sites.google.com
मज़दूर बिगुल
https://sites.google.com/site/bigulakhbar
इस स इट म. हमस स पर क कर. मज द र म गपत रक आन द लन 2011. Workers' Charter Movement 2011. Second Arvind Memorial Seminar 2010: A Report. ग रखप र मजद र आ द लन. प रथम अरव न द स म त स ग ष ठ क र प र ट. व श व प ज व द क स रचन एव क र यप रण ल तथ उत प दन-प रक र य म बदल व मजद र-प रत र ध क नय र प क जन म द ग '. द सम बर 2010. म र च-अप र ल 2010. द सम बर 2009. अक ट बर 2009. स त बर 2009. ज ल ई 2009. अप र ल 2009. म र च 2009. द सम बर 2008. अक ट बर 2008. स तम बर 2008. ज ल ई 2008. अप र ल 2008. म र च 2008. द सम बर 2007. Http:/...
sites.google.com
हमसे संपर्क करें - मज़दूर बिगुल
https://sites.google.com/site/bigulakhbar/hamase-samparka
इस स इट म. हमस स पर क कर. मज द र म गपत रक आन द लन 2011. Workers' Charter Movement 2011. Second Arvind Memorial Seminar 2010: A Report. ग रखप र मजद र आ द लन. प रथम अरव न द स म त स ग ष ठ क र प र ट. व श व प ज व द क स रचन एव क र यप रण ल तथ उत प दन-प रक र य म बदल व मजद र-प रत र ध क नय र प क जन म द ग '. द सम बर 2010. म र च-अप र ल 2010. द सम बर 2009. अक ट बर 2009. स त बर 2009. ज ल ई 2009. अप र ल 2009. म र च 2009. द सम बर 2008. अक ट बर 2008. स तम बर 2008. ज ल ई 2008. अप र ल 2008. म र च 2008. द सम बर 2007. Http:/...
taaham.blogspot.com
ताहम: बीते हुए को लेकर बिताने वाले समय के साथ
http://taaham.blogspot.com/2010/05/blog-post_24.html
सोमवार, 24 मई 2010. बीते हुए को लेकर बिताने वाले समय के साथ. भावी योजनाओं के अंतर्गत कुछ प्रश्न भी रखे जा सकते हैं. मुख्यतः जो आलेखों के मध्य किसी न किसी माध्यम से उपस्थित रहेंगे. लेखन में विचारधारागत लेखन की प्रतिबद्धता का टूटना और परिणामतः. समकालीन साहित्य का सामाजिक सरोकार क्या हो सकता है? तथा ऐसे ही कई बिन्दुओं पर आलेख प्रस्तुत करने की योजना होगी. निशांत कौशिक. ज़ुल्म अगर ज्यादा ही बढ़ गया हो. बढ़ा लेनी चाहिए अपनी कीमतें. कोड़ा खाने,. यही बेहतर. अधिक दाम लेकर चुप रहना! Posted by ताहम. बिकी ह...यार...
bighul.blogspot.com
bighul: August 2010
http://bighul.blogspot.com/2010_08_01_archive.html
बुधवार, अगस्त 11, 2010. अर्जुन उवाच. प्रस्तुतकर्ता. 1 टिप्पणी:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: सियासत. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). यह ब्लॉग खोजें. लोड हो रहा है. . . Http:/ www.wan-press.org/wef. Http:/ www.sciencedaily.com. Http:/ samajvad.wordpress.com. मेरे प्रिय. हाशिया. गुजरात आंदोलन के नेता जिग्नेश मेवाणी से एक बातचीत. 6 दिन पहले. पुण्य प्रसून बाजपेयी. किन्हें नाज है मीडिया पर . 2 सप्ताह पहले. 4 सप्ताह पहले. बेदखल की डायरी. 1 वर्ष पहले. 3 वर्ष पहले.
bighul.blogspot.com
bighul: पाश की याद
http://bighul.blogspot.com/2010/04/blog-post.html
बुधवार, अप्रैल 07, 2010. पाश की याद. हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिये. हम लड़ेंगे साथी, गुलाम इच्छाओं के लिये. हम चुनेंगे साथी, जिंदगी के टुकड़े. हथौड़ा अब भी चलता है, उदास निहाई पर. हल अब भी चलता हैं चीखती धरती पर. यह काम हमारा नहीं बनता है, प्रश्न नाचता है. प्रश्न के कंधों पर चढ़कर. हम लड़ेंगे साथी. कत्ल हुए जज्बों की कसम खाकर. बुझी हुई नजरों की कसम खाकर. हाथों पर पड़े घट्टों की कसम खाकर. हम लड़ेंगे साथी. हम लड़ेंगे तब तक. जब तक वीरू बकरिहा. कि सूजी आंखों वाली. हम लड़ेंगे जब तक. हम लड़ेंगे. जिन्द...दर्...
bighul.blogspot.com
bighul: वागर्थ के अप्रैल अंक के आवरण पृष्ठ पर प्रकाशित
http://bighul.blogspot.com/2010/05/blog-post.html
शनिवार, मई 01, 2010. वागर्थ के अप्रैल अंक के आवरण पृष्ठ पर प्रकाशित. तुम्हीं से मुक्ति पानी है तुम्हीं पर है फना होना. यह मुश्किल काम बाँहों में लिपटकर हो नहीं सकता।. अगर दुनिया बदलनी है तो दुनिया से अलग तो आ. यह दिलकश खेल घर दीवार रखकर हो नहीं सकता।. मुसीबत है कि हम अपने को अपनों में तलाशे हैं. यह जाहिर है कि कुछ भी यूँ सिमट कर हो नहीं सकता।. भगवान सिंह. प्रस्तुतकर्ता. 2 टिप्पणियां:. 1 मई 2010 को 10:51 pm. उत्तर दें. 26 सितंबर 2010 को 2:57 am. Mera blog address h. Http: aaahwaan.blogspot.com. वाग...
bighul.blogspot.com
bighul: January 2010
http://bighul.blogspot.com/2010_01_01_archive.html
गुरुवार, जनवरी 07, 2010. रुचिका कांड: राठौर की पत्नी और उनकी वकील आभा से चंद सवाल. तुम भी तो एक औरत हो आभा. तुम्हें तो पता होना चाहिए. इज्जत की अहमियत क्या है. भारतीय समाज में. जिस व्यक्ति को बचाने. तुम कर रही हो जीतोड़ कोशिश. उसे एकांत में दे पाती हो सम्मान. एक पति या बच्चों के पिता का? अदालत से निकलते हुए. तुम्हारे चेहरे की बनावटी मुस्कान. कर रही थी चुगली. कि छुपा रही हो बहुत कुछ. सिर्फ चोर की दाढ़ी में नही होता तिनका. उसके साथी को भी सताता है भय. कोई अदालत नहीं दे सकती. लेबल: Radical Poet. गुजर...
bighul.blogspot.com
bighul: रुचिका कांड: राठौर की पत्नी और उनकी वकील आभा से चंद सवाल
http://bighul.blogspot.com/2010/01/blog-post_07.html
गुरुवार, जनवरी 07, 2010. रुचिका कांड: राठौर की पत्नी और उनकी वकील आभा से चंद सवाल. तुम भी तो एक औरत हो आभा. तुम्हें तो पता होना चाहिए. इज्जत की अहमियत क्या है. भारतीय समाज में. जिस व्यक्ति को बचाने. तुम कर रही हो जीतोड़ कोशिश. उसे एकांत में दे पाती हो सम्मान. एक पति या बच्चों के पिता का? अदालत से निकलते हुए. तुम्हारे चेहरे की बनावटी मुस्कान. कर रही थी चुगली. कि छुपा रही हो बहुत कुछ. सिर्फ चोर की दाढ़ी में नही होता तिनका. उसके साथी को भी सताता है भय. कोई अदालत नहीं दे सकती. सच के अलग-अलग पहलू. Http:/ samajv...