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Srishti Rachna: आत्म-ज्योति का रहस्य
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. आत्म-ज्योति का रहस्य. आत्मा और शक्ति. आत्मा की एकरूपता और स्थिरता तथा शक्ति की पृथकता और परिवर्तनशीलता. के रूप में कायम हुआ परन्तु अपने स्वभाविक गुण पृथक्करण के कारण इस “प्रचण्ड प्रवाहयुक्त अक्षय तेज पुंज” (Supper Fluid). दिखलायी दे रहा है।. से काटे नहीं रहते हैं, वे ‘पुच्छल-तारे’. सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस. Subscribe to: Posts (Atom). फोन न. - 9415584228, 9634482845. श्र...
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Srishti Rachna: चेतन (आत्मा) और योग(साधना)
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. चेतन (आत्मा) और योग(साधना). वह न तो आत्मा है और न जीव ही है, वह शक्ति भी नहीं है, बुद्धि व मन तथा इन्द्रियों की बात क्या की जाय? अब देखा जाय कि आत्मा क्या है? जीव क्या है? शक्ति क्या है? चित्त क्या है? बुद्धि, मन तथा इंद्रियाँ क्या है? आत्मा (Soul)-. योग या साधना –. जीव या सूक्ष्म शरीर. 1) जाग्रतावस्था –. 2) आलस्य –. 3) स्वप्नावस्था-. 4) सुषुप्ति अवस्था –. जीव या सूक्ष...परमतत्त्व...बुर...
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Srishti Rachna: आज्ञा-चक्र आज्ञा प्रधान विधान
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. आज्ञा-चक्र आज्ञा प्रधान विधान. 8216;टीका’ – कर्मकांडी, योगी तथा ज्ञानी की दृष्टि में. टीका का अर्थ. टिकना या ठहरना होता है परन्तु जितने भी. कर्मकांडी, पुजारी, साधु, पण्डित, रामायणी. करने लगते हैं। इसी को. टीका की यथार्तता योगी-महात्माओं के दृष्टिकोण में. और ध्यान करते-करते जब जीव. गुरु आज्ञानुसार आज्ञा-चक्र में आत्मा. पत्नी और भक्त एक ही समान –. कैसा है? कहाँ रहता है? Subscribe to: Posts (Atom).
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Srishti Rachna: गुण और दोष (Merit and Demerit)
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. गुण और दोष (Merit and Demerit). गुण (Merit) –. किसी वस्तु या शक्ति विशेष की लक्ष्य प्राप्ति की अनुकूलता से युक्त विशेषता ही गुण है।. सत्त्व गुण-. रजो गुण-. तमो गुण-. मयाध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते सचराचरम् ।. हेतुनानेन कौन्तेय जगद्विपरिवर्तते ॥. हे अर्जुन! तस्यावयवभूतैस्तु व्याप्तं सर्वमिदं जगत् ॥. श्वेता॰ 4/10). Subscribe to: Posts (Atom). पुरुषोत्तम धाम आश्रम. Email - bhagwadavatari@gmail.com.
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Srishti Rachna: शरीर (Body)
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. शरीर कोषों (Cell) से निर्मित वह आकृति है, जिसमें आत्मा (Soul) जीव (Self) बनकर तथा जिससे संसार में कर्मकर तदनुसार भोग भोगती है।. हे काल भगवान! मुझे अपने बताया नहीं ओह! अब भी चेत जा! कैसे जाना है? किसके साथ जाना है आदि आदि! अरे मूढ़! जनम-मरण रूप चक्र –. जनम-मरण रूप चक्र है।. सृष्टि चक्र –. सृष्टि चक्र है।. आत्मा और शक्ति –. आत्मा (Soul). और शक्ति (Power). Subscribe to: Posts (Atom). पिण्...
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Srishti Rachna: आत्मा का संघटन रूप शरीर
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. आत्मा का संघटन रूप शरीर. कहलाता है । उसी ‘आत्मतत्त्वम्’. रूप ‘वचन’. से ही ‘आत्म’. सः) की उसी ‘वचन’. शब्द-ब्रह्म और उसकी शब्द-शक्ति. कहा जाता है। चूँकि शब्द और शक्ति. की उत्पत्ति क्रमशः शब्द और ब्रह्म. से होती है, इसीलिए शब्द-शक्ति, शब्द-ब्रह्म. सृष्टि की उत्पत्ति –. आदि के पूर्व में जब मात्र. परमतत्त्वं (आत्मतत्त्वम्). 1) आत्मा का संघटन रूप शरीर. बन जाता है।. पुनः आगे चलकर उपर&#...1) कार...
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Srishti Rachna: November 2011
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. भगवद्कृपा से आपके समक्ष सृष्टि-रचना से संबंधित इस जानकारी को प्रस्तुत किया जा रहा है।. Subscribe to: Posts (Atom). पुरुषोत्तम धाम आश्रम. पुरुषोत्तम नगर, सिद्धौर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश. फोन न. - 9415584228, 9634482845. Email - bhagwadavatari@gmail.com. सृष्टि रचना. कैसे हुई स्थूल जगत की रचना. संसार (WORLD). चेतन (आत्मा) और योग(साधना). गुण और दोष (Merit and Demerit). कर्ता (Doer).
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Srishti Rachna: नहीं रहता कण-कण में भगवान
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. नहीं रहता कण-कण में भगवान. नहीं रहता कण-कण में भगवान. सत्यान्वेषी बन्धुओं! कण-कण में भगवान या घट-घट में भगवान या सबमें भगवान घोषित करना घोर अज्ञानता व मूर्खता का परिचय देना है! क्योंकि भगवान कण-कण में तो क्या वह तो धरती पर ही हमेशा नहीं रहता है! वेदों से. श्वेता ४/४. ऋग्वेद १/१६/३९. अथर्वेद ९/१५/१८). व्याख्या. श्रीमद् भगवदगीता से. श्रीमद् भगवदगीता १५/६). परमधाम है।. अजन्मा है. शब्द (वचन) द&...
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Srishti Rachna: सौर मण्डल अथवा सौर परिवार
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. सौर मण्डल अथवा सौर परिवार. 8216;सूर्य’. एक ‘प्रवाह युक्त तेज पुंज’ (Fluid). है जो शक्ति रूपा ‘प्रचण्ड प्रवाह युक्त अक्षय पुंज’ (Supper Fluid). विखंडित होकर नवग्रहों. सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस. Subscribe to: Posts (Atom). पुरुषोत्तम धाम आश्रम. पुरुषोत्तम नगर, सिद्धौर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश. फोन न. - 9415584228, 9634482845. Email - bhagwadavatari@gmail.com. संसार (WORLD). किस&...
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Srishti Rachna: संसार (WORLD)
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संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान. संसार की समस्त समस्याओं का एकमात्र समाधान - विद्यातत्त्वम् पद्धति. संसार (WORLD). नामक दो वस्तुओं से गुण. इस प्रकार संसार. जड़ से तात्पर्य पदार्थ (Matter). तथा पृथ्वी. पदार्थ –. 8216;पदार्थ शक्ति का सघन रूप है।’ Matter is the deeply form of power. 1) आकाश तत्त्व. आकाश से तात्पर्य उस वस्तु विशेष से है जो मात्र शब्द. गुण –. शब्द –. आकाश तथा आकाश से संबंधित वस्तुओं की जानकारी कì...कान (कर्ण) (Ear). कहा जाता है ।. द्वारा दी गयी ज...वाक् –. चेतन जब आक...