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आप कहिए: July 2008
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रविवार, 27 जुलाई 2008. कैसे भूलें वह मंजर. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 3 टिप्पणियां:. सोमवार, 7 जुलाई 2008. अब मां-बाप की भी आउटसोर्सिंग. इस मौके पर तो मुझे निदा फाजली की कुछ लाइनें याद आ रही हैं जो उन्होंने ` मां. नामक कविता में लिखी थी -. बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन,. थोड़ी-थोड़ी सी सब में,. दिन भर एक रस्सी के ऊपर,. चलती नटनी जैसी मां।. बांट के अपना चेहरा माथा,. आंखें जाने कहां गई,. फटे-पुराने एक एलबम में,. चंचल लड़की जैसी मां।. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. शनिवार, 5 जुलाई 2008. 1 टिप्पणी:. हमेशì...
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आप कहिए: डार्विन का सवाल, सबका मालिक एक कैसे?
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शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2009. डार्विन का सवाल, सबका मालिक एक कैसे? जी हां, चाल्र्स डारविन ने सबका मालिक एक है पर सवाल उठाते हुए अपनी किताब ‘ओरिजीन ऑफ स्पीसीज’(Origin Of the Speceis). में सवाल उठाते हुए `विकासवाद का सिद्धांत' (Theory Of Evolution). प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). इस गैज़ेट में एक त्रुटि थी. लोकप्रिय पोस्ट. हमेशा से ही इंसान की खोजी द&#...आज दिल्ली हाईकोरî...पत्रकारित...जैसा...
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आप कहिए: December 2014
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सोमवार, 22 दिसंबर 2014. PDS is OK but what about PTS? और जानिएं. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. कोई टिप्पणी नहीं:. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). इस गैज़ेट में एक त्रुटि थी. लोकप्रिय पोस्ट. रानी को नहीं पता कहां है राजघाट. डार्विन का सवाल, सबका मालिक एक कैसे? समलैंगिकता को महिमामंडित न करें. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर निकाल द&#...आ ही गया मैं. पत्रकारिता में आने के बाद अपना ब्ल...वाह री मीडिया. जैसा कि आप देख रहे...भारत जैसे...विश्...
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आप कहिए: `दिल्ली को भी चाहिए एक राज ठाकरे'
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शनिवार, 5 दिसंबर 2009. दिल्ली को भी चाहिए एक राज ठाकरे'. अब आप सोच रहे होंगे कि मैं ये आपको क्यों बता रहा हूं। तो जनाब, मैं ये आपको इसलिए बताना चाहता हूं कि जरा इसके पीछे कारण क्या थे वो भी जानिए।. मैंने भी सीधे उन महानुभव से कहा, ' क्यों भाई साहब क्या ये अपना सामान बाहर ही फेंक कर आए क्या? कुछ नहीं दिखता था अंधेरे में मगर, आंखें तो थीं,. ये कैसी रोशनी आई कि सब अंधे हो गए।।. जरा सोचिए.और मेरी उद्विगनता भी दूर कीजिए।. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 5 टिप्पणियां:. ने कहा…. ने कहा…. What does it mean? तो...
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आप कहिए: चटकती स्टिक के साथ कैसे डटे रहें हॉकी खिलाड़ी
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सोमवार, 11 जनवरी 2010. चटकती स्टिक के साथ कैसे डटे रहें हॉकी खिलाड़ी. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 1 टिप्पणी:. विजय कुमार झा. ने कहा…. कब से बढिय़ा लिखने लगे भाई। बढिय़ा विश्लेषण है। दिल को छू गया यह लेख।. 13 जनवरी 2010 को 4:39 am. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). इस गैज़ेट में एक त्रुटि थी. लोकप्रिय पोस्ट. रानी को नहीं पता कहां है राजघाट. डार्विन का सवाल, सबका मालिक एक कैसे? आज दिल्ली हाईकोर्ट ने समलै&...आ ही गया मैं. पत्रकारित...जैसा...
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आप कहिए: समलैंगिकता को महिमामंडित न करें
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गुरुवार, 2 जुलाई 2009. समलैंगिकता को महिमामंडित न करें. ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी,. ये सब है तारण के अधिकारी।।. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 7 टिप्पणियां:. पुनीत भारद्वाज. ने कहा…. 2 जुलाई 2009 को 9:34 pm. ने कहा…. 3 जुलाई 2009 को 12:44 am. ने कहा…. 3 जुलाई 2009 को 10:23 am. ने कहा…. A really nice article.i loved the thing u wrote about goal ghar and choouras ghar. :). Its OK upto an extent but then people should understand what they want from life and how to be sensible. ने कहा…. नई पोस्ट. हमेश...
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आप कहिए: June 2008
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शनिवार, 28 जून 2008. हंगामा है क्यों बरपा. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 1 टिप्पणी:. शनिवार, 21 जून 2008. फर्क तो पड़ता है. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 5 टिप्पणियां:. बुधवार, 18 जून 2008. आईपीएल के सीजन में फुटबॉल. इस वक्त मुझे कुछ लाइनें याद आ रही हैं जो मेरे कॉलेज की एक लड़की ने लिखा था -. रख तू राह पर दो-चार ही कदम मगर जरा तबीयत से,. कि मंजिल खुद-ब-खुद तेरे पास चलकर आएगी।. ऐ हालात का रोना रोने वालों,. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. 4 टिप्पणियां:. सोमवार, 16 जून 2008. सुजीत कुमार. अंग्रे...हाय र...
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आप कहिए: सरकार आपकी, अदालतें आपकी और मीडिया भी आपका
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शुक्रवार, 15 नवंबर 2013. सरकार आपकी, अदालतें आपकी और मीडिया भी आपका. यह मीडिया उस वक्त कहां थी जब मुंबई में ही सैकड़ों झुग्गी झोपड़ियों को गिरा दिया गया था? या फिर यह मान लिया जाए कि हमारी सरकार और मीडिया को इस मजबूर तबके के सपनों से कुछ लेना देना ही नहीं है।. आपके पास कोई उत्तर हो तो जरूर बताईएगा।. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom). लोकप्रिय पोस्ट. आज दिल्ली हाईकोर्ट...पत्रकारिता...जैसा...
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आप कहिए: April 2008
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बुधवार, 23 अप्रैल 2008. आ ही गया मैं. प्रस्तुतकर्ता. सुजीत कुमार. कोई टिप्पणी नहीं:. नई पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). इस गैज़ेट में एक त्रुटि थी. लोकप्रिय पोस्ट. रानी को नहीं पता कहां है राजघाट. डार्विन का सवाल, सबका मालिक एक कैसे? समलैंगिकता को महिमामंडित न करें. आज दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर निकाल दिया और इसे जायज कर&...आ ही गया मैं. पत्रकारिता में आने के बाद अपना ब्लॉग रखना एक फ...वाह री मीडिया. जैसा कि आप देख रहे है...भारत जैसे द...विश्...