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रांधण: इंटरनेट पर राजस्थानी राज
http://rajasthanirandhan.blogspot.com/2011/01/blog-post.html
इंटरनेट पर राजस्थानी राज. इंटरनेट पर राजस्थानी राज. अजय कुमार सोनी. राजस्थानी के रचनाकारों के ब्लॉग में ओम पुरोहित 'कागद' का 'कागद हो तो हर कोई बांचै'. रामस्वरूप किसान की राजस्थानी कहानियों का ब्लॉग. संदीप मील का 'राजस्थानी हाईकू'. बहती धारा'. राव गुमानसिंह राठौड़ के 'राजिया रा दूहा'. सुणतर संदेश'. सत्यनारायण सोनी की राजस्थानी कहानियों का 'धान कथावां'. शिवराज भारतीय का 'ओळूं'. डॉ. मदनगोपाल लढ़ा का 'मनवार'. पूर्ण शर्मा 'पूरण' का 'मायड़ भाषा'. राजस्थानी ब्लॉगर'. व 'अनुसिरजण'. आगीवांण'. डॉ. मदन स&...रा...
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रांधण: क्यूं थारी गोमा गाजै रै?
http://rajasthanirandhan.blogspot.com/2010/05/blog-post_09.html
क्यूं थारी गोमा गाजै रै? क्यूं थारी गोमा गाजै रै? आजाद देश है थांरौ! फैरूं थांरी किण सूं फाटै रै? अबै नीं तो ठाकर रैया,. नीं रैयी वा ठकराई. नी रैया वै पातसाह,. नीं रैयी लाटसाही।. राजसाही रूळगी लोकराज में. फैर क्यांरौ संको रै? इत्ता निबळा क्यूं हुग्या,. क्यूं थारी गोमा गाजै रै? ओ राज लोक रौ! लोकां रौ! लोकां रै सारू! वोटां री मसीनां सूं. बणै मंतरी जद अठै. जात रै आरक्षण सूं. संतरी जद बणै अठै. पांत में दूभांत री. बात करै क्यूं अठै? फैर क्यांरी अड़कांस रै. बण्यौ मंतरी,. जै डरतो भगत सिंघ. मजो आग्य&#...वाह...
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रांधण: 01/01/2011 - 02/01/2011
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इंटरनेट पर राजस्थानी राज. इंटरनेट पर राजस्थानी राज. अजय कुमार सोनी. राजस्थानी के रचनाकारों के ब्लॉग में ओम पुरोहित 'कागद' का 'कागद हो तो हर कोई बांचै'. रामस्वरूप किसान की राजस्थानी कहानियों का ब्लॉग. संदीप मील का 'राजस्थानी हाईकू'. बहती धारा'. राव गुमानसिंह राठौड़ के 'राजिया रा दूहा'. सुणतर संदेश'. सत्यनारायण सोनी की राजस्थानी कहानियों का 'धान कथावां'. शिवराज भारतीय का 'ओळूं'. डॉ. मदनगोपाल लढ़ा का 'मनवार'. पूर्ण शर्मा 'पूरण' का 'मायड़ भाषा'. राजस्थानी ब्लॉगर'. व 'अनुसिरजण'. आगीवांण'. डॉ. मदन स&...रा...
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रांधण: 07/01/2010 - 08/01/2010
http://rajasthanirandhan.blogspot.com/2010_07_01_archive.html
राजस्थान रौ भविष्य कांई? आप संयुक्त राष्ट्रसंघ (United Nations) मांय राजस्थानी मांय बोल सकौ पण राजस्थान री विधान सभा मांय राजस्थानी बोलण सूं रोकीजै. कित्तौ बरदास्त करांला. आपणां खुद रा नेता आपणी भासा बोलता संकौ करै. विरभुमी राजस्थान, जठै मरणै नै तैवार मानीजै उण धरती रै लोगां नै औ कांई व्है ग्यौ? क्यूं अठै रा लोगां रौ रगत पाणी बण ग्यौ? क्यूं राजस्थान रा विर सुरमा हिजड़ा बण ग्या? हनवंतसिंघ राजपुरोहित. 1 टिप्पणी:. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. Follow Us On Facebook. अम्बू शर्मा. आर एस टेलर. किश&...
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रांधण: 08/01/2010 - 09/01/2010
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मायड भाषा रा दूहा. मायड भाषा रा दूहा. ओम पुरोहित ' कागद'. राजस्थानी भाषा. राज बणाया राजव्यां,भाषा थरपी ज्यान ।. बिन भाषा रै भायला,क्यां रो राजस्थान ॥१॥. रोटी-बेटी आपणी,भाषा अर बोवार ।. राजस्थानी है भाई,आडो क्यूं दरबार ॥२॥. राजस्थानी रै साथ में,जनम मरण रो सीर ।. बिन भाषा रै भायला,कुत्तिया खावै खीर ।।३॥. पंचायत तो मोकळी,पंच बैठिया मून ।. बिन भाषा रै भायला,च्यारूं कूंटां सून ॥४॥. भलो बणायो बाप जी,गूंगो राजस्थान ।. घर दफ़्तर अर बारनै,निज भाषा ई बोल ।. मायड भाषा बेलियो,न...पर भाषा नै ब...राजसî...
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कागज़ काले: January 2010
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म्हारा ब्लॉग. सत्यनारायण सोनी री राजस्थानी कहाण्या. 2404; जनवाणी परलीका. 2404; राजस्थानी खबरां रो सांतरो संगम. 2404; मायड़ रो हेलो. 2404; मनवार. इकराम राजस्थानी. आपणी भाषा-आपणी बात. Sunday, January 31, 2010. बेटी जब पंख फैलाती है. 2405; बेटी जब पंख फैलाती है॥. जवान होता बेटा. जब उडारी भरने लगता है. दूर-दूर तक. तो मां-बाप के फख्र का. पार नहीं रहता।. और बेटी. जब पंख फैलाती है. तो मां-बाप के फिक्र का. पार नहीं रहता।. 2405; त्रिभुज के बीच॥. विधायक की ड्योढ़ी के. ठीक सामने. यह भी तो. छत पर खड़ी. शिक...
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जनवाणी परलीका: Sep 20, 2009
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जनवाणी परलीका. आं नै भी देखो सा! रामस्वरूप किसान. इकराम राजस्थानी. मायड़ रो हेलो. आपाणो राजस्थान. राजस्थानी ओळखांण. राज बिजारणियां ब्लॉग. मारवाड़ ने देखो सा! मरूवाणी ब्लॉग देखो सा! प्रयास संस्थान (चुरू). नेगचार वेब पत्रिका. ऐकता प्रकाशन (चुरू). धरती धोरां री गाणों सुणो सा. सत्यनारायण सोनी री कहाणियां पढ़ण खातर अठै क्लिक करो सा! टूम १० देखो सा! आपणी भाषा-आपणी बात. आपणी भाषा ब्लॉग. जनवाणी परलीका. धोरां वाला देश जाग रे. बोधि प्रकाशन. राजस्थानी. म्हारे बारे में. AAPNI BHASHA - AAPNI BAAT. नई पोस्ट.
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कागज़ काले: बेटी जब पंख फैलाती है
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म्हारा ब्लॉग. सत्यनारायण सोनी री राजस्थानी कहाण्या. 2404; जनवाणी परलीका. 2404; राजस्थानी खबरां रो सांतरो संगम. 2404; मायड़ रो हेलो. 2404; मनवार. इकराम राजस्थानी. आपणी भाषा-आपणी बात. Sunday, January 31, 2010. बेटी जब पंख फैलाती है. 2405; बेटी जब पंख फैलाती है॥. जवान होता बेटा. जब उडारी भरने लगता है. दूर-दूर तक. तो मां-बाप के फख्र का. पार नहीं रहता।. और बेटी. जब पंख फैलाती है. तो मां-बाप के फिक्र का. पार नहीं रहता।. 2405; त्रिभुज के बीच॥. विधायक की ड्योढ़ी के. ठीक सामने. यह भी तो. छत पर खड़ी. Jhakjhorti hu...
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मायड़भासा: घर
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मायड़भासा. मां बोल्यां मुंडो भरै. Monday, April 12, 2010. धड़ाधड़ धुड़ै. तौ ई उण नै लागै. नीं हुवंण सूं बेसी हुवै. हुवंण रौ डर।. मुच्योड़ी सी देगची. बाटकिया. अर पेडै सारै दौ ठीया. औ ई है. उण रौ घर।. आंगंणौ. नीं बारंणौ. लीपंणौ. नीं सुवांरंणौ. अर नां ई. छात पड़ंणै रौ डर।. वा चीड़ी. रोज ल्यावै घोचा. लांबा-ओछा. इन्नै-बिन्नै सरकावै. खुद नै समझावै।. उण अेक घर देख्यौ. ढूंढां मांय ढूंढा. अर ढूंढां माथै ई ढूंढा. जठै बारै बैठ्या अेक डोकरौ अर डोकरी. तावड़ी सेकै हा. नां.नां. Subscribe to: Post Comments (Atom).