shabdgunjan.blogspot.com
शब्द-गुंजन: September 2009
http://shabdgunjan.blogspot.com/2009_09_01_archive.html
शब्द-गुंजन. कुछ शब्दों के बहाने, चले हैं हम भी अपना हाल-ऐ-दिल सुनाने। अब बस इतनी सी है ख्वाहिश- हम रहे या न रहे, ये शब्द यूँ ही गुंजित रहे - रोहित. मुखपृष्ठ. ब्लॉग के बारे में. सोमवार, 14 सितंबर 2009. वो रात. वो रात यूँ गुजरी की,कुछ पता न चला,. क्यों दो दिलो के बीच,आ गया. था फासला ।. तन्हाइयों ने मुझे ,इस कदर घेर लिया था ,. भीड़ में भी ये मन ,अकेला था हो चला ।. न चाहत थी शोहरत की , न जन्नत माँगी थी,. अब न खुदा से,मैं कुछ और मांगता हूँ ,. मेरे मित्र ' अरुल. श्रीवास्तव. लेबल: कविता. नई पोस्ट. कुछ म...
sada-srijan.blogspot.com
sada-srijan: April 2012
http://sada-srijan.blogspot.com/2012_04_01_archive.html
शनिवार, 21 अप्रैल 2012. यह मन भी . किस किस से पूछोगे. किस किस को समझोगे. यूँ तो शीर्ष पर. कोई न कोई होता है. और जिन्दगी में उसका ही. अनुसरण करते हुए. आगे बढ़ना होता है . मानव तन में आत्मा का. ओहदा सबसे परम विश्वासी. माना जाता है. पर मन ने अपना कब्जा वहां भी. साधिकार जमा रखा है. आत्मा कुछ कहे तो. अपना मन सबसे आगे. बुद्धि कुछ कहने को आगे होती तो भी. मन को अनसुना करना है. यह मन भी न. अपनी मनमानी के लिए. आजकल चर्चा में है :). पल में खफ़ा तो. पल में खुश. या नहीं. नई पोस्ट. तुम्हा...आप सब इनकी ल...
jyoti-khare.blogspot.com
उम्मीद तो हरी है .........: 06/30/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_06_30_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. मंगलवार, जून 30, 2015. स्त्रियां जानती हैं. स्त्री को. बचा पाने की. जुगत में जुटे. पुरुषों की बहस. स्त्री की देह से प्रारंभ होकर. स्त्री की देह में ही. हो जाती है समाप्त - -. स्त्रियां. पुरषों को बचा पाने की जुगत में भी. रखती हैं घर को व्यवस्थित. सजती संवरती भी हैं - -. स्त्रियां जानती हैं. पुरुषों के ह्रदय. स्त्रियों की धड़कनों से. धड़कते हैं - -. पुरुषों की आँखें. नहीं देख पाती. स्त्रियों की आँखें. देखती हैं. ज्योति खरे". द्वारा. नई पोस्ट. सुबह ...
jyoti-khare.blogspot.com
उम्मीद तो हरी है .........: 06/18/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_06_18_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. गुरुवार, जून 18, 2015. होना तो कुछ चाहिए. कविता संग्रह का विमोचन. वरिष्ठ कवि ज्योति खरे के पहले कविता संग्रह "होना तो कुछ चाहिए" का विमोचन समारोह. 24 मई को हिंदी भवन,दिल्ली में आयोजित किया गया.समारोह की अध्यक्षता. भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक और सुप्रसिद्ध कवि श्री लीलाधर मंडलोई जी ने की,. साहित्यकार और कला समीक्षक डॉ राजीव श्रीवास्तव ने अपने उद्बो...संग्रह की सभी कवितायें नये दौर की ब...सातवें और आठवें दशक की, स&#...नवनीत जैसी पत&#...कार्...
jyoti-khare.blogspot.com
उम्मीद तो हरी है .........: 02/26/15
http://jyoti-khare.blogspot.com/2015_02_26_archive.html
उम्मीद तो हरी है . दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है. गुरुवार, फ़रवरी 26, 2015. आज भी रिस रहा है - - -. तराशा होगा. पहाड़ को. दर्दनाक चीख. आसमान तक तो. पहुंची होगी- -. आसमान तो आसमान है. वह तो केवल. अपनी सुनाता है. दूसरों की कहां सुनता है- -. कांपती सिसकती. पहाड़ की सासें. ना जाने कितने बरस. अपने बचे रहने के लिए. गिड़गिड़ाती रहीं- -. पहाड़ की कराह. को अनसुना कर. उसे नया शिल्प देने. इतिहास रचने. करते रहे. प्रहार पर प्रहार- -. अब जब कभी. कोई इनके करीब आता है. छू कर महसूसता है. इनका दर्द. द्वारा. गम अगरबत्...
mainepadhihai.blogspot.com
मैंने पढ़ी है: गुरु को नमन
http://mainepadhihai.blogspot.com/2011/07/blog-post_15.html
मैंने पढ़ी है. वन्देमातरम जय हिन्द. शुक्रवार, 15 जुलाई 2011. गुरु को नमन. गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः. गुरु साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः. गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।. बलिहारी गुरु आपकी, गोविंद दियो बताए।।. बंदउ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।. महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर।।. बंदउ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।. जथा सुअंजन अंजि दृग साधक सिद्ध सुजान।. राम भक्ति जहँ सुरसरि धारा। सरसइ ब्र...बिधि निषेधमय कलि मल हरन...हरि हर कथा ब...बटु...
shroudedemotions.blogspot.com
|| आकाश के उस पार ||: लकीरें
http://shroudedemotions.blogspot.com/2012/10/lakeeren.html
आकाश के उस पार. लकीरें. उस सुबह जब आँख खोलीं , थीं लकीरें. किसने आखिरकार खींची ये लकीरें ,. कल तलक हम साथ हँसते , साथ रहते. आज दोनों को अलग करतीं लकीरें. साथ थे , पर आज से दोनों अलग हैं ,. अब नहीं वो शाम की महफ़िल सजेंगीं ,. उस राह पर तो आज भी निकलेगा तू , पर. अब नहीं वो राह मेरे घर रुकेंगीं ,. चौपाल पर बैठूंगा जाके रोज , लेकिन. अब नहीं साझे की वो चिलमें जलेंगीं,. प्यार अपना आज कम लगने लगा है ,. प्यार से शायद बड़ी हैं ये लकीरें. इस साल भी रमजान होगा घर हमारे ,. Posted by Akash Mishra. ये कलम हì...
filmihai.blogspot.com
साला सब फ़िल्मी है...: July 2014
http://filmihai.blogspot.com/2014_07_01_archive.html
साला सब फ़िल्मी है. फ़िल्मी दुनिया में हकीकत की तलाश है. Thursday, July 24, 2014. मेरी प्रथम पच्चीसी : आठवीं किस्त. पिछली किस्त पढ़ने के लिये क्लिक करें-. पहली किस्त,. दूसरी किस्त. तीसरी किस्त. चौथी किस्त. पांचवी किस्त. छठवी किस्त. सातवी किस्त. गतांक से आगे-. और पिंकिश डे इन पिंक सिटी. नामक श्रंख्ला में कर चुका हूँ इसलिये यहाँ ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।. Links to this post. Labels: मेरी प्रथम पच्चीसी. Friday, July 11, 2014. सिंगापुर. शिक्षा. अभियांत्रिकी. वे कहते हैं-. Links to this post. Links to this post.
filmihai.blogspot.com
साला सब फ़िल्मी है...: October 2014
http://filmihai.blogspot.com/2014_10_01_archive.html
साला सब फ़िल्मी है. फ़िल्मी दुनिया में हकीकत की तलाश है. Saturday, October 11, 2014. स्वार्थी वृत्तियो पर हो मलाल, तभी संभव है जीवन का सत्यार्थ. Links to this post. Labels: कैलाश सत्यार्थी. नोबेल पुरुस्कार. मलाला युसुफजई. Subscribe to: Posts (Atom). बस एक क्लिक कर रिश्ते को और मजबूत करें. There was an error in this gadget. नजदीकी कुछ और बढ़ायें. मैं समय हूँ. मेरी पहली पुस्तक. आर्डर के लिये पिक्चर पर क्लिक करेंं।. मेरा नया ब्लॉग (मेरी कविताएँ). कृप्या क्लिक करें. अपने बारे में. View my complete profile.
filmihai.blogspot.com
साला सब फ़िल्मी है...: April 2014
http://filmihai.blogspot.com/2014_04_01_archive.html
साला सब फ़िल्मी है. फ़िल्मी दुनिया में हकीकत की तलाश है. Wednesday, April 23, 2014. प्रेम में सिर्फ 'टू स्टेट्स' ही होते. सिर्फ टू स्टेट्स होते.या फिर इन सरहदों को तोड़ने के लिये काश! हम थोड़ी हिम्मत जुटा पाते.काश! ये दुनिया थोड़ा तो प्यार को समझती.काश! हमें कभी प्यार ही न होता.काश.काशश्श्श्श्श्. Links to this post. Labels: टू स्टेट्स. फिल्म समीक्षा. Sunday, April 20, 2014. इसी तरह आशिकी टू. का सजदा गाना भी कुछ ऐसे ही सुरों को पì...का सड्डा हक एक ऐसा ही गीत है...और इसी गाने क&#...कहकर ईकोफ...