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sada-srijan: April 2012
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शनिवार, 21 अप्रैल 2012. यह मन भी . किस किस से पूछोगे. किस किस को समझोगे. यूँ तो शीर्ष पर. कोई न कोई होता है. और जिन्दगी में उसका ही. अनुसरण करते हुए. आगे बढ़ना होता है . मानव तन में आत्मा का. ओहदा सबसे परम विश्वासी. माना जाता है. पर मन ने अपना कब्जा वहां भी. साधिकार जमा रखा है. आत्मा कुछ कहे तो. अपना मन सबसे आगे. बुद्धि कुछ कहने को आगे होती तो भी. मन को अनसुना करना है. यह मन भी न. अपनी मनमानी के लिए. आजकल चर्चा में है :). पल में खफ़ा तो. पल में खुश. या नहीं. नई पोस्ट. तुम्हा...आप सब इनकी ल...
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सत्य धर्म और वैज्ञानिक प्रार्थना-True Religion and Scientific Prayer: February 2012
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सबसे पहले इस बात को समझ लेना उचित होगा कि आखिर "सत्य-धर्म" क्या है? सत्य धर्म में-. जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, जन्मपत्री-कुंडली, ग्रह-गोचर कुछ नहीं, केवल एक-"वैज्ञानिक प्रार्थना"-का कमाल और आपकी हर समस्या/उलझन का स्थायी समाधान! वैज्ञानिक प्रार्थना :. या जब हम या हमारा कोई किसी भयंकर बीमारी या मुसीबत या दुर्घटना से जूझ रहा होता है! हम निराश हो जाते हैं! जिससे निराशा और अवसाद का जन्म होता है, जबकि प्रार्थना की...What is the Truth-Religion? अन्तर-सम्बन्ध. अन्तरात्मा. अविश्वास. आध्यात्म. वैज्ञ...वैज...
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सत्य धर्म और वैज्ञानिक प्रार्थना-True Religion and Scientific Prayer: मन और मस्तिष्क का अन्तर-सम्बन्ध Inter-Relationship of Mind and Brain
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सबसे पहले इस बात को समझ लेना उचित होगा कि आखिर "सत्य-धर्म" क्या है? सत्य धर्म में-. जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, जन्मपत्री-कुंडली, ग्रह-गोचर कुछ नहीं, केवल एक-"वैज्ञानिक प्रार्थना"-का कमाल और आपकी हर समस्या/उलझन का स्थायी समाधान! वैज्ञानिक प्रार्थना :. या जब हम या हमारा कोई किसी भयंकर बीमारी या मुसीबत या दुर्घटना से जूझ रहा होता है! हम निराश हो जाते हैं! जिससे निराशा और अवसाद का जन्म होता है, जबकि प्रार्थना की...What is the Truth-Religion? अन्तर-सम्बन्ध. अन्तरात्मा. अविश्वास. आध्यात्म. वैज्ञ...वैज...
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Ladli: July 2012
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बुधवार, 18 जुलाई 2012. ना मेरी ना तुम्हारी! ये शब्द जब भी सुनती हूँ. कहीं पढ़ती हूँ. एक ख्याल बन तुम. उतर जाती हो सीधे मन में. कभी गुनगुनाती हो. कोई मीठी धुन. कभी कोई सुगंध बन. महका जाती हो चितवन. तुम्हारा ख्याल. हर ख्याल से प्यारा लगता है. उसमें होती है. एक स्नेह भरी मुस्कान. तुम्हारी आहट बिन. मन में अकुलाहट सी होती है. क्यूँ . भला. मैं तो हमेशा तुम्हारे पास होती हूँ. कहती हो तुम हमेशा. मेरे सिर पर. एक हल्की सी चपत लगा के. पर क्या करूं माँ. प्रस्तुतकर्ता. नई पोस्ट. 3 माह पहले. पाप...
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Ladli: November 2013
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गुरुवार, 28 नवंबर 2013. कितनी एहतियात बरतती है न माँ :). खट्टी-मीठी पारले की गोली का. स्वाद याद है न? ये जिन्दगी भी बिल्कुल उसके जैसे है. कहीं ज्यादा खट्टी तो कहीं. हल्की सी एक मिठास लिये. जब कोई छोटा बच्चा. उस गोली को खाता है तो. माँ उसे मुँह के अंदर नहीं डालने देती. कहीं उसके गले में अटक न जाये. भले ही उसकी वजह से. माँ की साड़ी और बच्चे के हाथ चिपचिपे हो जायें. कितनी एहतियात बरतती है न माँ :). कई बार ऐसा भी हुआ है कि. खाते वक़्त ये. उतर गई गट् से गले के नीचे. संतुलन बनाकर. नई पोस्ट. रश्म&...
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Ladli: June 2013
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रविवार, 16 जून 2013. आशीषों तक पापा! स्मृतियों के आँगन में 'पापा'. आज भी आप . हर पल मेरे साथ रहते हैं . इस फादर्स डे पर मेरी एक प्रिय रचना . लाडली. यादों. की गलियों में लम्हा - लम्हा मेरा. जाता है बस आपकी आशीषों तक पापा ।. मैं बड़ी होकर भी तो नहीं बड़ी हुई कभी,. आपकी नजरों में रही हूं छोटी सदा पापा ।. मां की डांट से बचाते चुपके से समझाते,. मेरे लिये हंस के बहलाते मां को जब पापा ।. बचपन के दिन वो बचपन की बातें बताओ,. प्रस्तुतकर्ता. 9 टिप्पणियां:. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. 2 सप्ताह पहले. तुम अगर ख&...
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सत्य धर्म और वैज्ञानिक प्रार्थना-True Religion and Scientific Prayer: May 2011
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सबसे पहले इस बात को समझ लेना उचित होगा कि आखिर "सत्य-धर्म" क्या है? सत्य धर्म में-. जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, जन्मपत्री-कुंडली, ग्रह-गोचर कुछ नहीं, केवल एक-"वैज्ञानिक प्रार्थना"-का कमाल और आपकी हर समस्या/उलझन का स्थायी समाधान! वैज्ञानिक प्रार्थना :. या जब हम या हमारा कोई किसी भयंकर बीमारी या मुसीबत या दुर्घटना से जूझ रहा होता है! हम निराश हो जाते हैं! जिससे निराशा और अवसाद का जन्म होता है, जबकि प्रार्थना की...What is the Truth-Religion? अन्तर-सम्बन्ध. अन्तरात्मा. अविश्वास. आध्यात्म. वैज्ञ...वैज...
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SADA: November 2014
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शनिवार, 15 नवंबर 2014. यादों के धागे! तुम्हारी यादों के रास्ते. चलते-चलते मैं जब भी. अतीत के घर पहुँचती. तुम रख देते. एक संदूक मेरे सामने. मैं तुम्हें महसूस करती. कुछ स्मृतियों की. धूल झाड़ती. कुछ को धूप दिखाती. ये सीली-सीली यादें. कितना कुछ कहती बिना कुछ कहे! तुम कहा करते थे न कि. खुशियों के बीज़ बोने पड़ते हैं. दर्द की कँटीली बाडि़याँ. उग आती हैं खुद-ब-खुद. मैं हँसती थी औ’ कहती थी. नाहक़ ही तिज़ारत में आ गये. तुम मुँह फ़ेर कहते. अब कुछ नहीं कहूँगा! नहीं माँगा था. पर ये खुद-ब-खुद. बसन्त . हर सव...
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SADA: December 2013
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शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013. प्रेम एक प्रार्थना है. जिसके पीछे सब हैं कतार में. कोई शब्दों से व्यक्त करता है. तो कोई मौन रहकर. बंसी के बजने में हो जाता है. धुन मीठी. तो कई बार हो जाता है प्रेम. विष के प्याले में अमृत. प्रेम एक आहट है. जो बिना किसी पद़चाप के. शामिल हो जाता है जिंदगी में. धड़कनों का अहसास बनकर. प्रेम विश्वास है. जब भी साथ होता है. पूरा अस्तित्व. प्रेममय हो जाता है. प्रेम जागता है जब. नष्ट हो जाते हैं सारे विकार. अहंकार दुबक जाता है. किसी कोने में. मन की ओखल में. हर हाथ की. मन को ...
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SADA: March 2015
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रविवार, 29 मार्च 2015. किसी और की खुशी में! खुशियों को जब भी देखा मैने. नये परिधान में. सोचा ज़रूर ये आज. किसी की हो जाने के लिये. तैयार हुई हैं! बस उनके आग़त का. स्वागत करेगा जो. ये वहीं ठहर जाएंगी. पर कहाँ. इन्हें तो पल भर बाद. फिर आगे बढ़ जाना था. हिम्म़त कर पूछा. इतनी जल्दी चल दीं. थोड़ी देर तो और मेरा. साथ निभाया होता! वो मुस्करा के बोल उठीं. हम तो रहती हैं. यूँ ही गतिमान. नहीं है निश्चित. हमारा कोई परिधान. जब चाहा. एक लम्हा लिया रब से. हम लम्हों के संग. होली मुबारक! जब गुलाल. मन को छ&#...