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स्व प्न रं जि ता: April 2015
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शनिवार, 18 अप्रैल 2015. तुम सुंदर हो ।. तुम सुंदर, तुमसे. जग सुंदर. इस जग की सब बातें सुंदर. नदिया, पर्वत, बादल सुंदर. पशु, पक्षी और जंगल सुंदर. सागर, बालू, सीपी सुंदर. लहरातीं फसलें सुंदर. इस धरती की गोदी सुंदर. और आसमान की छत सुंदर. चंदा, तारे, बादल सुंदर. सूरज की किरणें सुंदर. बारिश की बूंदे सुंदर. पवन के झकोरे सुंदर. बिजली की चमकारें सुंदर. बादल की गड गड सुंदर. शांत रूप सुंदर. रौद्र रूप भी तो सुंदर. मै भी सुंदर, वह भी सुंदरं. तेरा प्रकाश सबके अंदर. हरलो मानव मन की कालिख. Links to this post.
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between the lines: August 2008
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Saturday, August 30, 2008. The leader on occasion of inagurating drama show , described the face expression can only be seen when the stage got dark back ground . From other side of stage the voice came. That is why we have called you sir. Friday, August 29, 2008. One day i gone to the hotel and i saw amazing info board. For mentally sound male. For mentally sound female. I just asked to the waiter,. Dear on bathroom what u have written. Thursday, August 28, 2008. नैनों टाटा. Wednesday, August 27, 2008.
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between the lines: August 2011
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Wednesday, August 3, 2011. हमारी सुरक्षा मजबूत हे. तभी तो जहाज साबुत हे. बिना रडार काम चलता हे. लोकतंत्र में भ्रष्टाचार सब तरफ मुमकिन हे. सब समुद्री नमक के शोकिन हे. आप में हो हिम्मत तो सड़क पर चल कर दिखाइए. पर समुन्दर में बे रोक टोक चले आइये. नाव में जो मज्जा. वो विदेशी बोट में कहाँ? खरीदी हे मगर. वो जोश हैं कहाँ? आइये नमन करें. वंदन करें. हमारी आजादी सुरक्षित हे. Labels: भ्रष्टाचार. विदेशी बोट. समुद्री नमक के शोकिन. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. ताऊ डाट इन. एक ग़ज़ल आ...
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between the lines: February 2010
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Friday, February 12, 2010. आदमी बनियान में. वो भी फटी. कुत्ता नेवी ब्लू स्वेटर में. कोहरे में लोकतंत्र. रसोई में सन्नाटा. पत्रिकाएँ नीला लिबास पहने. सरवे जारी हे. मनोरजन के नाम पर राजनीति जारी हे. वेलेंटाइन के कागा. बाँट रहे प्रेम का धागा. मोह्हबत में तिजारत जारी हे. शिक्षा का स्तर बढ गया हे. एड्स की सबको जानकारी हे. कुत्ता. लोकतंत्र. शिक्षा. Subscribe to: Posts (Atom). I am married but having still sense to write and the photograph is the face which keeps parallel line intact. View my complete profile.
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स्व प्न रं जि ता: March 2015
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शुक्रवार, 27 मार्च 2015. जनम हुवा राम का. पवित्र अति मास चैत्र , शुध्द नवमी की तिथी,. समय मध्यान्ह का, ना शीत ऊष्ण ना अति,. शीतल, सुगंधी पवन, मुक्त चहुं दिशि विचरता. जनम हुवा राम का, जनम हुवा राम का।. अयोध्या है हुई धन्य, कौशल्या तृप्त नयन,. दशरथ अति आनंदित,पुलकित रोमांचित तन. नया नया शिशु रुदन, रनिवास में गूंजता. जनम हुवा राम का. सुहागिने चलीं लेकर जल कलश, थाल स्वर्ण. वाद्य मंगल बजते, गूंजते शगुन गान. आनंदित अवधपुरी, सरयू का जल महका. जनम हुवा राम का. जनम हुवा राम का. Links to this post. पाल लí...
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between the lines: April 2010
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Tuesday, April 13, 2010. गाँव में शिक्षा के नाम पर. तमाशा जारी हे. शहरों में एजुकेसन के नाम पर. गोरख धन्दा. भारी हे. दीवारों पर लीखनेसे. कुछ नहीं होगा. कुत्ता टांग उठा के धो देगा. या फिर पढ़े लिखे. लोकतंत्र में. शिक्षा अब अधिकार हे. पर उजाला. फिर चंद लोगों में बटेंगा. इस देश में फिर एक भूखा जोकर बनेगा. Labels: उजाला. कुत्ता. दीवारों. लोकतंत्र. शिक्षा. Thursday, April 8, 2010. बिल बनाम पर्ची. सामान खरीद कर ,. जब हमने बिल माँगा. दुकानदार ने आँख तरेरी. जो पर्ची पर लिखा हे. वही सही हें. अनुराग शर&...एक गì...
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प्रेरणा: April 2011
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प्रेरणा. मुखपृष्ठ. तीर्थ-स्थान. रविवार, 10 अप्रैल 2011. प्रस्तुतकर्ता. दिनेश शर्मा. 3 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: दार्शनिक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). ज्योतिष की सार्थकता. 21 घंटे पहले. उड़न तश्तरी . दूर जलता.एक उम्मीद का दीपक. 4 सप्ताह पहले. दिल की बात. Dcember notes part 2. 4 सप्ताह पहले. स्पंदन SPANDAN. अब आगे क्या? UK's EU referendum, 2016). 2 माह पहले. प्रधानमंत्री मोदी जी के नाम पत्र. 3 माह पहले. अमन संदेश. 5 माह पहले. गीत मेरे . 8 माह पहले. महा...
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स्व प्न रं जि ता: December 2013
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शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013. दर्द इतना बढा. दर्द इतना बढा सम्हाला न गया,. लाख चाहा मगर छुपाया न गया।. जाम आंखों के जो छलकने को हुए,. बहते अश्कों को फिर रुकाया न गया।. जख्म इतने दिये जमाने ने,. हम से मरहम भी लगाया न गया।. कोशिशें लाख कीं मगर फिर भी,. उनको आना न था, आया न गया।. ऊपरी तौर पे सब ठीक ही लगता लेकिन,. हाल अंदर का कुछ बताया न गया।. हम चल देंगे यकायक कि खाट तोडेंगे,. किसने जाना, किसी से जाना न गया।. जिंदगी का आज ये पल सच्चा है. इससे आगे. को कुछ विचारा न गया।. Links to this post. नई पोस्ट.
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स्व प्न रं जि ता: December 2014
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बुधवार, 31 दिसंबर 2014. शुभ नववर्ष. खुल रही है एक नई किताब जिसका हर सफा है कोरा,. लिखना है हमें ही इसमें हर दिन का हिसाब हमारा।. कितनी की मक्कारियाँ कितने बोले झूठ. कितनों को लगाया चूना, किस पेड को बनाया ठूँठ।. कितनी फैलायी गंदगी नजरें सबकी बचाके,. कितने तोडे वादे, झूटे बहाने बनाके. कितना किया अपमान सज्जनों का. कितना निभाया साथ दुर्जनों का. क्या यही सब लिखना है इसमें,. और अंत में रोना पडेगा. या कि फिर हम चुनेंगे इक नई राह. जिस पर चल कर सुख मिलेगा।. और हमारे साथ सब आयें।. शुभ नव वर्ष।. Links to this post.