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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. रविवार, 16 अगस्त 2015. अनुभव की सीढ़ी- भारतेन्दु मिश्र. १ बाँसुरी की देह (राग विराग एवं गृहरति के गीत/नवगीत). २ बाकी सब ठीक है (नगर बोध/विसंगतियाँ और आस्था के गीत/नवगीत). ३ मौत के कुएँ में (स्त्री मजदूर किसान चेतना-श्रम सौन्दर्य के गीत/नवगीत). ४ जुगलबन्दी (राजनीति-धर्म-दर्शन और बाजारवादी समय के गीत/नवगीत). एक और भ्रम जी ले भाई. धूप सुनहरी है. रात अमावस की अँधियारी. नदिया गहरी है. अपने पैर...देह...

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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. रविवार, 16 अगस्त 2015. अनुभव की सीढ़ी- भारतेन्दु मिश्र. १ बाँसुरी की देह (राग विराग एवं गृहरति के गीत/नवगीत). २ बाकी सब ठीक है (नगर बोध/विसंगतियाँ और आस्था के गीत/नवगीत). ३ मौत के कुएँ में (स्त्री मजदूर किसान चेतना-श्रम सौन्दर्य के गीत/नवगीत). ४ जुगलबन्दी (राजनीति-धर्म-दर्शन और बाजारवादी समय के गीत/नवगीत). एक और भ्रम जी ले भाई. धूप सुनहरी है. रात अमावस की अँधियारी. नदिया गहरी है. अपने पैर&#23...देह...
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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. रविवार, 16 अगस्त 2015. अनुभव की सीढ़ी- भारतेन्दु मिश्र. १ बाँसुरी की देह (राग विराग एवं गृहरति के गीत/नवगीत). २ बाकी सब ठीक है (नगर बोध/विसंगतियाँ और आस्था के गीत/नवगीत). ३ मौत के कुएँ में (स्त्री मजदूर किसान चेतना-श्रम सौन्दर्य के गीत/नवगीत). ४ जुगलबन्दी (राजनीति-धर्म-दर्शन और बाजारवादी समय के गीत/नवगीत). एक और भ्रम जी ले भाई. धूप सुनहरी है. रात अमावस की अँधियारी. नदिया गहरी है. अपने पैर&#23...देह...

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संग्रह और संकलन: अनुभव की सीढ़ी- भारतेन्दु मिश्र

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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. रविवार, 16 अगस्त 2015. अनुभव की सीढ़ी- भारतेन्दु मिश्र. अनुभव की सीढ़ी". मात्र काव्यकृति ही नहीं, डा. भारतेन्दु. १ बाँसुरी की देह (राग विराग एवं गृहरति के गीत/नवगीत). २ बाकी सब ठीक है (नगर बोध/विसंगतियाँ और आस्था के गीत/नवगीत). ४ जुगलबन्दी (राजनीति-धर्म-दर्शन और बाजारवादी समय के गीत/नवगीत). एक और भ्रम जी ले भाई. धूप सुनहरी है. रात अमावस की अँधियारी. नदिया गहरी है. तट पर डेरा डाले. साँसो...जीवन त&#2...

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संग्रह और संकलन: चीखती टिटहरी हाँफता अलाव- डॉ. रामसनेहीलाल शर्मा 'यायावर'

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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. शनिवार, 8 अगस्त 2015. चीखती टिटहरी हाँफता अलाव- डॉ. रामसनेहीलाल शर्मा 'यायावर'. झूठ ही झूठ है. पूर्ण वातावरण. खो गया है कहीं. आज सत्याचरण. बाँटते विष सभी. आप, वे और मैं. बंधु-बाँधव सखा. भ्रातरम् भ्रातरम्'. तथा 'हो चतुर्दिक. तेरे हंस की धवलिमा. जाय मिट हर दिशा की. गहन कालिमा. बाँसुरी में नये स्वर. बजें प्रीति के. शांति, संतोष, सुख. मंगलम् मंगलम्'. भ्रम ही भ्रम. लिखती रही उमर. विसंगति-. यहाँ पर. चा&#...

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संग्रह और संकलन: नवगीत २०१३ - संपादक- डॉ. जगदीश व्योम, पूर्णिमा वर्मन

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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. मंगलवार, 28 अप्रैल 2015. नवगीत २०१३ - संपादक- डॉ. जगदीश व्योम, पूर्णिमा वर्मन. प्रस्तुतकर्ता नवगीत की पाठशाला. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: २०१३ में प्रकाशित. सं. डॉ. जगदीश व्योम. सं. पूर्णिमा वर्मन. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. क्या आपने यह पुस्तक पढ़ी है? नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. कृष्ण शलभ. ब्रजे...भाव...

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संग्रह और संकलन: सदी को सुन रहा हूँ मैं- जयकृष्ण राय तुषार

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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. शनिवार, 18 अप्रैल 2015. सदी को सुन रहा हूँ मैं- जयकृष्ण राय तुषार. नए साल में नयी सुबह ले. ओ मेरे दिनमान निकलना. संगम पर आने से पहले. मेलजोल की धारा पढना. छेनी लेकर. अकबर पन्त निराला गढ़ना. सबकी किस्मत रहे दही गुड. नहीं किसी की खोटी लाना. बस्ती गाँव. शहर के सारे. मजलूमों को रोटी लाना. फिर फिर राहू ग्रहण लायेगा. साथ लिए किरपान निकलना. अब की शाखों पर बसंत तुम. अपना मकरंद पिलाना. यह जरा सी ब&#236...रेश...

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संग्रह और संकलन: हम जंगल के अमलतास - आचार्य भगवत दुबे

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संग्रह और संकलन. प्रकाशित नवगीत संग्रहों और नवगीत संकलनों से परिचय. नवगीत की चौपाल. नवगीत की पाठशाला. रविवार, 28 जून 2015. हम जंगल के अमलतास - आचार्य भगवत दुबे. नव प्रतीक, नव ताल, छंद नव लाये हैं. जन-जीवन के सारे चित्र बनाये हैं. की सरगम तैयार नये संगीत की. कसे उक्ति वैचित्र्य, चमत्कृत करते हैं. छोटी सी गागर में सागर भरते हैं. जहाँ मछलियाँ विचरण करें प्रतीत की. जो विरूपतायें समाज में दिखती हैं. लीक छोड़ दी पारंपरिक अतीत की. अब फहराने लगी ध्वजा नवगीत की. कभी वसंत सुहाना. नई पोस्ट. २००७ में प&#2...२००८ म&#2...

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नवगीत की चौपाल: अभिव्यक्ति - २०१२ नवगीत परिसंवाद का सफल आयोजन

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नवगीत की चौपाल. नवगीत से संबंधित सूचनाएँ और समाचार. संग्रह और संकलन. नवगीत की पाठशाला. 1 दिसंबर 2012. अभिव्यक्ति - २०१२ नवगीत परिसंवाद का सफल आयोजन. प्रस्तुतकर्ता. नवगीत की पाठशाला. लेबल: परिसंवाद. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). सहयोगी चिट्ठे. संग्रह और संकलन. संवत बदले - गणेश गंभीर. 6 दिन पहले. नवगीत की पाठशाला. ९ बिन शाखाओं के - गीता पंडित. 2 वर्ष पहले. मेरी ब्लॉग सूची. लोकप्रिय समाचार. लखनऊ में नवगीत क&#23...लखनऊ, २६-२७ नव&...

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नवगीत की चौपाल: अभिव्यक्ति-२०११, नवगीत परिसंवाद का सारांश - आनंद गौरव

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नवगीत की चौपाल. नवगीत से संबंधित सूचनाएँ और समाचार. संग्रह और संकलन. नवगीत की पाठशाला. 17 जनवरी 2012. अभिव्यक्ति-२०११, नवगीत परिसंवाद का सारांश - आनंद गौरव. मुरादाबाद से आनंद गौरव द्वारा. प्रस्तुतकर्ता. नवगीत की पाठशाला. लेबल: सारांश. 4 टिप्‍पणियां:. भारतेंदु मिश्र. ने कहा…. आपकी यह संगोष्ठी बहुत महत्त्वपूर्ण बन गयी है ऐसा चित्रो और रपट को देखकर लगता है। आपको बधाई. 16 फ़रवरी 2012 को 7:35 pm. पूर्णिमा वर्मन. ने कहा…. 28 फ़रवरी 2012 को 11:07 pm. ने कहा…. 1 जून 2012 को 8:18 am. ने कहा…. नई पोस्ट. बिन ...

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नवगीत की चौपाल: अभिव्यक्ति-२०११ नवगीत परिसंवाद का सफल आयोजन

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नवगीत की चौपाल. नवगीत से संबंधित सूचनाएँ और समाचार. संग्रह और संकलन. नवगीत की पाठशाला. 10 जनवरी 2012. अभिव्यक्ति-२०११ नवगीत परिसंवाद का सफल आयोजन. प्रस्तुतकर्ता. नवगीत की पाठशाला. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). सहयोगी चिट्ठे. संग्रह और संकलन. संवत बदले - गणेश गंभीर. 6 दिन पहले. नवगीत की पाठशाला. ९ बिन शाखाओं के - गीता पंडित. 2 वर्ष पहले. मेरी ब्लॉग सूची. लोकप्रिय समाचार. लखनऊ में नवगीत को केन्द्र म&...लखनऊ, २६-२७ नवंबर, काल&#236...लखनऊ २६ ए...

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नवगीत की चौपाल: नवगीत महोत्सव - २०१४

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नवगीत की चौपाल. नवगीत से संबंधित सूचनाएँ और समाचार. संग्रह और संकलन. नवगीत की पाठशाला. 25 नवंबर 2014. नवगीत महोत्सव - २०१४. प्रस्तुतकर्ता. नवगीत की पाठशाला. लेबल: परिसंवाद. सांस्कृतिक संध्या. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). सहयोगी चिट्ठे. संग्रह और संकलन. संवत बदले - गणेश गंभीर. 4 दिन पहले. नवगीत की पाठशाला. ९ बिन शाखाओं के - गीता पंडित. 2 वर्ष पहले. मेरी ब्लॉग सूची. लोकप्रिय समाचार. लखनऊ में नवगीत को क&...लखनऊ, २६-२७ नवं...

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नवगीत की पाठशाला: ९. बिन शाखाओं के - गीता पंडित

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नवगीत की पाठशाला. नवगीत की पाठशाला में आप सबका हार्दिक स्वागत है! नवगीत की चौपाल. संग्रह और संकलन. 7 सितंबर 2014. ९ बिन शाखाओं के - गीता पंडित. बिन शाखाओं. के देखो तो. बूढ़ा पीपल फफक रहा है. नहीं वृक्ष ने कुछ चाहा वो. जीवन देते आये हैं. काट उन्हें करते अपंग हम. कैसे अपने साये हैं. ठूँठ हुए हैं. बरगद पंछी कहाँ बनाएं बसेरे अब. चींचीं कर जो. मन बहलाते हमने खोये सवेरे अब. चली आरियां. इतनी देखो. खून डाल से टपक रहा है. भारी पाँव प्रदूषण के हैं. केवल अब गम होते हैं. हरियाली बौनी. पथिक पसीने. मन बहलात&#2375...

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नवगीत की पाठशाला: ८. काट रहे सब डाल - कृष्णनंदन मौर्य

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नवगीत की पाठशाला. नवगीत की पाठशाला में आप सबका हार्दिक स्वागत है! नवगीत की चौपाल. संग्रह और संकलन. 6 सितंबर 2014. ८ काट रहे सब डाल - कृष्णनंदन मौर्य. काट रहे सब, डाल वही. हैं बैठे जिसको थाम।. बूढ़ा बरगद सोच रहा. दिन कैसे आये राम।. बाग, फूल, तितली. बसंत से रंग हुआ गायब. झूठे बादल. लेकर आता है अषाढ़ भी अब. बाढ़, अकाल, भुखमरी का. ॠतुयें लातीं पैगाम।. भूमि, भाव की सूखी. उड़ती है स्वारथ की रेत. प्रगतिवाद के सांड़. खा गये नैतिकता के खेत. उगे अर्थ के 'हट'. पर्वत नंगा हुआ. महुआ, जामुन, आम।. नई पोस्ट. डॉ&#4...

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सान्निध्य: 2- मेरी लघु कथाएँ

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सान्निध्य. दोस्‍त फ़रिश्‍ते होते हैं. बाक़ी सब रिश्‍ते होते हैं. 2- मेरी लघु कथाएँ. कोई अन्याय नहीं किया. जिसे देखो वह हमारा शिकार करने पर तुला रहता है। पकड़ कर पिंजरे में कैद कर लेता है। आकाश में रहने को जगह होती तो मैं पृथ्वी पर कभी नहीं आता।". 8220;किन्तु् ॠषिवर, कबूतर तो बहुत ही निरीह प्राणी है। क्या उसके साथ अन्याय हुआ है? 8221; शिष्य ने पूछा।. 2- अब राम राज्य आएगा. 3- एक करोड़ का सवाल. कैसा लग रहा है आपको।' बिग बी ने पूछा।. 4- मृत्यु का भय. 5- जनता जागरूक नहीं है? वेताल ने अट&#238...2404; विक...

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नवगीत की पाठशाला: ७. जंगलों में - कल्पना रामानी

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