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साहित्य शिल्पी पर प्रकाशित रचनाकारों का परिचय. 1:25 pm प्रस्तुतकर्ता साहित्य - शिल्पी. संदेश का संपादन करें. साहित्य शिल्पी. में प्रकाशित रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय. अकारादि क्रम से खोजें :-. पुराने पोस्ट. सदस्यता लें संदेश (Atom). साहित्य शिल्पी के कुछ प्रमुख रचनाकार. अजय कुमार. अजय अक़्स. अदिति मजुमदार. डॉ॰ अंजना संधीर. अनिल कान्त. डॉ. अनिल चड्डा. अनिल पाराशर. अनिल पुसदकर. अनुपमा चौहान. अब्दुल रहमान मन्सूर. अभिषेक “कार्टूनिस्ट". अभिषेक सागर. अम्बरीष श्रीवास्तव. अलबेला खत्री. आलोक शंकर. प्रक...
ख्याल-ए-मुल्क [गज़ल] - अनुराग सिंह "ऋषी" - साहित्य शिल्पी
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खोज की जा रही है. Page चुनें. मुखपृष्ठ. स्थाई स्तंभ. काव्य का रचना शास्त्र. ग़ज़ल : शिल्प और संरचना. नाटक पर स्थायी स्तंभ. भाषा सेतु. मैंने पढी किताब. सप्ताह का कार्टून. हिन्दी साहित्य का इतिहास. रसानंद दे छंद नर्मदा. विधायें. कार्टून. काव्य-पाठ. कुंडलियाँ. गीतिका. जीवन परिचय. पेंटिंग. प्रेरक प्रसंग. बाल साहित्य. यात्रा वृतांत. व्यंग्य. श्रद्धांजलि. साक्षात्कार. सभी लेबल. पुस्तकालय. मुखपृष्ठ. अनुराग सिंह ऋषी. ख्याल-ए-मुल्क [गज़ल] - अनुराग सिंह "ऋषी". रचनाकार परिचय:-. जन्म - 12 अगस्त 1990. आपका स...
मूल-मंत्र [कहानी] - विजय राज चौहान - साहित्य शिल्पी
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डाकिया: बदलते हुए रूप [‘विश्व डाक दिवस‘ (9 अक्टूबर) पर विशेष] - कृष्ण कुमार यादव - साहित्य शिल्प
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ग़ज़ल का इतिहास और ग़ज़ल की भाषा [ग़ज़ल शिल्प और संरचना - स्थायी स्तंभ] - सतपाल ख्याल - साहित्
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ग़ज़ल को जानें [ ग़ज़ल का शिल्प समझें - स्थायी स्तंभ {पहला आलेख - भूमिका}] - सतपाल ख्याल - साह
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भीगी ग़ज़ल: क्या कभी सोचे गए हम
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भीगी ग़ज़ल. एहसास की रवानी है ग़ज़ल, मेरी अपनी कहानी है ग़ज़ल. मुक्ताकाश. देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का एक बहुत पुराना पत्र. गिरीश पंकज. सुंदर है, दुलारी हैं, मधुबन हैं बेटियाँ. सफ़र - A Journey. स्वप्न मेरे. वेश वाणी भेद तज कर हो तिरंगा सर्वदा . कुछ लम्हे दिल के . तुम्हें पता है? Ismat Zaidi "Shefa kajgaonvi. सुबीर संवाद सेवा. प्रतिष्ठित 'राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान' पंकज सुबीर को. वीर बहुटी. अना पर बात आती है अगर हो जंग बुज़दिल से।. अंकित सफ़र की कलम से. तीन रोज़ इश्क़. जज़्बात جذبات Jazbaat. बिल...
Reflections प्रतिबिम्ब: December 2008
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मन की हलचल दिल की भावनाएं, जिन्दगी की यादें व घटनाएँ कुछ खट्टी कुछ मीठी ….…. डैशबोर्ड. नया पोस्ट. GS Bisht's shared items. लिखिए अपनी भाषा में. Read in your own script. Read in your own script. कुछ पहले का लिखा भी पढ़ें. नववर्ष की शुभ कामनाएं. उस पार न जाने क्या होगा! विकिपीडिया. उत्तराखंड से सम्बंधित ब्लॉग. WANDERLUST: Trek to Roopkund - June 2008. Day Trek to Dainkund Top from Dalhousie - May 2016. Almoraboy: A Travel Diary on the Uttarakhand Himalayas. A Travel Diary on the Uttarakhand Himalayas.
kathasrijan: August 2013
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Wednesday, August 14, 2013. अशोक आंद्रे. तुम तो बहती नदी की वो. जल धारा हो. जिसमें जीवन किल्लोल करता है. नारी,. तुम धरती पर लहलहाती. हरियाली हो. बरसात के साथ. जीवन को नमी का. अहसास कराती हो. नारी,. तुम गंगा सी पवित्र आस्था हो. जो समय को. अपने आँचल में बाँध. विश्वास को पल्लवित करती हो. नारी,. तुम्हारा न रहना. किसी मरघट की शान्ति हो जाती है. फिर सुहागन होने की. बात क्यूँ करती हो? कुछ कदम साथ चलने की बात करो,. नारी,. तुम तो सहचरी हो. जीवन की संरचना करती हो. भरपूर कोशिश करती हो. नारी,. Read in your own script.
Reflections प्रतिबिम्ब: October 2008
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मन की हलचल दिल की भावनाएं, जिन्दगी की यादें व घटनाएँ कुछ खट्टी कुछ मीठी ….…. डैशबोर्ड. नया पोस्ट. GS Bisht's shared items. लिखिए अपनी भाषा में. Read in your own script. Read in your own script. कुछ पहले का लिखा भी पढ़ें. यह मुमकिन नहीं. कुछ हम को ज़माने ने वो गीत सुनाये हैं. मेरा गम है मेरा हम सफर. घुघुती घुरोण लगी म्यार मैंता की. पुराण और कुरान. किस्मत का दस्तूर निराला होता है. इस रिश्ते का क्या नाम दूँ. विकिपीडिया. उत्तराखंड से सम्बंधित ब्लॉग. WANDERLUST: Trek to Roopkund - June 2008. What can I say?
Reflections प्रतिबिम्ब: August 2009
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मन की हलचल दिल की भावनाएं, जिन्दगी की यादें व घटनाएँ कुछ खट्टी कुछ मीठी ….…. डैशबोर्ड. नया पोस्ट. GS Bisht's shared items. लिखिए अपनी भाषा में. Read in your own script. Read in your own script. कुछ पहले का लिखा भी पढ़ें. कश्मीर की याद दिलाते हैं रूपकुंड के हरे मैदान. विकिपीडिया. उत्तराखंड से सम्बंधित ब्लॉग. WANDERLUST: Trek to Roopkund - June 2008. Day Trek to Dainkund Top from Dalhousie - May 2016. Almoraboy: A Travel Diary on the Uttarakhand Himalayas. A Travel Diary on the Uttarakhand Himalayas. अपन&#...
बिखरे मोती: प्रसिद्व कथाकार तेजेन्द्रर शर्मा से बातचीत [साक्षात्कार] - मधु अरोड़ा
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साहित्य शिल्पी. मुखपृष्ठ. पुस्तकालय. स्थाई स्तंभ. काव्य का रचनाशास्त्र. ग़ज़ल : शिल्प और संरचना. हिन्दी साहित्य का इतिहास. साक्षात्कार. जीवन परिचय. क्षणिका. गीतिका. उपन्यास अंश. व्यंग्य. बाल साहित्य. कार्टून. स्वर शिल्पी. साहित्य समाचार. श्रद्धांजलि. पुस्तक चर्चा. समीक्षा. काव्यालोचना. बस्तर शिल्पी. प्रस्तुतियाँ. टिप्पणियाँ. आमचो बस्तर: बस्तर के अतीत व वर्तमान पर आधारित उपन्यास. लेखन आपके लिये क्या है? तेजेन्द्र शर्मा -. तेजेन्द्र शर्मा -. तेजेन्द्र शर्मा -. आप यू.के. हिन्...इंदु शर्म&#...ख़ै...लेख...
मोहन का मन: July 2008
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मोहन का मन. Thursday, 31 July 2008. चेहरे का नूर. देखकर तेरे चेहरे का नूर. पतझड में भी आ जाती है बहार. हो जाए खुदा भी कायल तेरा. देखकर तेरे चेहरे का नूर. जब चलती है तू इठलाकर. हो जाती है है मस्त पवन. झूमते हैं बादल गाता है ये गगन. देखकर तेरे चेहरे का नूर. हंसती है जब तू खिलखिलाकर. चमन का हो जाता है श्रृंगार. सूखे झरने में आ जाती है फुहार. देखकर तेरे चेहरे का नूर. निकले जब खुली जुल्फों को चेहरे पे बिखेर. शर्मा जाती है कायनात भी हुजुर. देखकर तेरे चेहरे का नूर. मोहन वशिष्ठ. द्वारा. Links to this post.
मोहन का मन: September 2009
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मोहन का मन. Sunday, 27 September 2009. जिंदगी कुछ वक्त दे मुझे. मेरा अपना घर. जिससे हूं मैं दूर. बहुत दूर. गाहे बगाहे घर जाना. जल्दी से घर से लौट वापस आना. क्या यही है जिंदगी. क्या यही है जिंदगी का दस्तूर. घर पर है मेरी बीमार मां. बीमार पिता. और मैं. दूर घर से बहुत दूर. ना मां के दर्द को बांट पा रहा हूं. ना पिता की सेवा कर रहा हूं. आखिर क्यों. ऐसा जीवन जीने को मजबूर हूं. आखिर क्यों. क्या इसी को कहते हैं जीवन. क्या फायदा मेरे इस जीवन का. उनका सहारा ना बनूं. हो जाऊं. द्वारा. Links to this post.
मोहन का मन: मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है
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मोहन का मन. Friday, 10 December 2010. मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है. कल रात ऑफिस में बैठा था तो youtube. पर गाने सुन रहा था गाना था अताउल्लाह खान का बोल हैं मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है. Main sharabi hoon, muhje pyaar hai, aakhir kiyun hai. मोहन वशिष्ठ. द्वारा. आपको कैसा लगा. Subscribe to: Post Comments (Atom). Widget by Blogger Widgets. मैं शराबी हूँ मुझे प्यार है आखिर क्यूँ है. मुबारकबाद. Read in your own script. मोहन वशिष्ठ. पलवल, हरियाणा, India. View my complete profile.
मोहन का मन: July 2009
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मोहन का मन. Sunday, 5 July 2009. फुरसत के लम्हे. नमस्कार साथियों. माफ करना आजकल थोडी दिक्कतें आ रही हैं इसलिए ज्यादा समय नहीं बिता पा रहा हूं आप सभी के साथ।. आज आप को थोडा मुस्कुराता देखने को दिल कर रहा है इसलिए आप सभी के साथ एक हास्य कविता सांझा कर रहा हूं जिसे लिखा है हमारे. विजय जैन जी. तो पेश है आपकी खिदमत में. फुरसत के लम्हे. हम फुरसत में कुछ लम्हे इस तरह गुजारा करते हैं. एक दिन हमको वो खिडकी पर नजर आ रही थीं. उस समय आ रहा था हमें बहुत नजारा. तेरी याद में गजल...ऐसे नहीं ...मैं...फिर...
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साहित्य संसार | रचनाको भण्डार – नेपाली साहित्यको सानो संसार
ल खकहर क स च. आव ज – स न न ब लग. सम क ष / सम ल चन. हङकङम व न स मक स थ पन म भ न मय सभ. ब श व न प ल स ह त य मह स घ इजर यलल भ न जयन त मन य. ज य त स ह त य प रत ष ठ नल भ रत र श खरक सम म न गर य. इजर यलम म क तक प रत ष ठ नल मन य भ न जयन त. ब ह र ल खक प रस क र प उन क क? आद कव क स ल कम म ल य र पण. प स तकम मह भ कम प. एकलब य द ष ट क द श र स स करण बज रम. ख त क सरम हर एक सहर. ख त क सरम हर एक सहर. हङकङम व न स मक स थ पन म भ न मय सभ. ब श व न प ल स ह त य मह स घ इजर यलल भ न जयन त मन य. ब ह र ल खक प रस क र प उन क क? न प ल प...
साहित्य संस्कृती | Publish and Buy Marathi Audio Books And e-Books
स ह त यस स क त व षय. व ळ कम - व चन च हम. अभ व यक त. लल त ल खन. फ र ई-प स तक. प ड ई-प स तक. छ य च त रकथ. कल आण व ज ञ न. म र गदर शन. स दर भक श. अन ळख व ह व प न ह. लल त ल खन. भ म , अध ग रहण व क यद. स यल क ळकर ण. भ रतरत न आण म ज र ष ट रपत ए. प . ज . अब द ल कल म. भ रतरत न आण म ज र ष ट रपत ए. प . ज . क स म ट क स व पर पण. क स म ट क स व पर पण. न व दन- स षम स वरकर ज ग. लल त ल खन. प ट य तस म नम:. प ट य तस म नम:. लल त ल खन. ल खन- स न ल ग डस. न व दन- प र य ज मकर. अन व द न स स म ब ड कर. एक क षण-लघ क द बर ,. लल त ल खन.
साहित्यसरिता
सहय त र प रक शनहर. स ह त यसञ च र प रत ष ठ न. प ठकक प न. ह न द स ह त यसर त. प नह म लय. मदन प रस क र प स तक लय. न प ल कव त डटकम. न प ल ज प न डट कम. रचन द व म स क. स ह त य.कम. प स जर नल ज म. समक ल न स ह त य. फ ग न २०७०. व ल यम बटलर य ट सक कव त - क ट. प ब ल न र द क कव त - अन पस थ त. क शव बर व लक कव त - नय क ष त ज. खल ल ज ब र नक लघ कथ - बज रप त. उर म ल क म र थपल य लक लघ कथ - ग न ध ग र. सङ ग त झ क कथ - आ ख हर. ध र व ह क-उपन य स. प र मचन दक उपन य स रङ गभ म क आठ भ ग. पर कल पन , न र म ण र सम प दन. सम प दन सहय ग.
Sahityasetu – A Peer Reviewed Literary e-journal
ગ જર ત સ હ ત યન ઈ – સ મય ક…. ક ત મ કલવ ઇચ છ ક મ ટ …. સ હ ત યસ ત મ પ રગટ થત લખણ મ ન વ ચ ર અભ પ ર યન જવ બદ ર જ ત લ ખકન રહ છ . લ ખક એ પ ત ન લખ ણ સબમ શન ગ ઈડમ જણ વ ય અન સ ર જ મ કલવ ન રહ . સ વ ક ત ક ત ન જ ણ ઈ-મ ઈલથ કરવ મ આવશ . હ ર ડ ક પ મ ક પ .ડ .એફ ફ ર મ ટમ ક ઈપણ રચન સ વ ક રવ મ આવત નથ . Submit your Paper / Article.
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ન બ ધ-વ વ ચન. ન બ ધ-વ વ ચન. કવ ત - પદ ય. કવ ત - પદ ય. અધ ય ત મ-ધર મ. અધ ય ત મ-ધર મ. કથ -વ ર ત. કથ -વ ર ત. CRITIC વ વ ચક. COLUMNIST કટ ર લ ખક. PUBLISHERS પ રક શક. WHOLE FAMILY સમગ ર પર વ ર. ક વ ય યન સત ર. અસ મ ત પર વ- ૨૦. પગ ન ગ ણ ય નહ ચઢ ણ વડ . ગણ ત થ કન પગ ક ય ભણ લ છ. વ જ ણ ચ તર -an E-Platform. એટલ સ હ ત યક ર ન પર ચયન એક વ શ ષ ઓળખ સ વર પ રજ કરત. વ જ ણ ચ તર -an E-Platform. અપ રક શ ત રચન ઓન ભ વક વર ગ સ ધ પહ ચ ડવ ન એવ આધ ન ક અન સરળ હ થવગ -મ ઉસવગ સ ધન, જ અહ ન ધ ય લ મ ત ર પ ક ક ઈ પણ આસ ન થ વ પર શક . સ હ ત યસ...
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खोज की जा रही है. Page चुनें. मुखपृष्ठ. पुस्तकालय. स्थाई स्तंभ. विधायें. क्रमांक 1. क्रमांक 2. क्रमांक 3. क्रमांक 4. हमारी राष्ट्रीयता [लेख] - नागपाल सिंह. अल सुबह आज मेहता जी से बहस हो गयी. मैंने कुछ परेशानी भरे अल्फ़ाज़ में पत्नी से चाय का प्याला ले. और जानिएं. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Labels: नागपाल सिंह. ख्याल-ए-मुल्क [गज़ल] - अनुराग सिंह "ऋषी". और जानिएं. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. श्रीकì...श्र...
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Sunday, August 2, 2015. निर्झारिणीको जीवन्त सङ्गीत पनि हो मेरो कविता. उतौला देखिने,. सागरका छालहरुका,. उत्तेजना मात्र होइन,. चंचलता पछिको,. क्रन्दन पनि हो-मेरो कविता।. सौन्दर्यको चुचुरा,. उत्तेजनाको आयतनमा,. आनन्द-चेतनाको,. उपमा दिने,. कामवेद्को प्रणय ऋचा मात्र होइन,. जीवन मरु भूमिमा,. प्राणीको पनि पानीसंग,. अनि पानीको प्राणीसंगको. स्नेह र आत्मियतापनि हो मेरो कविता।. यूद्ध सत्य युगको,. कलि युगमा,. देव-दानवको,. सागर-मन्थनबाट निस्किएको,. अमृत मात्र होइन,. यसकोअनुचित भूलको,. त्यसो त! Friday, July 31, 2015.
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Monday, November 26, 2007. राम सेतु रथ मूदुबिद्रे. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Silver crown for basadi. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Silver crown बसदी. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Kaarthika deepostava at Shree Vemkatramana temple moodbidre. Karthika Deepostava at Moodbidre:. Karthika Deepostava held at Shree Venkatramana Temple Moodbidre. Shree Swamiji of Kashimath's presence was speciality of this years service. न्यूज़. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Saturday, November 24, 2007. State Level Weight lifting at Yedapadavu. Champions in 29 Th. MA(Kannada lit...
సాహిత్యసౌరభం
సాహిత్యసౌరభం. Friday, November 11, 2016. భ్రమరాంబామల్లీశ్వరసంవాదము. భ్రమరాంబామల్లీశ్వరసంవాదము. శివాలయములలో ఈ పద్యములను ఉత్సవవిగ్రహములకు పవ్వళింపు సేవవేళ ద్వారములలోన ఒకరు, బయట ఒకరు నుండి చెరిసగముగా పాడుతారు. శా. శ్రీమద్భూమిధరాధిరాజతనయా శృంగారగాత్రోజ్జ్వలా. నామీఁదన్ దయలేక నీవును వృథా నన్నేల వీక్షింపవే :-. ప్రేమన్ వేఁటనెపంబునం జని పరస్త్రీఁ గూడినా విప్పుడున్. శ్రీమించన్ ననుఁ గూడనేల పదరా శ్రీశైలమల్లీశ్వరా! శా. భామారత్నమ! శా. సింగం బున్నగుహాంతముల...అంగీకారముచేసికొ...సింగారించ...టెరుగం బట...సరవి నన&#...
साहित्य सर्जक
साहित्य सर्जक. Sunday, September 21, 2014. जिंदगी छू लिया तो एक सिरहन सी हुई. आँख भर देखा तो उस में एक तड़पन सी हुई. बस इसी के सहारे ये जिंदगी चलती रही. और एक पल में इसी से जिंदगी पूरी हुई।. जिंदगी अक्सर अक्सर हमारी पास रहती है कहाँ. सोचते हैं, जिंदगी, पर दूर रहती है कहाँ. हम इसी भटकाव में जीते हैं अक्सर जिंदगी. जिंदगी की मौज है रहती कहाँ है जिंदगी।. जिंदगी को देख लोगे तुम यदि नजदीक से. तब समझ आ जाये शायद जिंदगी यह ठीक से. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, March 20, 2014. छोड़े।।. वोट की खाति...उस गा...
कहानी-कविता
कहानी-कविता. Wednesday, October 29, 2014. भाभी की सेवानिवृति का अवसर जो है।. 8216;‘रात के ग्यारह बज रहे है, अब सो भी जाओ।’’ दिवाकर ने जम्हाई लेते विभा की ओर देखकर कहा- कल का ही दिन बचा है। बहुत कुछ तैयारी अभी बाकी है।. 8216;‘हो जायेगा। क्यों चिंता कर रहे हो भैया? 8217;’ दिवाकर ने विभा की ओर मुखातिब होकर पूछा।. जरा दिखाओ तो सही।’’. देखा न भैया, मैं न कहती थी भाभी के काम का जवाब नहीं। वाह! 8216;‘कैसी लगी? 8217;’ विभा ने पूछाा।. क्यूं भैया? 8216;‘बताओ तो कौन है? 8216;‘बचपन से ही इन्ह...समय पंख लगì...