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सुरजीत: पल
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ठहर गया . चलता-चलता समुन्द्र भी जरुर इसने मेरा ख़त पढ़ लिया होगा ! Tuesday, October 25, 2011. सखी अब मुझे. इक पल में जीना. जो हो रहा है. होता रहेगा. कोई हंसता है. मैं भी हंस दूं. कोई गाए तो. गाने लगूं. नाचता है कोई तो. मैं भी नाचूं. अगर कोई रोये. तो रोने न दूं. दुख में समय. न दूं. इक पल का. अगले पल क्या होगा. क्या पता! जब मैं ही न रहूंगी. क्या बचा. क्या पडा है. मुझे क्या लेना? जो है. बस यही पल है. इस पल में रह सकुं. बस यही है इच्छा! सहज साहित्य. October 31, 2011 at 4:25 PM. बस यही पल है.
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सुरजीत: November 2011
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ठहर गया . चलता-चलता समुन्द्र भी जरुर इसने मेरा ख़त पढ़ लिया होगा ! Friday, November 18, 2011. फिर कभी. अभी अधूरा है. तलाश का सफर. अभी पकड़ रहीं हूँ. पानी में घुल गई. अपनी परछाई. अभी गिन रही हूँ. हवा में मिल गये. सांसों के. ढून्ढ रही हूँ. चले हुए कदमों के. रास्ते. सुनती हूँ. शब्दों में गुम्म. अपने हिस्से के. गीतों के बोल. छोड़ आई हूँ पीछे. कितनी मंजिलों के. मील पत्थर! अभी मेरा चिन्तन अधूरा. अधूरी नज्में. अधूरी ज़िन्दगी की परिभाषा! ढून्ढ रही हूँ. अधूरी हस्ती का. गुम्म हुआ आधापन. Labels: फिर कभी.
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सुरजीत: फिर कभी
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ठहर गया . चलता-चलता समुन्द्र भी जरुर इसने मेरा ख़त पढ़ लिया होगा ! Friday, November 18, 2011. फिर कभी. अभी अधूरा है. तलाश का सफर. अभी पकड़ रहीं हूँ. पानी में घुल गई. अपनी परछाई. अभी गिन रही हूँ. हवा में मिल गये. सांसों के. ढून्ढ रही हूँ. चले हुए कदमों के. रास्ते. सुनती हूँ. शब्दों में गुम्म. अपने हिस्से के. गीतों के बोल. छोड़ आई हूँ पीछे. कितनी मंजिलों के. मील पत्थर! अभी मेरा चिन्तन अधूरा. अधूरी नज्में. अधूरी ज़िन्दगी की परिभाषा! ढून्ढ रही हूँ. अधूरी हस्ती का. गुम्म हुआ आधापन. Labels: फिर कभी.
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सुरजीत: पागल मुहब्बत
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ठहर गया . चलता-चलता समुन्द्र भी जरुर इसने मेरा ख़त पढ़ लिया होगा ! Monday, January 23, 2012. पागल मुहब्बत. पंजाबी से अनुवाद : सुभाष नीरव. पागल मुहब्बत. मेरी मुहब्बत को ही. यह पागलपन क्यों है. कि तू रहे मेरे संग. जैसे रहते है मेरे साथ. मेरे साँस. तसव्वुर में तू है. इंतज़ार में तू है. नज़र में तू है. अस्तित्व में भी तू! मेरी मुहब्बत को. यह कैसा पागलपन है. कि मेरे दुपट्टे की छोर में. तू चाबियों के गुच्छे की तरह बंधा रहे! मेरे पर्स की तनी की भाँति. मेरे कंधे पर लटका रहे! जैसे बादवान. एक दिया.
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ਵਿਰਾਗ | ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਹੜਾ
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ਮ ਹ-ਭ ਜ ਬ ਲ. Posted by: ਡ . ਹਰਦ ਪ ਕ ਰ ਸ ਧ. July 14, 2013. ਨਹ ਹ ਇਆ ਅਜ ਮਨ ਜ ਗ. ਦ ਖ ‘ਚ ਜ ਹੜ ਰ ਵਦ ਨ. ਸ ਖ ‘ਚ ਜ ਹੜ ਹ ਸਦ ਨ. ਅ ਜ ਵ ਭ ਵ ਓਹ ਓ ਸ ਰਜ. ਪਰ ਤ ਰ ਬਗ ਰ ਛਲਕਣ ਅ ਖ. ਦ ਖ ਧ ਦਲ -ਧ ਦਲ ਹਰ ਪ ਸ. ਤ ਰ ਬ ਨ ਸ ਨ ਉਦ ਸ ਵ ਹੜ. ਤ ਕਦ ਰਹ ਦ ਦਹ ਲ ਜ ਵ ਲ. ਸ ਇਦ ਤ ਕ ਧਰ ਆ ਜ ਵ. ਖਬਰ ਹ ਣ ਹ ਕ ਤ ਆ ਜ ਵ! ਡ ਹਰਦ ਪ ਕ ਰ ਸ ਧ. Posted in ਕਵ ਤ. ਟ ਗ: ਕਵ ਤ. ਕ ਸ ਪ ਯ ਰ ਡ ਉਡ ਕ ਵ ਚ ਮ ਨ ਇਸ ਤਰ ਤੜਫਦ ਹ. On July 15, 2013. Very nice Hardeep ji. Seeing it after along time. Bahut changa lagia! On July 16, 2013. ਟ ਪਣ ਕਰ ਜ ਕ ਝ ਪ ਛ Cancel reply. ਈ-ਮ ਲ (ਲ ੜ ਦ ).
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सुरजीत: फाइलों से जूझता शख्स
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ठहर गया . चलता-चलता समुन्द्र भी जरुर इसने मेरा ख़त पढ़ लिया होगा ! Monday, January 23, 2012. फाइलों से जूझता शख्स. फाइलों से जूझता शख्स. पंजाबी से अनुवाद : सुभाष नीरव. रोज़ सूरज. समुन्दर में जा गिरता है. रोज़ चन्द्रमा. रात से मिलता है. रोज़ पखेरू. पंख फड़फड़ाता हुआ. घर को लौटता है! अभी भी. दफ्तर की. फाइलों से जूझता. भूल गया घर का रास्ता।. Labels: फाइलों से जूझता शख्स. दिगम्बर नासवा. March 20, 2012 at 10:23 PM. बहुत खूब . March 22, 2012 at 6:41 PM. घर को लौटता है! March 24, 2012 at 1:45 AM. तस्वì...
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सुरजीत: निर्वाण
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ठहर गया . चलता-चलता समुन्द्र भी जरुर इसने मेरा ख़त पढ़ लिया होगा ! Saturday, December 10, 2011. निर्वाण. निर्वाण. जब भी मैं. चौकड़ी मार. रीड़ की हड्डी सीधी कर. दो उन्गलिओं के पोरों को जोड़. पुरातन योगिओं की भांति. आँखें मूँद कर. ध्यान में बैठने की. कोशिश करती. अचानक मुझे. घेर लेता है. अजीबो गरीब चिंतन! चलचित्र की भांति दौड़ते हैं. आस पास घट रही. खौफनाक घटनाओं के ख्याल! शून्य होने को लोचता मन. कर लेता है इकठ्ठा. कूड़ा करकट! चिंतन की पिटारी में. भर जाता है. टी वी पर चलती. कोशिश में. रोम में. Watermark templ...
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sirjanhari: Damini Yadav's poem
http://sirjanhari.blogspot.com/2015/03/damini-yadavs-poem.html
A mother holds their children's hand for a little while but hearts for ever. Friday, March 27, 2015. आज मेरी माहवारी का. दूसरा दिन है।. पैरों में चलने की ताक़त नहीं है,. जांघों में जैसे पत्थर की सिल भरी है।. पेट की अंतड़ियां. दर्द से खिंची हुई हैं।. इस दर्द से उठती रूलाई. जबड़ों की सख़्ती में भिंची हुई है।. कल जब मैं उस दुकान में. 8216;व्हीस्पर’ पैड का नाम ले फुसफुसाई थी,. सारे लोगों की जमी हुई नजरों के बीच,. दुकानदार ने काली थैली में लपेट. आज तो पूरा बदन ही. देते हुए सुझाव,. पीछे कुर&#...अस्सì...
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sirjanhari: Maya Angelou- USA
http://sirjanhari.blogspot.com/2014/06/maya-angelou-usa.html
A mother holds their children's hand for a little while but hearts for ever. Wednesday, June 25, 2014. A free bird leaps. On the back of the wind. Till the current ends. And dips his wings. Int he orange sun rays. And dares to claim the sky. But a bird that stalks. Down his narrow cage. Can seldom see through. His bars of rage. His wings are clipped and. His feet are tied. So he opens his throat to sing. The caged bird sings. With a fearful trill. But longed for still. And his tune is heard. ਸ਼...