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साहित्य सर्जक. Sunday, September 21, 2014. जिंदगी छू लिया तो एक सिरहन सी हुई. आँख भर देखा तो उस में एक तड़पन सी हुई. बस इसी के सहारे ये जिंदगी चलती रही. और एक पल में इसी से जिंदगी पूरी हुई।. जिंदगी अक्सर अक्सर हमारी पास रहती है कहाँ. सोचते हैं, जिंदगी, पर दूर रहती है कहाँ. हम इसी भटकाव में जीते हैं अक्सर जिंदगी. जिंदगी की मौज है रहती कहाँ है जिंदगी।. जिंदगी को देख लोगे तुम यदि नजदीक से. तब समझ आ जाये शायद जिंदगी यह ठीक से. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, March 20, 2014. छोड़े।।. वोट की खाति...उस गा...

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साहित्य सर्जक. Sunday, September 21, 2014. जिंदगी छू लिया तो एक सिरहन सी हुई. आँख भर देखा तो उस में एक तड़पन सी हुई. बस इसी के सहारे ये जिंदगी चलती रही. और एक पल में इसी से जिंदगी पूरी हुई।. जिंदगी अक्सर अक्सर हमारी पास रहती है कहाँ. सोचते हैं, जिंदगी, पर दूर रहती है कहाँ. हम इसी भटकाव में जीते हैं अक्सर जिंदगी. जिंदगी की मौज है रहती कहाँ है जिंदगी।. जिंदगी को देख लोगे तुम यदि नजदीक से. तब समझ आ जाये शायद जिंदगी यह ठीक से. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, March 20, 2014. छोड़े।।. वोट की खात&#2367...उस गा&#23...
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साहित्य सर्जक | sahityasrajakved.blogspot.com Reviews

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साहित्य सर्जक. Sunday, September 21, 2014. जिंदगी छू लिया तो एक सिरहन सी हुई. आँख भर देखा तो उस में एक तड़पन सी हुई. बस इसी के सहारे ये जिंदगी चलती रही. और एक पल में इसी से जिंदगी पूरी हुई।. जिंदगी अक्सर अक्सर हमारी पास रहती है कहाँ. सोचते हैं, जिंदगी, पर दूर रहती है कहाँ. हम इसी भटकाव में जीते हैं अक्सर जिंदगी. जिंदगी की मौज है रहती कहाँ है जिंदगी।. जिंदगी को देख लोगे तुम यदि नजदीक से. तब समझ आ जाये शायद जिंदगी यह ठीक से. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, March 20, 2014. छोड़े।।. वोट की खात&#2367...उस गा&#23...

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साहित्य सर्जक: April 2013

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साहित्य सर्जक. Wednesday, April 10, 2013. शुभकामनायें. सभी मित्रों को शत्रुओं को अपनों को परायों को भारतीय नव वर्ष २ ० ७ ० की मेरी हार्दिक शुभकामनायें हैं । कृपया स्वीकार कर के अनुग्रहित करें ।. डॉ वेद व्यथित. प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. कविताएँ. शुभकामनायें. Awesome Inc. template. Template images by konradlew.

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साहित्य सर्जक: August 2012

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साहित्य सर्जक. Friday, August 24, 2012. सामने देखो. तब मैंने उसे बताया कि यदि भ्रष्ट नेताओं के चित्रों पर फूल चढ़ जाये तो तुम क्या पूरा देश और देश की सारी व्यवस्था ही ठीक हो जाये. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, August 9, 2012. प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom). View my complete profile. कविताएँ. सामने देखो पहले समय में कुछ काम ऐसे होते थे जिन क. Awesome Inc. template. Template images by konradlew.

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साहित्य सर्जक: December 2011

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साहित्य सर्जक. Sunday, December 25, 2011. राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खुजली. राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खुजली. डॉ.वेद व्यथित. अनुकम्पा १५७७ सेक्टर -३. फरीदाबाद १२१००४. Mail- dr.vedvyathit@gmail.com. प्रस्तुतकर्ता. Sunday, December 11, 2011. नये देवता का अविष्कार. डॉ. वेद व्यथित. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, December 1, 2011. ओ हिम सुन्दरी! ओ हिम सुन्दरी! एक नया नाम दे दिया तुम ने. उस चट्टानी पर्वत को. और तुम्हारे अपनाने से. ख्यात हो गया वह. तुम्हारे नाम से. जिस के कारण ही. पत्थर के बजाय. बन गया वह -.

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साहित्य सर्जक: March 2014

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साहित्य सर्जक. Thursday, March 20, 2014. वर्त्तमान माहौल पर कुछ कहने का प्रयत्न है. फिर से उड़ने लगे हैं झंडे फिर से नारे बाजी. फिर से होने लगी है मिल कर वोट की सौदेबाजी. कहीं बिकेगा वोट नोट में और कहीं मनमानी. जिस से किस्मत बन जायेगी कुछ लोगों की अच्छी।।. महंगाई और भ्रष्ट आचरण जैसे मुद्दे छोड़े. जाय देश भाड़ में सब ने इस से नाते तोड़े. हल हो जाये अपना मतलब बाकी नाते तोड़े. क्या सारे सुख अमर शहीदों ने इस नाते. छोड़े।।. कौन कहे अब एक दूसरे से सब एक तरह हैं. कलम बेच कर कुछ भी लिख दू...Saturday, March 15, 2014.

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साहित्य सर्जक: November 2012

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साहित्य सर्जक. Friday, November 9, 2012. तमसो माँ ज्योतिर्गमय. भारतीय संस्कृति की उद्घोषणा तम से प्रकाश की और बढ़ें ,के साथ. आओ मिल कर प्रकाश पर्व मनाएं. इस शुभ अवसर पर. आप को सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें प्रदान. करता हूँ. कृपया स्वीकार करें. मन दीप सजाया है. दीवाली आई है. खुशियों का उजाला है ।. दीपों का उत्सव है. तुम्हें खुशियाँ खूब मिलें. मेरा ऐसा मन है ।. मन दीपक हो जाये. अंधियारे दूर रहें. उजियारा हो जाये ।. मन दीपक हो जाये. खुशियों से भरे झोली. डॉ वेद व्यथित. फरीदाबाद. Subscribe to: Posts (Atom).

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खोज की जा रही है. Page चुनें. मुखपृष्ठ. पुस्तकालय. स्थाई स्तंभ. विधायें. क्रमांक 1. क्रमांक 2. क्रमांक 3. क्रमांक 4. हमारी राष्ट्रीयता [लेख] - नागपाल सिंह. अल सुबह आज मेहता जी से बहस हो गयी. मैंने कुछ परेशानी भरे अल्फ़ाज़ में पत्नी से चाय का प्याला ले. और जानिएं. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Labels: नागपाल सिंह. ख्याल-ए-मुल्क [गज़ल] - अनुराग सिंह "ऋषी". और जानिएं. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. श्रीक&#236...श्र...

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Sunday, August 2, 2015. निर्झारिणीको जीवन्त सङ्गीत पनि हो मेरो कविता. उतौला देखिने,. सागरका छालहरुका,. उत्तेजना मात्र होइन,. चंचलता पछिको,. क्रन्दन पनि हो-मेरो कविता।. सौन्दर्यको चुचुरा,. उत्तेजनाको आयतनमा,. आनन्द-चेतनाको,. उपमा दिने,. कामवेद्को प्रणय ऋचा मात्र होइन,. जीवन मरु भूमिमा,. प्राणीको पनि पानीसंग,. अनि पानीको प्राणीसंगको. स्नेह र आत्मियतापनि हो मेरो कविता।. यूद्ध सत्य युगको,. कलि युगमा,. देव-दानवको,. सागर-मन्थनबाट निस्किएको,. अमृत मात्र होइन,. यसकोअनुचित भूलको,. त्यसो त! Friday, July 31, 2015.

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Monday, November 26, 2007. राम सेतु रथ मूदुबिद्रे. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Silver crown for basadi. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Silver crown बसदी. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Kaarthika deepostava at Shree Vemkatramana temple moodbidre. Karthika Deepostava at Moodbidre:. Karthika Deepostava held at Shree Venkatramana Temple Moodbidre. Shree Swamiji of Kashimath's presence was speciality of this years service. न्यूज़. Tuluva/ಅಜೆಕಾರು. Saturday, November 24, 2007. State Level Weight lifting at Yedapadavu. Champions in 29 Th. MA(Kannada lit...

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సాహిత్యసౌరభం. Friday, November 11, 2016. భ్రమరాంబామల్లీశ్వరసంవాదము. భ్రమరాంబామల్లీశ్వరసంవాదము. శివాలయములలో ఈ పద్యములను ఉత్సవవిగ్రహములకు పవ్వళింపు సేవవేళ ద్వారములలోన ఒకరు, బయట ఒకరు నుండి చెరిసగముగా పాడుతారు. శా. శ్రీమద్భూమిధరాధిరాజతనయా శృంగారగాత్రోజ్జ్వలా. నామీఁదన్ దయలేక నీవును వృథా నన్నేల వీక్షింపవే :-. ప్రేమన్ వేఁటనెపంబునం జని పరస్త్రీఁ గూడినా విప్పుడున్. శ్రీమించన్ ననుఁ గూడనేల పదరా శ్రీశైలమల్లీశ్వరా! శా. భామారత్నమ! శా. సింగం బున్నగుహాంతముల...అంగీకారముచేసికొ&#30...సింగారించ...టెరుగం బట...సరవి నన&#...

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साहित्य सर्जक. Sunday, September 21, 2014. जिंदगी छू लिया तो एक सिरहन सी हुई. आँख भर देखा तो उस में एक तड़पन सी हुई. बस इसी के सहारे ये जिंदगी चलती रही. और एक पल में इसी से जिंदगी पूरी हुई।. जिंदगी अक्सर अक्सर हमारी पास रहती है कहाँ. सोचते हैं, जिंदगी, पर दूर रहती है कहाँ. हम इसी भटकाव में जीते हैं अक्सर जिंदगी. जिंदगी की मौज है रहती कहाँ है जिंदगी।. जिंदगी को देख लोगे तुम यदि नजदीक से. तब समझ आ जाये शायद जिंदगी यह ठीक से. प्रस्तुतकर्ता. Thursday, March 20, 2014. छोड़े।।. वोट की खात&#2367...उस गा&#23...

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कहानी-कविता

कहानी-कविता. Wednesday, October 29, 2014. भाभी की सेवानिवृति का अवसर जो है।. 8216;‘रात के ग्यारह बज रहे है, अब सो भी जाओ।’’ दिवाकर ने जम्हाई लेते विभा की ओर देखकर कहा- कल का ही दिन बचा है। बहुत कुछ तैयारी अभी बाकी है।. 8216;‘हो जायेगा। क्यों चिंता कर रहे हो भैया? 8217;’ दिवाकर ने विभा की ओर मुखातिब होकर पूछा।. जरा दिखाओ तो सही।’’. देखा न भैया, मैं न कहती थी भाभी के काम का जवाब नहीं। वाह! 8216;‘कैसी लगी? 8217;’ विभा ने पूछाा।. क्यूं भैया? 8216;‘बताओ तो कौन है? 8216;‘बचपन से ही इन्ह...समय पंख लग&#236...

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साहित्य सृजन. साहित्य, विचार और संवेदना का संवाहक. बुधवार, 2 दिसंबर 2009. साहित्य सृजन – नवम्बर-दिसम्बर 2009. 8216;साहित्य सृजन’ के इस अंक में आप पढ़ेंगे –. संपादक : साहित्य-सृजन. मेरी बात. साहित्यिक सर्वेक्षणों के मायने. रूपसिंह चन्देल. क्या किसी पत्रिका ने किसी मान्यता प्राप्त सर्वेक्षक संस्था से कभी ऐसे सर्वेक्षण करवाए? प्रस्तुतकर्ता सुभाष नीरव. 9 टिप्पणियाँ. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: मेरी बात. रश्मि प्रभा की दो कविताएँ. दुआओं के दीप. आंसुओं की नदी में. मैंने अपने. पाल संग. उसे समझान&#236...तुम...

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Saturday, September 29, 2012. आगे बढ़ो …. आगे बढ़ो …. जीवन का पथ. नहीं सरल. पर इतना भी. नहीं गरल. जो सोच. बस ठान लो. अंजाम दो ॰॰॰. आगे बढ़ो. बाधा से. 2416;॰॰. निश्चित. 2416;॰॰॰. नव प्रभात. होगा सुनिश्चित. राजेश बिस्सा. Friday, March 20, 2009. नव भारत की आन तू. नव भारत कि तस्वीर का निर्माण तेरे हाथों में. उठ जाग जा मत सो सबकी आन तेरे हाथों में. देख दुश्मन आँख लगाए, ना बैठ जाये द्वार पर. राजेश बिस्सा 28-01-09. Subscribe to: Posts (Atom). IF YOU WANT TO READ THIS BLOG IN YOUR LANGUAGE, PLEASE SELECT HERE.

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