जगमगे, जब लग उगे नसूर ।. तब लग जीव जग कर्मवश, जब लग ज्ञान ना पूर ॥ 204 ॥. दुर्लभ मानुष जनम है, देह न बारम्बार ।. बूँद पड़ी जो समुद्र मे&#...समुद्र समाना बू...बाहर क्या...कहा क&#23...

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संत कबीर: संत गोस्वामी तुलसीदासजी के पद

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संत कबीर. Tuesday, April 27, 2010. संत गोस्वामी तुलसीदासजी के पद. तू दयालु दीन हौं. तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी।. हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप-पुंज-हारी॥. नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो।. मो समान आरत नहिं, आरतिहर तोसो॥. ब्रह्म तू, हौं जीव, तू है ठाकुर, हौं चेरो।. तात-मात, गुरु-सखा, तू सब विधि हितु मेरो॥. तोहिं मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै।. ज्यों त्यों तुलसी कृपालु! चरन-सरन पावै॥. तजि चरन तुम्हारे. जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे।. उदार जग माहीं. नाते नेह राम के मन&#23...अंजन कहा आ&#230...तुल...

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अमृत - भजन - गंगा: मालिक के दरबार में

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अमृत - भजन - गंगा. श्री नाथ जी महाराज के मुखारविंद से श्री अमृत रूपी पावन भजन गंगा का पान करने का भरसक प्रयास करने का प्रयत्न किया है श्री रतिनाथजी महाराज के आशीर्वाद स्वरुप. Sunday 9 May 2010. मालिक के दरबार में. जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Post Comments (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. अमृत - भजन - गंगा. निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो. अन्त बुढ़ापा आया सरगो रे. वन्दे देव उमापते. View my complete profile.

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आरती संग्रह: अथ देव्या: कवचम्

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आरती संग्रह. श्री आरती-संग्रह. 2404;।श्रीहरि:।।. नम्र निवेदन. आरती क्या है और कैसे करनी चाहिये? मन्त्रहीनं क्रियाहीनं यत् कृतं पूजनं हरे:।. सर्वं सम्पूर्णतामेति कृते नीराजने शिवे।।. 8216;पूजन मन्त्रहीन और क्रियाहीन होने पर भी नीराजन (आरती) कर लेने से उसमें सारी पूर्णता आ जाती है।’. नीराजनं च य: पश्येद् देवदेवस्य चक्रिण:।. सप्तजन्मनि विप्र: स्यादन्ते च परमं पदम्।।. विष्णु धर्मोत्तर में आया है-. आरती के पाँच अंग होते हैं-. द्वितीयं सोदकाब्जेन तृती...चूताश्चत्थादिपत&#2381...पंचमं प्रण&#236...8216;प्रथ...

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आरती संग्रह: श्रीहनुमानचालीसा

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आरती संग्रह. श्री आरती-संग्रह. 2404;।श्रीहरि:।।. नम्र निवेदन. आरती क्या है और कैसे करनी चाहिये? मन्त्रहीनं क्रियाहीनं यत् कृतं पूजनं हरे:।. सर्वं सम्पूर्णतामेति कृते नीराजने शिवे।।. 8216;पूजन मन्त्रहीन और क्रियाहीन होने पर भी नीराजन (आरती) कर लेने से उसमें सारी पूर्णता आ जाती है।’. नीराजनं च य: पश्येद् देवदेवस्य चक्रिण:।. सप्तजन्मनि विप्र: स्यादन्ते च परमं पदम्।।. विष्णु धर्मोत्तर में आया है-. आरती के पाँच अंग होते हैं-. द्वितीयं सोदकाब्जेन तृती...चूताश्चत्थादिपत&#2381...पंचमं प्रण&#236...8216;प्रथ...

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ज्ञान - भण्डार: चेतना

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ज्ञान - भण्डार. कबीरा मन पँछी भया, भये ते बाहर जाय । जो जैसे संगति करै, सो तैसा फल पाय ॥. Thursday, January 21, 2010. 8226; १ चेतना का स्थान. 8226; २ चेतना और चरित्र. 8226; ३ मनोवैज्ञानिक दृष्टि से चेतना. 8226; ४ चेतना के स्तर. 8226; ५ चेतना का विकास. 8226; ६ वाह्य सूत्र. चेतना का स्थान. चेतना और चरित्र. मनोवैज्ञानिक दृष्टि से चेतना. चेतना के स्तर. चेतना का विकास. जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Post Comments (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. संत कबीर. आरती संग्रह.

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जय श्री नाथजी महाराज: केवट - कथा

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जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथ जी महाराज की जय. परम पूज्य संत श्री भानीनाथ जी महाराज, चूरु. परम पूज्य संत श्री अमृतनाथ जी महाराज, फ़तेहपुर. परम पूज्य संत श्री नवानाथ जी महाराज, बऊ. शेखावाटी. परम पूज्य संत श्री भोलानाथ जी महाराज, बऊ. शेखावाटी. महाराज,. शेखावाटी. Monday, January 11, 2010. केवट - कथा. केवट भगवान राम के मर्म को कैसे जानता था? मांगी नाव न केवट आना।. कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना॥. पद कमल धोइ चढ़ाइ नाव न नाथ उरराई चहौं।. हे नाथ! हे कृपालु! जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Post Comments (Atom).

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ज्ञान - भण्डार: गुरु

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ज्ञान - भण्डार. कबीरा मन पँछी भया, भये ते बाहर जाय । जो जैसे संगति करै, सो तैसा फल पाय ॥. Wednesday, January 20, 2010. जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Post Comments (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. आरती संग्रह. ज्ञान - भण्डार - गृह. ज्ञान - भण्डार. दर्शन का इतिहास. भारतीय दर्शन. हिन्दू मापन प्रणाली. सनातन धर्म के संस्कार / रीति-रिवाज.

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अमृत - भजन - गंगा: वन्दे देव उमापते

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अमृत - भजन - गंगा. श्री नाथ जी महाराज के मुखारविंद से श्री अमृत रूपी पावन भजन गंगा का पान करने का भरसक प्रयास करने का प्रयत्न किया है श्री रतिनाथजी महाराज के आशीर्वाद स्वरुप. Tuesday 8 June 2010. वन्दे देव उमापते. जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Post Comments (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. अमृत - भजन - गंगा. निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो. अन्त बुढ़ापा आया सरगो रे. वन्दे देव उमापते. View my complete profile.

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प्रभु - चित्रावली: Shiv ji

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प्रभु - चित्रावली. मंगलवार, 3 नवंबर 2009. प्रस्तुतकर्ता जय श्री नाथजी महाराज पर 3:10 pm. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. Subscribe to: टिप्पणियाँ भेजें (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. श्री रामचंद्र जी और श्री हनुमान जी का मिलाप. जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. प्रभु - दर्शन. प्रभु - चित्रावली. श्री गणेश जी महाराज. माँ सरस्वती जी. परमपिता परमात्मा ब्रह्मा जी. श्री शिव. श्री विष्णु अवतार. श्रीराम जी. श्री कृष्ण जी अवतार. Churu, Rajasthan, India.

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महाभारत: कर्ण के जन्म की कथा

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Wednesday, January 13, 2010. कर्ण के जन्म की कथा. मुझे बताओ कि तुम मुझ से किस वस्तु की अभिलाषा करती हो। मैं तुम्. जय श्री नाथजी महाराज. Wednesday, January 13, 2010. Subscribe to: Post Comments (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. महाभारत की कथा. धृतराष्ट्र, पाण्डु तथा विदुर के जन्म की कथा. पाण्डवों तथा कौरवों के जन्म की कथा. कर्ण के जन्म की कथा. भीम नागलोक में. एकलव्य की गुरुभक्ति. कर्ण और अर्जुन. कलियुग का आगमन. श्रीमद&...श्र...

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ज्ञान - भण्डार: दर्शन का इतिहास

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ज्ञान - भण्डार. कबीरा मन पँछी भया, भये ते बाहर जाय । जो जैसे संगति करै, सो तैसा फल पाय ॥. Thursday, January 21, 2010. दर्शन का इतिहास. दर्शन का इतिहास. 8226; १ दर्शन की भारतीय अवधारणा. 8226; २ क्या दर्शन आत्मज्ञान है? 8226; ३ दर्शन का प्रस्थान बिन्दु. 8226; ४ इन्हें भी देखें. 8226; ५ बाहरी कड़ियाँ. दर्शन की भारतीय अवधारणा. क्या दर्शन आत्मज्ञान है? दर्शन का प्रस्थान बिन्दु. जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Post Comments (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर.

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जय श्री नाथजी महाराज

जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथ जी महाराज की जय. परम पूज्य संत श्री भानीनाथ जी महाराज, चूरु. परम पूज्य संत श्री अमृतनाथ जी महाराज, फ़तेहपुर. परम पूज्य संत श्री नवानाथ जी महाराज, बऊ. शेखावाटी. परम पूज्य संत श्री भोलानाथ जी महाराज, बऊ. शेखावाटी. महाराज,. शेखावाटी. Wednesday, January 13, 2010. माँ गंगा अवतरण की कथा. ऋषि विश्वामित्र ने कहा, “वत्स राम! राम ने ऋषि विश्वामित्र से कहा, “गुरुदेव! 8220;हे रामचन्द्र! जय श्री नाथजी महाराज. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). संत साधक. हिन्द...हृद...

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आरती संग्रह

आरती संग्रह. श्री आरती-संग्रह. 2404;।श्रीहरि:।।. नम्र निवेदन. आरती क्या है और कैसे करनी चाहिये? मन्त्रहीनं क्रियाहीनं यत् कृतं पूजनं हरे:।. सर्वं सम्पूर्णतामेति कृते नीराजने शिवे।।. 8216;पूजन मन्त्रहीन और क्रियाहीन होने पर भी नीराजन (आरती) कर लेने से उसमें सारी पूर्णता आ जाती है।’. नीराजनं च य: पश्येद् देवदेवस्य चक्रिण:।. सप्तजन्मनि विप्र: स्यादन्ते च परमं पदम्।।. विष्णु धर्मोत्तर में आया है-. आरती के पाँच अंग होते हैं-. द्वितीयं सोदकाब्जेन तृती...चूताश्चत्थादिपत&#2381...पंचमं प्रण&#236...8216;प्रथ...

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अमृत - भजन - गंगा

अमृत - भजन - गंगा. श्री नाथ जी महाराज के मुखारविंद से श्री अमृत रूपी पावन भजन गंगा का पान करने का भरसक प्रयास करने का प्रयत्न किया है श्री रतिनाथजी महाराज के आशीर्वाद स्वरुप. Tuesday 8 June 2010. निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो. जय श्री नाथजी महाराज. Subscribe to: Posts (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. अमृत - भजन - गंगा. निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो. अन्त बुढ़ापा आया सरगो रे. वन्दे देव उमापते. View my complete profile.

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भजन

शनिवार, 27 मार्च 2010. अर्जी दरबार में, करता सरकार में. अर्जी दरबार में, करता सरकार में. श्री गणेश, काटो कलेश, नित्य हमेश, ध्यावां थाने. अर्जी करा दरबार में, मनावा थाने, विनती करा दरबार में. १) सूंड सुन्डाला, दुंद दुन्दाला. मोटा मुंड, लांबी सूंड, फड़के तुंद, ध्यावां थाने. अर्जी करा दरबार में. २) पुष्पं माला, नयन विशाला. चढ़े सिन्दूर, बरसे नूर, दुश्मन दूर, ध्यावां थाने. अर्जी करा दरबार में. ३) रिद्ध - सिद्ध नारी, लागे पियारी. अर्जी करा दरबार में. अर्जी करा दरबार में. 1 टिप्पणी:. संत कबीर. करो हर&#236...

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ज्ञान - भण्डार

ज्ञान - भण्डार. कबीरा मन पँछी भया, भये ते बाहर जाय । जो जैसे संगति करै, सो तैसा फल पाय ॥. Friday, April 23, 2010. सनातन धर्म के संस्कार / रीति-रिवाज. जय श्री नाथजी महाराज. Links to this post. Subscribe to: Posts (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. आरती संग्रह. ज्ञान - भण्डार - गृह. ज्ञान - भण्डार. दर्शन का इतिहास. भारतीय दर्शन. हिन्दू मापन प्रणाली. सनातन धर्म के संस्कार / रीति-रिवाज.

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संत कबीर

संत कबीर. Tuesday, April 27, 2010. रसखान के पद. गोकुल गांव के ग्वारन. मानुष हौं तो वहीं रसखानि, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।. जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥. पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धरयौ कर छत्र पुरन्दर-धारन।. जो खग हौं तो बसेरो करौं, मिलि कालिंदी-कूल-कदम्ब की डारन॥. राजतिहूं पुरकौ तजि डारौं. या लकुटी अरु कामरिया पर, राज तिहूँ पुरकौ तजि डारौं।. सिर सुन्दर चोटी. रसखान का यह पद उनके भजन संग्रह से उद्धृत है।. जु वही मन भायौ. ताहि अहीरकी छोहर&#23...परम पंकज अति मन...सनक स&#23...

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Sunday, March 28, 2010. गीता - सार. क्यों. चिंता. तुम्हें. होगा।. पश्चाताप. चिन्ता. तुम्हारा. लिया।. दिया।. लिया।. दिया।. तुम्हारा. होगा।. प्रसन्नता. तुम्हारे. मृत्यु. करोड़ों. स्वामी. तुम्हारा. तुम्हारा. पृथ्वी. जायेगा।. चिन्ता. करेगा।. जय श्री नाथजी महाराज. Sunday, March 28, 2010. Subscribe to: Posts (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. महाभारत की कथा. कर्ण के जन्म की कथा. भीम नागलोक में. कर्ण और अर्जुन. श्रीमद्भ...श्र&#2368...

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संत साधक. माँ सरस्वती. ज्ञान का भंडार). जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. प्रभु - चित्रावली. संत कबीर. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. संत साधक. संत साधक. संत श्री रामकृष्ण परमहंस. मानवमात्र को समर्पित था ब्रह्मा बाबा का जीवन. वीरता व बलिदान के प्रतीक गुरु. महाकवि कालिदास का ज्योतिष प्रेम. सच्चा आध्यात्मिक नायक स्वामी विवेकानंद. स्वामी रामानन्द. सतत् यायावर स्वामी रामतीर्थ. काशी के सचल विश्वनाथ श्रीतैलंग स्वामी. सतत् यायावर स्वामी रामतीर्थ. यह ब्लॉग खोजें. ब्लॉग आर्काइव.

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प्रभु - चित्रावली

प्रभु - चित्रावली. बुधवार, 20 जनवरी 2010. परमपिता परमात्मा ब्रह्मा जी. 0 टिप्पणियाँ. प्रस्तुतकर्ता जय श्री नाथजी महाराज पर 10:25 pm. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. Subscribe to: संदेश (Atom). जय श्री नाथजी महाराज. श्री रामचंद्र जी और श्री हनुमान जी का मिलाप. जय श्री नाथजी महाराज. जय श्री नाथजी महाराज. ज्ञान - भण्डार. आरती संग्रह. प्रभु - दर्शन. प्रभु - चित्रावली. श्री गणेश जी महाराज. माँ सरस्वती जी. परमपिता परमात्मा ब्रह्मा जी. श्री शिव. श्री विष्णु अवतार. श्रीराम जी. Churu, Rajasthan, India.

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November 16, 2009 @ 1:33 am. 183; { Uncategorized. Monday- Today we had bird control class by Mr Alex. He expalined about different ways o fcontrolling birds like gas gun, shooting putting nets. After that he showed how gas gun works. It was a short secission .After that we played cricket. Kiwis beat us once again. I appreciate them. After that we had bbq on campus and after that i worked on my assignments. November 13, 2009 @ 2:04 am. 183; { Uncategorized. November 12, 2009 @ 6:39 am. Monday- Today we h...